एयर इंडिया ने घोषणा की है कि भारत आज से ही बांग्लादेश जाने वाली विमानों की सेवा शुरू कर रहा है. हालांकि, यह अभी तय नहीं है कि आगे यह सेवा जारी रहेगी या नहीं. जिन लोगों ने वहां की टिकटें बुक कर रखी हैं, उन्हें री-शिडूलिंग का विकल्प दिया गया है.
बांग्लादेश : राष्ट्रपति ने संसद किया भंग, जगह-जगह पर हिंसा जारी - bangladesh coup - BANGLADESH COUP
Published : Aug 6, 2024, 7:04 AM IST
|Updated : Aug 6, 2024, 3:02 PM IST
बांग्लादेश में हिंसा और लूटपाट का दौर जारी है. जगह-जगह पर हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं. कई जगहों पर लूटपाट की जा रही है. एक दिन पहले बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद वह भारत पहुंच गईं. बांग्लादेश में अभी सेना का शासन है. सेना अध्यक्ष ने कहा है कि वह जल्द ही अंतरिम सरकार का गठन करेंगे. क्या है बांग्लादेश की स्थिति और अन्य जगहों से किस तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, जानें पूरा अपडेट.
LIVE FEED
भारत फिर से बांग्लदेश जाने वाली फ्लाइट सेवा की शुरुआत कर रहा
बांग्लादेश के राष्ट्रपति ने संसद भंग किया
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मंगलवार को अंतरिम प्रशासन के गठन का रास्ता बनाने के लिए देश की संसद को भंग करने की घोषणा की. एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष खालिदा जिया को जेल से रिहा कर दिया गया है. राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने तीनों सशस्त्र बलों के प्रमुखों, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और छात्र नेताओं के साथ बैठक की.
बांग्लादेश की स्थिति पर भारत के विदेश मंत्री ने संसद में दिया बयान
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सदन में कहा कि भारत की बांग्लादेश की स्थिति पर नजर बनी हुई है. उन्होंने कहा कि वहां पर कुल 19 हजार भारतीय हैं, जिनमें से 9000 छात्र हैं. विदेश मंत्री के अनुसार इनमें से अधिकांश छात्र वापस लौट चुके हैं. सदन में बयान देते हुए जयशंकर ने कहा कि हम वहां पर सभी भारतीयों के संपर्क में हैं और उनकी सुरक्षा को लेकर वहां के दूतावास के संपर्क में हैं.
प्रदर्शनकारियों ने अमेरिका में बांग्लादेश के वाणिज्य दूतावास पर धावा बोला, मुजीबुर रहमान की तस्वीर उतारी
बांग्लदेश में राजनीतिक अस्थिरता के बीच अमेरिका में भी एक घटना सामने आयी है. कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि प्रदर्शनकारी न्यूयॉर्क में बांग्लादेश के वाणिज्य दूतावास में घुस गये. उन लोगों ने शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर उतार दी. सोशल मीडिया पर प्रसारित तस्वीरों में देखा जा सकता है कि प्रदर्शनकारी इमारत के अंदर घुस गए और बांग्लादेश के संस्थापक की तस्वीर उतार दी.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह स्पष्ट नहीं है कि हिंसा प्रभावित देश से दूर अमेरिका में बांग्लादेश के वाणिज्य दूतावास पर हमला क्यों किया गया. घटना के एक वीडियो में प्रदर्शनकारियों को (जिनमें से कुछ ने बांग्लादेश के झंडे के रंग वाली टोपी पहनी हुई थी) हंगामा करते हुए दिखाया गया है. कुछ लोगों को वाणिज्य दूतावास के कार्यालय से कई सामान उतारते हुए भी देखा जा सकता है.
इस्लामी बैंक के कर्मचारियों ने बैंक के मुख्यालय के सामने प्रदर्शन किया
इस्लामी बैंक बांग्लादेश के अधिकारियों और कर्मचारियों के एक समूह ने पिछले 15 वर्षों से सरकारी लाभ और पदोन्नति से वंचित किए जाने के विरोध में आज ढाका के मोतीझील में बैंक के मुख्यालय के सामने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री और उनके पिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीरें उतारकर नष्ट कर दीं. उन्होंने एस आलम समूह के उच्च अधिकारियों और इस्लामी बैंक में उनके द्वारा नियुक्त अधिकारियों को दंडित करने की मांग की. अधिकारियों ने बताया कि बैंक के प्रबंध निदेशक और उप प्रबंध निदेशक आज कार्यालय नहीं आए.
डॉ. यूनुस अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार बनने के लिए सहमत हुए: बांग्लादेशी अखबार
नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में नेतृत्व करने के लिए सहमत हो गए हैं. एक विश्वसनीय स्रोत के हवाले से बांग्लादेशी अखबार द डेली स्टार ने यह जानकारी दी है. सूत्र ने यूनुस के हवाले से अखबार को बताया कि जब छात्रों की ओर से मुझसे संपर्क किया गया, तो मैं पहले सहमत नहीं हुआ. मैंने उनसे कहा कि मुझे बहुत काम पूरा करना है. लेकिन छात्रों ने बार-बार मुझसे अनुरोध किया.
उन्होंने कहा कि एक छात्र ने उनसे कहा कि इस आंदोलन में कई लोगों की जान चली गई. कई छात्र और आम लोग मारे गए. अब बांग्लादेश के पास देश को सही तरीके से चलाने का अवसर है. और यह तभी संभव है जब आप जिम्मेदारी लेंगे. अगर आप जिम्मेदारी लेने के लिए सहमत नहीं हैं, तो यह हममें से किसी के लिए भी अच्छा नहीं होगा. इसलिए हम आपसे जिम्मेदारी लेने के लिए कह रहे हैं.
अखबार की खबर के मुताबिक, यूनुस के हवाले से कहा गया कि मैंने यह भी सोचा कि इन छात्रों ने इतना विरोध किया है, उन्हें इसके लिए इतनी कीमत चुकानी पड़ी. उन्होंने कहा कि अगर छात्र इतना त्याग कर सकते हैं, अगर देश के लोग इतना त्याग कर सकते हैं, तो मेरी भी कुछ जिम्मेदारी है. फिर मैंने छात्रों से कहा कि मैं जिम्मेदारी ले सकता हूं. यूनुस ओलंपिक समिति के निमंत्रण पर विशेष अतिथि के रूप में पेरिस गए थे. वे अभी भी अपने इलाज के लिए विदेश में हैं. डॉ. यूनुस जितनी जल्दी हो सके बांग्लादेश लौटने की कोशिश कर रहे हैं.
C-130J परिवहन विमान बांग्लादेशी एयरबेस पर उतरा
बांग्लादेश वायुसेना का C-130J परिवहन विमान भारत से उड़ान भरने के बाद 7 सैन्यकर्मियों के साथ बांग्लादेशी एयरबेस पर उतरा है. सुरक्षा एजेंसियों की ओर से भारत के ऊपर उड़ान के पूरे मार्ग पर विमान की निगरानी की गई.
पेट्रापोल भारत-बांग्लादेश सीमा पर पहुंचे बीएसएफ डीजी
बीएसएफ डीजी दलजीत सिंह चौधरी पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में पेट्रापोल (भारत-बांग्लादेश) सीमा पर पहुंचे.
सर्वदलीय बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर ने दी बांग्लादेश के हालात पर जानकारी, बोले- सरकार की है पैनी नजर
बांग्लादेश के हालात को लेकर केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक संसद भवन परिसर में खत्म हो गई है. बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को बांग्लादेश के हालात की जानकारी देते हुए यह आश्वासन भी दिया कि पड़ोसी देश पर सरकार की पैनी नजर बनी हुई है. बैठक में बांग्लादेश में मौजूद भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर भी जानकारी दी गई. बैठक में सभी राजनीतिक दलों ने इस मसले पर सरकार के साथ खड़े होने का भरोसा दिया.
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह जानकारी भी दी कि, बांग्लादेश में 20 हजार भारतीय थे, जिसमें से ज्यादातर छात्र थे. सरकार की ओर से एडवाइजरी जारी करने के बाद उसमें से 8 हजार छात्र भारत लौट आए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि सरकार बांग्लादेश की सेना के संपर्क में है. वहां स्थिति लगातार बदल रही है और आगे जैसे-जैसे बदलाव होगा, सरकार इसके बारे में फिर से जानकारी देगी.
शेख हसीना के बारे में बैठक में यह बताया गया कि उन्हें थोड़ा समय देना चाहिए और उन्हें स्वयं ही यह फैसला करना है कि वह कहां जाना चाहती हैं. सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने बैठक में बांग्लादेश के राजनीतिक घटनाक्रम में बाहरी हाथ के बारे में सवाल पूछा जिसके जवाब में बताया गया कि अभी इस बारे में बात करना जल्दबाजी है.
इस सर्वदलीय बैठक में सरकार की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और जेपी नड्डा मौजूद रहे. वहीं अन्य राजनीतिक दलों की बात करें तो लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, डीएमके से टी आर बालू, सपा से रामगोपाल यादव, टीएमसी से सुदीप बंदोपाध्याय, बीजेडी से सस्मित पात्रा सहित लोकसभा और राज्यसभा में विभिन्न राजनीतिक दलों के फ्लोर लीडर्स बैठक में शामिल हुए.
आपको बता दें कि बांग्लादेश के हालात को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने आधिकारिक आवास पर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की उच्चस्तरीय महत्वपूर्ण बैठक भी की थी. इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी को बांग्लादेश के पूरे हालात की जानकारी दी गई थी. बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा कई अन्य उच्च अधिकारी शामिल हुए थे. बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने प्रधानमंत्री मोदी को भारत आईं शेख हसीना के साथ अपनी बैठक, बांग्लादेश के ताजा राजनीतिक हालात और वहां पर जारी हिंसा की स्थिति से जुड़े तथ्यों से अवगत कराया था.
(आईएएनएस)
वापस बांग्लादेश की ओर उड़ा सी-130 जे परिवहन विमान, 7 सैन्यकर्मी थे सवार
सूत्रों ने बताया कि बांग्लादेश की ओर वापसी करने वाले सी-130 जे परिवहन विमान में प्रधानमंत्री शेख हसीना सवार नहीं हैं. बताया जाता है कि इस विमान ने आज सुबह करीब 9 बजे हिंडन एयर बेस से उड़ान भरी. बांग्लादेश वायु सेना का सी-130 जे परिवहन विमान 7 सैन्यकर्मियों को लेकर बांग्लादेश में अपने बेस की ओर उड़ान भर रहा है.
बांग्लादेश की स्थिति दक्षिण एशिया और पूर्वी एशिया के लिए चिंताजनक: कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी
बांग्लादेश की स्थिति पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि बांग्लादेश की स्थिति संवेदनशील है. यह एक गंभीर स्थिति है जो दक्षिण एशिया और पूर्वी एशिया के लिए चिंताजनक है. मुझे उम्मीद है कि संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा होगी और सरकार इस चर्चा को सुगम बनाने में अपनी भूमिका निभाएगी.
तस्लीमा नसरीन ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर कटाक्ष किया
भारत में निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने बांग्लादेश में चल रहे राजनीतिक संकट पर एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से टिप्पणी की है. नसरीन ने अपने पोस्ट में कहा कि इस्लामवादियों को खुश करने के लिए हसीना ने 1999 में मुझे मेरे देश से बाहर निकाल दिया, जब मैं अपनी मां को उनकी मृत्युशय्या पर देखने के लिए बांग्लादेश गई थी और मुझे फिर कभी देश में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी. वही इस्लामवादी छात्र आंदोलन में शामिल रहे हैं, जिन्होंने आज हसीना को देश छोड़ने के लिए मजबूर किया. नसरीन को 1994 में कट्टरपंथी संगठनों द्वारा उनके कथित इस्लाम विरोधी विचारों के कारण मौत की धमकियों के मद्देनजर बांग्लादेश छोड़ना पड़ा था.
बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनाने के लिए संसद को भंग किया जाएगा : राष्ट्रपति
बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मौजूदा संसद को भंग करने का ऐलान किया है. उनका कहना है कि संविधान के अनुसार मौजूदा संसद को जल्द से जल्द संसद को भंग कर दिया जाएगा. डेली सन की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को राष्ट्रपति के आधिकारिक निवास बंगभवन से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में यह बयान दिया गया. इससे पहले सोमवार रात को अंतरिम सरकार के गठन पर चर्चा के लिए सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान के साथ बंगभवन में तीनों सेनाओं के प्रमुखों, राजनीतिक नेताओं, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और आरक्षण आंदोलन के नेताओं की बैठक हुई थी.
