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न्यूट्रीशनल डिफिशिएंसी के कारण बढ़ता है स्पाइनल टीबी का खतरा, डायबिटीज मरीज नहीं करें इस चीज का सेवन - World TB Day

World TB Day 2024: 24 मार्च रविवार को विश्व टीबी दिवस मनाया जा रहा है. इस बार का थीम है 'हां हम टीबी खत्म कर सकते हैं'. स्पाइन सर्जन डॉ नासिर इकबाल बता रहे हैं कि स्पाइनल टीबी क्यों इतना खरनाक होता है. पढ़ें पूरी खबर.

विश्व टीबी दिवस
विश्व टीबी दिवस
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 24, 2024, 6:19 AM IST

स्पाइन सर्जन डॉ नासिर इकबाल कमाली

पटनाः 24 मार्च रविवार को विश्व टीबी दिवस मनाया जा रहा है. इस आयोजन का उद्देश्य है कि ट्यूबरक्लोसिस की बीमारी से लोगों को जागरूक किया जा सके और बीमारी के इलाज के बारे में भी लोगों को अवगत कराया जा सके. इस बार वर्ल्ड टीबी डे का थीम है 'हां हम टीबी खत्म कर सकते हैं'.

स्पाइनल टीबी खतरनाकः ट्यूबरक्लोसिस भी कई प्रकार की होती है. एक सामान्य ट्यूबरक्लोसिस होती है और दूसरी स्पाइनल टीबी. सामान्य टीबी में व्यक्ति का खांसी ठीक नहीं होता और कफ से बलगम आता है. वही स्पाइनल टीबी शरीर को कमजोर करते हुए विकलांगता की ओर आगे बढ़ाता है.

सामान्य टीबी की पहचान: पटना के जाने-माने स्पाइन सर्जन डॉ नासिर इकबाल कमाली ने बताया कि ट्यूबरक्लोसिस की बीमारी के प्रति जागरूकता को लेकर हम लोग वर्ल्ड टीबी डे मनाते हैं. सामान्य टीबी की पहचान आसान है. इसमें खांसी लंबे समय तक बना रहता है. लेकिन स्पाइन टीबी रीड की हड्डी को प्रभावित करने वाला एक गंभीर बीमारी है.

"टीबी के जितने मामले आते हैं, उसमें 15% बोन टीबी के मामले होते हैं. बोन टीबी के 50% मामले स्पाइन टीबी के होते हैं. स्पाइन टीबी में संक्रमण रीड की हड्डी में फैलता है. इसमें हड्डियां कमजोर पड़ने लगती है. समय के साथ यह गलने लगती हैं. कई नसों पर दबाव बढ़ने लगता है. इससे व्यक्ति का हाथ पैर काम करना बंद करने लगता है." -डॉ नासिर इकबाल कमाली, स्पाइन सर्जन

'फास्ट फूड का सेवन खतरनाक': डॉ नासिर इकबाल कमाली ने बताया कि स्पाइन टीबी किसी भी उम्र में हो सकता है. न्यूट्रीशनल डिफिशिएंसी इसका एक बहुत बड़ा कारण है. हाल के दिनों में बच्चों में भी स्पाइन टीबी के मामले काफी संख्या में देखने को मिल रहे हैं. इसका प्रमुख कारण है फास्ट फूड का सेवन और न्यूट्रीशन युक्त भोजन की कमी.

'डायबिटीज वाले लोग सावधान': डायबिटिक लोगों और धूम्रपान और शराब का सेवन करने वाले लोगों में भी स्पाइन टीबी का खतरा अधिक होता है. उन्होंने बताया कि समय पर यदि बीमारी का पता चले तो इलाज पूरी तरह से संभव है. जरूरत पड़े तो सर्जरी कराने से भी मरीज को नहीं घबराना चाहिए.

'हर कमर का दर्द स्पाइन टीबी नहीं': डॉ नासिर इकबाल कमाली ने बताया कि बताया कि हर कमर का दर्द स्पाइन टीबी नहीं होता लेकिन दर्द के कारण शरीर के अन्य हिस्सों में परेशानी बढ़ रही है तो न्यूरो चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए. इसके अलावा अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने के लिए न्यूट्रिशन युक्त भोजन करने चाहिए.

'धूम्रपान और शराब से परहेज करें': धूम्रपान और शराब से परहेज करना चाहिए. न्यूट्रीशनल डिफिशिएंसी से ही स्पाइन टीबी होता है. स्पाइन सर्जन डॉ नासिर इकबाल कमाली ने बताया कि हाल ही में उनके अस्पताल में एक 12 वर्षीय बच्ची का सर्जरी हुआ है और वह काफी हद तक रिकवर कर गई है.

