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बहुत ही आसान है ये वाला योग, सिर से लेकर पांव तक है फायदेमंद - Yoga benifits - YOGA BENIFITS

Yoga benifits : योग अभ्यास शरीर और मन दोनों के लिए अत्यंत लाभकारी है. योग करने से शरीर में रक्त संचार बेहतर ढंग से होता है, श्वास लेने की तकनीक बेहतर होती है, मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. इन सभी खूबियों से पूर्ण है सूर्य नमस्कार.

SURYA NAMSKAR PRACTICING SUN SALUTATION YOGA BENIFITS FOR HEALTH
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 24, 2024, 7:55 AM IST

Updated : Jul 24, 2024, 9:20 AM IST

हैदराबाद: सूर्य नमस्कार, जिसे अंग्रेजी में "Sun Salutation" कहा जाता है, योग का एक प्रमुख अभ्यास है जो शरीर और मन दोनों के लिए अत्यंत लाभकारी है. सूर्य नमस्कार दरअसल एक आसन नहीं बल्कि कुछ आसनों का एक समूह है जिसे योग के साहित्य में भी सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी माना जाता है. जानकारों का मानना है कि जो लोग नियमित रूप से सही ढंग व नियम के साथ सूर्य नमस्कार का अभ्यास करते हैं उनमें ना सिर्फ रोगों के होने का जोखिम कम होता है बल्कि उनकी आयु भी बढ़ती है.

क्या है सूर्य नमस्कार : मैसूर कर्नाटक की योग गुरु मीनू वर्मा बताती हैं कि सूर्य नमस्कार 12 आसनों का एक क्रम है जो पांव से लेकर सिर तक सम्पूर्ण शरीर को व्यायाम प्रदान करता है. इसके नियमित अभ्यास से न केवल शारीरिक ताकत और लचीलापन बढ़ता है, ह्रदय-फेफड़े तथा पाचन तंत्र स्वस्थ रहते हैं बल्कि इसके नियमित अभ्यास से मानसिक शांति और स्थिरता भी प्राप्त होती है. वह बताती हैं कि इसके नियमित अभ्यास से स्वस्थ, निरोगी और संतुलित जीवन जी सकते हैं.

SURYA NAMSKAR PRACTICING SUN SALUTATION YOGA BENIFITS FOR HEALTH
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SURYA NAMSKAR PRACTICING SUN SALUTATION YOGA BENIFITS FOR HEALTH
सूर्य नमस्कार के आसन (Getty Images)

सूर्य नमस्कार के फायदे : वह बताती हैं कि इसके नियमित अभ्यास से शरीर को कई तरह के फायदे मिलते हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

  • हड्डियां व मांसपेशियां होती हैं स्वस्थ: सूर्य नमस्कार पूरे शरीर की मांसपेशियों को व्यायाम देता है. इससे शरीर की लचीलापन बढ़ता है तथा ताकत और संतुलन में सुधार होता है. यह रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है और इसे लचीला बनाए रखता है, जिससे पीठ दर्द जैसी समस्याओं से राहत मिलती है.
  • हृदय स्वास्थ्य: सूर्य नमस्कार एक प्रकार का कार्डियोवस्कुलर व्यायाम है जो दिल की धड़कन को बढ़ाता है और हृदय को मजबूत करता है. इससे रक्त परिसंचरण में सुधार होता है और हृदय रोगों का खतरा कम होता है.
  • वजन नियंत्रण: नियमित सूर्य नमस्कार का अभ्यास वजन कम करने में सहायक हो सकता है. यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और शरीर में कैलोरी बर्न करने में मदद करता है.
  • इम्यूनिटी होती है बेहतर: सूर्य नमस्कार के दौरान सांस लेने का तकनीक बेहतर होती है. जिससे फेफड़ों का स्वास्थ्य भी बेहतर होता है. इस प्रक्रिया में रक्त में भी ऑक्सीजन ज्यादा मात्रा में पहुंचता हैं . जिससे शरीर इम्यूनिटी बढ़ती है और रोगों व संक्रमणों के प्रभाव में आने का जोखिम कम होता है.
  • महिलाओं के लिए लाभकारी : सूर्य नमस्कार के नियमित अभ्यास से महिलाओं में हार्मोन असंतुलन तथा महावारी से जुड़ी कुछ समस्याओं जैसे अनियमित पीरियड्स तथा पीरियड्स के दर्द में काफी राहत मिलती है.
  • मानसिक स्वास्थ्य: सूर्य नमस्कार न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है. यह तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है. नियमित अभ्यास से मानसिक शांति और स्थिरता मिलती है, जिससे ध्यान और एकाग्रता में सुधार होता है.
  • पाचन तंत्र: सूर्य नमस्कार पाचन तंत्र को भी मजबूत करता है. यह पेट की मांसपेशियों को टोन करता है और पाचन क्रिया को सुधारता है, जिससे कब्ज और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं से राहत मिलती है.
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    कॉन्सेप्ट इमेज (IANS)