प्रेस बयान के अनुसार, राष्ट्रपति शहाबुद्दीन की अध्यक्षता में बैठक हुई में उन्होंने विरोध प्रदर्शनों में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया और उनकी आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की. बैठक में सर्वसम्मति से बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की अध्यक्ष खालिदा जिया को भी तुरंत रिहा करने का फैसला लिया गया. डेली सन की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में हुए आंदोलन में विभिन्न मामलों में हिरासत में लिए गए सभी कैदियों को रिहा करने का फैसला किया गया. बैठक में इस बात पर भी सहमति बनी कि सांप्रदायिक सौहार्द को किसी भी तरह से नष्ट नहीं किया जाना चाहिए.
प्रतिनिधिमंडल में बीएनपी के मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर और मिर्जा अब्बास शामिल थे; जातीय पार्टी के जीएम क्वाडर, मोजिबुल हक चुन्नू और अनिसुल इस्लाम; नागरिक ओइक्या के महमूदुर रहमान मन्ना; हेफ़ाज़त-ए-इस्लाम के मोमिनुल हक, मुफ्ती मोनिर कासमी और महबुबुर रहमान; जमात-ए-इस्लामी के डॉ. शफीकुर रहमान और शेख मोहम्मद मसूद; जाकेर पार्टी के शमीम हैदर; जन एकजुटता आंदोलन के ज़ोनयेद साकी; ढाका विश्वविद्यालय के शिक्षक आसिफ नजरुल; एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट के समन्वयक आरिफ तालुकदार, उमर फारूक और मोबश्वेरा करीम मिमी शामिल थे.
बांग्लादेश सेना प्रमुख के रूप में पदभार ग्रहण करने के लगभग दो महीने के भीतर, जनरल वकार-उज-जमान को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की औपचारिक घोषणा करनी पड़ी. इसके अलावा उन्हें 17 करोड़ लोगों के देश में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो हिंसक विरोध प्रदर्शनों से प्रभावित है.
(आईएएनएस)
हिंडन एयर बेस के सेफ हाउस में बिताई शेख हसीना ने रात, आगे की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं
बांग्लादेश में हिंसा के बाद भारत पहुंची बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में हिंडन एयर बेस के सेफ हाउस में अपनी रात बिताई है. शेख हसीना बांग्लादेश के वायुसेना के विमान से अपनी बहन रिहाना के साथ सोमवार शाम गाजियाबाद के इंडियन एयर बेस पर उतरी थीं. शेख हसीना को हिंडन एयर बेस के सेफ हाउस में 14 घंटा से ज्यादा का समय हो चुका है. उनकी सुरक्षा के लिए वायु सेवा के गरुड़ कमांडोज को लगाया गया है.
इसके साथ-साथ इंडियन एयर बेस के मुख्य द्वार से लेकर अंदर सभी जगह पर अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों को तैनात कर दिया गया है. किसी को भी सेफ हाउस तक जाने की इजाजत नहीं है. अभी आगे की क्या स्थिति है यह पूरी तरीके से स्पष्ट नहीं है. माना जा रहा है कि आज भी शेख हसीना अपनी बहन के साथ इंडियन एयर बेस के सेफ हाउस में ही बिता सकती हैं.
शेख हसीना के भारत पहुंचने के बाद पीएम मोदी के आवास पर भी एक उच्च स्तरीय बैठक हुई. इससे पहले एनएसए अजीत डोभाल ने शेख हसीना से हिंडन एयरबेस के सेफ हाउस में मुलाकात की थी. शेख हसीना से मिलने के बाद डोभाल प्रधानमंत्री आवास पहुंचे थे. वहां पर वह सुरक्षा मामलों की कैबिनेट की समिति की बैठक में शामिल हुए थे.
गौरतलब है कि बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के पूरे देश में फैलने के बाद ढाका में भी प्रदर्शनकारियों ने जमकर तोड़फोड़ की और हंगामा किया इसके बाद सेना ने चार्ज संभाला और शेख हसीना को देश छोड़ने के लिए कह दिया गया था. इसके बाद उन्होंने करीब ढाई बजे के आसपास देश छोड़ दिया था. छात्रों का प्रदर्शन बेहद उग्र हो गया था. प्रदर्शनकारियों ने पीएम आवास में घुसकर जमकर तोड़फोड़ और लूटपाट भी की.
(आईएएनएस)
हम अपने इतिहास के इस विशेष क्षण को बर्बाद न करें
शेख हसीना के इस्तीफे और देश छोड़ने की घटना को बांग्लादेश के स्थानीय अखबार, डेली स्टार ने बांग्लादेश में एक नई सुबह का उदय बताया. मंगलवार को प्रकाशित अखबार के संपादकिय में खबार ने लिखा कि हसीना के पतन के बाद, हमें एक जन-समर्थक, समावेशी समाज बनाने का प्रयास करना चाहिए. अखबार ने लिखा कि यह एक ऐसा दिन है जिसे आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी. एक ऐसा दिन जब 15 साल का सत्तावादी शासन आखिरकार खत्म हो गया. एक ऐसा दिन जब लोग वास्तव में सत्ता में आए, अपने मतभेदों को दूर रखा और स्वतंत्रता और बेहतर कल की इच्छा में एकजुट हुए.
अखबार ने लिखा कि यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि छात्र-जन आंदोलन का असाधारण प्रदर्शन अब से हमारे जन विद्रोह के इतिहास में नया संदर्भ बिंदु होगा. अखबार ने लिखा कि सोमवार को दिन शुरू होने से पहले ही आगे की घटनाओं की झलक मिल गई थी. योजनाबद्ध 'ढाका मार्च' को एक दिन पहले कर दिया गया था. जिसे कई लोगों ने हिंसा की दूसरी लहर कहा. उस दिन सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं और पुलिस के सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों से भिड़ने के कारण लगभग सौ लोग मारे गए.
अखबार ने लिखा कि हताश प्रदर्शनकारियों ने न्याय मिलने में देरी को देखते हुए एक आखिरी धक्का देकर सभी तमाशे और हिंसा को खत्म करने की कोशिश की. सोमवार को दोपहर 3 बजे, जब देश भर से भीड़ कर्फ्यू की परवाह किए बिना गोनो भवन की घेराबंदी करने के लिए ढाका की ओर बढ़ रही थी, सेना प्रमुख ने शेख हसीना के इस्तीफे की घोषणा की. देश को चलाने के लिए जल्द ही एक अंतरिम सरकार का गठन होने की संभावना है.
अखबार ने लिखा कि आने वाले दिनों में, हम अंतरिम सरकार के बारे में और अधिक जानेंगे, जिसके बारे में हमें उम्मीद है कि वह प्रत्येक हत्या के लिए न्याय और शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक परिवर्तन के वादों को तेजी से पूरा करेगी. लेकिन अभी, आइए अपने इतिहास में इस क्षण को पहचानें.
हफ्तों में हुये दशकों के बदलाव: शायद पिछले कुछ हफ्तों की घटनाओं का वर्णन रूसी क्रांतिकारी व्लादिमीर इल्यिच लेनिन ने एक बार जो कहा था, उससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता: कि ऐसे दशक होते हैं जब कुछ नहीं होता, और फिर ऐसे सप्ताह होते हैं जब दशकों का बदलाव हो जाता है. हमने 1952, 1969 और 1990 में ऐसे घटनापूर्ण सप्ताह देखे हैं. लेकिन उनमें से किसी भी विद्रोह ने इतने लोगों की जान नहीं ली. इनमें से कोई भी लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार के खिलाफ नहीं था, चाहे वे चुनाव कितने भी संदिग्ध क्यों न रहे हों. इसलिए यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम उस पृष्ठभूमि को याद रखें जिसमें यह नवीनतम विद्रोह हुआ था, और यह सुनिश्चित करें कि हमारे भविष्य के कार्य इसके अनुरूप हों, अन्यथा इसे सफल बनाने में किए गए बड़े बलिदान व्यर्थ हो जाएंगे.
क्या था आंदोलन का लक्ष्य: अखबार ने लिखा कि इस आंदोलन का पहला लक्ष्य उन लोगों के लिए न्याय स्थापित करना था, जो सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं की सहायता से सुरक्षा बलों द्वारा क्रूर दमन के कारण विरोध प्रदर्शनों के दौरान मारे गए थे. लेकिन फिर, सरकार द्वारा त्रासदी की गंभीरता को पहचानने और निष्पक्ष जांच करने से लगातार इनकार करने के कारण, यह सत्ता के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई में बदल गया. अखबार ने लिखा कि यह उस सत्ता के खिलाफ लोगों का आंदोलन था जो लोगों के विशाल बहुमत के बजाय कुछ लोगों के हितों का पक्ष लेती है. यह वह लड़ाई है जिसने पूरे देश को एकजुट कर दिया है, दुश्मनों और दोस्तों को एक साथ ला दिया है. सोमवार को लोगों ने इस लड़ाई में अपनी पहली जीत दर्ज की. लेकिन मंजिल अभी बहुत दूर है. इसलिए, लड़ाई जारी रहनी चाहिए.
साझा संघर्ष और नई आजादी का एक शक्तिशाली प्रमाण: अवामी लीग सरकार के पतन के बाद जो असाधारण दृश्य सामने आए, उन्होंने लंबे समय से प्रतीक्षित खुशी और लंबे समय से दबे हुए गुस्से को रेखांकित किया. घोषणा के तुरंत बाद, पूरे देश में लाखों लोग सड़कों पर उतर आए. क्रूर दमन के दौरान 300 से ज्यादा लोगों की जान जाने के दुख के बावजूद, माहौल उत्साहपूर्ण और उम्मीद और संभावनाओं से भरा हुआ था. बच्चों, बुज़ुर्गों, छात्रों वाले परिवार- हर कोई सड़कों पर था. यह रंगों और ध्वनियों का एक बहुरूपदर्शक था. सड़कों पर मार्च करते हुए, कई लोग झंडे लहरा रहे थे या नारे लगा रहे थे, उनकी आवाजें एक साथ उठ रही थीं, जो उनके साझा संघर्ष और नई आजादी का एक शक्तिशाली प्रमाण था.
बंगबंधु स्मारक संग्रहालय पर हमला अराजकता का प्रदर्शन: हालांकि, सड़कों पर ये उत्साहपूर्ण दृश्य अन्य स्थानों पर तबाही के दृश्यों के बिल्कुल विपरीत थे. जीत के तुरंत बाद आंदोलन पर जो बर्बरता का दाग लगा था, उसे फिर से दोहराना दर्दनाक था. कुछ पर्यवेक्षकों ने इसे पूरी तरह से अराजकता कहा, क्योंकि भीड़ ने सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं के घरों, सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यालयों, सार्वजनिक भवनों और संपत्तियों, और सत्ता के प्रमुख प्रतीकों जैसे गोनो भवन, प्रधान मंत्री कार्यालय, पुलिस स्टेशनों आदि को नष्ट और लूट लिया. यहां तक कि संसद और धनमंडी 32 में बंगबंधु स्मारक संग्रहालय पर भी हमला किया गया.
अल्पसंख्यक समुदायों पर हमला चिंताजनक: अखबार ने लिखा कि चिंताजनक रूप से, अल्पसंख्यक समुदायों के कई घर, व्यवसाय और पूजा स्थल नष्ट कर दिए गए. कई लोगों की जान भी चली गई. सरकार के पतन के बाद कानून का टूटना इस बात की याद दिलाता है कि शांति और शांति सुनिश्चित करना कितना महत्वपूर्ण है ताकि हम अपने इतिहास के इस विशेष क्षण को बर्बाद न करें.
राष्ट्र के पुनर्निर्माण का समय: जैसे-जैसे हम एक नए युग में प्रवेश कर रहे हैं, हमें आशावाद के साथ-साथ सावधानी भी बरतनी चाहिए. जबकि यह महत्वपूर्ण है कि हम सतर्क रहें ताकि कल जैसी कोई अप्रिय घटना फिर न हो, हमें यह भी सोचना शुरू कर देना चाहिए कि हम किस तरह का भविष्य चाहते हैं. हमारे शहीद नायकों के बलिदानों का सही मायने में सम्मान करने के लिए, हमें एक ऐसा भविष्य बनाने का प्रयास करना चाहिए जहां लोकतांत्रिक और समतावादी मूल्य संकीर्ण राजनीतिक हितों पर हावी हों. हमारे राष्ट्र के पुनर्निर्माण का समय अब आ गया है.
