हैदराबाद : हर साल मार्च के दूसरे गुरुवार को विश्व किडनी दिवस मनाया जाता है. इस साल विश्व किडनी दिवस 14 मार्च को मनाया जा रहा है. इस अवसर पर मानव शरीर के अंगों में किडनी की महत्वपूर्ण उपयोगिता पर लोगों को जागरुक किया जाता है, ताकि किडनी से संबंधित रोगों से बचा जा सके. किडनी स्वास्थ्य सुनिश्चित करता है कि शरीर के अपशिष्ट को सही तरीके से फिल्टर करने और संतुलित मात्रा में हार्मोन का उत्पादन करने में सक्षम है, जो सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करता है. किडनी के बेहतर सेहत के लिए आवश्यक है. हम अपनी आहारी आदत को बेहतर करें.
इन कारणों से किडनी को सकता है डैमेज
- दर्द निवारक/ पेन किलर का अत्यधिक उपयोग
- अत्यधिक मात्रा में नमक के उपयोग से बीपी बढ़नता है. बीपी किडनी को नुकसान होता है.
- भोजन में ज्यादा मात्रा में नमक का उपयोग
- प्रसंस्कृत भोजन का नियमित उपयोग
- नियमित रूप से पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीनी.
- नियमित रूप से पर्याप्त नींद नहीं लेना.
- अत्यधिक मांसाहार करना
- जरूरत से ज्यादा मात्रा में सुगर का उपयोग
- स्मोकिंग किडनी के लिए हानिकारक है
- शारीरिक परिश्रम शून्य होना
- हाइपरटेंशन और मधुमेह (सुगर) पीड़ितों की ओर से नियमित रूप से किडनी की जांच न कराना.
कैसे धूम्रपान किडनी को पहुंचाता है नुकसान
- बीपी और हर्ट बीट बढ़ जाता है
- किडनी में ब्लड फ्लो कम हो जाता है
- किडनी में एंजियोटेंसिन टू नामक हार्मोन का उत्पादन बढ़ा जाता है
- किडनी में रक्त वाहिकाओं को संकुचित करता है
- रक्त धमनियों की शाखाओं को नुकसान पहुंचाता है
- किडनी की धमनियां में फैलाव होता है
- किडनी की धमनियां सख्त हो जाती है.
बार-बार यह सवाल आता किडनी को स्वस्थ कैसे रखा जाए. इस बारे में डॉक्टरों का मामना है कि किडनी को नुकसान पहुंचाने वाली आहार शैली से बचने के साथ-साथ कुछ अन्य बातों को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है. इन में सबसे महत्वपूर्ण रोजाना उचित मात्रा में पानी पीना. दिन में कम से कम 10 से 12 ग्लास पानी पीयें. खासकर गर्मियों के मौसम में निर्जलीकरण से बचने के लिए इस पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए. किडनी रोग के किसी भी चेतावनी संकेत या लक्षण को कभी भी नजरअंदाज न करें और ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें.
- पेशाब के रंग, स्थिरता कोई बदलाव
- दुर्गंधयुक्त मूत्र की उपस्थिति
- पेशाब में झाग आना
- पेशाब करते समय जलन महसूस होना
- आंखों के आसपास सूजन
- कमजोरी, एनोरेक्सिया, थकान
- मतली, उल्टी करने की प्रवृत्ति, उल्टी के एपिसोड
- सूखी, खुजलीदार त्वचा
- नई शुरुआत वाले उच्च रक्तचाप या एनीमिया (कम हीमोग्लोबिन) का पता लगाना
- पीठ दर्द या पेट के निचले हिस्से में दर्द