सूर्य नमस्कार कैसे करें : मीनू वर्मा बताती हैं कि सूर्य नमस्कार के आसन का एक क्रम होता है. जिन्हें सही क्रम में करना बेहद जरूरी है. सूर्य नमस्कार करने का सही तरीका व सही क्रम इस प्रकार हैं.

  • प्रणामासन : खड़े होकर हाथों को जोड़कर प्रार्थना मुद्रा में खड़े हों.
  • हस्त उत्तानासन : हाथों को ऊपर उठाकर पीछे की ओर झुकें.
  • पादहस्तासन : आगे की ओर झुककर अपने पैरों को छूने की कोशिश करें.
  • अश्वसंचालासन : एक पैर को पीछे की ओर ले जाएं और दूसरे पैर को मोड़कर आगे की ओर रखें.
  • दंडासन : दोनों पैरों को पीछे की ओर ले जाकर शरीर को सीधा रखें.
  • अष्टांग नमस्कार : जमीन पर अपने घुटनों, छाती और ठोड़ी को स्पर्श कराएं.
  • भुजंगासन : जमीन पर लेटकर अपने सिर और छाती को ऊपर उठाएं.
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    सूर्य नमस्कार के फायदे (ETV Bharat)
  • पर्वतासन : शरीर को उल्टे वी आकार में उठाएं.
  • अश्वसंचालासन: पहले की तरह एक पैर को आगे और दूसरे को पीछे रखें.
  • पादहस्तासन : आगे की ओर झुककर अपने पैरों को छूने की कोशिश करें.
  • हस्त उत्तानासन : हाथों को ऊपर उठाकर पीछे की ओर झुकें.
  • प्रणामासन : खड़े होकर हाथों को जोड़कर प्रार्थना मुद्रा में खड़े हों.
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    सूर्य नमस्कार के आसन (ETV Bharat)

सूर्य नमस्कार के दौरान ध्यान देने वाली बातें : मीनू वर्मा बताती हैं कि सूर्य नमस्कार के नियमित अभ्यास के दौरान या उसे करने से पहले कुछ बातों तथा कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है. जो इस प्रकार हैं.

  • सूर्य नमस्कार हमेशा खाली पेट करें. भोजन के कम से कम 3-4 घंटे बाद इसका अभ्यास करें.
  • हर आसन के साथ श्वास की गति का ध्यान रखें. श्वास लेते और छोड़ते समय आसन बदलें.
  • आसन को धीरे-धीरे शुरू करें. शुरुआत में 3-4 राउंड करें और धीरे-धीरे इसे बढ़ाएं.
  • इसके अभ्यास के लिए समय का ध्यान रखें. सुबह का समय सूर्य नमस्कार के लिए सबसे उपयुक्त है. यह दिन की शुरुआत के लिए ऊर्जा प्रदान करता है.
  • पहली बार सूर्य नमस्कार का अभ्यास शुरू करने वालों के लिए बहुत जरूरी है कि वे सही मार्गदर्शन में ही अभ्यास की शुरुआत करें. योग प्रशिक्षक की देखरेख में सूर्य नमस्कार करना बेहतर होता है, ताकि आप सही तकनीक से इसका अभ्यास कर सकें.
  • यदि व्यक्ति किसी प्रकार की शारीरिक समस्या या चोट के प्रभाव झेल रहे हों तो उन्हे अपने प्रशिक्षक को इसके बारे में सूचित जरूर करना चाहिए.