27 जिलों में हिंदुओं के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर हमला
बांग्लदेश के अखबार डेली पोस्ट के अुनसार, सोमवार को कम से कम 27 जिलों में हिंदुओं के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर भीड़ ने हमला किया. इस भीड़ ने उनके कीमती सामान भी लूट लिए गये. डेली पोस्ट के अुनसार, लालमोनिरहाट सदर उपजिला में, भीड़ ने सोमवार शाम तेलीपारा गांव में लालमोनिरहाट पूजा उद्योग परिषद के सचिव प्रदीप चंद्र रॉय के घर में तोड़फोड़ और लूटपाट की. उन्होंने थाना रोड पर जिले के पूजा उद्योग परिषद के नगरपालिका सदस्य मुहिन रॉय की एक कंप्यूटर दुकान में भी तोड़फोड़ और लूटपाट की.
इसके अलावा, जिले के कालीगंज उपजिला के चंद्रपुर गांव में चार हिंदू परिवारों के घरों में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई. अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, हातिबंधा उपजिला के पूरबो सरदुबी गांव में सोमवार रात 12 हिंदुओं के घरों में आग लगा दी गई. पंचगढ़ में, सदर उपजिला में कई हिंदुओं के घरों में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई.
ओइक्या परिषद के वरिष्ठ संयुक्त महासचिव मोनिंद्र कुमार नाथ ने संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनके समुदाय पर इस तरह के हमले होंगे. ऐसा कोई क्षेत्र या जिला नहीं बचा है जहां सांप्रदायिक हमले न हुए हों. हमें देश के विभिन्न हिस्सों से घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर हमलों की लगातार रिपोर्ट मिल रही हैं.
दीनाजपुर शहर और अन्य उपजिलों में, कम से कम 10 हिंदू घरों पर हमला किया गया. हमलावरों ने शहर के रेलबाजारहाट में एक मंदिर में तोड़फोड़ करने की भी कोशिश की, लेकिन स्थानीय लोगों ने इसे रोक दिया. अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, दिनाजपुर में बाराबंदर क्षेत्र के दिवंगत कोइलाश चंद्र रॉय, बाराबंदर के नित्य गोपाल, गुंजाबारी क्षेत्र के बुनु बिस्वास और बिराल उपजिला के रोमा कांता रॉय के घरों पर हमला किया गया.
बांग्लादेश हिंदू-बुद्ध ईसाई ओइक्या परिषद के महासचिव उत्तम कुमार रॉय ने कहा ने अखबार को बताया कि खानसामा उपजिला में, तीन हिंदू घरों पर हमला किया गया. लक्ष्मीपुर में ओइक्या परिषद के सहायक आयोजन सचिव गौतम मजूमदार ने कहा कि 200-300 से अधिक हमलावरों ने शाम 7:30 बजे के आसपास उनकी दो मंजिला इमारत को आग लगा दी.
खुलना में, ओइक्या परिषद के अध्यक्ष बिमन बिहारी अमित और जुबो ओइक्या के घरों पर हमला किया गया. परिषद के अध्यक्ष अनिमेष सरकार रिंटू के घर पर शाम 5:00 बजे के आसपास लूटपाट की गई. रूपशा पुलिस स्टेशन के अंतर्गत हैसगती गांव के श्यामल कुमार दास और स्वजन कुमार दास के घरों पर भी हमला किया गया और लूटपाट की गई.
बिमान ने कहा कि उन्हें रूपशा, पैकगच्छा और अन्य उपजिलों में हिंदुओं के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर हमले और लूटपाट की खबरें मिल रही हैं. हमारे जिला संवाददाता ने बताया कि गौरानाडी पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी अनवर हुसैन ने बताया कि बरिशाल के गौरानाडी में भीड़ ने शाम 6:00 बजे के आसपास महिलारा यूनियन में अदित्री अधिकारी के घर पर हमला किया, तोड़फोड़ की और लूटपाट की. उन्होंने कहा कि उन्हें जिले भर में अन्य हिंदू घरों और प्रतिष्ठानों पर हमलों की भी खबरें मिल रही हैं.
बोगुरा के ओइक्या परिषद के महासचिव तपन कुमार चक्रवर्ती ने कहा कि सथमथा और सोनाटोला में उनके गोदाम और एक दुकान को लूट लिया गया. उन्होंने बताया कि साथमाथा में एक हिंदू परिवार के स्वामित्व वाले गोदाम को भी लूट लिया गया.
रिपोर्ट के मुताबिक, पटुआखाली में एक हिंदू घर और मंदिर पर हमला किया गया, तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई. अनंत मुखर्जी ने बताया कि 20 से 25 हमलावरों के एक समूह ने अचानक हमला किया. ओइक्या परिषद ने दावा किया कि 21 और जिलों में हमले हुए हैं और उनमें से कुछ के बारे में विस्तृत जानकारी दी. शेरपुर में श्रीबोर्डी उपजिला जुबो ओइक्या परिषद के अध्यक्ष के घर में तोड़फोड़ की गई और लूटपाट की गई.
नरसिंगडी में पूजा परिषद के सदस्य दीपक साहा के घर और कार्यालय का भी यही हश्र हुआ. किशोरगंज में कुलियारचर में दो हिंदू घरों में आग लगा दी गई. चटगांव के रावजान उपजिला में दो अन्य हिंदू घरों पर हमला किया गया और लूटपाट की गई. जशोर में भगरपारा के नारिकेलबरिया के चेयरमैन बाबुल साहा के गोदाम पर हमला कर लूटपाट की गई, जबकि वहां हिंदू समुदाय की 22 दुकानों को लूटा गया. कई घरों में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई.
सतखीरा में कोलारोआ इलाके में हिंदू समुदाय की कई दुकानों में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई. ओइक्या परिषद के अध्यक्ष विश्वजीत साधु के घर को लूटा गया और आग लगा दी गई. हबीगंज में शायस्तागंज उपजिला ओइक्या परिषद के अध्यक्ष असित बरन दास की दुकान पर हमला किया गया. नरैल में, लोहगरा उपजिला में हिंदुओं के घरों पर हमला किया गया और लूटपाट की गई. इस बीच, बांग्लादेश लीगल एड एंड सर्विसेज ट्रस्ट ने एक बयान में मांग की कि बांग्लादेश की सेना और प्रशासन आगजनी, तोड़फोड़ और लूटपाट के अपराधियों की पहचान करे और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए.
ट्रस्ट की ओर से जारी बयान में कहा गया कि देश भर में अराजकता की स्थिति व्याप्त है, जो अवैध और संविधान के विरुद्ध है. संविधान के अनुच्छेद 32 में कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति को कानून के अनुसार ही जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित किया जाएगा. संविधान के अनुच्छेद 28(1) में कहा गया है कि राज्य किसी भी नागरिक के साथ केवल धर्म, नस्ल, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव नहीं करेगा. ट्रस्ट ने सभी से सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और शांति बनाए रखने का भी आग्रह किया गया है.
कोई भी सैन्य सरकार, या सेना की ओर से समर्थित सरकार या फासीवादियों की सरकार स्वीकार नहीं की जाएगी: आंदोलन के प्रमुख समन्वयक
मंगलवार की सुबह सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में आंदोलन के प्रमुख समन्वयकों में से एक नाहिद इस्लाम बोलते हुए दिखाई दिए. डेली स्टार अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने देश को बचाने के लिए छात्र समुदाय के आह्वान पर यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी लेने पर सहमति जताई है.
नाहिद ने वीडियो में दो अन्य समन्वयकों के साथ कहा कि हमने अंतरिम सरकार के लिए रूपरेखा की घोषणा करने में 24 घंटे का समय लिया. हालांकि, आपातकालीन स्थिति को देखते हुए, हम अब इसकी घोषणा कर रहे हैं. हमने फैसला किया है कि अंतरिम सरकार बनाई जाएगी जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ मोहम्मद यूनुस, जिनकी व्यापक स्वीकार्यता है, मुख्य सलाहकार होंगे.
नाहिद ने राष्ट्रपति से डॉ. यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनाने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि अंतरिम सरकार के अन्य सदस्यों के नामों की घोषणा जल्द ही की जाएगी. नाहिद ने कहा कि चूंकि देश में अराजकता है और लोगों के जीवन पर असुरक्षा का माहौल है, इसलिए हम राष्ट्रपति से आग्रह करते हैं कि वे देश में कानून और व्यवस्था बहाल करने के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाएं. स्वतंत्रता चाहने वाले छात्र भी कानून लागू करने वाली सेनाओं की सहायता के लिए सड़कों पर उतरेंगे. छात्रों की ओर से प्रस्तावित सरकार के अलावा कोई भी सरकार स्वीकार नहीं की जाएगी. जैसा कि हमने कहा है, कोई भी सैन्य सरकार, या सेना की ओर से समर्थित सरकार या फासीवादियों की सरकार स्वीकार नहीं की जाएगी.
उपद्रवियों ने शेरपुर जिला जेल में सेंध लगाई, कैदी भाग निकले
बांग्लदेशी अखबार, बंग्लादेश पोस्ट के अनुसार सोमवार को देश में सत्ता परिवर्तन के बीच, उपद्रवियों ने शेरपुर जिला जेल में घुसकर 500 कैदियों को जेल से भागने का मौका दे दिया. दोपहर में कर्फ्यू के बीच लाठी-डंडों और स्थानीय हथियारों से लैस भीड़ ने जुलूस निकाला. अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, एक समय तो वे जिले के दमदमा-कालीगंज इलाके में स्थित जेल में घुस गए, जेल का गेट तोड़ दिया और आग लगा दी. करीब 500 कैदी जेल से भागने में सफल रहे.
शेरपुर जिले के डिप्टी कमिश्नर अब्दुल्ला अल खैरुन ने बताया कि हमला शाम 4:30 से 5:30 बजे के बीच किया गया. उपद्रवियों ने जिले में विभिन्न प्रतिष्ठानों और कार्यालयों में भी आग लगा दी. इसके अलावा उपद्रवियों ने दोपहर करीब 1 बजे सदर पुलिस स्टेशन में भी आग लगा दी. डीसी क्वार्टर, न्यू मार्केट, सदर एएसपी सर्किल ऑफिस, जिला परिषद, जिला चुनाव कार्यालय, सोनाली बैंक, जिला अंसार-वीडीपी कार्यालय और अन्य दुकानों और प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की गई.
खालिदा ने देशवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की
बीएनपी अध्यक्ष बेगम खालिदा जिया ने देश के मौजूदा हालात में देशवासियों से शांत रहने का आह्वान किया है. बीएनपी अध्यक्ष के प्रेस विंग अधिकारी शमसुद्दीन दीदार ने सोमवार देर शाम यह जानकारी दी. इससे पहले सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान के साथ बैठक के बाद पार्टी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने भी देशवासियों से शांत रहने का आग्रह किया. खालिदा जिया का राजधानी के एवरकेयर अस्पताल में इलाज चल रहा है. वह आठ जुलाई से इस अस्पताल में उपचाराधीन हैं. पार्टी सूत्रों के अनुसार, उनके एक-दो दिन में घर लौटने की उम्मीद है.
अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद सेना प्रमुख ने दोपहर में पार्टी नेताओं और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. बैठक में बीएनपी महासचिव और पार्टी की स्थायी समिति के सदस्य मिर्जा अब्बास ने भाग लिया. बैठक के बाद सेना प्रमुख ने शेख हसीना के इस्तीफे की घोषणा की. उन्होंने अंतरिम सरकार के गठन की बात भी कही. इसके अलावा, बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने भी सोमवार को लोगों से शेख हसीना सरकार के पतन के बाद देश में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए शांत रहने और संयम बरतने का आह्वान किया.
