मधुमेह यानि डायबिटीज आधुनिक शैली के पार्श्व प्रभावों में से एक है. एक समय था जब डायबिटीज को बुजुर्ग लोगों की बीमारी कहा जाता था, लेकिन आज ये बीमारी हर वर्ग और उम्र के लोगों को अपने चपेट में ले रही है. आज इसके शिकार बच्चे-बूढ़े, अमीर-गरीब हर उम्र और वर्ग के लोग बन रहे है. देर से सोना, देर से जागना, असमय और अपौष्टिक भोजन ग्रहण करना, व्यायाम न करना मुख्य कारण है, जो इस असंयमित और अस्वस्थ जीवनशैली की देन है. ऐसे में यदि कोई रोगी डायबिटीज जैसी बीमारी से पीड़ित है, तो उसकी परेशानियां और बढ़ जाती हैं. सही इलाज और देखभाल के अभाव में यह बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है.
क्या है रेड लाइट थेरेपी?
जर्नल ऑफ बायो फोटोनिक्स में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में पाया गया है कि रेड लाइट थेरेपी से शरीर के अंदर एनर्जी बढ़ती है. इससे खून में शुगर की मात्रा कम होने लगती है. रेड लाइट थेरेपी में, आप अपनी स्किन को लाल प्रकाश वाले लैंप, डिवाइस या लेजर के संपर्क में लाते हैं. इसमें एक LED (light emitting diode)का इस्तेमाल किया जाता है जो लाइट के सही स्पेक्ट्रम का उत्सर्जन करता है.
कैसे डायबिटीज रोगियों के लिए है फायदेमंद
रेड LED लाइट ब्लू LED लाइट की तुलना में स्किन में ज्यादा गहराई तक जाता है, जिसका इस्तेमाल कभी-कभी स्किन की सतह की स्थितियों जैसे कि मुंहासे के इलाज के लिए किया जाता है. जब लाइट आपकी त्वचा में एंट्री करता है, तो आपके माइटोकॉन्ड्रिया इसे सोख लेते हैं और ज्यादा एनर्जी बनाते हैं, जो सेल्स को खुद को ठीक करने में मदद करता है. रेड लाइट थेरेपी में बहुत कम मात्रा में हिट का इस्तेमाल किया जाता है और इससे स्किन को नुकसान या जलन नहीं होती है. टैनिंग बूथ में उपयोग की जाने वाली रोशनी के अपोजिट, यह आपकी त्वचा को हानिकारक UV किरणों के कांटेक्ट में नहीं लाती है.
कितने टाइप के होती है रेड लाइट थेरेपी
रेड लाइट थेरेपी डिवाइस के कई अलग-अलग टाइप हैं, जिनमें से कुछ का इस्तेमाल घर पर भी किया जा सकता है. लेकिन घरेलू डिवाइस आमतौर पर क्लीनिक में इस्तेमाल किए जाने वाले डिवाइस की तुलना में कम पावरफुल होते हैं और कम इफेक्टिव भी हो सकते हैं या काम करने में ज्यादा समय ले सकते हैं. रेड लाइट थेरेपी उपकरणों में शामिल हैं...
रेड लाइट थेरेपी मास्क- यह आपके पूरे चेहरे पर फिट बैठता है और अंदर की तरफ लाल एलईडी लाइट होती हैं, जो आपकी त्वचा की ओर इशारा करती हैं. इसे सप्ताह में कई बार थोड़े समय के लिए पहनने के लिए डिजाइन किया गया है. इसका उपयोग मुंहासे, झुर्रियां या चेहरे की त्वचा से जुड़ी अन्य समस्याओं के उपचार के रूप में किया जाता है.
रेड लाइट थेरेपी बिस्तर- यह एक टैनिंग बेड की तरह दिखता है, लेकिन इसमें यूवी लाइट की बजाय लाल एलईडी लाइट होती है. यह इतना बड़ा है कि आप इसके अंदर लेट सकते हैं, और आपका पूरा शरीर लाल रोशनी के संपर्क में रहता है.
