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इस छोटे से पौधे और इसके फल में है पूरे शरीर की बीमारियों को ठीक करने की क्षमता, लिवर डिसऑर्डर के लिए रामबाण - Bhumi Amla

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By ETV Bharat Health Team

Published : Aug 29, 2024, 7:32 PM IST

Updated : Aug 29, 2024, 7:49 PM IST

Medicinal Uses Of Bhumi Amla: भूमि आंवला एक आयुर्वेदिक औषधि है, जो नेचुरल रूप से कई बीमारियों और समस्याओं में राहत प्रदान करती है. ऐसे में आज इस खबर के माध्यम से जानेंगे, इस छोटे से भूमि आंवले के पौधे और इसके फल से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में...

Medicinal Uses Of Bhumi Amla
इस छोटे से पौधे और इसके फल में है पूरी शरीर की बीमारियों को ठीक करने की क्षमता (Getty images)

हैदराबाद: भूमि आंवला (फिलांथस निरुरी) को संस्कृत में 'डुकोंग अनक' और 'भूमि आमलकी' के नाम से भी जाना जाता है. इसके पूरे पौधे में कई औषधीय गुण होते हैं. भूमि आंवला एक आयुर्वेदिक औषधी है. इसके फल बिल्कुल आंवले जैसे ही दिखते हैं. हालांकि इसका पौधा बहुत छोटा होता है इसलिए इसे भुई आंवला या भूमि आंवला कहा जाता हैं. यह बारिश के मौसम में अपने अप इधर-उधर उग जाता है. यह पौधा छायादार और नमी वाले स्थानों पर पूरे साल मिलता है. इसके पौधे को सुखाकर भी इस्तेमाल किया जाता है. ये जड़ी- बूटी की दुकान पर भी आसानी से मिल जाता है.

लिवर डिसऑर्डर के लिए रामबाण
भूमि आंवला लिवर में होने वाली बीमारियों से बचाने में मदद करता है और अपने हेपेटोप्रोटेक्टिव, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीवायरल गतिविधियों के कारण लिवर को होने वाले किसी भी नुकसान को ठीक करता है.

यह गैस्ट्रिक एसिड के उत्पादन को कम करके अल्सर को रोकने में भी मदद करता है और साथ ही अत्यधिक गैस्ट्रिक एसिड से होने वाले नुकसान से पेट की परत की रक्षा करता है. भूमि आंवला अपने मूत्रवर्धक गुण के कारण किडनी स्टोन बनने के खतरे को भी कम कर सकता है. यह किडनी स्टोन बनाने वाले लवण (मुख्य रूप से ऑक्सालेट क्रिस्टल) को हटाने को बढ़ावा देकर ऐसा करता है.

क्या कहता है आयुर्वेद ?
आयुर्वेद के अनुसार, भूमि आंवला अपने पित्त संतुलन गुण के कारण अपच और एसिडिटी के लिए अच्छा माना जाता है. यह मधुमेह रोगियों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है क्योंकि यह अपने तिक्त (कड़वे) गुण के कारण रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने में मदद करता है.आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का कहना है कि इससे बनी दवा सबसे अच्छा लिवर टॉनिक कहा जा सकता है. यह न केवल लिवर को स्वस्थ रखता है बल्कि उसकी कार्यप्रणाली को भी बेहतर बनाता है. इसका उपयोग पीलिया जैसी समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है. इसके इस्तेमाल से आप बेहतरीन परिणाम पा सकते हैं.

काफी मात्रा में रहता है विटामिन C
इसमें विटामिन C की मात्रा अधिक होने के कारण यह शरीर को पूरी तरह स्वस्थ रखता है. लीवर की समस्या, बुखार और पीलिया को कम करने में प्रभावी. इनमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बायोटिक और एंटी-अस्थमा गुण सांस संबंधी समस्याओं से बचाते हैं. जिससे सर्दी, गले में खराश, खांसी और फ्लू जैसी समस्याएं नहीं पहुंचेंगी. यह छाती और नाक की गुहाओं से राहत दिलाता है और आसानी से सांस लेने में मदद करता है. इसके साथ ही ये त्वचा संबंधी समस्याओं से बचाते हैं और त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं.