विश्व बैंक कर रहा है ऋण कार्यक्रम पर बांग्लादेश संकट के प्रभाव का आकलन
विश्व बैंक ने सोमवार को कहा कि वह देश में राजनीतिक संकट के अपने ऋण कार्यक्रम पर प्रभाव का आकलन कर रहा है. बता दें कि विश्व बैंक ने बांग्लादेश की कई परियोजनाओं के लिए ऋण स्वीकृत किए हैं. विश्व बैंक के प्रवक्ता ने कहा कि हम बांग्लादेश में हाल के हफ्तों में हुई हिंसा और दुखद जानमाल के नुकसान पर शोक व्यक्त करते हैं और एक त्वरित और शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद करते हैं. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि हम विश्व बैंक समूह के कार्यक्रम पर उभरती स्थिति के प्रभाव का आकलन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के लोगों की विकास आकांक्षाओं का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. विश्व बैंक की वेबसाइट के अनुसार, 30 जून को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष 2024 में इसकी प्रतिबद्धता $2.85 बिलियन थी.
बांग्लादेश के प्रदर्शनकारी नेताओं ने नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनाने का आग्रह किया
बांग्लादेश के छात्र प्रदर्शन समन्वयकों ने मंगलवार सुबह फेसबुक पर जारी एक वीडियो में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को मुख्य सलाहकार बनाकर नई अंतरिम सरकार बनाने का आह्वान किया. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने यह जानकारी दी. सेना के बयान के अनुसार, सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान मंगलवार को स्थानीय समयानुसार दोपहर 12 बजे प्रदर्शन समन्वयकों से मिलने की योजना बना रहे हैं.
बांग्लादेश के सेना प्रमुख विरोध समन्वयकों से मिलने की संभावना
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान मंगलवार को स्थानीय समयानुसार दोपहर 12 बजे विरोध समन्वयकों से मिलने की योजना बना रहे हैं. शेख हसीना के बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और सोमवार को देश छोड़कर भाग जाने के बाद, जनरल वाकर-उज-जमान अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा की.
सोची-समझी साजिश प्रतीत हो रही बांग्लादेश की घटना : डॉ. संदीप त्रिपाठी
पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में छात्रों के उग्र विरोध प्रदर्शन को देखते हुए देश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. भारत मामले में अपनी नजर बनाए हुए है. विदेश मामलों के एक्सपर्ट डॉ. संदीप त्रिपाठी ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी.
डॉ. संदीप त्रिपाठी ने कहा कि आमतौर पर साउथ एशिया शांत रहता है, लेकिन बांग्लादेश में जो घटित हुआ, वो इसके विपरीत है. प्रधानमंत्री शेख हसीना ने जिस तरीके से देश छोड़ा और उसके बाद प्रदर्शनकारियों की जो तस्वीरें सामने आईं, वो परेशान करने वाली हैं. कहा जा रहा है कि यह छात्रों का प्रदर्शन है, लेकिन प्रदर्शनकारियों की तस्वीरें एक सोची-समझी साजिश की ओर इशारा कर रही हैं.
भारत के साथ बांग्लादेश के संबंध को लेकर डॉ. संदीप त्रिपाठी ने कहा कि बांग्लादेश 15 सालों से आर्थिक विकास के रास्ते पर था. इस पड़ोसी मुल्क के साथ हमारे अच्छे संबंध थे. हाल में दोनों देशों के बीच कंप्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट की बात हो रही थी. बांग्लादेश इस बात को लेकर उत्सुक था कि हम लोग फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर बात करें. दोनों देशों के बीच ट्रेड प्रोसेस आगे बढ़ रहा था. निवेश को लेकर बात चल रही थी.
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश हमारा एक बहुत महत्वपूर्ण पड़ोसी देश है और उसके सृजन में हमारी बहुत बड़ी भूमिका रही है. लेकिन पाकिस्तान और चीन जैसे देश चाहते हैं कि भारत के साथ बांग्लादेश के अच्छे संबंध नहीं रहें. शेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश के साथ पिछले 15 साल से भारत के रिश्ते बहुत अच्छे रहे. इसके कारण बांग्लादेश से सटे पांच राज्यों की सीमा को लेकर हम आश्वस्त थे और अवैध घुसपैठ जैसी समस्याओं पर सकारात्मक बातचीत हो रही थी.
उन्होंने कहा, बांग्लादेश की घटना भारत की सुरक्षा के मुद्दे से ये बहुत महत्वपूर्ण घटना है. सबसे महत्वपूर्ण बात है कि साउथ एशिया में बांग्लादेश, भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है. बांग्लादेश के लिए भी भारत दूसरा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है.
(आईएएनएस)
बांग्लादेशी संसद भंग होने के बाद आज बनेगी अंतरिम सरकार
शेख हसीना के इस्तीफा देने और देश छोड़कर भागने के एक दिन बाद और बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बीच सेना ने नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है. आज बांग्लादेशी संसद भंग हो जायेगी. बांग्लादेश में हिंसा का दौर शुरू होने से लेकर शेख हसीना के देश छोड़ने तक की पूरी कहानी को 10 बिंदुओं में समझें...
- बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने सोमवार देर शाम सैन्य समर्थित कार्यवाहक सरकार के गठन पर चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान, नौसेना और वायुसेना के प्रमुख और बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी पार्टी सहित कई विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया.
- राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री और प्रमुख विपक्षी नेता खालिदा जिया को रिहा करने का भी आदेश दिया, इसके कुछ ही घंटों बाद उनकी कट्टर प्रतिद्वंद्वी शेख हसीना को पद से हटा दिया गया.
- सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान ने सोमवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में घोषणा की कि शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने उसी समय बताया कि सेना अंतरिम सरकार बनाएगी. जनरल वाकर ने कहा कि देश को बहुत नुकसान हुआ है, अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा है, कई लोग मारे गए हैं - अब हिंसा को रोकने का समय आ गया है.
- बताया जाता है कि बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की बेटी शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए 45 मिनट का अल्टीमेटम दिया गया था.
- इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री के रूप में अपना पांचवां कार्यकाल शुरू करने वाली हसीना इस्तीफा देने के बाद राज्य की राजधानी ढाका से सैन्य विमान से भारत के लिए रवाना हुईं. 76 वर्षीय हसीना के साथ उनकी छोटी बहन शेख रेहाना भी हैं.
- दिल्ली से करीब 30 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में हिंडन एयरफोर्स बेस पर उतरने के बाद शाम को शेख हसीना ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की. हसीना के बाद में लंदन जाने की उम्मीद है, जहां वह राजनीतिक शरण मांग रही हैं.
- विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बांग्लादेश की स्थिति के बारे में जानकारी दी. अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि मोदी हसीना से मिलेंगे या नहीं.
- शेख हसीना के भाग जाने के बाद पश्चिमी शक्तियों ने बांग्लादेश में शांति बनाए रखने का आह्वान किया. अमेरिका ने सभी पक्षों से 'आगे की हिंसा से बचने' का आह्वान किया, जबकि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने 'शांतिपूर्ण, व्यवस्थित और लोकतांत्रिक परिवर्तन' का आह्वान किया.
- शेख हसीना ने जुलाई की शुरुआत से ही अपनी सरकार के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों को दबाने की कोशिश की थी, लेकिन रविवार को हुए क्रूर उपद्रव के बाद उन्हें देश छोड़कर भागना पड़ा.
- सरकारी नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली को खत्म करने की छात्र समूहों की मांगों के बाद जून में विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ, जो उनके शासन को समाप्त करने की मांग करने वाले आंदोलन में बदल गया.
आज भंग होगी बांग्लादेशी संसद
शेख हसीना के इस्तीफा देने और देश छोड़कर भागने के एक दिन बाद और बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बीच सेना ने नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है. आज बांग्लादेशी संसद भंग हो जायेगी.
शेख हसीना के रिश्तेदार ने ही उन्हें सत्ता से किया बेदखल, जानें कौन हैं बांग्लादेश के सेना प्रमुख वेकर-उज-जमान
अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, भारतीय सुरक्षा अधिकारियों के आकलन से पता चलता है कि बांग्लादेश में विद्रोह का मुख्य नायक सेना प्रमुख वकार-उज-जमान ही था. जमान को चीन का करीबी माना जाता है. हालांकि उन्हें 23 जून को हसीना ने नियुक्त किया था और वे हसीना के रिश्तेदार हैं, लेकिन उस समय कुछ बांग्लादेशी अधिकारियों ने भारत को संकेत दिया था कि उन्हें सेना प्रमुख के रूप में नामित करना एक गलती हो सकती है. बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार-उज-जमान को बंग्लादेश में सत्ता परिवर्तन का मुख्य किरदार माना जाता है. सेना प्रमुख ने ही सोमवार को शेख हसीना को पद से हटाने की घोषणा की. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया. प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के ढाका में उनके आधिकारिक आवास पर धावा बोल दिया. सैकड़ों छात्रों और सुरक्षा अधिकारियों की जान लेने वाले विरोध प्रदर्शनों के कारण इस्तीफा देने के बाद शेख हसीना को ढाका से एक सैन्य हेलीकॉप्टर में भारत ले जाया गया. शेख हसीना कथित तौर पर नई दिल्ली पहुंच गई हैं और लंदन के लिए उड़ान भरेंगी. बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार-उज-जमान ने उनके इस्तीफे की घोषणा की. उन्होंने कहा कि उनकी अनुपस्थिति में एक अंतरिम सरकार बनाई जाएगी.
ढाका में रात एक से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में रात एक बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू की घोषणा की गई है. बांग्लादेश की राजधानी ढाका में मंगलवार रात एक से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू रहेगा. इसके बाद यहां सरकारी, अर्ध-सरकारी, स्वायत्त, अर्ध-स्वायत्त, निजी संस्थान, कारखाने, स्कूल, कॉलेज, मदरसे, विश्वविद्यालय समेत सभी शैक्षणिक संस्थान खुल जाएंगे.
(आईएएनएस)
ब्रिटेन में शरण मिलने तक शेख हसीना भारत में ही रहेंगी
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना फिलहाल भारत में ही रहेंगी. भारत सरकार ने सोमवार को उनकी सरकार के पतन के बाद अंतरिम प्रवास की इजाजत दे दी है. डेली सन ने एक रिपोर्ट में कहा, इस अवधि के दौरान, हसीना को ब्रिटेन में शरण प्राप्त करने तक भारत सभी तरह की सहायता प्रदान करेगा. उनके ब्रिटेन में स्थानांतरण तक, भारत में उनके प्रवास को केवल अस्थायी रूप से मंजूरी दी गई है.
अभूतपूर्व सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद सोमवार को हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और भारत के रास्ते लंदन जाने वाली हैं. डेली सन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अभी तक, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री को राजनीतिक शरण दिए जाने के संबंध में ब्रिटेन सरकार की ओर से कोई पुष्टि नहीं की गई है. हसीना वर्तमान में ब्रिटेन में शरण मांग रही हैं, उनके साथ उनकी बहन रेहाना भी हैं, जो ब्रिटेन की नागरिक हैं.
बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर रहमान की छोटी बेटी रेहाना शेख हसीना की छोटी बहन भी हैं. उनकी बेटी ट्यूलिप सिद्दीक ब्रिटेन में लेबर पार्टी से संसद की सदस्य हैं. इस बीच, भारत सरकार के सूत्रों ने कहा कि नई दिल्ली ढाका में तेजी से हो रहे घटनाक्रम पर करीब से नजर रखे हुए है. ढाका में बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने कहा कि हसीना ने इस्तीफा दे दिया है और अंतरिम सरकार जिम्मेदारी संभाल रही है. उन्होंने टेलीविजन पर दिए गए संबोधन में कहा कि मैं (देश की) सारी जिम्मेदारी ले रहा हूं. कृपया सहयोग करें.
(आईएएनएस)
ब्रिटेन के विदेश सचिव ने विरोध प्रदर्शनों के बीच बांग्लादेश में संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में जांच का आह्वान किया
ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी ने बांग्लादेश की स्थिति के बारे में चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि इस हिंसा को समाप्त करने के लिए सभी को मिलकर काम करने की आवश्यकता है. इसके अलावा, उन्होंने बांग्लादेश में हाल की घटनाओं की संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में पूर्ण और स्वतंत्र जांच का भी आग्रह किया. ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी ने कहा कि बांग्लादेश के लोग पिछले कुछ हफ्तों की घटनाओं की संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में पूर्ण और स्वतंत्र जांच के हकदार हैं. इसके अतिरिक्त, डेविड लैमी ने संकट की गंभीरता को उजागर करते हुए स्थिति को अभूतपूर्व बताया. ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी ने कहा कि बांग्लादेश में पिछले दो हफ्तों में अभूतपूर्व स्तर की हिंसा और दुखद जानमाल की हानि देखी गई है. सेना प्रमुख ने देश में जल्द ही नई सरकार गठित करने की घोषणा की है.
