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बकिंघम पैलेस में चीनी जासूस, मची हलचल, प्रिंस एंड्रयू के करीबी के तहत ली एंट्री - CHINA SPY IN BUCKINGHAM PALACE

China Spy In Buckingham Palace: पूर्व प्रधानमंत्री कैमरून और थेरेसा मे की तरफ से अभी तक कोई बयान नहीं आया है.

China Spy In Buckingham Palace
बकिंघम पैलेस में चीनी जासूस (AFP)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

लंदन: ब्रिटेन की राजनीति में इस समय हलचल मची है. बता दें, एक चीनी जासूस को लेकर सारा मामला चर्चा का विषय बना है. पता चला है कि चीन का एक जासूस किंग चार्ल्स तृतीय के छोटे भाई प्रिंस एंड्रयू के करीबी के तहत बकिंघम पैलेस में एंटूी ली. इसके साथ-साथ उसने पूर्व प्रधानमंत्री कैमरून और थेरेसा में से भी मुलाकात की थी.

अभी तक इस जासूस की पहचान नहीं हो सकी है, लेकिन इसे "एच6' के नाम से पहचाना जाता है. हालांकि कैमरून और थेरेसा में की तरफ से अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है. इस बीच, थेरेसा मे के प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें यह याद नहीं है कि यह तस्वीर कब और कहां ली गई थी या वह व्यक्ति कौन था. इससे पहले, ड्यूक ऑफ यॉर्क एंड्रयू ने एक बयान में कहा था कि उन्होंने कथित जासूस के साथ 'सभी संपर्क बंद कर दिए हैं'.

डेविड कैमरून के एक करीबी, जो अब लॉर्ड कैमरून हैं, ने स्काई न्यूज को बताया कि एक दशक से ज्यादा समय तक कंजर्वेटिव पार्टी के नेता और छह साल तक प्रधानमंत्री रहे. उस दौरान उन्होंने सैकड़ों समारोहों और कार्यक्रमों में हजारों लोगों से मुलाकात की. हमारे पास इस व्यक्ति के बारे में कोई और जानकारी नहीं है.

यह खुलासा इस सप्ताह की शुरुआत में सामने आया, जिसके बाद इस जासूस 'एच6' को राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे के चलते यूके में आने से रोक दिया गया था. जुलाई में एक विशेष आव्रजन अपील आयोग (एसआईएसी) ने सुनवाई की कि उस व्यक्ति को 2020 में प्रिंस एंड्रयू की जन्मदिन की पार्टी में आमंत्रित किया गया था और एक शाही सहयोगी ने उसे बताया था कि वह चीन में संभावित निवेशकों के साथ काम करते समय ड्यूक की ओर से काम कर सकता है.

एक बयान में, प्रिंस एंड्रयू के कार्यालय ने कहा कि ड्यूक ने 'आधिकारिक चैनलों के माध्यम से' उस व्यक्ति से मुलाकात की थी और 'किसी भी संवेदनशील प्रकृति की कोई चर्चा नहीं हुई थी. वहीं, ब्रिटेन में चीनी दूतावास ने जासूसी के आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि 'ब्रिटेन में कुछ लोग हमेशा चीन को निशाना बनाकर आधारहीन 'जासूसी' कहानियां गढ़ने के लिए उत्सुक रहते हैं. प्रवक्ता ने आगे कहा उनका उद्देश्य चीन को बदनाम करना और चीनी और ब्रिटिश कर्मियों के बीच सामान्य आदान-प्रदान को बाधित करना है.

हालांकि, पूर्व मंत्री गिलियन कीगन ने रविवार को कहा कि ब्रिटेन को 'हमेशा सतर्क रहना चाहिए', और यह 'आश्चर्यजनक है कि लोग' चीन की गतिविधियों से हैरान हैं, क्योंकि चीन जाने वाले लोगों को सुरक्षा सलाह 30 साल पहले से दी जा रही है. वे हमारे लिए सबसे बड़ा रणनीतिक खतरा हैं. वे रूस से भी कहीं ज़्यादा बड़ा रणनीतिक खतरा हैं. ब्रिटेन की गृह सचिव यवेट कूपर ने लेबर सरकार के रुख को स्पष्ट करते हुए कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि देश की सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां ​​'ब्रिटेन की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किसी भी खतरे के प्रति निरंतर सतर्क रहें.'

