हैदराबाद : हेड इंजरी, सिर पर लगने वाली चोट, कट या हड्डियों के टूटने के संदर्भ में सामूहिक रूप से उपयोग किया जाता है. यह स्थिति किसी हादसे या किसी हमले के कारण पैदा हो सकता है. इससे सिर के किसी हिस्से में आंतरिक/बाह्य रक्तस्राव हो सकता है. सिर की हड्डियां टूट सकती हैं. ऐसे किसी भी परिस्थिति में इंसान ब्रेन हेमरेज के कारण अपंग हो सकता है.
इसांन कोमा में जा सकता है या उसकी मौत हो सकती है. हर साल सड़क हादसे, प्राकृतिक आपदा, इंसानी भूल या लापरवाही के कारण होने वाले हेड इंजरी से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो जाती है. ज्यादातर मामलों में सतर्कता व जागरूकता से हेड इंजूरी से होने वाली मौतों से बचा जा सकता है. इस बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल वर्ल्ड हेड इंजरी अवेयरनेस डे मनाया जाता है.
हेलमेट-सीट बेल्ट नहीं पहनने के कारण 66744 लोगों की गई जान
यातायात नियमों का पालन नहीं करने के कारण बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो जा रही है. Road Accidents In India 2022 के अनुसार सड़क हादसे में हेलमेट नहीं पहनने वाले 50,029 लोग मारे गये. इनमें 35,692 चालकों की मौत हो गई. वहीं बाइक पर पीछे बैठे 14,337 सह यात्री की मौत हो गई. वहीं 1,01,891 बाइक सवार घायल हो गये. इनमें 65,584 बाइक चालक और 38,307 सहयात्री शामिल थे. साल 2022 में सड़क हादसें कुल मृतकों में 16,715 लोगों ने हादसे के समय सीट बेल्ट नहीं पहना था. इनमें 8,384 वाहन चालक थे और 8331 यात्री थे. वहीं सड़क हादसे में सीट बेल्ट नहीं लगाने वाले 42,303 घायल हुए. इनमें 17,216 चालक और 25,087 यात्री शामिल थे.
हेड इंजरी में समय पर इलाज से बच सकती है कई जान
हेड इंजरी से नुकसान, हादसे की प्रकृति यानि माइल्ड (हल्के) और सिवियर (गंभीर) पर निर्भर करता है. हादसा पीड़ित अलग-अलग व्यक्तियों पर निर्भर करता है. लेकिन किसी भी स्थिति में हेड इंजरी के बाद समय पर जांच व उपचार जरूरी है. हेड इंजूरी के केस में गोल्डन पीरियड में मेडिकल सुविधा मिल जाने के कारण मरीज की जान बच सकती है. इसके लिए जरूरी है कि संबंधित अस्पताल में एक्स-रे, सीटी स्कैन या एमआरआई सहित अन्य जांच व उपचार की सुविधा मरीज को मिले. समय पर इलाज मिल जाने से पीड़ित व्यक्ति को डॉक्टरों की ओर से आवश्यकता अनुसार बर्फ लगाना, टांके लगाना, सर्जरी सहित अन्य विकल्प के माध्यम से मरीज को यथासंभव सुरक्षित किया जा सकता है. समय पर इलाज नहीं मिलने से मरीज की मौत तक हो सकती है.
हेड इंजरी से बचने के लिए इन उपायों का रखें ध्यान
- शराब पीकर / नशा कर वाहन न चलाएं.
- थके हुए हैं तो हमेशा वाहन चलाने से बचें.
- सतह समतल न हों तो बाइक चलाने से बचें.
- वाहन चलाते समय सीट-बेल्ट जरूर पहनें.
- समतल सतह न हो तो स्केटिंग करने से बचें.
- घर के अंदर-बाहर चिकनी सतह पर चलने से बचें.
- बाथरूम व सीढ़ियों की साफ-सफाई का ध्यान रखें.
- बच्चों को सख्त व पथरीली खेल मैदानों में खेलने से रोकें.
- घर में खिड़कियों व सीढ़ियों पर जाली या ग्रिल लगाएं.
- बाइक चलाते समय चालक व सह यात्री दोनों हेलमेट पहनें.
- वाहन चलाते समय सुरक्षात्मक उपयाय जूता सहित अन्य का उपयोग करें.
- समुद्र, नदी, पूल, पार्क सहित सार्वजनिक जगहों पर सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन करें.