बांग्लादेश में हिंसा और लूटपाट का दौर जारी है. जगह-जगह पर हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं. कई जगहों पर लूटपाट की जा रही है. एक दिन पहले बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद वह भारत पहुंच गईं. बांग्लादेश में अभी सेना का शासन है. सेना अध्यक्ष ने कहा है कि वह जल्द ही अंतरिम सरकार का गठन करेंगे. क्या है बांग्लादेश की स्थिति और अन्य जगहों से किस तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, जानें पूरा अपडेट.
LIVE FEED
भारत फिर से बांग्लदेश जाने वाली फ्लाइट सेवा की शुरुआत कर रहा
एयर इंडिया ने घोषणा की है कि भारत आज से ही बांग्लादेश जाने वाली विमानों की सेवा शुरू कर रहा है. हालांकि, यह अभी तय नहीं है कि आगे यह सेवा जारी रहेगी या नहीं. जिन लोगों ने वहां की टिकटें बुक कर रखी हैं, उन्हें री-शिडूलिंग का विकल्प दिया गया है.
बांग्लादेश के राष्ट्रपति ने संसद भंग किया
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मंगलवार को अंतरिम प्रशासन के गठन का रास्ता बनाने के लिए देश की संसद को भंग करने की घोषणा की. एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष खालिदा जिया को जेल से रिहा कर दिया गया है. राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने तीनों सशस्त्र बलों के प्रमुखों, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और छात्र नेताओं के साथ बैठक की.
बांग्लादेश की स्थिति पर भारत के विदेश मंत्री ने संसद में दिया बयान
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सदन में कहा कि भारत की बांग्लादेश की स्थिति पर नजर बनी हुई है. उन्होंने कहा कि वहां पर कुल 19 हजार भारतीय हैं, जिनमें से 9000 छात्र हैं. विदेश मंत्री के अनुसार इनमें से अधिकांश छात्र वापस लौट चुके हैं. सदन में बयान देते हुए जयशंकर ने कहा कि हम वहां पर सभी भारतीयों के संपर्क में हैं और उनकी सुरक्षा को लेकर वहां के दूतावास के संपर्क में हैं.
प्रदर्शनकारियों ने अमेरिका में बांग्लादेश के वाणिज्य दूतावास पर धावा बोला, मुजीबुर रहमान की तस्वीर उतारी
बांग्लदेश में राजनीतिक अस्थिरता के बीच अमेरिका में भी एक घटना सामने आयी है. कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि प्रदर्शनकारी न्यूयॉर्क में बांग्लादेश के वाणिज्य दूतावास में घुस गये. उन लोगों ने शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर उतार दी. सोशल मीडिया पर प्रसारित तस्वीरों में देखा जा सकता है कि प्रदर्शनकारी इमारत के अंदर घुस गए और बांग्लादेश के संस्थापक की तस्वीर उतार दी.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह स्पष्ट नहीं है कि हिंसा प्रभावित देश से दूर अमेरिका में बांग्लादेश के वाणिज्य दूतावास पर हमला क्यों किया गया. घटना के एक वीडियो में प्रदर्शनकारियों को (जिनमें से कुछ ने बांग्लादेश के झंडे के रंग वाली टोपी पहनी हुई थी) हंगामा करते हुए दिखाया गया है. कुछ लोगों को वाणिज्य दूतावास के कार्यालय से कई सामान उतारते हुए भी देखा जा सकता है.
इस्लामी बैंक के कर्मचारियों ने बैंक के मुख्यालय के सामने प्रदर्शन किया
इस्लामी बैंक बांग्लादेश के अधिकारियों और कर्मचारियों के एक समूह ने पिछले 15 वर्षों से सरकारी लाभ और पदोन्नति से वंचित किए जाने के विरोध में आज ढाका के मोतीझील में बैंक के मुख्यालय के सामने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री और उनके पिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीरें उतारकर नष्ट कर दीं. उन्होंने एस आलम समूह के उच्च अधिकारियों और इस्लामी बैंक में उनके द्वारा नियुक्त अधिकारियों को दंडित करने की मांग की. अधिकारियों ने बताया कि बैंक के प्रबंध निदेशक और उप प्रबंध निदेशक आज कार्यालय नहीं आए.
डॉ. यूनुस अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार बनने के लिए सहमत हुए: बांग्लादेशी अखबार
नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में नेतृत्व करने के लिए सहमत हो गए हैं. एक विश्वसनीय स्रोत के हवाले से बांग्लादेशी अखबार द डेली स्टार ने यह जानकारी दी है. सूत्र ने यूनुस के हवाले से अखबार को बताया कि जब छात्रों की ओर से मुझसे संपर्क किया गया, तो मैं पहले सहमत नहीं हुआ. मैंने उनसे कहा कि मुझे बहुत काम पूरा करना है. लेकिन छात्रों ने बार-बार मुझसे अनुरोध किया.
उन्होंने कहा कि एक छात्र ने उनसे कहा कि इस आंदोलन में कई लोगों की जान चली गई. कई छात्र और आम लोग मारे गए. अब बांग्लादेश के पास देश को सही तरीके से चलाने का अवसर है. और यह तभी संभव है जब आप जिम्मेदारी लेंगे. अगर आप जिम्मेदारी लेने के लिए सहमत नहीं हैं, तो यह हममें से किसी के लिए भी अच्छा नहीं होगा. इसलिए हम आपसे जिम्मेदारी लेने के लिए कह रहे हैं.
अखबार की खबर के मुताबिक, यूनुस के हवाले से कहा गया कि मैंने यह भी सोचा कि इन छात्रों ने इतना विरोध किया है, उन्हें इसके लिए इतनी कीमत चुकानी पड़ी. उन्होंने कहा कि अगर छात्र इतना त्याग कर सकते हैं, अगर देश के लोग इतना त्याग कर सकते हैं, तो मेरी भी कुछ जिम्मेदारी है. फिर मैंने छात्रों से कहा कि मैं जिम्मेदारी ले सकता हूं. यूनुस ओलंपिक समिति के निमंत्रण पर विशेष अतिथि के रूप में पेरिस गए थे. वे अभी भी अपने इलाज के लिए विदेश में हैं. डॉ. यूनुस जितनी जल्दी हो सके बांग्लादेश लौटने की कोशिश कर रहे हैं.
C-130J परिवहन विमान बांग्लादेशी एयरबेस पर उतरा
बांग्लादेश वायुसेना का C-130J परिवहन विमान भारत से उड़ान भरने के बाद 7 सैन्यकर्मियों के साथ बांग्लादेशी एयरबेस पर उतरा है. सुरक्षा एजेंसियों की ओर से भारत के ऊपर उड़ान के पूरे मार्ग पर विमान की निगरानी की गई.
पेट्रापोल भारत-बांग्लादेश सीमा पर पहुंचे बीएसएफ डीजी
बीएसएफ डीजी दलजीत सिंह चौधरी पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में पेट्रापोल (भारत-बांग्लादेश) सीमा पर पहुंचे.
सर्वदलीय बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर ने दी बांग्लादेश के हालात पर जानकारी, बोले- सरकार की है पैनी नजर
बांग्लादेश के हालात को लेकर केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक संसद भवन परिसर में खत्म हो गई है. बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को बांग्लादेश के हालात की जानकारी देते हुए यह आश्वासन भी दिया कि पड़ोसी देश पर सरकार की पैनी नजर बनी हुई है. बैठक में बांग्लादेश में मौजूद भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर भी जानकारी दी गई. बैठक में सभी राजनीतिक दलों ने इस मसले पर सरकार के साथ खड़े होने का भरोसा दिया.
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह जानकारी भी दी कि, बांग्लादेश में 20 हजार भारतीय थे, जिसमें से ज्यादातर छात्र थे. सरकार की ओर से एडवाइजरी जारी करने के बाद उसमें से 8 हजार छात्र भारत लौट आए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि सरकार बांग्लादेश की सेना के संपर्क में है. वहां स्थिति लगातार बदल रही है और आगे जैसे-जैसे बदलाव होगा, सरकार इसके बारे में फिर से जानकारी देगी.
शेख हसीना के बारे में बैठक में यह बताया गया कि उन्हें थोड़ा समय देना चाहिए और उन्हें स्वयं ही यह फैसला करना है कि वह कहां जाना चाहती हैं. सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने बैठक में बांग्लादेश के राजनीतिक घटनाक्रम में बाहरी हाथ के बारे में सवाल पूछा जिसके जवाब में बताया गया कि अभी इस बारे में बात करना जल्दबाजी है.
इस सर्वदलीय बैठक में सरकार की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और जेपी नड्डा मौजूद रहे. वहीं अन्य राजनीतिक दलों की बात करें तो लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, डीएमके से टी आर बालू, सपा से रामगोपाल यादव, टीएमसी से सुदीप बंदोपाध्याय, बीजेडी से सस्मित पात्रा सहित लोकसभा और राज्यसभा में विभिन्न राजनीतिक दलों के फ्लोर लीडर्स बैठक में शामिल हुए.
आपको बता दें कि बांग्लादेश के हालात को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने आधिकारिक आवास पर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की उच्चस्तरीय महत्वपूर्ण बैठक भी की थी. इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी को बांग्लादेश के पूरे हालात की जानकारी दी गई थी. बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा कई अन्य उच्च अधिकारी शामिल हुए थे. बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने प्रधानमंत्री मोदी को भारत आईं शेख हसीना के साथ अपनी बैठक, बांग्लादेश के ताजा राजनीतिक हालात और वहां पर जारी हिंसा की स्थिति से जुड़े तथ्यों से अवगत कराया था.
(आईएएनएस)
वापस बांग्लादेश की ओर उड़ा सी-130 जे परिवहन विमान, 7 सैन्यकर्मी थे सवार
सूत्रों ने बताया कि बांग्लादेश की ओर वापसी करने वाले सी-130 जे परिवहन विमान में प्रधानमंत्री शेख हसीना सवार नहीं हैं. बताया जाता है कि इस विमान ने आज सुबह करीब 9 बजे हिंडन एयर बेस से उड़ान भरी. बांग्लादेश वायु सेना का सी-130 जे परिवहन विमान 7 सैन्यकर्मियों को लेकर बांग्लादेश में अपने बेस की ओर उड़ान भर रहा है.
बांग्लादेश की स्थिति दक्षिण एशिया और पूर्वी एशिया के लिए चिंताजनक: कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी
बांग्लादेश की स्थिति पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि बांग्लादेश की स्थिति संवेदनशील है. यह एक गंभीर स्थिति है जो दक्षिण एशिया और पूर्वी एशिया के लिए चिंताजनक है. मुझे उम्मीद है कि संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा होगी और सरकार इस चर्चा को सुगम बनाने में अपनी भूमिका निभाएगी.
तस्लीमा नसरीन ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर कटाक्ष किया
भारत में निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने बांग्लादेश में चल रहे राजनीतिक संकट पर एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से टिप्पणी की है. नसरीन ने अपने पोस्ट में कहा कि इस्लामवादियों को खुश करने के लिए हसीना ने 1999 में मुझे मेरे देश से बाहर निकाल दिया, जब मैं अपनी मां को उनकी मृत्युशय्या पर देखने के लिए बांग्लादेश गई थी और मुझे फिर कभी देश में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी. वही इस्लामवादी छात्र आंदोलन में शामिल रहे हैं, जिन्होंने आज हसीना को देश छोड़ने के लिए मजबूर किया. नसरीन को 1994 में कट्टरपंथी संगठनों द्वारा उनके कथित इस्लाम विरोधी विचारों के कारण मौत की धमकियों के मद्देनजर बांग्लादेश छोड़ना पड़ा था.
बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनाने के लिए संसद को भंग किया जाएगा : राष्ट्रपति
बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मौजूदा संसद को भंग करने का ऐलान किया है. उनका कहना है कि संविधान के अनुसार मौजूदा संसद को जल्द से जल्द संसद को भंग कर दिया जाएगा. डेली सन की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को राष्ट्रपति के आधिकारिक निवास बंगभवन से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में यह बयान दिया गया. इससे पहले सोमवार रात को अंतरिम सरकार के गठन पर चर्चा के लिए सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान के साथ बंगभवन में तीनों सेनाओं के प्रमुखों, राजनीतिक नेताओं, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और आरक्षण आंदोलन के नेताओं की बैठक हुई थी.
