न्यूयॉर्क: मधुमेह की कुछ दवाएं गुर्दे की पथरी के खतरे को कम कर सकती हैं. एक अध्ययन के मुताबिक, टाइप 2 मधुमेह गुर्दे की पथरी के बढ़ते जोखिम से जुड़ा है, इस स्थिति के लिए कुछ प्रकार के उपचार से गुर्दे की पथरी के जोखिम को कम करने में भी लाभ हो सकता है. अमेरिका में ब्रिघम और महिला अस्पताल एवं मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल के रिसर्चर्स ने पाया कि सोडियम-ग्लूकोज कॉन्ट्राट्रांसपोर्टर 2 (एसजीएलटी2) अवरोधकों के उपयोग और गुर्दे की पथरी के विकास के कम जोखिम के बीच एक संबंध था.
JAMA इंटरनल मेडिसिन में रिपोर्ट किए गए अध्ययन में टाइप 2 मधुमेह वाले मरीजों के अमेरिका के तीन राष्ट्रव्यापी डेटाबेस से डेटा शामिल था, जिन्हें रूटीन क्लिनिकल प्रैक्टिस में देखा गया था. टीम ने टाइप 2 मधुमेह वाले 7,16,406 वयस्कों की जानकारी का विश्लेषण किया. जिन्होंने एसजीएलटी2 अवरोधक या मधुमेह दवाओं के दो अन्य वर्ग जिन्हें जीएलपी1 रिसेप्टर एगोनिस्ट या डाइपेप्टिडाइल पेप्टिडेज़ 4 (डीपीपी4) अवरोधक के रूप में जाना जाता है, लेना शुरू कर दिया था.
जिन मरीजों ने एसजीएलटी2 अवरोधक लेना शुरू किया, उनमें जीएलपी1 एगोनिस्ट लेने वालों की तुलना में गुर्दे की पथरी विकसित होने का जोखिम 30 प्रतिशत कम था, और डीपीपी4 अवरोधक लेने वालों की तुलना में लगभग 25 प्रतिशत कम था. ये निष्कर्ष लिंग, नस्ल/जातीयता, क्रोनिक किडनी रोग के इतिहास और मोटापे के आधार पर एक जैसे थे. ब्रिघम और महिला अस्पताल में फार्माकोएपिडेमियोलॉजी और फार्माकोइकॉनॉमिक्स विभाग की संबंधित लेखिका जूली पाइक ने कहा, "हमारे निष्कर्ष मधुमेह के उन मरीजों के लिए रूटीन निर्णय लेने में मदद कर सकते हैं जिन्हें गुर्दे की पथरी होने का खतरा है."
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