पिसा हुआ आंवला अधिकांश प्रकार के शरीर पर सूट करता है. इसे अपनी स्वास्थ्य दिनचर्या में शामिल करने से पहले किसी चिकित्सकीय पेशेवर से परामर्श लें. यदि आप इसे व्यक्तिगत रूप से लेने से पहले किसी मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह नहीं लेते हैं, तो आपको जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है. इस प्रभावी दवा को अन्य उपचार दवाओं के साथ नहीं लिया जाना चाहिए. खासकर गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को डॉक्टरी सलाह जरूर लेनी चाहिए.

भूमि आंवला की 1-2 गोलियां या कैप्सूल दिन में दो बार लेने से त्वचा संबंधी विकारों से छुटकारा मिलता है क्योंकि इसमें रक्त शोधक गुण होते हैं. भूमि आंवला पाउडर को पानी के साथ लेने से बालों का झड़ना रोकने के साथ-साथ बालों को दोबारा उगाने में भी मदद मिल सकती है.

  • लिवर डिसऑर्डर
    भूमि आंवला लिवर की समस्याओं जैसे लिवर में सूजन, पीलिया और कमजोर लिवर फंक्शन के मैनेजमेंट के लिए सबसे अच्छी जड़ी बूटी है. भूमि आंवला न केवल लिवर को डिटॉक्स करने में मदद करता है बल्कि इसके रसायन (कायाकल्प करने वाला) और पित्त संतुलन के गुणों के कारण पोषण में भी मदद करता है.
  • अपच और एसिडिटी
    यह पित्त संतुलन के गुणों के कारण अपच और एसिडिटी को कम करता है जो पाचन में सुधार करने में मदद करता है और सीता (ठंडा) गुण एसिडिटी को कम करने में मदद करता है.
  • हाई शुगर लेवल
    भूमि आंवला अपने तिक्त (कड़वे) और कसैले रस गुणों के कारण हाई शुगर लेवल को मैनेज करता है, जो मेटाबॉलिज्म में सुधार करने और ब्लड में हाई शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है.
  • ब्लीडिंग डिसऑर्डर
    त्वचा रोग यह ब्लड प्यूरीफायर के रूप में काम करता है और इसका कड़वा रस पित्त संतुलन प्रकृति के कारण आंतरिक रूप से लेने पर स्किन डिसऑर्डर को कम करता है.
  • खांसी और जुकाम
    खांसी और जुकाम भूमि आंवला में कफ को संतुलित करने का गुण होता है जिसके परिणामस्वरूप यह खांसी, अस्थमा, सांस फूलना और हिचकी को कम करता है.
  • मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में करता है मदद
    बुखार भूमि आंवला अपने तिक्त (कड़वे) और पित्त संतुलन गुणों के कारण बुखार (टाइफाइड संक्रमण से जुड़ा) को भी कम करता है जो मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में मदद करता है और शरीर से जहरीले पदार्थों को निकालता है,

नोट: इस खबर में दी गई जानकारी NIH की वेबसाइट से ली गई है...

डिस्क्लेमर: इस वेबसाइट पर आपको दी गई स्वास्थ्य जानकारी, चिकित्सा युक्तियां और सुझाव केवल आपकी समझ के लिए हैं. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. लेकिन बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.

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हैदराबाद: भूमि आंवला (फिलांथस निरुरी) को संस्कृत में 'डुकोंग अनक' और 'भूमि आमलकी' के नाम से भी जाना जाता है. इसके पूरे पौधे में कई औषधीय गुण होते हैं. भूमि आंवला एक आयुर्वेदिक औषधी है. इसके फल बिल्कुल आंवले जैसे ही दिखते हैं. हालांकि इसका पौधा बहुत छोटा होता है इसलिए इसे भुई आंवला या भूमि आंवला कहा जाता हैं. यह बारिश के मौसम में अपने अप इधर-उधर उग जाता है. यह पौधा छायादार और नमी वाले स्थानों पर पूरे साल मिलता है. इसके पौधे को सुखाकर भी इस्तेमाल किया जाता है. ये जड़ी- बूटी की दुकान पर भी आसानी से मिल जाता है.

लिवर डिसऑर्डर के लिए रामबाण
भूमि आंवला लिवर में होने वाली बीमारियों से बचाने में मदद करता है और अपने हेपेटोप्रोटेक्टिव, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीवायरल गतिविधियों के कारण लिवर को होने वाले किसी भी नुकसान को ठीक करता है.