प्रेस बयान के अनुसार, राष्ट्रपति शहाबुद्दीन की अध्यक्षता में बैठक हुई में उन्होंने विरोध प्रदर्शनों में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया और उनकी आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की. बैठक में सर्वसम्मति से बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की अध्यक्ष खालिदा जिया को भी तुरंत रिहा करने का फैसला लिया गया. डेली सन की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में हुए आंदोलन में विभिन्न मामलों में हिरासत में लिए गए सभी कैदियों को रिहा करने का फैसला किया गया. बैठक में इस बात पर भी सहमति बनी कि सांप्रदायिक सौहार्द को किसी भी तरह से नष्ट नहीं किया जाना चाहिए.
प्रतिनिधिमंडल में बीएनपी के मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर और मिर्जा अब्बास शामिल थे; जातीय पार्टी के जीएम क्वाडर, मोजिबुल हक चुन्नू और अनिसुल इस्लाम; नागरिक ओइक्या के महमूदुर रहमान मन्ना; हेफ़ाज़त-ए-इस्लाम के मोमिनुल हक, मुफ्ती मोनिर कासमी और महबुबुर रहमान; जमात-ए-इस्लामी के डॉ. शफीकुर रहमान और शेख मोहम्मद मसूद; जाकेर पार्टी के शमीम हैदर; जन एकजुटता आंदोलन के ज़ोनयेद साकी; ढाका विश्वविद्यालय के शिक्षक आसिफ नजरुल; एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट के समन्वयक आरिफ तालुकदार, उमर फारूक और मोबश्वेरा करीम मिमी शामिल थे.
बांग्लादेश सेना प्रमुख के रूप में पदभार ग्रहण करने के लगभग दो महीने के भीतर, जनरल वकार-उज-जमान को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की औपचारिक घोषणा करनी पड़ी. इसके अलावा उन्हें 17 करोड़ लोगों के देश में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो हिंसक विरोध प्रदर्शनों से प्रभावित है.
(आईएएनएस)
हिंडन एयर बेस के सेफ हाउस में बिताई शेख हसीना ने रात, आगे की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं
बांग्लादेश में हिंसा के बाद भारत पहुंची बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में हिंडन एयर बेस के सेफ हाउस में अपनी रात बिताई है. शेख हसीना बांग्लादेश के वायुसेना के विमान से अपनी बहन रिहाना के साथ सोमवार शाम गाजियाबाद के इंडियन एयर बेस पर उतरी थीं. शेख हसीना को हिंडन एयर बेस के सेफ हाउस में 14 घंटा से ज्यादा का समय हो चुका है. उनकी सुरक्षा के लिए वायु सेवा के गरुड़ कमांडोज को लगाया गया है.
इसके साथ-साथ इंडियन एयर बेस के मुख्य द्वार से लेकर अंदर सभी जगह पर अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों को तैनात कर दिया गया है. किसी को भी सेफ हाउस तक जाने की इजाजत नहीं है. अभी आगे की क्या स्थिति है यह पूरी तरीके से स्पष्ट नहीं है. माना जा रहा है कि आज भी शेख हसीना अपनी बहन के साथ इंडियन एयर बेस के सेफ हाउस में ही बिता सकती हैं.
शेख हसीना के भारत पहुंचने के बाद पीएम मोदी के आवास पर भी एक उच्च स्तरीय बैठक हुई. इससे पहले एनएसए अजीत डोभाल ने शेख हसीना से हिंडन एयरबेस के सेफ हाउस में मुलाकात की थी. शेख हसीना से मिलने के बाद डोभाल प्रधानमंत्री आवास पहुंचे थे. वहां पर वह सुरक्षा मामलों की कैबिनेट की समिति की बैठक में शामिल हुए थे.
गौरतलब है कि बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के पूरे देश में फैलने के बाद ढाका में भी प्रदर्शनकारियों ने जमकर तोड़फोड़ की और हंगामा किया इसके बाद सेना ने चार्ज संभाला और शेख हसीना को देश छोड़ने के लिए कह दिया गया था. इसके बाद उन्होंने करीब ढाई बजे के आसपास देश छोड़ दिया था. छात्रों का प्रदर्शन बेहद उग्र हो गया था. प्रदर्शनकारियों ने पीएम आवास में घुसकर जमकर तोड़फोड़ और लूटपाट भी की.
(आईएएनएस)
हम अपने इतिहास के इस विशेष क्षण को बर्बाद न करें
शेख हसीना के इस्तीफे और देश छोड़ने की घटना को बांग्लादेश के स्थानीय अखबार, डेली स्टार ने बांग्लादेश में एक नई सुबह का उदय बताया. मंगलवार को प्रकाशित अखबार के संपादकिय में खबार ने लिखा कि हसीना के पतन के बाद, हमें एक जन-समर्थक, समावेशी समाज बनाने का प्रयास करना चाहिए. अखबार ने लिखा कि यह एक ऐसा दिन है जिसे आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी. एक ऐसा दिन जब 15 साल का सत्तावादी शासन आखिरकार खत्म हो गया. एक ऐसा दिन जब लोग वास्तव में सत्ता में आए, अपने मतभेदों को दूर रखा और स्वतंत्रता और बेहतर कल की इच्छा में एकजुट हुए.
अखबार ने लिखा कि यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि छात्र-जन आंदोलन का असाधारण प्रदर्शन अब से हमारे जन विद्रोह के इतिहास में नया संदर्भ बिंदु होगा. अखबार ने लिखा कि सोमवार को दिन शुरू होने से पहले ही आगे की घटनाओं की झलक मिल गई थी. योजनाबद्ध 'ढाका मार्च' को एक दिन पहले कर दिया गया था. जिसे कई लोगों ने हिंसा की दूसरी लहर कहा. उस दिन सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं और पुलिस के सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों से भिड़ने के कारण लगभग सौ लोग मारे गए.
अखबार ने लिखा कि हताश प्रदर्शनकारियों ने न्याय मिलने में देरी को देखते हुए एक आखिरी धक्का देकर सभी तमाशे और हिंसा को खत्म करने की कोशिश की. सोमवार को दोपहर 3 बजे, जब देश भर से भीड़ कर्फ्यू की परवाह किए बिना गोनो भवन की घेराबंदी करने के लिए ढाका की ओर बढ़ रही थी, सेना प्रमुख ने शेख हसीना के इस्तीफे की घोषणा की. देश को चलाने के लिए जल्द ही एक अंतरिम सरकार का गठन होने की संभावना है.
अखबार ने लिखा कि आने वाले दिनों में, हम अंतरिम सरकार के बारे में और अधिक जानेंगे, जिसके बारे में हमें उम्मीद है कि वह प्रत्येक हत्या के लिए न्याय और शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक परिवर्तन के वादों को तेजी से पूरा करेगी. लेकिन अभी, आइए अपने इतिहास में इस क्षण को पहचानें.
हफ्तों में हुये दशकों के बदलाव: शायद पिछले कुछ हफ्तों की घटनाओं का वर्णन रूसी क्रांतिकारी व्लादिमीर इल्यिच लेनिन ने एक बार जो कहा था, उससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता: कि ऐसे दशक होते हैं जब कुछ नहीं होता, और फिर ऐसे सप्ताह होते हैं जब दशकों का बदलाव हो जाता है. हमने 1952, 1969 और 1990 में ऐसे घटनापूर्ण सप्ताह देखे हैं. लेकिन उनमें से किसी भी विद्रोह ने इतने लोगों की जान नहीं ली. इनमें से कोई भी लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार के खिलाफ नहीं था, चाहे वे चुनाव कितने भी संदिग्ध क्यों न रहे हों. इसलिए यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम उस पृष्ठभूमि को याद रखें जिसमें यह नवीनतम विद्रोह हुआ था, और यह सुनिश्चित करें कि हमारे भविष्य के कार्य इसके अनुरूप हों, अन्यथा इसे सफल बनाने में किए गए बड़े बलिदान व्यर्थ हो जाएंगे.
क्या था आंदोलन का लक्ष्य: अखबार ने लिखा कि इस आंदोलन का पहला लक्ष्य उन लोगों के लिए न्याय स्थापित करना था, जो सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं की सहायता से सुरक्षा बलों द्वारा क्रूर दमन के कारण विरोध प्रदर्शनों के दौरान मारे गए थे. लेकिन फिर, सरकार द्वारा त्रासदी की गंभीरता को पहचानने और निष्पक्ष जांच करने से लगातार इनकार करने के कारण, यह सत्ता के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई में बदल गया. अखबार ने लिखा कि यह उस सत्ता के खिलाफ लोगों का आंदोलन था जो लोगों के विशाल बहुमत के बजाय कुछ लोगों के हितों का पक्ष लेती है. यह वह लड़ाई है जिसने पूरे देश को एकजुट कर दिया है, दुश्मनों और दोस्तों को एक साथ ला दिया है. सोमवार को लोगों ने इस लड़ाई में अपनी पहली जीत दर्ज की. लेकिन मंजिल अभी बहुत दूर है. इसलिए, लड़ाई जारी रहनी चाहिए.
साझा संघर्ष और नई आजादी का एक शक्तिशाली प्रमाण: अवामी लीग सरकार के पतन के बाद जो असाधारण दृश्य सामने आए, उन्होंने लंबे समय से प्रतीक्षित खुशी और लंबे समय से दबे हुए गुस्से को रेखांकित किया. घोषणा के तुरंत बाद, पूरे देश में लाखों लोग सड़कों पर उतर आए. क्रूर दमन के दौरान 300 से ज्यादा लोगों की जान जाने के दुख के बावजूद, माहौल उत्साहपूर्ण और उम्मीद और संभावनाओं से भरा हुआ था. बच्चों, बुज़ुर्गों, छात्रों वाले परिवार- हर कोई सड़कों पर था. यह रंगों और ध्वनियों का एक बहुरूपदर्शक था. सड़कों पर मार्च करते हुए, कई लोग झंडे लहरा रहे थे या नारे लगा रहे थे, उनकी आवाजें एक साथ उठ रही थीं, जो उनके साझा संघर्ष और नई आजादी का एक शक्तिशाली प्रमाण था.
बंगबंधु स्मारक संग्रहालय पर हमला अराजकता का प्रदर्शन: हालांकि, सड़कों पर ये उत्साहपूर्ण दृश्य अन्य स्थानों पर तबाही के दृश्यों के बिल्कुल विपरीत थे. जीत के तुरंत बाद आंदोलन पर जो बर्बरता का दाग लगा था, उसे फिर से दोहराना दर्दनाक था. कुछ पर्यवेक्षकों ने इसे पूरी तरह से अराजकता कहा, क्योंकि भीड़ ने सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं के घरों, सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यालयों, सार्वजनिक भवनों और संपत्तियों, और सत्ता के प्रमुख प्रतीकों जैसे गोनो भवन, प्रधान मंत्री कार्यालय, पुलिस स्टेशनों आदि को नष्ट और लूट लिया. यहां तक कि संसद और धनमंडी 32 में बंगबंधु स्मारक संग्रहालय पर भी हमला किया गया.
अल्पसंख्यक समुदायों पर हमला चिंताजनक: अखबार ने लिखा कि चिंताजनक रूप से, अल्पसंख्यक समुदायों के कई घर, व्यवसाय और पूजा स्थल नष्ट कर दिए गए. कई लोगों की जान भी चली गई. सरकार के पतन के बाद कानून का टूटना इस बात की याद दिलाता है कि शांति और शांति सुनिश्चित करना कितना महत्वपूर्ण है ताकि हम अपने इतिहास के इस विशेष क्षण को बर्बाद न करें.
राष्ट्र के पुनर्निर्माण का समय: जैसे-जैसे हम एक नए युग में प्रवेश कर रहे हैं, हमें आशावाद के साथ-साथ सावधानी भी बरतनी चाहिए. जबकि यह महत्वपूर्ण है कि हम सतर्क रहें ताकि कल जैसी कोई अप्रिय घटना फिर न हो, हमें यह भी सोचना शुरू कर देना चाहिए कि हम किस तरह का भविष्य चाहते हैं. हमारे शहीद नायकों के बलिदानों का सही मायने में सम्मान करने के लिए, हमें एक ऐसा भविष्य बनाने का प्रयास करना चाहिए जहां लोकतांत्रिक और समतावादी मूल्य संकीर्ण राजनीतिक हितों पर हावी हों. हमारे राष्ट्र के पुनर्निर्माण का समय अब आ गया है.