रेड लाइट थेरेपी पैनल- यह लाल एलईडी लाइटों का एक पैनल है जिसे आप दीवार पर लगा सकते हैं या क्लिनिक या घर पर टेबल पर रख सकते हैं. पैनल छोटे से लेकर बड़े आकार के होते हैं. छोटे पैनल आपके चेहरे जैसे लक्षित क्षेत्रों के लिए उपयोग किए जाते हैं, और बड़े पैनल आपके शरीर के बड़े क्षेत्रों को लक्षित कर सकते हैं.
रेड लाइट थेरेपी छड़ी- ये हाथ में पकड़े जाने वाले उपकरण है जिसके एक सिरे पर लाल एलईडी लाइट होती है. आप अपनी त्वचा पर उन क्षेत्रों पर छड़ी घुमाकर इनका उपयोग करते हैं, जहां आप उपचार करना चाहते हैं। इनका उपयोग बहुत छोटे क्षेत्रों, जैसे हाथों के पीछे, एक घुटने या चेहरे पर किसी विशेष स्थान के उपचार के लिए किया जाता है.
रेड लाइट थेरेपी के क्या लाभ हैं?
यह त्वचा की सतह के नीचे गहराई तक प्रवेश करती है ताकि ऊतकों को शांत और मरम्मत करने में मदद मिल सके. लाल प्रकाश चिकित्सा को कभी-कभी निम्न-स्तरीय लेजर थेरेपी, निम्न-शक्ति लेजर थेरेपी, निम्न-शक्ति लेजर या फोटो बायो मॉड्यूलेशन भी कहा जाता है.
जानें क्या कहता है रिसर्च
हाल के दिनों मे ही में जर्नल ऑफ बायो फोटोनिक्स में पब्लिश एक शोध ने बताया गया है कि 670 नैनोमीटर की रेड लाइट माइटोकॉन्ड्रिया में एनर्जी प्रोडक्शन को बढ़ावा देती है. इससे शरीर में ग्लूकोज की खपत बढ़ती है, और खासकर जब हम कुछ मीठा खाते हैं तो ब्लड शुगर लेवल 27.7 फीसदी तक कम हो जाता है, और ब्लड शुगर लेवल में उछाल भी 7.5 फीसदी तक कम होता है. मेडिकल एक्सप्रेस के मुताबिक, यह अध्ययन बताता है कि ब्लू लाइट के लंबे समय तक कॉन्टैक्ट में रहने से ब्लड शुगर के बैलेंस में गड़बड़ी हो सकती है, जो एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या बन सकती है.
इस रिसर्च में, 30 हेल्दी व्यक्तियों को भर्ती किया गया और उन्हें दो ग्रुप में बांटा गया. एक ग्रुप को 670 नैनोमीटर की रेट रोशनी के कॉन्टैक्ट में रखा गया और दूसरे ग्रुप को नहीं. जब इन लोगों ने ग्लूकोज का सेवन किया, तो रेड लाइट वाले ग्रुप में लोगों का ब्लड शुगर लेवल कम पाया गया.
वैज्ञानिकों का क्या है कहना?
रेड लाइट थेरेपी कई तरह की बीमारियों के इलाज और रोकथाम के लिए वैज्ञानिक रूप से सिद्ध, गैर-आक्रामक तरीका है. अध्ययन कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि यह टेक्नॉलॉजी न केवल ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मददगार है, बल्कि यह कैंसर इलाज में भी नई संभावनाएं ला सकती है. इसके अलावा रेड लाइट थेरेपी गठिया के लक्षणों को कम करती है, इससे नींद में सुधार होता है, लाल प्रकाश चिकित्सा से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, रेड लाइट थेरेपी मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देती है, इस थेरेपी का सूजनरोधी प्रभाव होता है, इस थेरेपी से त्वचा में सुधार हो सकता है. रेड लाइट थेरेपी दर्द में भी लाभदायक है लाल प्रकाश चिकित्सा एथलेटिक प्रदर्शन में सुधार करती है.
सोर्स-
https://www.webmd.com/skin-problems-and-treatments/red-light-therapy
https://www.ucl.ac.uk/news/2024/feb/red-light-can-reduce-blood-glucose-levels
(डिस्क्लेमर: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)