यह भी पढ़ेंः हड्डियों में है दर्द और नहीं लग रही भूख तो हो जाएं सावधान, हो सकती है मल्टीपल मायलोमा - Multiple Myeloma

स्पाइन सर्जन डॉ नासिर इकबाल कमाली

पटनाः 24 मार्च रविवार को विश्व टीबी दिवस मनाया जा रहा है. इस आयोजन का उद्देश्य है कि ट्यूबरक्लोसिस की बीमारी से लोगों को जागरूक किया जा सके और बीमारी के इलाज के बारे में भी लोगों को अवगत कराया जा सके. इस बार वर्ल्ड टीबी डे का थीम है 'हां हम टीबी खत्म कर सकते हैं'.

स्पाइनल टीबी खतरनाकः ट्यूबरक्लोसिस भी कई प्रकार की होती है. एक सामान्य ट्यूबरक्लोसिस होती है और दूसरी स्पाइनल टीबी. सामान्य टीबी में व्यक्ति का खांसी ठीक नहीं होता और कफ से बलगम आता है. वही स्पाइनल टीबी शरीर को कमजोर करते हुए विकलांगता की ओर आगे बढ़ाता है.

सामान्य टीबी की पहचान: पटना के जाने-माने स्पाइन सर्जन डॉ नासिर इकबाल कमाली ने बताया कि ट्यूबरक्लोसिस की बीमारी के प्रति जागरूकता को लेकर हम लोग वर्ल्ड टीबी डे मनाते हैं. सामान्य टीबी की पहचान आसान है. इसमें खांसी लंबे समय तक बना रहता है. लेकिन स्पाइन टीबी रीड की हड्डी को प्रभावित करने वाला एक गंभीर बीमारी है.

"टीबी के जितने मामले आते हैं, उसमें 15% बोन टीबी के मामले होते हैं. बोन टीबी के 50% मामले स्पाइन टीबी के होते हैं. स्पाइन टीबी में संक्रमण रीड की हड्डी में फैलता है. इसमें हड्डियां कमजोर पड़ने लगती है. समय के साथ यह गलने लगती हैं. कई नसों पर दबाव बढ़ने लगता है. इससे व्यक्ति का हाथ पैर काम करना बंद करने लगता है." -डॉ नासिर इकबाल कमाली, स्पाइन सर्जन

'फास्ट फूड का सेवन खतरनाक': डॉ नासिर इकबाल कमाली ने बताया कि स्पाइन टीबी किसी भी उम्र में हो सकता है. न्यूट्रीशनल डिफिशिएंसी इसका एक बहुत बड़ा कारण है. हाल के दिनों में बच्चों में भी स्पाइन टीबी के मामले काफी संख्या में देखने को मिल रहे हैं. इसका प्रमुख कारण है फास्ट फूड का सेवन और न्यूट्रीशन युक्त भोजन की कमी.

'डायबिटीज वाले लोग सावधान': डायबिटिक लोगों और धूम्रपान और शराब का सेवन करने वाले लोगों में भी स्पाइन टीबी का खतरा अधिक होता है. उन्होंने बताया कि समय पर यदि बीमारी का पता चले तो इलाज पूरी तरह से संभव है. जरूरत पड़े तो सर्जरी कराने से भी मरीज को नहीं घबराना चाहिए.

'हर कमर का दर्द स्पाइन टीबी नहीं': डॉ नासिर इकबाल कमाली ने बताया कि बताया कि हर कमर का दर्द स्पाइन टीबी नहीं होता लेकिन दर्द के कारण शरीर के अन्य हिस्सों में परेशानी बढ़ रही है तो न्यूरो चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए. इसके अलावा अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने के लिए न्यूट्रिशन युक्त भोजन करने चाहिए.

'धूम्रपान और शराब से परहेज करें': धूम्रपान और शराब से परहेज करना चाहिए. न्यूट्रीशनल डिफिशिएंसी से ही स्पाइन टीबी होता है. स्पाइन सर्जन डॉ नासिर इकबाल कमाली ने बताया कि हाल ही में उनके अस्पताल में एक 12 वर्षीय बच्ची का सर्जरी हुआ है और वह काफी हद तक रिकवर कर गई है.

यह भी पढ़ेंः हड्डियों में है दर्द और नहीं लग रही भूख तो हो जाएं सावधान, हो सकती है मल्टीपल मायलोमा - Multiple Myeloma

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