27 जिलों में हिंदुओं के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर हमला
बांग्लदेश के अखबार डेली पोस्ट के अुनसार, सोमवार को कम से कम 27 जिलों में हिंदुओं के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर भीड़ ने हमला किया. इस भीड़ ने उनके कीमती सामान भी लूट लिए गये. डेली पोस्ट के अुनसार, लालमोनिरहाट सदर उपजिला में, भीड़ ने सोमवार शाम तेलीपारा गांव में लालमोनिरहाट पूजा उद्योग परिषद के सचिव प्रदीप चंद्र रॉय के घर में तोड़फोड़ और लूटपाट की. उन्होंने थाना रोड पर जिले के पूजा उद्योग परिषद के नगरपालिका सदस्य मुहिन रॉय की एक कंप्यूटर दुकान में भी तोड़फोड़ और लूटपाट की.
इसके अलावा, जिले के कालीगंज उपजिला के चंद्रपुर गांव में चार हिंदू परिवारों के घरों में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई. अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, हातिबंधा उपजिला के पूरबो सरदुबी गांव में सोमवार रात 12 हिंदुओं के घरों में आग लगा दी गई. पंचगढ़ में, सदर उपजिला में कई हिंदुओं के घरों में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई.
ओइक्या परिषद के वरिष्ठ संयुक्त महासचिव मोनिंद्र कुमार नाथ ने संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनके समुदाय पर इस तरह के हमले होंगे. ऐसा कोई क्षेत्र या जिला नहीं बचा है जहां सांप्रदायिक हमले न हुए हों. हमें देश के विभिन्न हिस्सों से घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर हमलों की लगातार रिपोर्ट मिल रही हैं.
दीनाजपुर शहर और अन्य उपजिलों में, कम से कम 10 हिंदू घरों पर हमला किया गया. हमलावरों ने शहर के रेलबाजारहाट में एक मंदिर में तोड़फोड़ करने की भी कोशिश की, लेकिन स्थानीय लोगों ने इसे रोक दिया. अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, दिनाजपुर में बाराबंदर क्षेत्र के दिवंगत कोइलाश चंद्र रॉय, बाराबंदर के नित्य गोपाल, गुंजाबारी क्षेत्र के बुनु बिस्वास और बिराल उपजिला के रोमा कांता रॉय के घरों पर हमला किया गया.
बांग्लादेश हिंदू-बुद्ध ईसाई ओइक्या परिषद के महासचिव उत्तम कुमार रॉय ने कहा ने अखबार को बताया कि खानसामा उपजिला में, तीन हिंदू घरों पर हमला किया गया. लक्ष्मीपुर में ओइक्या परिषद के सहायक आयोजन सचिव गौतम मजूमदार ने कहा कि 200-300 से अधिक हमलावरों ने शाम 7:30 बजे के आसपास उनकी दो मंजिला इमारत को आग लगा दी.
खुलना में, ओइक्या परिषद के अध्यक्ष बिमन बिहारी अमित और जुबो ओइक्या के घरों पर हमला किया गया. परिषद के अध्यक्ष अनिमेष सरकार रिंटू के घर पर शाम 5:00 बजे के आसपास लूटपाट की गई. रूपशा पुलिस स्टेशन के अंतर्गत हैसगती गांव के श्यामल कुमार दास और स्वजन कुमार दास के घरों पर भी हमला किया गया और लूटपाट की गई.
बिमान ने कहा कि उन्हें रूपशा, पैकगच्छा और अन्य उपजिलों में हिंदुओं के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर हमले और लूटपाट की खबरें मिल रही हैं. हमारे जिला संवाददाता ने बताया कि गौरानाडी पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी अनवर हुसैन ने बताया कि बरिशाल के गौरानाडी में भीड़ ने शाम 6:00 बजे के आसपास महिलारा यूनियन में अदित्री अधिकारी के घर पर हमला किया, तोड़फोड़ की और लूटपाट की. उन्होंने कहा कि उन्हें जिले भर में अन्य हिंदू घरों और प्रतिष्ठानों पर हमलों की भी खबरें मिल रही हैं.
बोगुरा के ओइक्या परिषद के महासचिव तपन कुमार चक्रवर्ती ने कहा कि सथमथा और सोनाटोला में उनके गोदाम और एक दुकान को लूट लिया गया. उन्होंने बताया कि साथमाथा में एक हिंदू परिवार के स्वामित्व वाले गोदाम को भी लूट लिया गया.
रिपोर्ट के मुताबिक, पटुआखाली में एक हिंदू घर और मंदिर पर हमला किया गया, तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई. अनंत मुखर्जी ने बताया कि 20 से 25 हमलावरों के एक समूह ने अचानक हमला किया. ओइक्या परिषद ने दावा किया कि 21 और जिलों में हमले हुए हैं और उनमें से कुछ के बारे में विस्तृत जानकारी दी. शेरपुर में श्रीबोर्डी उपजिला जुबो ओइक्या परिषद के अध्यक्ष के घर में तोड़फोड़ की गई और लूटपाट की गई.
नरसिंगडी में पूजा परिषद के सदस्य दीपक साहा के घर और कार्यालय का भी यही हश्र हुआ. किशोरगंज में कुलियारचर में दो हिंदू घरों में आग लगा दी गई. चटगांव के रावजान उपजिला में दो अन्य हिंदू घरों पर हमला किया गया और लूटपाट की गई. जशोर में भगरपारा के नारिकेलबरिया के चेयरमैन बाबुल साहा के गोदाम पर हमला कर लूटपाट की गई, जबकि वहां हिंदू समुदाय की 22 दुकानों को लूटा गया. कई घरों में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई.
सतखीरा में कोलारोआ इलाके में हिंदू समुदाय की कई दुकानों में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई. ओइक्या परिषद के अध्यक्ष विश्वजीत साधु के घर को लूटा गया और आग लगा दी गई. हबीगंज में शायस्तागंज उपजिला ओइक्या परिषद के अध्यक्ष असित बरन दास की दुकान पर हमला किया गया. नरैल में, लोहगरा उपजिला में हिंदुओं के घरों पर हमला किया गया और लूटपाट की गई. इस बीच, बांग्लादेश लीगल एड एंड सर्विसेज ट्रस्ट ने एक बयान में मांग की कि बांग्लादेश की सेना और प्रशासन आगजनी, तोड़फोड़ और लूटपाट के अपराधियों की पहचान करे और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए.
ट्रस्ट की ओर से जारी बयान में कहा गया कि देश भर में अराजकता की स्थिति व्याप्त है, जो अवैध और संविधान के विरुद्ध है. संविधान के अनुच्छेद 32 में कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति को कानून के अनुसार ही जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित किया जाएगा. संविधान के अनुच्छेद 28(1) में कहा गया है कि राज्य किसी भी नागरिक के साथ केवल धर्म, नस्ल, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव नहीं करेगा. ट्रस्ट ने सभी से सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और शांति बनाए रखने का भी आग्रह किया गया है.
कोई भी सैन्य सरकार, या सेना की ओर से समर्थित सरकार या फासीवादियों की सरकार स्वीकार नहीं की जाएगी: आंदोलन के प्रमुख समन्वयक
मंगलवार की सुबह सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में आंदोलन के प्रमुख समन्वयकों में से एक नाहिद इस्लाम बोलते हुए दिखाई दिए. डेली स्टार अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने देश को बचाने के लिए छात्र समुदाय के आह्वान पर यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी लेने पर सहमति जताई है.
नाहिद ने वीडियो में दो अन्य समन्वयकों के साथ कहा कि हमने अंतरिम सरकार के लिए रूपरेखा की घोषणा करने में 24 घंटे का समय लिया. हालांकि, आपातकालीन स्थिति को देखते हुए, हम अब इसकी घोषणा कर रहे हैं. हमने फैसला किया है कि अंतरिम सरकार बनाई जाएगी जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ मोहम्मद यूनुस, जिनकी व्यापक स्वीकार्यता है, मुख्य सलाहकार होंगे.
नाहिद ने राष्ट्रपति से डॉ. यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनाने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि अंतरिम सरकार के अन्य सदस्यों के नामों की घोषणा जल्द ही की जाएगी. नाहिद ने कहा कि चूंकि देश में अराजकता है और लोगों के जीवन पर असुरक्षा का माहौल है, इसलिए हम राष्ट्रपति से आग्रह करते हैं कि वे देश में कानून और व्यवस्था बहाल करने के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाएं. स्वतंत्रता चाहने वाले छात्र भी कानून लागू करने वाली सेनाओं की सहायता के लिए सड़कों पर उतरेंगे. छात्रों की ओर से प्रस्तावित सरकार के अलावा कोई भी सरकार स्वीकार नहीं की जाएगी. जैसा कि हमने कहा है, कोई भी सैन्य सरकार, या सेना की ओर से समर्थित सरकार या फासीवादियों की सरकार स्वीकार नहीं की जाएगी.
उपद्रवियों ने शेरपुर जिला जेल में सेंध लगाई, कैदी भाग निकले
बांग्लदेशी अखबार, बंग्लादेश पोस्ट के अनुसार सोमवार को देश में सत्ता परिवर्तन के बीच, उपद्रवियों ने शेरपुर जिला जेल में घुसकर 500 कैदियों को जेल से भागने का मौका दे दिया. दोपहर में कर्फ्यू के बीच लाठी-डंडों और स्थानीय हथियारों से लैस भीड़ ने जुलूस निकाला. अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, एक समय तो वे जिले के दमदमा-कालीगंज इलाके में स्थित जेल में घुस गए, जेल का गेट तोड़ दिया और आग लगा दी. करीब 500 कैदी जेल से भागने में सफल रहे.
शेरपुर जिले के डिप्टी कमिश्नर अब्दुल्ला अल खैरुन ने बताया कि हमला शाम 4:30 से 5:30 बजे के बीच किया गया. उपद्रवियों ने जिले में विभिन्न प्रतिष्ठानों और कार्यालयों में भी आग लगा दी. इसके अलावा उपद्रवियों ने दोपहर करीब 1 बजे सदर पुलिस स्टेशन में भी आग लगा दी. डीसी क्वार्टर, न्यू मार्केट, सदर एएसपी सर्किल ऑफिस, जिला परिषद, जिला चुनाव कार्यालय, सोनाली बैंक, जिला अंसार-वीडीपी कार्यालय और अन्य दुकानों और प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की गई.
खालिदा ने देशवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की
बीएनपी अध्यक्ष बेगम खालिदा जिया ने देश के मौजूदा हालात में देशवासियों से शांत रहने का आह्वान किया है. बीएनपी अध्यक्ष के प्रेस विंग अधिकारी शमसुद्दीन दीदार ने सोमवार देर शाम यह जानकारी दी. इससे पहले सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान के साथ बैठक के बाद पार्टी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने भी देशवासियों से शांत रहने का आग्रह किया. खालिदा जिया का राजधानी के एवरकेयर अस्पताल में इलाज चल रहा है. वह आठ जुलाई से इस अस्पताल में उपचाराधीन हैं. पार्टी सूत्रों के अनुसार, उनके एक-दो दिन में घर लौटने की उम्मीद है.
अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद सेना प्रमुख ने दोपहर में पार्टी नेताओं और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. बैठक में बीएनपी महासचिव और पार्टी की स्थायी समिति के सदस्य मिर्जा अब्बास ने भाग लिया. बैठक के बाद सेना प्रमुख ने शेख हसीना के इस्तीफे की घोषणा की. उन्होंने अंतरिम सरकार के गठन की बात भी कही. इसके अलावा, बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने भी सोमवार को लोगों से शेख हसीना सरकार के पतन के बाद देश में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए शांत रहने और संयम बरतने का आह्वान किया.
विश्व बैंक कर रहा है ऋण कार्यक्रम पर बांग्लादेश संकट के प्रभाव का आकलन
विश्व बैंक ने सोमवार को कहा कि वह देश में राजनीतिक संकट के अपने ऋण कार्यक्रम पर प्रभाव का आकलन कर रहा है. बता दें कि विश्व बैंक ने बांग्लादेश की कई परियोजनाओं के लिए ऋण स्वीकृत किए हैं. विश्व बैंक के प्रवक्ता ने कहा कि हम बांग्लादेश में हाल के हफ्तों में हुई हिंसा और दुखद जानमाल के नुकसान पर शोक व्यक्त करते हैं और एक त्वरित और शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद करते हैं. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि हम विश्व बैंक समूह के कार्यक्रम पर उभरती स्थिति के प्रभाव का आकलन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के लोगों की विकास आकांक्षाओं का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. विश्व बैंक की वेबसाइट के अनुसार, 30 जून को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष 2024 में इसकी प्रतिबद्धता $2.85 बिलियन थी.
