हैदराबाद : जाने-माने यूनानी शिक्षा पद्धति के विद्वान हकीम अजमल खान 11 फरवरी 1868 को दिल्ली में हुआ था. देश में यूनानी चिकित्सा पद्धति और शिक्षा में उनके योगदान को याद करने के लिए हर साल 11 फरवरी को विश्व यूनानी दिवस मनाया जाता है. बता दें कि हकीम अजमल खान बेहतरीन चिकित्सक के अलावा बेतरीन राजनेता भी थे. वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे. इसके अलावा अजमल खान कवि के साथ-साथ आज के समय में देश के बेहतरीन शिक्षा संस्थानों में एक जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय और आयुर्वेदिक व यूनानी तिब्बिया कॉलेज दिल्ली की स्थापना में उनका महत्वपूर्ण योगदान है. यही नहीं वे जामिया मिलिया इस्लामिया के स्थापना काल से जीवन के अंतिम दिनों तक चांसलर रहे.
हकीम अजमल खान से जुड़ी प्रमुख बातें
- हकीम अजमल खान का जन्म 11 फरवरी 1868 को दिल्ली में हुआ था
- 59 साल की आयु में 20 दिसंबर 1927 को उनका निधन हो गया.
- आयुर्वेदिक व यूनानी तिब्बिया कॉलेज दिल्ली के संस्थापक
- जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली के संस्थापकों में से एक रहे हैं.
- ऑल इंडिया मुस्लिम लीग के संस्थापक सदस्य व अध्यक्ष रहे.
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष (1921) पद पर भी आसीन रहे.
- वे राष्ट्रपिता महत्मा गांधी के काफी करीबी थे.
श्रीनगर में यूनानी दिवस पर विशेष आयोजन
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन (आईआईआईएम) और ट्रेडिशनल नॉलेज डिजिटल लाइब्रेरी यूनिट के सहयोह से 13 फरवरी को श्रीनगर में यूनानी दिवस पर विशेष आयोजन होगा. दुनिया भर के पेटेंट कार्यालयों में भारतीय पारंपरिक ज्ञान की रक्षा के लिए सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने पर फोकस किया जायेगा. साथ ही यूनानी उपचारों के उपयोग के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाया जायेगा. आयोजन में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों को पारंपरिक ज्ञान की अपनी तरह जैव विविधता चोरी के खिलाफ एक प्रभावी निवारक साबित हुआ है.
वह एक महान मुस्लिम और उतने ही महान भारतीय थे. उन्होंने हिंदुओं और मुसलमानों का समान रूप से नेतृत्व किया. इसके बदले में दोनों उन्हें समान रूप से सम्मान और प्यार देते थे.-हकीम अजमल खान ने निधन पर महात्मा गांधी ने 'यंग इंडिया' में लिखा
उद्देश्य:
- आम लोगों को यूनानी चिकित्सा और जीवन जीने के प्राकृतिक तरीके के बारे में जागरूक करना.
- जनता के बीच यूनानी चिकित्सा के बारे में जागरूकता पैदा करना.
- तेजी से ठीक होने और बेहतर स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए यूनानी चिकित्सा उपयोगिता के बारे में बताना.
- यूनानी चिकित्सा के लिए सार्वजनिक भागीदारी और जागरूकता बढ़ाना.
- यूनानी चिकित्सा के माध्यम से स्वयं और अपने समुदाय की सहायता करना सीखना.
- यूनानी चिकित्सा के माध्यम से घरेलू उपचार, किचन गार्डन और किचन फार्मेसी को प्रोत्साहित करना.
- सरल एवं यूनानी चिकित्सा को जीवन में अपनाने की अपील करना