नई दिल्ली: रोटी या चपाती भारतीय भोजन का एक प्रमुख हिस्सा है. इन्हें अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरह के आटे का इस्तेमाल करके बनाया और खाया जाता है. राजस्थान में बाजरे की रोटी आम है, जबकि पंजाब जैसे इलाकों में मैदा और दूसरे आटे से बनी नान की रोटी पसंद की जाती है.
इसके अलावा भारत के कई हिस्सों में लोग सिर्फ पैक किए हुए गेहूं के आटे से खाना बनाते हैं. इतना ही नहीं जैसे-जैसे लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो रहे हैं, वे बाजरे से बनी रोटियां चुन रहे हैं जिनमें कैलोरी कम और फाइबर ज्यादा होता है. यह रोटियां सेहत के लिए काफी फायदमेंद होती हैं.
न्यूट्रिशनिस्ट रुचिता बत्रा ने शेयर किया वीडियो
हाल ही में न्यूट्रिशनिस्ट रुचिता बत्रा ने वजन घटाने में मददगार कुछ बेहतरीन रोटियों के बारे में एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में उन्होंने अलग-अलग तरह की रोटियों को लिस्ट किया.
गेहूं की रोटी में लगभग 70 से 80 कैलोरी
इन रोटियों कम कैलोरी और कई तरह के माइक्रो न्यूट्रिशन्स होते हैं. वह पोस्ट की शुरुआत गेहूं की रोटी का जिक्र करती हैं, जो शायद भारत में सबसे आम रोटी है. बत्रा पोस्ट में लिखती हैं कि एक गेहूं की रोटी में लगभग 70 से 80 कैलोरी होती है. यह विटामिन B और मनिरल्स के भरपूर होती हैं.
फाइबर भरपूर होती है रागी की रोटी
इसके बाद वह रागी की रोटी के बारे में बताती हैं. इसमें लगभग 80 से 90 कैलोरी होती है. रागी में कैल्शियम, एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर भरपूर मात्रा में होते हैं. यह उन लोगों के लिए सबसे अच्छा विकल्प है जिन्हें हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए पोषण की आवश्यकता होती है.
ज्वार की रोटी में सिर्फ 50 से 60 कैलोरी
सूची में अगला नाम ज्वार की रोटी का है. एक ज्वार की रोटी में सिर्फ 50 से 60 कैलोरी होती है. ज्वार की खासियत इसका कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स है. ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने का मतलब है कि वे किसी के ब्लड ग्लूकोस लेवल को नहीं बढ़ाती हैं. इसके अलावा ज्वार का आटा ग्लूटेन-मुक्त होता है जो इसे उन लोगों के लिए एक आदर्श विकल्प बनाता है जो ग्लूटेन-मुक्त आटे के विकल्प की तलाश में हैं.
मल्टीग्रेन रोटी में खनिज और विटामिन
मल्टीग्रेन रोटी में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं. इससे आपके कई तरह के खनिज और विटामिन मिलते हैं. मल्टीग्रेन रोटी में 80 से 100 कैलोरी होती है. आटे के चुनाव के अलावा, रोटी बनाने की प्रक्रिया भी इसकी कैलोरी की मात्रा में योगदान देती है. अगर कोई रोटी में बहुत ज़्यादा घी या तेल डालकर पकाता है तो उसमें अपने आप कैलोरी बढ़ जाएगी, जबकि कम या बिना वसा वाली रोटी में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है. कुल मिलाकर बाजरे का आटा स्वास्थ्य और पाचन के लिए बहुत अनुकूल है.