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पीरियड बंद होने के बाद 30 फीसदी महिलाओं में हो रही यह बीमारी, सावधान! वरना हो सकता है बेहद खतरनाक - OSTEOPOROSIS AFTER MENOPAUSE

ऑस्टियोपोरोसिस किसी भी उम्र में हो सकता है, हालांकि उम्र बढ़ने के साथ इस बीमारी के विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है. पढ़ें खबर...

Osteoporosis after Menopause, why celebrated World Osteoporosis Day 2024
पीरियड बंद होने के बाद 30 फीसदी महिलाओं में हो रही यह बीमारी, (CANVA)
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By ETV Bharat Health Team

Published : Oct 19, 2024, 6:15 PM IST

Updated : Oct 19, 2024, 7:04 PM IST

क्या आपको कमर, गर्दन, घुटने या शरीर के किसी भी हिस्से में हड्डियों में दर्द महसूस होता है? यदि हां, तो यह चिंता की बात है क्योंकि आप ऑस्टियोपोरोसिस के शिकार हो सकते हैं. बता दें, ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों से जुड़ी एक ऐसा बीमारी है, जो हड्डियों को कमजोर कर देता है, जिससे फ्रैक्चर का जोखिम काफी बढ़ जाता है. ऑस्टियोपोरोसिस की एक बड़ी वजह खान-पान और व्यायाम के प्रति लापरवाही को भी माना जाता है.

साइलेंट रोग ऑस्टियोपोरोसिस
ऑस्टियोपोरोसिस एक खामोश बीमारी है क्योंकि आमतौर पर आपको इसके लक्षण नहीं दिखते हैं, और जब तक आपकी हड्डी नहीं टूटती, तब तक आपको पता भी नहीं चलता कि आपको यह बीमारी है. ऑस्टियोपोरोसिस रजोनिवृत्ति के बाद की महिलाओं और वृद्ध पुरुषों में फ्रैक्चर का मुख्य कारण है. फ्रैक्चर किसी भी हड्डी में हो सकता है, लेकिन सबसे ज्यादा कूल्हे, रीढ़ की हड्डी में कशेरुकाओं और कलाई की हड्डियों में होता है.

हड्डी रोग के पीड़ितों तथा आमजन तक ऑस्टियोपोरोसिस को लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 20 अक्टूबर को 'विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस' मनाया जाता है. यह दिन हड्डियों को प्रभावित करने वाली इस स्थिति की रोकथाम, निदान और उपचार के बारे में जागरूकता पैदा करता है. हर साल भारत में लाखों लोग (पुरुष और महिलाएं) ऑस्टियोपोरोटिक फ्रैक्चर से पीड़ित होते हैं.

विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस 2024 की थीम
इस साल, 2024 में, विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस की थीम 'भंगुर हड्डियों को ना कहें' है. थीम का उद्देश्य लोगों को अपनी हड्डियों को महत्व देने और उनकी रक्षा करने के लिए प्रोत्साहित करना और रोकथाम, निदान और उपचार के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है.

दिवस का इतिहास
विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस की शुरुआत 1996 में हुई थी और तब से, अंतरराष्ट्रीय ऑस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन ने ऑस्टियोपोरोसिस के निदान, उपचार, रोकथाम और अनुसंधान की वकालत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. 1998 में, दो प्रमुख संगठनों ने वैश्विक जागरूकता फैलाने की जिम्मेदारी ली जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय ऑस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन (IOF) का गठन किया गया. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) IOF का समर्थन करने और बीमारी से संबंधित जानकारी फैलाने के लिए आगे आया.

ऑस्टियोपोरोसिस के मामलों में भारत पहले स्थान पर है
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, रजोनिवृत्ति के बाद की 30 प्रतिशत महिलाएं ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित हैं. बताया गया है कि भारत में 61 मिलियन लोग ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित हैं और इनमें से 80 प्रतिशत महिलाएं हैं. भारत में ऑस्टियोपोरोसिस की चरम घटना पश्चिमी देशों की तुलना में 10-20 साल पहले होती है, जिसका स्वास्थ्य और आर्थिक संसाधनों पर भारी असर पड़ता है.

