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अगर आपको नजर आएं ये लक्षण तो समझ जाइए कि बच्चेदानी में हो गया है इंफेक्शन, भूलकर भी न करें नजरअंदाज

गर्भाशय या यूट्रस का इन्फेक्शन क्या होता है और ये क्यों होता? इस खबर के माध्यम से पढ़ें कि यह कितना खतरनाक हो सकता है....

What are the symptoms of uterus infection?
गर्भाशय या यूट्रस का इन्फेक्शन क्या होता है (CANVA)
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By ETV Bharat Health Team

Published : Nov 6, 2024, 4:41 PM IST

Updated : Nov 6, 2024, 4:57 PM IST

सर्वाइकल इन्फेक्शन आजकल अधिकांश महिलाओं को होने वाली समस्याओं में से एक है. यह इंफेक्शन अनुचित आहार, जीवनशैली में बदलाव और अन्य मेडिकल कंडीशन की वजह से हो सकता है. इस समस्या का समय पर करवाना जरूरी होता है, नहीं तो इसके कारण मौत भी हो सकती है. दरअसल, यह एक ऐसा condition है, जिसमें बैक्टीरिया या अन्य microorganisms गर्भाशय में घुस जाते हैं, जिससे सूजन और दर्द हो सकता है. अगर इसे नजरअंदाज किया जाए, तो ये फर्टिलिटी से जुड़ी गंभीर समस्या भी पैदा कर सकता है. तो चलिए, हम खबर में जानते हैं कि गर्भाशय का इन्फेक्शन कैसे होता है, इसके लक्षण क्या होते हैं और इसका इलाज कैसे किया जा सकता है...

गर्भाशय महिलाओं के शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है. गर्भाशय बहुत संवेदनशील होता है. इससे महिलाएं मां बनती हैं. इनमें चाहे किसी भी तरह का संक्रमण या समस्या हो, इसका असर महिलाओं की जिंदगी पर पड़ता ही है. सर्वाइकल इन्फेक्शन महिलाओं में होने वाली सबसे आम समस्याओं में से एक है. गर्भाशय में संक्रमण के कारण शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं. इस मुद्दे को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. जब गर्भाशय संक्रमित हो जाता है तो कुछ लक्षण दिखाई देते हैं. बेहतर होगा कि तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.

पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज (PID) भी कहते है
पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज (PID) महिला प्रजनन अंगों का एक संक्रमण है. यह अक्सर तब होता है जब यौन संचारित बैक्टीरिया आपकी योनि से आपके गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब या अंडाशय में फैल जाते हैं.

डॉक्टर को कब दिखाएं
यदि आपको निम्न अनुभव हो तो अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से मिलें या तत्काल चिकित्सा सहायता लें

  • आपके पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द
  • मतली और उल्टी, कुछ भी निगलने में असमर्थता
  • बुखार, तापमान 101 F (38.3 C) से अधिक
  • योनि से गंदा स्राव

यदि आपको पीआईडी ​​के ऐसे लक्षण और संकेत दिखाई देते हैं जो गंभीर नहीं हैं, तो भी जल्द से जल्द अपने चिकित्सक से मिलें. योनि स्राव में बदबू आना, पेशाब करते समय दर्द होना या पीरियड्स के बीच में रक्तस्राव होना भी यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) के लक्षण हो सकते हैं. यदि ये संकेत और लक्षण दिखाई देते हैं, तो सेक्स करना बंद कर दें और जल्द ही अपने चिकित्सक से मिलें। यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) का तुरंत उपचार पीआईडी ​​को रोकने में मदद कर सकता है.

गर्भाशय का इन्फेक्शन कैसे होता है?
गर्भाशय का इन्फेक्शन ज्यादातर बैक्टीरिया के रिप्रोडक्टिव ऑर्गन में घुसने से होता है. जानें यह किन-किन कारणों के चलते होता है...

सेक्सुअली ट्रांसमिटेड संक्रमण: क्लैमाइडिया और गोनोरिया आमतौर पर इसके लिए जिम्मेदार होते हैं

बैक्टीरियल वेजिनोसिस: जब वेजाइना में बैक्टीरिया का बैलेंस बिगड़ जाता है, तो इससे गर्भाशय में इन्फेक्शन हो सकता है

सर्जिकल कॉम्प्लिकेशन्स: जैसे सिजेरियन सेक्शन या से बैक्टीरिया गर्भाशय में पहुंच सकता है.

गर्भपात : अगर गर्भपात के बाद गर्भाशय पूरी तरह से साफ नहीं हुआ, तो संक्रमण हो सकता है.