बांग्लादेश के प्रदर्शनकारी नेताओं ने नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनाने का आग्रह किया
बांग्लादेश के छात्र प्रदर्शन समन्वयकों ने मंगलवार सुबह फेसबुक पर जारी एक वीडियो में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को मुख्य सलाहकार बनाकर नई अंतरिम सरकार बनाने का आह्वान किया. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने यह जानकारी दी. सेना के बयान के अनुसार, सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान मंगलवार को स्थानीय समयानुसार दोपहर 12 बजे प्रदर्शन समन्वयकों से मिलने की योजना बना रहे हैं.
बांग्लादेश के सेना प्रमुख विरोध समन्वयकों से मिलने की संभावना
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान मंगलवार को स्थानीय समयानुसार दोपहर 12 बजे विरोध समन्वयकों से मिलने की योजना बना रहे हैं. शेख हसीना के बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और सोमवार को देश छोड़कर भाग जाने के बाद, जनरल वाकर-उज-जमान अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा की.
सोची-समझी साजिश प्रतीत हो रही बांग्लादेश की घटना : डॉ. संदीप त्रिपाठी
पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में छात्रों के उग्र विरोध प्रदर्शन को देखते हुए देश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. भारत मामले में अपनी नजर बनाए हुए है. विदेश मामलों के एक्सपर्ट डॉ. संदीप त्रिपाठी ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी.
डॉ. संदीप त्रिपाठी ने कहा कि आमतौर पर साउथ एशिया शांत रहता है, लेकिन बांग्लादेश में जो घटित हुआ, वो इसके विपरीत है. प्रधानमंत्री शेख हसीना ने जिस तरीके से देश छोड़ा और उसके बाद प्रदर्शनकारियों की जो तस्वीरें सामने आईं, वो परेशान करने वाली हैं. कहा जा रहा है कि यह छात्रों का प्रदर्शन है, लेकिन प्रदर्शनकारियों की तस्वीरें एक सोची-समझी साजिश की ओर इशारा कर रही हैं.
भारत के साथ बांग्लादेश के संबंध को लेकर डॉ. संदीप त्रिपाठी ने कहा कि बांग्लादेश 15 सालों से आर्थिक विकास के रास्ते पर था. इस पड़ोसी मुल्क के साथ हमारे अच्छे संबंध थे. हाल में दोनों देशों के बीच कंप्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट की बात हो रही थी. बांग्लादेश इस बात को लेकर उत्सुक था कि हम लोग फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर बात करें. दोनों देशों के बीच ट्रेड प्रोसेस आगे बढ़ रहा था. निवेश को लेकर बात चल रही थी.
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश हमारा एक बहुत महत्वपूर्ण पड़ोसी देश है और उसके सृजन में हमारी बहुत बड़ी भूमिका रही है. लेकिन पाकिस्तान और चीन जैसे देश चाहते हैं कि भारत के साथ बांग्लादेश के अच्छे संबंध नहीं रहें. शेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश के साथ पिछले 15 साल से भारत के रिश्ते बहुत अच्छे रहे. इसके कारण बांग्लादेश से सटे पांच राज्यों की सीमा को लेकर हम आश्वस्त थे और अवैध घुसपैठ जैसी समस्याओं पर सकारात्मक बातचीत हो रही थी.
उन्होंने कहा, बांग्लादेश की घटना भारत की सुरक्षा के मुद्दे से ये बहुत महत्वपूर्ण घटना है. सबसे महत्वपूर्ण बात है कि साउथ एशिया में बांग्लादेश, भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है. बांग्लादेश के लिए भी भारत दूसरा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है.
(आईएएनएस)
बांग्लादेशी संसद भंग होने के बाद आज बनेगी अंतरिम सरकार
शेख हसीना के इस्तीफा देने और देश छोड़कर भागने के एक दिन बाद और बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बीच सेना ने नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है. आज बांग्लादेशी संसद भंग हो जायेगी. बांग्लादेश में हिंसा का दौर शुरू होने से लेकर शेख हसीना के देश छोड़ने तक की पूरी कहानी को 10 बिंदुओं में समझें...
- बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने सोमवार देर शाम सैन्य समर्थित कार्यवाहक सरकार के गठन पर चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान, नौसेना और वायुसेना के प्रमुख और बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी पार्टी सहित कई विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया.
- राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री और प्रमुख विपक्षी नेता खालिदा जिया को रिहा करने का भी आदेश दिया, इसके कुछ ही घंटों बाद उनकी कट्टर प्रतिद्वंद्वी शेख हसीना को पद से हटा दिया गया.
- सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान ने सोमवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में घोषणा की कि शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने उसी समय बताया कि सेना अंतरिम सरकार बनाएगी. जनरल वाकर ने कहा कि देश को बहुत नुकसान हुआ है, अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा है, कई लोग मारे गए हैं - अब हिंसा को रोकने का समय आ गया है.
- बताया जाता है कि बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की बेटी शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए 45 मिनट का अल्टीमेटम दिया गया था.
- इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री के रूप में अपना पांचवां कार्यकाल शुरू करने वाली हसीना इस्तीफा देने के बाद राज्य की राजधानी ढाका से सैन्य विमान से भारत के लिए रवाना हुईं. 76 वर्षीय हसीना के साथ उनकी छोटी बहन शेख रेहाना भी हैं.
- दिल्ली से करीब 30 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में हिंडन एयरफोर्स बेस पर उतरने के बाद शाम को शेख हसीना ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की. हसीना के बाद में लंदन जाने की उम्मीद है, जहां वह राजनीतिक शरण मांग रही हैं.
- विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बांग्लादेश की स्थिति के बारे में जानकारी दी. अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि मोदी हसीना से मिलेंगे या नहीं.
- शेख हसीना के भाग जाने के बाद पश्चिमी शक्तियों ने बांग्लादेश में शांति बनाए रखने का आह्वान किया. अमेरिका ने सभी पक्षों से 'आगे की हिंसा से बचने' का आह्वान किया, जबकि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने 'शांतिपूर्ण, व्यवस्थित और लोकतांत्रिक परिवर्तन' का आह्वान किया.
- शेख हसीना ने जुलाई की शुरुआत से ही अपनी सरकार के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों को दबाने की कोशिश की थी, लेकिन रविवार को हुए क्रूर उपद्रव के बाद उन्हें देश छोड़कर भागना पड़ा.
- सरकारी नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली को खत्म करने की छात्र समूहों की मांगों के बाद जून में विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ, जो उनके शासन को समाप्त करने की मांग करने वाले आंदोलन में बदल गया.
आज भंग होगी बांग्लादेशी संसद
शेख हसीना के इस्तीफा देने और देश छोड़कर भागने के एक दिन बाद और बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बीच सेना ने नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है. आज बांग्लादेशी संसद भंग हो जायेगी.
शेख हसीना के रिश्तेदार ने ही उन्हें सत्ता से किया बेदखल, जानें कौन हैं बांग्लादेश के सेना प्रमुख वेकर-उज-जमान
अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, भारतीय सुरक्षा अधिकारियों के आकलन से पता चलता है कि बांग्लादेश में विद्रोह का मुख्य नायक सेना प्रमुख वकार-उज-जमान ही था. जमान को चीन का करीबी माना जाता है. हालांकि उन्हें 23 जून को हसीना ने नियुक्त किया था और वे हसीना के रिश्तेदार हैं, लेकिन उस समय कुछ बांग्लादेशी अधिकारियों ने भारत को संकेत दिया था कि उन्हें सेना प्रमुख के रूप में नामित करना एक गलती हो सकती है. बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार-उज-जमान को बंग्लादेश में सत्ता परिवर्तन का मुख्य किरदार माना जाता है. सेना प्रमुख ने ही सोमवार को शेख हसीना को पद से हटाने की घोषणा की. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया. प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के ढाका में उनके आधिकारिक आवास पर धावा बोल दिया. सैकड़ों छात्रों और सुरक्षा अधिकारियों की जान लेने वाले विरोध प्रदर्शनों के कारण इस्तीफा देने के बाद शेख हसीना को ढाका से एक सैन्य हेलीकॉप्टर में भारत ले जाया गया. शेख हसीना कथित तौर पर नई दिल्ली पहुंच गई हैं और लंदन के लिए उड़ान भरेंगी. बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार-उज-जमान ने उनके इस्तीफे की घोषणा की. उन्होंने कहा कि उनकी अनुपस्थिति में एक अंतरिम सरकार बनाई जाएगी.
ढाका में रात एक से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में रात एक बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू की घोषणा की गई है. बांग्लादेश की राजधानी ढाका में मंगलवार रात एक से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू रहेगा. इसके बाद यहां सरकारी, अर्ध-सरकारी, स्वायत्त, अर्ध-स्वायत्त, निजी संस्थान, कारखाने, स्कूल, कॉलेज, मदरसे, विश्वविद्यालय समेत सभी शैक्षणिक संस्थान खुल जाएंगे.
(आईएएनएस)
ब्रिटेन में शरण मिलने तक शेख हसीना भारत में ही रहेंगी
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना फिलहाल भारत में ही रहेंगी. भारत सरकार ने सोमवार को उनकी सरकार के पतन के बाद अंतरिम प्रवास की इजाजत दे दी है. डेली सन ने एक रिपोर्ट में कहा, इस अवधि के दौरान, हसीना को ब्रिटेन में शरण प्राप्त करने तक भारत सभी तरह की सहायता प्रदान करेगा. उनके ब्रिटेन में स्थानांतरण तक, भारत में उनके प्रवास को केवल अस्थायी रूप से मंजूरी दी गई है.
अभूतपूर्व सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद सोमवार को हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और भारत के रास्ते लंदन जाने वाली हैं. डेली सन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अभी तक, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री को राजनीतिक शरण दिए जाने के संबंध में ब्रिटेन सरकार की ओर से कोई पुष्टि नहीं की गई है. हसीना वर्तमान में ब्रिटेन में शरण मांग रही हैं, उनके साथ उनकी बहन रेहाना भी हैं, जो ब्रिटेन की नागरिक हैं.
बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर रहमान की छोटी बेटी रेहाना शेख हसीना की छोटी बहन भी हैं. उनकी बेटी ट्यूलिप सिद्दीक ब्रिटेन में लेबर पार्टी से संसद की सदस्य हैं. इस बीच, भारत सरकार के सूत्रों ने कहा कि नई दिल्ली ढाका में तेजी से हो रहे घटनाक्रम पर करीब से नजर रखे हुए है. ढाका में बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने कहा कि हसीना ने इस्तीफा दे दिया है और अंतरिम सरकार जिम्मेदारी संभाल रही है. उन्होंने टेलीविजन पर दिए गए संबोधन में कहा कि मैं (देश की) सारी जिम्मेदारी ले रहा हूं. कृपया सहयोग करें.
(आईएएनएस)
ब्रिटेन के विदेश सचिव ने विरोध प्रदर्शनों के बीच बांग्लादेश में संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में जांच का आह्वान किया
ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी ने बांग्लादेश की स्थिति के बारे में चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि इस हिंसा को समाप्त करने के लिए सभी को मिलकर काम करने की आवश्यकता है. इसके अलावा, उन्होंने बांग्लादेश में हाल की घटनाओं की संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में पूर्ण और स्वतंत्र जांच का भी आग्रह किया. ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी ने कहा कि बांग्लादेश के लोग पिछले कुछ हफ्तों की घटनाओं की संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में पूर्ण और स्वतंत्र जांच के हकदार हैं. इसके अतिरिक्त, डेविड लैमी ने संकट की गंभीरता को उजागर करते हुए स्थिति को अभूतपूर्व बताया. ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी ने कहा कि बांग्लादेश में पिछले दो हफ्तों में अभूतपूर्व स्तर की हिंसा और दुखद जानमाल की हानि देखी गई है. सेना प्रमुख ने देश में जल्द ही नई सरकार गठित करने की घोषणा की है.