ETV Bharat / health

शरीर के सभी चक्रों को एक्टिवेट करना है तो करें ये योग - Special Yoga - SPECIAL YOGA

Special Yoga : नाद योग योग साधना का वह प्रकार हैं जिसमें शरीर के सभी चक्र सक्रिय हो जाते हैं. संगीत या ध्वनी पर आधारित Naad Yoga योग साधना के नियमित अभ्यास से ना सिर्फ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है बल्कि मनुष्यों को कई शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं में राहत मिल सकती है. Naad Yoga , Naad Yoga precautions , What is Naad Yog , Naad Yoga benefits .

Naad Yog and Naad Yoga asana
नाद योग कॉन्सेप्ट इमेज (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 2, 2024, 5:07 AM IST

Updated : May 2, 2024, 9:51 AM IST

हैदराबाद : सभी जानते और मानते हैं योग का नियमित अभ्यास ना सिर्फ हमारे शरीर के सभी अंगों व उनकी प्रणालियों को स्वस्थ तथा कार्यशील रखता है बल्कि हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बेहतर करता है. यही नहीं योग के नियमित अभ्यास से हमारे मानसिक स्वास्थ्य को भी काफी लाभ मिलते हैं. योग के कई प्रकार माने जाते हैं, उन्हीं में से एक है 'नाद योग' जानकारों की माने तो Naad Yoga एक ध्यान योग साधना है, जिसके नियमित अभ्यास से हमारे शरीर के सभी चक्र एक्टिवेट होते है. जिससे हमारे शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं दूर होती हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है.

क्या है नाद योग : नई दिल्ली के योग प्रशिक्षक डॉ अमित पांचाल (पीएचडी ‘योग’) बताते हैं कि नाद का मतलब होता है ध्वनि. इस योग में ध्वनि या संगीत का विशेष महत्व होता है. Naad Yoga में ध्वनि या संगीत के साथ ध्यान लगाते हुए सही तरह से श्वास लेने व छोड़ने का अभ्यास किया जाता है. Nad Yog के नियमित अभ्यास से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है तथा शरीर के सभी चक्र एक्टिवेट हो जाते हैं. इससे ना सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं मे बल्कि यारदाश्त में कमजोरी, एकग्रता में कमी, तनाव व अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं में भी राहत मिल सकती है.

What is Naad Yog and Naad Yoga benefits
कॉन्सेप्ट इमेज (ETV Bharat)

कैसे करें नाद योग

  1. नाद योग करने के लिए ऐसे संगीत का चयन करें जो धीमा हो तथा मन में शांति का एहसास कराए. वैसे वाद्य यंत्रों पर आधारित सौम्य संगीत को नाद योग के लिए आदर्श माना जाता है.
  2. अब जमीन पर योग मैट या दरी बिछा कर उस पर वज्रासन, सुखासन या पद्मासन में बैठ जाएं.
  3. फिर अपने दोनों हाथों को ज्ञान मुद्रा में घुटनों पर रख लें.
  4. अब संगीत पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करते हुए आंखें बंद लें और पेट को फूलाते हुए नाक से गहरी सांस लें और फिर उसे धीरे-धीरे छोड़ें.
  5. ध्यान रहे की इस पूरी प्रक्रिया को धीरे-धीरे तथा सांसों पर ध्यान केंद्रित रखते हुए करें.
  6. ध्यान/अभ्यास पूरा करने के बाद अपनी हथेलियों को आपस में रगड़ें और अपनी आंखों पर रखें.
  7. कुछ क्षणों के उपरांत हथेलियों को आंखों से हटाएं और धीरे-धीरे आंखें खोलें.
  8. इस अभ्यास की शुरुआत करने वाले लोग शुरुआत में कम से कम 20 से 30 मिनट तक इसी तरह ध्यान लगाएं. बाद में ध्यान की अवधि को बढ़ाया जा सकता है.
  9. डॉ अमित पांचाल बताते हैं कि यदि इस प्रक्रिया को शुरू करने से पहले थोड़ी देर ॐ के उच्चारण के साथ ध्यान लगाया जाय तो इसके ज्यादा फायदे मिल सकते हैं. इसके लिए पेट फुलाते हुए गहरी सांस लें और ॐ के उच्चारण को साधते हुए धीरे-धीरे सांस छोड़े.
What is Naad Yog and Naad Yoga benefits
कॉन्सेप्ट इमेज (ETV Bharat)