चाइल्डबर्थ: बच्चे के जन्म के दौरान भी बैक्टीरिया यूट्रस में पहुंच सकता है, जिससे पोस्टपार्टम यूट्राइन संक्रमण हो सकता है.

यूट्रस इन्फेक्शन के लक्षण
अगर आपको बहुत ज्यादा सफेद डिस्चार्ज हो रहा है, अगर इसमें दुर्गंध आ रही है या फिर डिस्चार्ज का रंग हरा है तो इसे गर्भाशय में संक्रमण माना जा सकता है. अगर डिस्चार्ज में खून के धब्बे हों तो भी योनि में खुजली और जलन संक्रमण का कारण हो सकती है. इसके अलावा, पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द गर्भाशय संक्रमण का एक लक्षण है. अगर पेशाब के रंग में बदलाव हो या पेशाब के दौरान जलन हो तो भी आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.

यदि आप बिना किसी समस्या के गरिष्ठ आहार लेते हैं और ऊपर बताए गए लक्षणों के साथ गंभीर थकान, सुस्ती, पैरों, बाहों और कमर में तेज दर्द होता है, तो इसे गर्भाशय संक्रमण कहा जाता है.

अगर आपको बुखार या ठंड लग रही है, तो ये इन्फेक्शन की निशानी हो सकती है, अगर पेशाब करते वक्त जलन महसूस होती है, तो इन्फेक्शन फैल सकता है, अगर सेक्स करते समय असहजता हो रहा है, तो इसे नजरअंदाज न करें. अगर आपको गर्भाशय के इन्फेक्शन का शक है, तो डॉक्टर से मिलना बहुत जरूरी है.

बचाव के उपाय
यूट्रस के इन्फेक्शन से बचने के लिए कुछ अच्छी आदतें अपनाई जा सकती हैं

सेफ सेक्स का पालन करें, कंडोम का उपयोग करने से STIs का खतरा कम हो जाता है. रेगुलर चेक-अप और STIs की जांच जल्दी इन्फेक्शन को पकड़ सकती है, हाइजीन का ख्याल रखें, खासकर पीरियड के दौरान, इससे इन्फेक्शन का खतरा कम होता है. हेल्दी आहार लें, ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं, फल और हरी सब्जियों का अदिक सेवन करें.

https://www.nhs.uk/conditions/pelvic-inflammatory-disease-pid/causes/

https://www.webmd.com/baby/what-is-postpartum-endometritis

https://ufhealth.org/conditions-and-treatments/endometritis

(डिस्क्लेमर: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)

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सर्वाइकल इन्फेक्शन आजकल अधिकांश महिलाओं को होने वाली समस्याओं में से एक है. यह इंफेक्शन अनुचित आहार, जीवनशैली में बदलाव और अन्य मेडिकल कंडीशन की वजह से हो सकता है. इस समस्या का समय पर करवाना जरूरी होता है, नहीं तो इसके कारण मौत भी हो सकती है. दरअसल, यह एक ऐसा condition है, जिसमें बैक्टीरिया या अन्य microorganisms गर्भाशय में घुस जाते हैं, जिससे सूजन और दर्द हो सकता है. अगर इसे नजरअंदाज किया जाए, तो ये फर्टिलिटी से जुड़ी गंभीर समस्या भी पैदा कर सकता है. तो चलिए, हम खबर में जानते हैं कि गर्भाशय का इन्फेक्शन कैसे होता है, इसके लक्षण क्या होते हैं और इसका इलाज कैसे किया जा सकता है...

गर्भाशय महिलाओं के शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है. गर्भाशय बहुत संवेदनशील होता है. इससे महिलाएं मां बनती हैं. इनमें चाहे किसी भी तरह का संक्रमण या समस्या हो, इसका असर महिलाओं की जिंदगी पर पड़ता ही है. सर्वाइकल इन्फेक्शन महिलाओं में होने वाली सबसे आम समस्याओं में से एक है. गर्भाशय में संक्रमण के कारण शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं. इस मुद्दे को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. जब गर्भाशय संक्रमित हो जाता है तो कुछ लक्षण दिखाई देते हैं. बेहतर होगा कि तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.

पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज (PID) भी कहते है
पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज (PID) महिला प्रजनन अंगों का एक संक्रमण है. यह अक्सर तब होता है जब यौन संचारित बैक्टीरिया आपकी योनि से आपके गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब या अंडाशय में फैल जाते हैं.