मेनोपॉज हड्डियों के स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करती है?
मेनोपॉज से पहले एस्ट्रोजन के स्तर में कमी आने से हड्डियों का घनत्व (मोटाई) कम होने लगता है, और मेनोपॉज के बाद भी यह कम होता रहता है. एस्ट्रोजन का स्तर कम होने से ऑस्टियोपोरोसिस विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC5643776/

ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपकी हड्डियां कम घनी हो जाती हैं, जिसके कारण वे अधिक आसानी से टूट जाती हैं या फ्रैक्चर हो जाती हैं. औसतन, मेनोपॉज के बाद पहले 5 वर्षों में महिलाओं की हड्डियों का घनत्व 10 फीसदी तक कम हो जाता है. 60 वर्ष से अधिक आयु की लगभग 2 में से एक महिला को ऑस्टियोपोरोसिस के कारण कम से कम एक फ्रैक्चर का अनुभव होगा.

लक्षण
ऑस्टियोपोरोसिस के शुरुआती चरणों में कोई लक्षण नहीं दिखते. कई बार, लोगों को बीमारी के बारे में पता चलने से पहले ही फ्रैक्चर हो जाता है. रीढ़ की हड्डी के फ्रैक्चर से रीढ़ की हड्डी में लगभग कहीं भी दर्द हो सकता है. इन्हें संपीड़न फ्रैक्चर कहा जाता है. ये अक्सर बिना किसी चोट के होते हैं। दर्द अचानक या धीरे-धीरे समय के साथ होता है. समय के साथ ऊंचाई में कमी (6 इंच या 15 सेंटीमीटर तक) हो सकती है. झुकी हुई मुद्रा या डोवेजर हंप नामक स्थिति विकसित हो सकती है.

इलाज

  • ऑस्टियोपोरोसिस के उपचार में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं-जिसमें...
  • जीवनशैली में बदलाव करना, जैसे कि अपने आहार और व्यायाम की दिनचर्या में बदलाव करना.
  • कैल्शियम और विटामिन डी की खुराक लेना.
  • दवाइयों का उपयोग.
  • हड्डियों को मजबूत करने के लिए दवाओं का उपयोग तब किया जा सकता है.
  • ऑस्टियोपोरोसिस का निदान अस्थि घनत्व अध्ययन द्वारा किया गया है, चाहे आपको फ्रैक्चर हो या न हो, और आपके फ्रैक्चर का जोखिम अधिक है.
  • आपकी हड्डी में फ्रैक्चर हुआ है और अस्थि घनत्व परीक्षण से पता चलता है कि आपकी हड्डियां पतली हैं, लेकिन ऑस्टियोपोरोसिस नहीं है.
  • सोर्स- https://www.niams.nih.gov/health-topics/osteoporosis

डिस्कलेमर :- यहां दी गई जानकारी और सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप एक्सपर्ट्स की सलाह लें.

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क्या आपको कमर, गर्दन, घुटने या शरीर के किसी भी हिस्से में हड्डियों में दर्द महसूस होता है? यदि हां, तो यह चिंता की बात है क्योंकि आप ऑस्टियोपोरोसिस के शिकार हो सकते हैं. बता दें, ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों से जुड़ी एक ऐसा बीमारी है, जो हड्डियों को कमजोर कर देता है, जिससे फ्रैक्चर का जोखिम काफी बढ़ जाता है. ऑस्टियोपोरोसिस की एक बड़ी वजह खान-पान और व्यायाम के प्रति लापरवाही को भी माना जाता है.

साइलेंट रोग ऑस्टियोपोरोसिस
ऑस्टियोपोरोसिस एक खामोश बीमारी है क्योंकि आमतौर पर आपको इसके लक्षण नहीं दिखते हैं, और जब तक आपकी हड्डी नहीं टूटती, तब तक आपको पता भी नहीं चलता कि आपको यह बीमारी है. ऑस्टियोपोरोसिस रजोनिवृत्ति के बाद की महिलाओं और वृद्ध पुरुषों में फ्रैक्चर का मुख्य कारण है. फ्रैक्चर किसी भी हड्डी में हो सकता है, लेकिन सबसे ज्यादा कूल्हे, रीढ़ की हड्डी में कशेरुकाओं और कलाई की हड्डियों में होता है.

हड्डी रोग के पीड़ितों तथा आमजन तक ऑस्टियोपोरोसिस को लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 20 अक्टूबर को 'विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस' मनाया जाता है. यह दिन हड्डियों को प्रभावित करने वाली इस स्थिति की रोकथाम, निदान और उपचार के बारे में जागरूकता पैदा करता है. हर साल भारत में लाखों लोग (पुरुष और महिलाएं) ऑस्टियोपोरोटिक फ्रैक्चर से पीड़ित होते हैं.

विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस 2024 की थीम
इस साल, 2024 में, विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस की थीम 'भंगुर हड्डियों को ना कहें' है. थीम का उद्देश्य लोगों को अपनी हड्डियों को महत्व देने और उनकी रक्षा करने के लिए प्रोत्साहित करना और रोकथाम, निदान और उपचार के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है.

दिवस का इतिहास
विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस की शुरुआत 1996 में हुई थी और तब से, अंतरराष्ट्रीय ऑस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन ने ऑस्टियोपोरोसिस के निदान, उपचार, रोकथाम और अनुसंधान की वकालत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. 1998 में, दो प्रमुख संगठनों ने वैश्विक जागरूकता फैलाने की जिम्मेदारी ली जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय ऑस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन (IOF) का गठन किया गया. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) IOF का समर्थन करने और बीमारी से संबंधित जानकारी फैलाने के लिए आगे आया.

ऑस्टियोपोरोसिस के मामलों में भारत पहले स्थान पर है
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, रजोनिवृत्ति के बाद की 30 प्रतिशत महिलाएं ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित हैं. बताया गया है कि भारत में 61 मिलियन लोग ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित हैं और इनमें से 80 प्रतिशत महिलाएं हैं. भारत में ऑस्टियोपोरोसिस की चरम घटना पश्चिमी देशों की तुलना में 10-20 साल पहले होती है, जिसका स्वास्थ्य और आर्थिक संसाधनों पर भारी असर पड़ता है.

मेनोपॉज हड्डियों के स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करती है?
मेनोपॉज से पहले एस्ट्रोजन के स्तर में कमी आने से हड्डियों का घनत्व (मोटाई) कम होने लगता है, और मेनोपॉज के बाद भी यह कम होता रहता है. एस्ट्रोजन का स्तर कम होने से ऑस्टियोपोरोसिस विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC5643776/

ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपकी हड्डियां कम घनी हो जाती हैं, जिसके कारण वे अधिक आसानी से टूट जाती हैं या फ्रैक्चर हो जाती हैं. औसतन, मेनोपॉज के बाद पहले 5 वर्षों में महिलाओं की हड्डियों का घनत्व 10 फीसदी तक कम हो जाता है. 60 वर्ष से अधिक आयु की लगभग 2 में से एक महिला को ऑस्टियोपोरोसिस के कारण कम से कम एक फ्रैक्चर का अनुभव होगा.

लक्षण
ऑस्टियोपोरोसिस के शुरुआती चरणों में कोई लक्षण नहीं दिखते. कई बार, लोगों को बीमारी के बारे में पता चलने से पहले ही फ्रैक्चर हो जाता है. रीढ़ की हड्डी के फ्रैक्चर से रीढ़ की हड्डी में लगभग कहीं भी दर्द हो सकता है. इन्हें संपीड़न फ्रैक्चर कहा जाता है. ये अक्सर बिना किसी चोट के होते हैं। दर्द अचानक या धीरे-धीरे समय के साथ होता है. समय के साथ ऊंचाई में कमी (6 इंच या 15 सेंटीमीटर तक) हो सकती है. झुकी हुई मुद्रा या डोवेजर हंप नामक स्थिति विकसित हो सकती है.

इलाज

  • ऑस्टियोपोरोसिस के उपचार में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं-जिसमें...
  • जीवनशैली में बदलाव करना, जैसे कि अपने आहार और व्यायाम की दिनचर्या में बदलाव करना.
  • कैल्शियम और विटामिन डी की खुराक लेना.
  • दवाइयों का उपयोग.
  • हड्डियों को मजबूत करने के लिए दवाओं का उपयोग तब किया जा सकता है.
  • ऑस्टियोपोरोसिस का निदान अस्थि घनत्व अध्ययन द्वारा किया गया है, चाहे आपको फ्रैक्चर हो या न हो, और आपके फ्रैक्चर का जोखिम अधिक है.
  • आपकी हड्डी में फ्रैक्चर हुआ है और अस्थि घनत्व परीक्षण से पता चलता है कि आपकी हड्डियां पतली हैं, लेकिन ऑस्टियोपोरोसिस नहीं है.
  • सोर्स- https://www.niams.nih.gov/health-topics/osteoporosis

डिस्कलेमर :- यहां दी गई जानकारी और सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप एक्सपर्ट्स की सलाह लें.

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Last Updated : Oct 19, 2024, 7:04 PM IST
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