हैदराबाद: सूर्य नमस्कार, जिसे अंग्रेजी में "Sun Salutation" कहा जाता है, योग का एक प्रमुख अभ्यास है जो शरीर और मन दोनों के लिए अत्यंत लाभकारी है. सूर्य नमस्कार दरअसल एक आसन नहीं बल्कि कुछ आसनों का एक समूह है जिसे योग के साहित्य में भी सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी माना जाता है. जानकारों का मानना है कि जो लोग नियमित रूप से सही ढंग व नियम के साथ सूर्य नमस्कार का अभ्यास करते हैं उनमें ना सिर्फ रोगों के होने का जोखिम कम होता है बल्कि उनकी आयु भी बढ़ती है.

क्या है सूर्य नमस्कार : मैसूर कर्नाटक की योग गुरु मीनू वर्मा बताती हैं कि सूर्य नमस्कार 12 आसनों का एक क्रम है जो पांव से लेकर सिर तक सम्पूर्ण शरीर को व्यायाम प्रदान करता है. इसके नियमित अभ्यास से न केवल शारीरिक ताकत और लचीलापन बढ़ता है, ह्रदय-फेफड़े तथा पाचन तंत्र स्वस्थ रहते हैं बल्कि इसके नियमित अभ्यास से मानसिक शांति और स्थिरता भी प्राप्त होती है. वह बताती हैं कि इसके नियमित अभ्यास से स्वस्थ, निरोगी और संतुलित जीवन जी सकते हैं.

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सूर्य नमस्कार के आसन (Getty Images)

सूर्य नमस्कार के फायदे : वह बताती हैं कि इसके नियमित अभ्यास से शरीर को कई तरह के फायदे मिलते हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

  • हड्डियां व मांसपेशियां होती हैं स्वस्थ: सूर्य नमस्कार पूरे शरीर की मांसपेशियों को व्यायाम देता है. इससे शरीर की लचीलापन बढ़ता है तथा ताकत और संतुलन में सुधार होता है. यह रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है और इसे लचीला बनाए रखता है, जिससे पीठ दर्द जैसी समस्याओं से राहत मिलती है.
  • हृदय स्वास्थ्य: सूर्य नमस्कार एक प्रकार का कार्डियोवस्कुलर व्यायाम है जो दिल की धड़कन को बढ़ाता है और हृदय को मजबूत करता है. इससे रक्त परिसंचरण में सुधार होता है और हृदय रोगों का खतरा कम होता है.
  • वजन नियंत्रण: नियमित सूर्य नमस्कार का अभ्यास वजन कम करने में सहायक हो सकता है. यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और शरीर में कैलोरी बर्न करने में मदद करता है.
  • इम्यूनिटी होती है बेहतर: सूर्य नमस्कार के दौरान सांस लेने का तकनीक बेहतर होती है. जिससे फेफड़ों का स्वास्थ्य भी बेहतर होता है. इस प्रक्रिया में रक्त में भी ऑक्सीजन ज्यादा मात्रा में पहुंचता हैं . जिससे शरीर इम्यूनिटी बढ़ती है और रोगों व संक्रमणों के प्रभाव में आने का जोखिम कम होता है.
  • महिलाओं के लिए लाभकारी : सूर्य नमस्कार के नियमित अभ्यास से महिलाओं में हार्मोन असंतुलन तथा महावारी से जुड़ी कुछ समस्याओं जैसे अनियमित पीरियड्स तथा पीरियड्स के दर्द में काफी राहत मिलती है.
  • मानसिक स्वास्थ्य: सूर्य नमस्कार न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है. यह तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है. नियमित अभ्यास से मानसिक शांति और स्थिरता मिलती है, जिससे ध्यान और एकाग्रता में सुधार होता है.
  • पाचन तंत्र: सूर्य नमस्कार पाचन तंत्र को भी मजबूत करता है. यह पेट की मांसपेशियों को टोन करता है और पाचन क्रिया को सुधारता है, जिससे कब्ज और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं से राहत मिलती है.
    SURYA NAMSKAR PRACTICING SUN SALUTATION YOGA BENIFITS FOR HEALTH
    कॉन्सेप्ट इमेज (IANS)

