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आप भी हर दिन बेधड़क लगाते हैं परफ्यूम, हो जाइये सावधान, वरना... - Perfumes Side Effects

Perfumes Side Effects: क्या आप भी हर दिन परफ्यूम लगाते हैं? इससे इतर विशेषज्ञों का कहना है कि आपको सतर्क हो जाना चाहिए. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर लंबे समय तक परफ्यूम का इस्तेमाल किया जाए तो इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

Perfumes Side Effects
परफ्यूम के साइड इफेक्ट्स (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 3, 2024, 11:05 AM IST

हैदराबाद: आज तकरीबन सभी लोग परफ्यूम का इस्तेमाल करते हैं. घर से बाहर जाना है तो परफ्यूम लगाना ही है. ऐसे सभी लोगों के लिए बड़ा अपडेट आया है. एक रिसर्च से यह पता चला है कि जो लोग हमेशा परफ्यूम का प्रयोग करते हैं उनके लिए खतरे की बात है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इससे बांझपन की समस्या भी हो सकती है. आज इसी विषय पर बात करते हैं.

खुशबू बिखेरने वाले इत्र
शरीर में ताजगी का अनुभव का अहसास करने के लिए लोग बेधड़क परफ्यूम छिड़कते हैं. यह शरीर की दुर्गंध को दूर करता है. हालांकि, बहुत से लोगों को सिर्फ यही पता हैं कि केमिकल युक्त परफ्यूम त्वचा संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है. लेकिन, न्यूयॉर्क के माउंट सिनाई में इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन में महामारी विशेषज्ञ और प्रोफेसर डॉ. शन्ना स्वान का कहना है कि परफ्यूम के इस्तेमाल से प्रजनन क्षमता पर असर पड़ सकता है. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह चेतावनी दी गई है कि इसका प्रभाव पुरुषों में अधिक होता है.

कम हो सकती है शुक्राणुओं की संख्या
यह सामान्य बात है कि शराब, धूम्रपान और मोटापा पुरुषों में बांझपन का कारण बनते हैं. साथ ही कई शोधों में यह बात सामने आई है कि जो लोग गर्म जगहों पर काम करते हैं उनमें शुक्राणुओं की संख्या कम हो जाती है, लेकिन डॉ. शन्ना स्वान और अन्य शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक शोध में यह बात सामने आई कि 'परफ्यूम जैसी खुशबू छोड़ने वाले सौंदर्य उत्पादों के इस्तेमाल से भी पुरुषों में बांझपन होने की संभावना होती है. डॉ. शन्ना का कहना है कि परफ्यूम में मौजूद रसायन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को प्रभावित करते हैं और शुक्राणुओं की संख्या कम कर देते हैं.

यह भी जानें
इसके अलावा, कुछ प्रकार के साबुन, लोशन और इत्र की बोतलें बनाने के लिए पैराबेंस जैसे सिंथेटिक रसायनों का बहुत अधिक उपयोग किया जाता है. ये यह भी चेतावनी देते हैं कि पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या कम होने की संभावना है. साथ ही, विशेषज्ञों का कहना है कि इससे समय के साथ पुरुषों में बांझपन हो सकता है. तो पुरुषों को परफ्यूम के इस्तेमाल में सावधानी बरतनी चाहिए. यह सलाह दी जाती है कि अगर संभव हो तो केमिकल युक्त परफ्यूम का इस्तेमाल न करें तो बेहतर है.

नोट: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सुझाव केवल आपके समझने के लिए हैं. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. लेकिन, बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.

पढ़ें: गेहूं के आटे में मिलाएं यह अद्भुत चीज, पेट की लटकती सारी चर्बी मिनटों में जाएगी पिघल - Chapati For Weight Loss

हैदराबाद: आज तकरीबन सभी लोग परफ्यूम का इस्तेमाल करते हैं. घर से बाहर जाना है तो परफ्यूम लगाना ही है. ऐसे सभी लोगों के लिए बड़ा अपडेट आया है. एक रिसर्च से यह पता चला है कि जो लोग हमेशा परफ्यूम का प्रयोग करते हैं उनके लिए खतरे की बात है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इससे बांझपन की समस्या भी हो सकती है. आज इसी विषय पर बात करते हैं.

खुशबू बिखेरने वाले इत्र
शरीर में ताजगी का अनुभव का अहसास करने के लिए लोग बेधड़क परफ्यूम छिड़कते हैं. यह शरीर की दुर्गंध को दूर करता है. हालांकि, बहुत से लोगों को सिर्फ यही पता हैं कि केमिकल युक्त परफ्यूम त्वचा संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है. लेकिन, न्यूयॉर्क के माउंट सिनाई में इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन में महामारी विशेषज्ञ और प्रोफेसर डॉ. शन्ना स्वान का कहना है कि परफ्यूम के इस्तेमाल से प्रजनन क्षमता पर असर पड़ सकता है. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह चेतावनी दी गई है कि इसका प्रभाव पुरुषों में अधिक होता है.

कम हो सकती है शुक्राणुओं की संख्या
यह सामान्य बात है कि शराब, धूम्रपान और मोटापा पुरुषों में बांझपन का कारण बनते हैं. साथ ही कई शोधों में यह बात सामने आई है कि जो लोग गर्म जगहों पर काम करते हैं उनमें शुक्राणुओं की संख्या कम हो जाती है, लेकिन डॉ. शन्ना स्वान और अन्य शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक शोध में यह बात सामने आई कि 'परफ्यूम जैसी खुशबू छोड़ने वाले सौंदर्य उत्पादों के इस्तेमाल से भी पुरुषों में बांझपन होने की संभावना होती है. डॉ. शन्ना का कहना है कि परफ्यूम में मौजूद रसायन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को प्रभावित करते हैं और शुक्राणुओं की संख्या कम कर देते हैं.

यह भी जानें
इसके अलावा, कुछ प्रकार के साबुन, लोशन और इत्र की बोतलें बनाने के लिए पैराबेंस जैसे सिंथेटिक रसायनों का बहुत अधिक उपयोग किया जाता है. ये यह भी चेतावनी देते हैं कि पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या कम होने की संभावना है. साथ ही, विशेषज्ञों का कहना है कि इससे समय के साथ पुरुषों में बांझपन हो सकता है. तो पुरुषों को परफ्यूम के इस्तेमाल में सावधानी बरतनी चाहिए. यह सलाह दी जाती है कि अगर संभव हो तो केमिकल युक्त परफ्यूम का इस्तेमाल न करें तो बेहतर है.

नोट: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सुझाव केवल आपके समझने के लिए हैं. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. लेकिन, बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.

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