नाद योग के फायदे

  1. डॉ अमित पांचाल बताते हैं की Naad Yoga के हमारे स्वास्थ्य को कई फायदे मिलते है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
  2. वैसे तो किसी भी प्रकार के योग के अभ्यास से इम्यूनिटी को कम या ज्यादा फायदा मिलता ही है, लेकिन विशेषतौर पर Naad Yoga के नियमित अभ्यास से शरीर के सभी चक्र सक्रिय हो जाते हैं. वहीं शरीर ज्यादा मात्रा में ऑक्सीज़न ग्रहण करता है, जिससे रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है. इसी पूरी प्रक्रिया के परिणामस्वरूप शरीर में मौजूद टॉक्सिन में कमी आती है. साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी ज्यादा बेहतर होती है.
  3. Naad Yoga के नियमित अभ्यास से शरीर में रक्त का संचार बेहतर तरीके होता है, जिससे हृदय की गति भी नियंत्रित रहती है और हृदय स्वस्थ रहता है.
  4. Naad Yoga के नियमित अभ्यास से सही तरह से सांस लेने की आदत पड़ती है, सांसों पर नियंत्रण बढ़ने लगता है, जिससे श्वसन तंत्र संबंधी समस्याओं व विकार तथा संबंधित एलर्जी आदि में भी राहत मिलती है.
  5. प्रतिदिन Nad Yog के अभ्यास से नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है तथा अनिद्रा जैसी समस्याओं में भी राहत मिलती है.
  6. नाद योग के नियमित अभ्यास से याददाश्त बेहतर होती है तथा एकाग्रता बढ़ती है.
  7. इसके नियमित अभ्यास से मानसिक तनाव तथा अवसाद में राहत मिलती है.

सावधानियां : वह बताते हैं नाद योग करने से पहले जरूरी है की कुछ बातों का ध्यान रखा जाय, जैसे Naad Yoga का अभ्यास करने के लिए हमेशा ऐसा स्थान चुनें, जहां ज्यादा शोर-शराबा ना हो. इसके अलावा ऐसे लोग जिन्हे घुटने में कोई समस्या हो या जिनकी किसी ऐसी प्रकार की सर्जरी हुई हो जिसमें उन्हे इस आसन में बैठने में समस्या हो सकती हो उन्हें चिकित्सक या योग प्रशिक्षक से पूछ कर ही तथा प्रशिक्षक से निर्देश लेने के बाद ही इसका अभ्यास करना चाहिए. Naad Yoga precautions , What is Naad Yog , Naad Yoga benefits , Nad Yog , Naad Yoga , Nad Yog

ये भी पढ़ें :

आयुर्वेदिक उपायों से करें मधुमेह को नियंत्रित

विशेषज्ञों से जानिए स्वस्थ जीवनशैली का सबसे अच्छा नुस्खा

हैदराबाद : सभी जानते और मानते हैं योग का नियमित अभ्यास ना सिर्फ हमारे शरीर के सभी अंगों व उनकी प्रणालियों को स्वस्थ तथा कार्यशील रखता है बल्कि हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बेहतर करता है. यही नहीं योग के नियमित अभ्यास से हमारे मानसिक स्वास्थ्य को भी काफी लाभ मिलते हैं. योग के कई प्रकार माने जाते हैं, उन्हीं में से एक है 'नाद योग' जानकारों की माने तो Naad Yoga एक ध्यान योग साधना है, जिसके नियमित अभ्यास से हमारे शरीर के सभी चक्र एक्टिवेट होते है. जिससे हमारे शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं दूर होती हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है.

क्या है नाद योग : नई दिल्ली के योग प्रशिक्षक डॉ अमित पांचाल (पीएचडी ‘योग’) बताते हैं कि नाद का मतलब होता है ध्वनि. इस योग में ध्वनि या संगीत का विशेष महत्व होता है. Naad Yoga में ध्वनि या संगीत के साथ ध्यान लगाते हुए सही तरह से श्वास लेने व छोड़ने का अभ्यास किया जाता है. Nad Yog के नियमित अभ्यास से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है तथा शरीर के सभी चक्र एक्टिवेट हो जाते हैं. इससे ना सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं मे बल्कि यारदाश्त में कमजोरी, एकग्रता में कमी, तनाव व अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं में भी राहत मिल सकती है.