सूर्य नमस्कार कैसे करें : मीनू वर्मा बताती हैं कि सूर्य नमस्कार के आसन का एक क्रम होता है. जिन्हें सही क्रम में करना बेहद जरूरी है. सूर्य नमस्कार करने का सही तरीका व सही क्रम इस प्रकार हैं.

  • प्रणामासन : खड़े होकर हाथों को जोड़कर प्रार्थना मुद्रा में खड़े हों.
  • हस्त उत्तानासन : हाथों को ऊपर उठाकर पीछे की ओर झुकें.
  • पादहस्तासन : आगे की ओर झुककर अपने पैरों को छूने की कोशिश करें.
  • अश्वसंचालासन : एक पैर को पीछे की ओर ले जाएं और दूसरे पैर को मोड़कर आगे की ओर रखें.
  • दंडासन : दोनों पैरों को पीछे की ओर ले जाकर शरीर को सीधा रखें.
  • अष्टांग नमस्कार : जमीन पर अपने घुटनों, छाती और ठोड़ी को स्पर्श कराएं.
  • भुजंगासन : जमीन पर लेटकर अपने सिर और छाती को ऊपर उठाएं.
    SURYA NAMSKAR PRACTICING SUN SALUTATION YOGA BENIFITS FOR HEALTH
    सूर्य नमस्कार के फायदे (ETV Bharat)
  • पर्वतासन : शरीर को उल्टे वी आकार में उठाएं.
  • अश्वसंचालासन: पहले की तरह एक पैर को आगे और दूसरे को पीछे रखें.
  • पादहस्तासन : आगे की ओर झुककर अपने पैरों को छूने की कोशिश करें.
  • हस्त उत्तानासन : हाथों को ऊपर उठाकर पीछे की ओर झुकें.
  • प्रणामासन : खड़े होकर हाथों को जोड़कर प्रार्थना मुद्रा में खड़े हों.
    SURYA NAMSKAR PRACTICING SUN SALUTATION YOGA BENIFITS FOR HEALTH
    सूर्य नमस्कार के आसन (ETV Bharat)

सूर्य नमस्कार के दौरान ध्यान देने वाली बातें : मीनू वर्मा बताती हैं कि सूर्य नमस्कार के नियमित अभ्यास के दौरान या उसे करने से पहले कुछ बातों तथा कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है. जो इस प्रकार हैं.

  • सूर्य नमस्कार हमेशा खाली पेट करें. भोजन के कम से कम 3-4 घंटे बाद इसका अभ्यास करें.
  • हर आसन के साथ श्वास की गति का ध्यान रखें. श्वास लेते और छोड़ते समय आसन बदलें.
  • आसन को धीरे-धीरे शुरू करें. शुरुआत में 3-4 राउंड करें और धीरे-धीरे इसे बढ़ाएं.
  • इसके अभ्यास के लिए समय का ध्यान रखें. सुबह का समय सूर्य नमस्कार के लिए सबसे उपयुक्त है. यह दिन की शुरुआत के लिए ऊर्जा प्रदान करता है.
  • पहली बार सूर्य नमस्कार का अभ्यास शुरू करने वालों के लिए बहुत जरूरी है कि वे सही मार्गदर्शन में ही अभ्यास की शुरुआत करें. योग प्रशिक्षक की देखरेख में सूर्य नमस्कार करना बेहतर होता है, ताकि आप सही तकनीक से इसका अभ्यास कर सकें.
  • यदि व्यक्ति किसी प्रकार की शारीरिक समस्या या चोट के प्रभाव झेल रहे हों तो उन्हे अपने प्रशिक्षक को इसके बारे में सूचित जरूर करना चाहिए.
Last Updated : Jul 24, 2024, 9:20 AM IST
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