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ब्रिटेन में अश्लील डीपफेक फोटो और वीडियो बनाने पर होगी जेल, नया कानून पारित करने की तैयारी - UK New Law on Deepfake

UK New Law on Deepfake: ब्रिटिश सरकार आपत्तिजनक डीपफेक सामग्री पर अंकुश लगाने के लिए नया कानून बना रही है. इसके तहत बिना अनुमति डीपफेक तस्वीरें बनाने को अपराध की श्रेणी में शामिल किया जाएगा और आरोपियों को मुकदमे का सामना करना पड़ेगा. पढ़ें पूरी खबर.

UK New Law on Deepfake
ब्रिटेन डीपफेक वीडियो
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By PTI

Published : Apr 16, 2024, 10:44 PM IST

Updated : Apr 17, 2024, 1:54 AM IST

लंदन: ब्रिटेन की सरकार ने डीपफेक सामग्री से निटपने के लिए कड़ा कदम उठाया है. ब्रिटिश सरकार इस संबंध में एक कानून पारित करने की तैयारी में है. जिसमें आपत्तिजनक डीपफेक वीडिया या फोटो बनाने पर दोषियों को जेल भेजने का प्रावधान किया गया है. ब्रिटिश सरकार ने मंगलवार को कहा कि फिलहाल यह कानून संसदीय प्रक्रिया से गुजर रहा है. संसद से इसके पारित होने बाद होने के बाद डीपफेक बनाने के आरोपियों को मुकदमे का सामना करना पड़ेगा.

बयान में कहा गया है कि नए कानून के तहत बिना सहमति के डीपफेक वीडियो और तस्वीर बनाने वालों को आपराधिक कार्यवाही और भारी जुर्माने का सामना करना पड़ेगा. प्रस्ताविक कानून में कहा गया है कि अगर डीपफेक वीडियो या फोटो व्यापक रूप से फैल जाते हैं तो दोषियों को जेल भेजा जा सकता है.

इस संबंध में ब्रिटेन की मंत्री लौरा फेरिस ने कहा कि अश्लील डीपफेक तस्वीरें निंदनीय और अस्वीकार्य हैं. उन्होंने कहा कि यह विशेषकर महिलाओं को नीचा दिखाने का एक और तरीका है. अगर ऐसी सामग्री को अधिक व्यापक रूप से साझा किया जाता है तो इसके विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं. हमारी सरकार इसे बर्दाश्त नहीं करेगी. यह नई उपज महिला विरोधी है और अपराध है.

पीएम ऋषि सुनक ने कही ये बात
वहीं, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि उनकी सरकार अश्लील डीपफेक बनाने वालों पर नकेल कस रही है. हम इन परेशान करने वाली और अपमानजनक तस्वीरों के बनाने पर प्रतिबंध लगाने के लिए नया कानून पेश करने जा रहे हैं.

बता दें, पिछले साल ब्रिटेन के ऑनलाइन सुरक्षा अधिनियम में सुधार के जरिये पहली बार अश्लील डीपफेक फोटो को साझा करने को अपराध घोषित किया गया था. नए कानून को आपराधिक न्याय विधेयक में संशोधन के जरिये पेश किया जाएगा. इसके प्रावधान वयस्कों की तस्वीरों पर लागू होंगे क्योंकि ब्रिटेन में पहले से ही ऐसा कानून है, जो 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की ऐसी तस्वीरों को कवर करता है.

बता दें कि, एआई या अन्य तकनीक का इस्तेमाल कर डीपफेक फोटो और वीडियो बनाए जाते हैं. इन तस्वीरों में असली और फर्जी की पहचान करना काफी मुश्किल होता है. आमतौर पर व्यक्ति की सहमति के बिना डीपफेक फोटो या वीडियो बनाकर वायरल करने की कोशिश की जाती है. पिछले कुछ महीनों में चर्चित हस्तियों के डीपफेक के कई मामले सामने आए हैं.

ये भी पढ़ें- डीपफेक के दुरुपयोग पर काबू पाना जरूरी, जानिए लोकतंत्र और सुरक्षा पर कैसे पड़ता है प्रभाव

लंदन: ब्रिटेन की सरकार ने डीपफेक सामग्री से निटपने के लिए कड़ा कदम उठाया है. ब्रिटिश सरकार इस संबंध में एक कानून पारित करने की तैयारी में है. जिसमें आपत्तिजनक डीपफेक वीडिया या फोटो बनाने पर दोषियों को जेल भेजने का प्रावधान किया गया है. ब्रिटिश सरकार ने मंगलवार को कहा कि फिलहाल यह कानून संसदीय प्रक्रिया से गुजर रहा है. संसद से इसके पारित होने बाद होने के बाद डीपफेक बनाने के आरोपियों को मुकदमे का सामना करना पड़ेगा.

बयान में कहा गया है कि नए कानून के तहत बिना सहमति के डीपफेक वीडियो और तस्वीर बनाने वालों को आपराधिक कार्यवाही और भारी जुर्माने का सामना करना पड़ेगा. प्रस्ताविक कानून में कहा गया है कि अगर डीपफेक वीडियो या फोटो व्यापक रूप से फैल जाते हैं तो दोषियों को जेल भेजा जा सकता है.

इस संबंध में ब्रिटेन की मंत्री लौरा फेरिस ने कहा कि अश्लील डीपफेक तस्वीरें निंदनीय और अस्वीकार्य हैं. उन्होंने कहा कि यह विशेषकर महिलाओं को नीचा दिखाने का एक और तरीका है. अगर ऐसी सामग्री को अधिक व्यापक रूप से साझा किया जाता है तो इसके विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं. हमारी सरकार इसे बर्दाश्त नहीं करेगी. यह नई उपज महिला विरोधी है और अपराध है.

पीएम ऋषि सुनक ने कही ये बात
वहीं, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि उनकी सरकार अश्लील डीपफेक बनाने वालों पर नकेल कस रही है. हम इन परेशान करने वाली और अपमानजनक तस्वीरों के बनाने पर प्रतिबंध लगाने के लिए नया कानून पेश करने जा रहे हैं.

बता दें, पिछले साल ब्रिटेन के ऑनलाइन सुरक्षा अधिनियम में सुधार के जरिये पहली बार अश्लील डीपफेक फोटो को साझा करने को अपराध घोषित किया गया था. नए कानून को आपराधिक न्याय विधेयक में संशोधन के जरिये पेश किया जाएगा. इसके प्रावधान वयस्कों की तस्वीरों पर लागू होंगे क्योंकि ब्रिटेन में पहले से ही ऐसा कानून है, जो 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की ऐसी तस्वीरों को कवर करता है.

बता दें कि, एआई या अन्य तकनीक का इस्तेमाल कर डीपफेक फोटो और वीडियो बनाए जाते हैं. इन तस्वीरों में असली और फर्जी की पहचान करना काफी मुश्किल होता है. आमतौर पर व्यक्ति की सहमति के बिना डीपफेक फोटो या वीडियो बनाकर वायरल करने की कोशिश की जाती है. पिछले कुछ महीनों में चर्चित हस्तियों के डीपफेक के कई मामले सामने आए हैं.

ये भी पढ़ें- डीपफेक के दुरुपयोग पर काबू पाना जरूरी, जानिए लोकतंत्र और सुरक्षा पर कैसे पड़ता है प्रभाव

Last Updated : Apr 17, 2024, 1:54 AM IST
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