हैदराबाद: ओवरस्लीपिंग सेहत के लिए खतरनाक है. यह तब होता है जब आप रात में पूरी नींद ले रहे हैं, लेकिन फिर भी दिन में भी आपको नींद आ रही है तो आपको फौरन अलर्ट हो जाना चाहिए. क्योंकि, यह एक बड़ी बीमारी का संकेत हो सकता है. ज्यादा सोने को ओवरस्लीपिंग के रूप में भी जाना जाता है, वह तब होता है जब आप नियमित रूप से प्रतिदिन 10 घंटे से अधिक सोते हैं. कुछ लोग रात में 8-10 घंटे सोते हैं लेकिन इसके बाद भी उन्हें दिन में भी सोने का मन करता है. यह आदत सही नहीं है. ओवर स्लीपिंग के कारण आपको हाइपरसोमनिया नाम की बीमारी हो सकती है.
बता दें, कुछ लोगों में ज्यादा सोने और कुछ में कम सोने की आदत होती है, लेकिन ज्यादा और कम सोना दोनों ही सेहत के लिए खतरनाक है. चलिए इस खबर के माध्यम से जानते है कि ज्यादा सोने से हाइपरसोमनिया नामक बीमारी क्यों होती है और इससे कैसे बचा जाए...
क्या है हाइपरसोमनिया?
हाइपरसोमनिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपको पर्याप्त (या पर्याप्त से ज्यादा) नींद लेने के बावजूद दिन में बहुत ज्यादा नींद आती है. अगर आपको हाइपरसोमनिया है, तो आप दिन में कई बार सो जाते होंगे. हाइपरसोमनिया आपके काम और सामाजिक रूप से काम करने की क्षमता को प्रभावित करता है, आपके जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करता है और दुर्घटनाओं की संभावना को बढ़ाता है.
हाइपरसोमनिया किसे होता है?
हाइपरसोमनिया पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा आम है. माना जाता है कि यह आबादी के लगभग 5 फीसदी लोगों को प्रभावित करता है. आमतौर पर किशोरावस्था या युवावस्था (औसत आयु 17 से 24 वर्ष) में इसका बीमारी की संभावना ज्यादा रहती है.
- हाइपरसोमनिया के संकेत और लक्षण क्या हैं?
दिन में लगातार, बार-बार अत्यधिक नींद आना. - औसत से ज्यादा (10 या उससे ज्यादा घंटे) सोना, फिर भी दिन में बहुत अधिक नींद आना और दिन में जागते रहने में कठिनाई होना.
- सुबह उठने में कठिनाई या दिन में झपकी लेने के बाद, कभी-कभी भ्रमित और बेहोश होना.
लक्षण
- चिंता, चिड़चिड़ापन, ऊर्जा में कमी.
- बेचैनी, धीमी सोच, धीमी गति से बोलना, ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता, स्मृति समस्याएं.
- सिरदर्द, भूख न लगना, भ्रम.