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केन्या में कर-विरोधी प्रदर्शन में 39 की मौत, 360 से अधिक घायल: राइट्स वॉचडॉग - Kenya protest

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By ANI

Published : Jul 2, 2024, 7:05 AM IST

Kenya anti-tax protest 39 killed over 360 injured: केन्या में कर-विरोधी प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया. केन्या राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान काफी संख्या में लोग हताहत हुए. बाद में सरकार ने बढ़े हुए करों को वापस ले लिया.

Kenya protest
केन्या में विरोध-प्रदर्शन (प्रतिकात्मक फोटो) (IANS)

नैरोबी: केन्या में नए कर वृद्धि के खिलाफ हाल ही में हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों में कम से कम 39 लोगों की जान चली गई. यह जानकारी अल जजीरा ने राष्ट्रीय अधिकार निगरानी संस्था के हवाले से दी है. केन्या में इस सप्ताह विरोध प्रदर्शन के एक नए दौर के लिए कार्यकर्ताओं ने कमर कस ली है.

केन्या राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (KNCHR) ने सोमवार को मृतकों की संख्या की घोषणा की. ये सरकार द्वारा पहले बताए गए उन लोगों के आंकड़ों से लगभग दोगुना है. वे सभी कर वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए मारे गए थे. इस व्यापक विरोध-प्रदर्शन के बाद बढ़े हुए कर को वापस ले लिया गया. केएनसीएचआर के रिकॉर्ड से यह भी पता चला है कि देश भर में विरोध प्रदर्शनों के कारण 39 लोग मारे गए हैं और 361 लोग घायल हुए हैं.

राज्य द्वारा वित्तपोषित निकाय ने एक बयान में कहा कि ये आंकड़े 18 जून से एक जुलाई तक की अवधि के हैं. इसमें आगे कहा गया है कि जबरन या अनैच्छिक रूप से गायब होने के 32 मामले और 627 प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी हुई है. ज्यादातर युवा जेन-जेड प्रदर्शनकारियों के नेतृत्व में बड़े बड़े पैमाने पर शांतिपूर्ण कर-विरोधी रैलियों में शामिल थे.

मंगलवार को जब सांसदों ने विवादास्पद कानून पारित किया तो ये शांतिपूर्ण कर-विरोधी प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया. बाद में मतदान की घोषणा के बाद भीड़ ने मध्य नैरोबी में संसद परिसर में तोड़फोड़ की और पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाए जाने के कारण परिसर में आंशिक रूप से आग लगा दी गई.

विशेष रूप से यह राष्ट्रपति विलियम रुटो की सरकार के सामने आने वाला सबसे गंभीर संकट है, क्योंकि उन्होंने सितंबर 2022 में एक अशांत क्षेत्र में स्थिरता का प्रतीक माने जाने वाले राष्ट्र में विभाजनकारी चुनाव के बाद पदभार संभाला था. रुटो ने रविवार को एक टेलीविजन साक्षात्कार में कहा कि विरोध प्रदर्शनों में 19 लोग मारे गए थे, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके हाथों पर खून नहीं है और मौतों की जांच का वादा किया.

मानवाधिकार संस्था ने कहा कि केएनसीएचआर प्रदर्शनकारियों, चिकित्सा कर्मियों, वकीलों, पत्रकारों और सुरक्षित स्थानों जैसे चर्च, चिकित्सा आपातकालीन केंद्रों और एम्बुलेंसों पर की गई अनुचित हिंसा और बल प्रयोग की कड़े शब्दों में निंदा करता है. इसमें कहा गया, 'हमारा मानना ​​है कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ इस्तेमाल किया गया बल अत्यधिक और अनुपातहीन था.' निगरानी संस्था ने यह भी कहा कि वह संसद और अन्य सरकारी इमारतों सहित कुछ प्रदर्शनकारियों द्वारा प्रदर्शित की गई हिंसक और चौंकाने वाली अराजकता की कड़ी निंदा करती है.

इसके अलावा कार्यकर्ताओं ने मंगलवार से नए सिरे से विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है, जबकि पिछले सप्ताह रुटो ने घोषणा की थी कि वे कर वृद्धि वाले विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे. इसके अतिरिक्त, सोशल मीडिया पर 'ऑक्यूपाई एवरीवेयर (Occupy Everywhere), 'रूटो मस्ट गो' (Ruto must go) और 'रिजेक्ट बजटेड करप्शन' (Reject Budgeted Corruption) जैसे हैशटैग के साथ पर्चे पोस्ट किए गए.

भारत ने जारी किया परामर्श : भारत ने केन्या में अपने नागरिकों के लिए भी एक परामर्श जारी किया है, क्योंकि कर वृद्धि के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया, जिससे अफ्रीकी देश में उपद्रव मच गया. केन्या स्थित भारतीय दूतावास ने पहले वहां भारतीय नागरिकों को सलाह दी थी कि वे अत्यधिक सावधानी बरतें, अनावश्यक आवाजाही को प्रतिबंधित करें.