What is Naad Yog and Naad Yoga benefits
कॉन्सेप्ट इमेज (ETV Bharat)

कैसे करें नाद योग

  1. नाद योग करने के लिए ऐसे संगीत का चयन करें जो धीमा हो तथा मन में शांति का एहसास कराए. वैसे वाद्य यंत्रों पर आधारित सौम्य संगीत को नाद योग के लिए आदर्श माना जाता है.
  2. अब जमीन पर योग मैट या दरी बिछा कर उस पर वज्रासन, सुखासन या पद्मासन में बैठ जाएं.
  3. फिर अपने दोनों हाथों को ज्ञान मुद्रा में घुटनों पर रख लें.
  4. अब संगीत पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करते हुए आंखें बंद लें और पेट को फूलाते हुए नाक से गहरी सांस लें और फिर उसे धीरे-धीरे छोड़ें.
  5. ध्यान रहे की इस पूरी प्रक्रिया को धीरे-धीरे तथा सांसों पर ध्यान केंद्रित रखते हुए करें.
  6. ध्यान/अभ्यास पूरा करने के बाद अपनी हथेलियों को आपस में रगड़ें और अपनी आंखों पर रखें.
  7. कुछ क्षणों के उपरांत हथेलियों को आंखों से हटाएं और धीरे-धीरे आंखें खोलें.
  8. इस अभ्यास की शुरुआत करने वाले लोग शुरुआत में कम से कम 20 से 30 मिनट तक इसी तरह ध्यान लगाएं. बाद में ध्यान की अवधि को बढ़ाया जा सकता है.
  9. डॉ अमित पांचाल बताते हैं कि यदि इस प्रक्रिया को शुरू करने से पहले थोड़ी देर ॐ के उच्चारण के साथ ध्यान लगाया जाय तो इसके ज्यादा फायदे मिल सकते हैं. इसके लिए पेट फुलाते हुए गहरी सांस लें और ॐ के उच्चारण को साधते हुए धीरे-धीरे सांस छोड़े.
What is Naad Yog and Naad Yoga benefits
कॉन्सेप्ट इमेज (ETV Bharat)

नाद योग के फायदे

  1. डॉ अमित पांचाल बताते हैं की Naad Yoga के हमारे स्वास्थ्य को कई फायदे मिलते है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
  2. वैसे तो किसी भी प्रकार के योग के अभ्यास से इम्यूनिटी को कम या ज्यादा फायदा मिलता ही है, लेकिन विशेषतौर पर Naad Yoga के नियमित अभ्यास से शरीर के सभी चक्र सक्रिय हो जाते हैं. वहीं शरीर ज्यादा मात्रा में ऑक्सीज़न ग्रहण करता है, जिससे रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है. इसी पूरी प्रक्रिया के परिणामस्वरूप शरीर में मौजूद टॉक्सिन में कमी आती है. साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी ज्यादा बेहतर होती है.
  3. Naad Yoga के नियमित अभ्यास से शरीर में रक्त का संचार बेहतर तरीके होता है, जिससे हृदय की गति भी नियंत्रित रहती है और हृदय स्वस्थ रहता है.
  4. Naad Yoga के नियमित अभ्यास से सही तरह से सांस लेने की आदत पड़ती है, सांसों पर नियंत्रण बढ़ने लगता है, जिससे श्वसन तंत्र संबंधी समस्याओं व विकार तथा संबंधित एलर्जी आदि में भी राहत मिलती है.
  5. प्रतिदिन Nad Yog के अभ्यास से नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है तथा अनिद्रा जैसी समस्याओं में भी राहत मिलती है.
  6. नाद योग के नियमित अभ्यास से याददाश्त बेहतर होती है तथा एकाग्रता बढ़ती है.
  7. इसके नियमित अभ्यास से मानसिक तनाव तथा अवसाद में राहत मिलती है.

सावधानियां : वह बताते हैं नाद योग करने से पहले जरूरी है की कुछ बातों का ध्यान रखा जाय, जैसे Naad Yoga का अभ्यास करने के लिए हमेशा ऐसा स्थान चुनें, जहां ज्यादा शोर-शराबा ना हो. इसके अलावा ऐसे लोग जिन्हे घुटने में कोई समस्या हो या जिनकी किसी ऐसी प्रकार की सर्जरी हुई हो जिसमें उन्हे इस आसन में बैठने में समस्या हो सकती हो उन्हें चिकित्सक या योग प्रशिक्षक से पूछ कर ही तथा प्रशिक्षक से निर्देश लेने के बाद ही इसका अभ्यास करना चाहिए. Naad Yoga precautions , What is Naad Yog , Naad Yoga benefits , Nad Yog , Naad Yoga , Nad Yog

ये भी पढ़ें :

आयुर्वेदिक उपायों से करें मधुमेह को नियंत्रित

विशेषज्ञों से जानिए स्वस्थ जीवनशैली का सबसे अच्छा नुस्खा

Last Updated : May 2, 2024, 9:51 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.