डॉक्टर को कब दिखाएं
यदि आपको निम्न अनुभव हो तो अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से मिलें या तत्काल चिकित्सा सहायता लें

  • आपके पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द
  • मतली और उल्टी, कुछ भी निगलने में असमर्थता
  • बुखार, तापमान 101 F (38.3 C) से अधिक
  • योनि से गंदा स्राव

यदि आपको पीआईडी ​​के ऐसे लक्षण और संकेत दिखाई देते हैं जो गंभीर नहीं हैं, तो भी जल्द से जल्द अपने चिकित्सक से मिलें. योनि स्राव में बदबू आना, पेशाब करते समय दर्द होना या पीरियड्स के बीच में रक्तस्राव होना भी यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) के लक्षण हो सकते हैं. यदि ये संकेत और लक्षण दिखाई देते हैं, तो सेक्स करना बंद कर दें और जल्द ही अपने चिकित्सक से मिलें। यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) का तुरंत उपचार पीआईडी ​​को रोकने में मदद कर सकता है.

गर्भाशय का इन्फेक्शन कैसे होता है?
गर्भाशय का इन्फेक्शन ज्यादातर बैक्टीरिया के रिप्रोडक्टिव ऑर्गन में घुसने से होता है. जानें यह किन-किन कारणों के चलते होता है...

सेक्सुअली ट्रांसमिटेड संक्रमण: क्लैमाइडिया और गोनोरिया आमतौर पर इसके लिए जिम्मेदार होते हैं

बैक्टीरियल वेजिनोसिस: जब वेजाइना में बैक्टीरिया का बैलेंस बिगड़ जाता है, तो इससे गर्भाशय में इन्फेक्शन हो सकता है

सर्जिकल कॉम्प्लिकेशन्स: जैसे सिजेरियन सेक्शन या से बैक्टीरिया गर्भाशय में पहुंच सकता है.

गर्भपात : अगर गर्भपात के बाद गर्भाशय पूरी तरह से साफ नहीं हुआ, तो संक्रमण हो सकता है.

चाइल्डबर्थ: बच्चे के जन्म के दौरान भी बैक्टीरिया यूट्रस में पहुंच सकता है, जिससे पोस्टपार्टम यूट्राइन संक्रमण हो सकता है.

यूट्रस इन्फेक्शन के लक्षण
अगर आपको बहुत ज्यादा सफेद डिस्चार्ज हो रहा है, अगर इसमें दुर्गंध आ रही है या फिर डिस्चार्ज का रंग हरा है तो इसे गर्भाशय में संक्रमण माना जा सकता है. अगर डिस्चार्ज में खून के धब्बे हों तो भी योनि में खुजली और जलन संक्रमण का कारण हो सकती है. इसके अलावा, पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द गर्भाशय संक्रमण का एक लक्षण है. अगर पेशाब के रंग में बदलाव हो या पेशाब के दौरान जलन हो तो भी आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.

यदि आप बिना किसी समस्या के गरिष्ठ आहार लेते हैं और ऊपर बताए गए लक्षणों के साथ गंभीर थकान, सुस्ती, पैरों, बाहों और कमर में तेज दर्द होता है, तो इसे गर्भाशय संक्रमण कहा जाता है.

अगर आपको बुखार या ठंड लग रही है, तो ये इन्फेक्शन की निशानी हो सकती है, अगर पेशाब करते वक्त जलन महसूस होती है, तो इन्फेक्शन फैल सकता है, अगर सेक्स करते समय असहजता हो रहा है, तो इसे नजरअंदाज न करें. अगर आपको गर्भाशय के इन्फेक्शन का शक है, तो डॉक्टर से मिलना बहुत जरूरी है.

बचाव के उपाय
यूट्रस के इन्फेक्शन से बचने के लिए कुछ अच्छी आदतें अपनाई जा सकती हैं

सेफ सेक्स का पालन करें, कंडोम का उपयोग करने से STIs का खतरा कम हो जाता है. रेगुलर चेक-अप और STIs की जांच जल्दी इन्फेक्शन को पकड़ सकती है, हाइजीन का ख्याल रखें, खासकर पीरियड के दौरान, इससे इन्फेक्शन का खतरा कम होता है. हेल्दी आहार लें, ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं, फल और हरी सब्जियों का अदिक सेवन करें.

https://www.nhs.uk/conditions/pelvic-inflammatory-disease-pid/causes/

https://www.webmd.com/baby/what-is-postpartum-endometritis

https://ufhealth.org/conditions-and-treatments/endometritis

(डिस्क्लेमर: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)

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Last Updated : Nov 6, 2024, 4:57 PM IST
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