साथ ही स्थिति सामान्य होने तक विरोध-प्रदर्शनों और हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में जाने से बचें. दूतावास ने कहा, 'मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए, केन्या में सभी भारतीयों को अत्यधिक सावधानी बरतने, अनावश्यक आवाजाही को प्रतिबंधित करने तथा स्थिति सामान्य होने तक विरोध-प्रदर्शनों और हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में जाने से बचने की सलाह दी जाती है.'

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केन्या राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (KNCHR) ने सोमवार को मृतकों की संख्या की घोषणा की. ये सरकार द्वारा पहले बताए गए उन लोगों के आंकड़ों से लगभग दोगुना है. वे सभी कर वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए मारे गए थे. इस व्यापक विरोध-प्रदर्शन के बाद बढ़े हुए कर को वापस ले लिया गया. केएनसीएचआर के रिकॉर्ड से यह भी पता चला है कि देश भर में विरोध प्रदर्शनों के कारण 39 लोग मारे गए हैं और 361 लोग घायल हुए हैं.

राज्य द्वारा वित्तपोषित निकाय ने एक बयान में कहा कि ये आंकड़े 18 जून से एक जुलाई तक की अवधि के हैं. इसमें आगे कहा गया है कि जबरन या अनैच्छिक रूप से गायब होने के 32 मामले और 627 प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी हुई है. ज्यादातर युवा जेन-जेड प्रदर्शनकारियों के नेतृत्व में बड़े बड़े पैमाने पर शांतिपूर्ण कर-विरोधी रैलियों में शामिल थे.

मंगलवार को जब सांसदों ने विवादास्पद कानून पारित किया तो ये शांतिपूर्ण कर-विरोधी प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया. बाद में मतदान की घोषणा के बाद भीड़ ने मध्य नैरोबी में संसद परिसर में तोड़फोड़ की और पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाए जाने के कारण परिसर में आंशिक रूप से आग लगा दी गई.

विशेष रूप से यह राष्ट्रपति विलियम रुटो की सरकार के सामने आने वाला सबसे गंभीर संकट है, क्योंकि उन्होंने सितंबर 2022 में एक अशांत क्षेत्र में स्थिरता का प्रतीक माने जाने वाले राष्ट्र में विभाजनकारी चुनाव के बाद पदभार संभाला था. रुटो ने रविवार को एक टेलीविजन साक्षात्कार में कहा कि विरोध प्रदर्शनों में 19 लोग मारे गए थे, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके हाथों पर खून नहीं है और मौतों की जांच का वादा किया.

मानवाधिकार संस्था ने कहा कि केएनसीएचआर प्रदर्शनकारियों, चिकित्सा कर्मियों, वकीलों, पत्रकारों और सुरक्षित स्थानों जैसे चर्च, चिकित्सा आपातकालीन केंद्रों और एम्बुलेंसों पर की गई अनुचित हिंसा और बल प्रयोग की कड़े शब्दों में निंदा करता है. इसमें कहा गया, 'हमारा मानना ​​है कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ इस्तेमाल किया गया बल अत्यधिक और अनुपातहीन था.' निगरानी संस्था ने यह भी कहा कि वह संसद और अन्य सरकारी इमारतों सहित कुछ प्रदर्शनकारियों द्वारा प्रदर्शित की गई हिंसक और चौंकाने वाली अराजकता की कड़ी निंदा करती है.

इसके अलावा कार्यकर्ताओं ने मंगलवार से नए सिरे से विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है, जबकि पिछले सप्ताह रुटो ने घोषणा की थी कि वे कर वृद्धि वाले विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे. इसके अतिरिक्त, सोशल मीडिया पर 'ऑक्यूपाई एवरीवेयर (Occupy Everywhere), 'रूटो मस्ट गो' (Ruto must go) और 'रिजेक्ट बजटेड करप्शन' (Reject Budgeted Corruption) जैसे हैशटैग के साथ पर्चे पोस्ट किए गए.

भारत ने जारी किया परामर्श : भारत ने केन्या में अपने नागरिकों के लिए भी एक परामर्श जारी किया है, क्योंकि कर वृद्धि के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया, जिससे अफ्रीकी देश में उपद्रव मच गया. केन्या स्थित भारतीय दूतावास ने पहले वहां भारतीय नागरिकों को सलाह दी थी कि वे अत्यधिक सावधानी बरतें, अनावश्यक आवाजाही को प्रतिबंधित करें.

साथ ही स्थिति सामान्य होने तक विरोध-प्रदर्शनों और हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में जाने से बचें. दूतावास ने कहा, 'मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए, केन्या में सभी भारतीयों को अत्यधिक सावधानी बरतने, अनावश्यक आवाजाही को प्रतिबंधित करने तथा स्थिति सामान्य होने तक विरोध-प्रदर्शनों और हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में जाने से बचने की सलाह दी जाती है.'

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