पढ़ें: रूस ने जासूसी के आरोप में ब्रिटिश राजनयिक को किया निष्कासित - BRITISH DIPLOMAT WAS FIRED

लंदन: ब्रिटेन की राजनीति में इस समय हलचल मची है. बता दें, एक चीनी जासूस को लेकर सारा मामला चर्चा का विषय बना है. पता चला है कि चीन का एक जासूस किंग चार्ल्स तृतीय के छोटे भाई प्रिंस एंड्रयू के करीबी के तहत बकिंघम पैलेस में एंटूी ली. इसके साथ-साथ उसने पूर्व प्रधानमंत्री कैमरून और थेरेसा में से भी मुलाकात की थी.

अभी तक इस जासूस की पहचान नहीं हो सकी है, लेकिन इसे "एच6' के नाम से पहचाना जाता है. हालांकि कैमरून और थेरेसा में की तरफ से अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है. इस बीच, थेरेसा मे के प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें यह याद नहीं है कि यह तस्वीर कब और कहां ली गई थी या वह व्यक्ति कौन था. इससे पहले, ड्यूक ऑफ यॉर्क एंड्रयू ने एक बयान में कहा था कि उन्होंने कथित जासूस के साथ 'सभी संपर्क बंद कर दिए हैं'.

डेविड कैमरून के एक करीबी, जो अब लॉर्ड कैमरून हैं, ने स्काई न्यूज को बताया कि एक दशक से ज्यादा समय तक कंजर्वेटिव पार्टी के नेता और छह साल तक प्रधानमंत्री रहे. उस दौरान उन्होंने सैकड़ों समारोहों और कार्यक्रमों में हजारों लोगों से मुलाकात की. हमारे पास इस व्यक्ति के बारे में कोई और जानकारी नहीं है.

यह खुलासा इस सप्ताह की शुरुआत में सामने आया, जिसके बाद इस जासूस 'एच6' को राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे के चलते यूके में आने से रोक दिया गया था. जुलाई में एक विशेष आव्रजन अपील आयोग (एसआईएसी) ने सुनवाई की कि उस व्यक्ति को 2020 में प्रिंस एंड्रयू की जन्मदिन की पार्टी में आमंत्रित किया गया था और एक शाही सहयोगी ने उसे बताया था कि वह चीन में संभावित निवेशकों के साथ काम करते समय ड्यूक की ओर से काम कर सकता है.

एक बयान में, प्रिंस एंड्रयू के कार्यालय ने कहा कि ड्यूक ने 'आधिकारिक चैनलों के माध्यम से' उस व्यक्ति से मुलाकात की थी और 'किसी भी संवेदनशील प्रकृति की कोई चर्चा नहीं हुई थी. वहीं, ब्रिटेन में चीनी दूतावास ने जासूसी के आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि 'ब्रिटेन में कुछ लोग हमेशा चीन को निशाना बनाकर आधारहीन 'जासूसी' कहानियां गढ़ने के लिए उत्सुक रहते हैं. प्रवक्ता ने आगे कहा उनका उद्देश्य चीन को बदनाम करना और चीनी और ब्रिटिश कर्मियों के बीच सामान्य आदान-प्रदान को बाधित करना है.

हालांकि, पूर्व मंत्री गिलियन कीगन ने रविवार को कहा कि ब्रिटेन को 'हमेशा सतर्क रहना चाहिए', और यह 'आश्चर्यजनक है कि लोग' चीन की गतिविधियों से हैरान हैं, क्योंकि चीन जाने वाले लोगों को सुरक्षा सलाह 30 साल पहले से दी जा रही है. वे हमारे लिए सबसे बड़ा रणनीतिक खतरा हैं. वे रूस से भी कहीं ज़्यादा बड़ा रणनीतिक खतरा हैं. ब्रिटेन की गृह सचिव यवेट कूपर ने लेबर सरकार के रुख को स्पष्ट करते हुए कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि देश की सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां ​​'ब्रिटेन की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किसी भी खतरे के प्रति निरंतर सतर्क रहें.'

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