यह गैस्ट्रिक एसिड के उत्पादन को कम करके अल्सर को रोकने में भी मदद करता है और साथ ही अत्यधिक गैस्ट्रिक एसिड से होने वाले नुकसान से पेट की परत की रक्षा करता है. भूमि आंवला अपने मूत्रवर्धक गुण के कारण किडनी स्टोन बनने के खतरे को भी कम कर सकता है. यह किडनी स्टोन बनाने वाले लवण (मुख्य रूप से ऑक्सालेट क्रिस्टल) को हटाने को बढ़ावा देकर ऐसा करता है.

क्या कहता है आयुर्वेद ?
आयुर्वेद के अनुसार, भूमि आंवला अपने पित्त संतुलन गुण के कारण अपच और एसिडिटी के लिए अच्छा माना जाता है. यह मधुमेह रोगियों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है क्योंकि यह अपने तिक्त (कड़वे) गुण के कारण रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने में मदद करता है.आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का कहना है कि इससे बनी दवा सबसे अच्छा लिवर टॉनिक कहा जा सकता है. यह न केवल लिवर को स्वस्थ रखता है बल्कि उसकी कार्यप्रणाली को भी बेहतर बनाता है. इसका उपयोग पीलिया जैसी समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है. इसके इस्तेमाल से आप बेहतरीन परिणाम पा सकते हैं.

काफी मात्रा में रहता है विटामिन C
इसमें विटामिन C की मात्रा अधिक होने के कारण यह शरीर को पूरी तरह स्वस्थ रखता है. लीवर की समस्या, बुखार और पीलिया को कम करने में प्रभावी. इनमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बायोटिक और एंटी-अस्थमा गुण सांस संबंधी समस्याओं से बचाते हैं. जिससे सर्दी, गले में खराश, खांसी और फ्लू जैसी समस्याएं नहीं पहुंचेंगी. यह छाती और नाक की गुहाओं से राहत दिलाता है और आसानी से सांस लेने में मदद करता है. इसके साथ ही ये त्वचा संबंधी समस्याओं से बचाते हैं और त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं.

पिसा हुआ आंवला अधिकांश प्रकार के शरीर पर सूट करता है. इसे अपनी स्वास्थ्य दिनचर्या में शामिल करने से पहले किसी चिकित्सकीय पेशेवर से परामर्श लें. यदि आप इसे व्यक्तिगत रूप से लेने से पहले किसी मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह नहीं लेते हैं, तो आपको जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है. इस प्रभावी दवा को अन्य उपचार दवाओं के साथ नहीं लिया जाना चाहिए. खासकर गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को डॉक्टरी सलाह जरूर लेनी चाहिए.

भूमि आंवला की 1-2 गोलियां या कैप्सूल दिन में दो बार लेने से त्वचा संबंधी विकारों से छुटकारा मिलता है क्योंकि इसमें रक्त शोधक गुण होते हैं. भूमि आंवला पाउडर को पानी के साथ लेने से बालों का झड़ना रोकने के साथ-साथ बालों को दोबारा उगाने में भी मदद मिल सकती है.

  • लिवर डिसऑर्डर
    भूमि आंवला लिवर की समस्याओं जैसे लिवर में सूजन, पीलिया और कमजोर लिवर फंक्शन के मैनेजमेंट के लिए सबसे अच्छी जड़ी बूटी है. भूमि आंवला न केवल लिवर को डिटॉक्स करने में मदद करता है बल्कि इसके रसायन (कायाकल्प करने वाला) और पित्त संतुलन के गुणों के कारण पोषण में भी मदद करता है.
  • अपच और एसिडिटी
    यह पित्त संतुलन के गुणों के कारण अपच और एसिडिटी को कम करता है जो पाचन में सुधार करने में मदद करता है और सीता (ठंडा) गुण एसिडिटी को कम करने में मदद करता है.
  • हाई शुगर लेवल
    भूमि आंवला अपने तिक्त (कड़वे) और कसैले रस गुणों के कारण हाई शुगर लेवल को मैनेज करता है, जो मेटाबॉलिज्म में सुधार करने और ब्लड में हाई शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है.
  • ब्लीडिंग डिसऑर्डर
    त्वचा रोग यह ब्लड प्यूरीफायर के रूप में काम करता है और इसका कड़वा रस पित्त संतुलन प्रकृति के कारण आंतरिक रूप से लेने पर स्किन डिसऑर्डर को कम करता है.
  • खांसी और जुकाम
    खांसी और जुकाम भूमि आंवला में कफ को संतुलित करने का गुण होता है जिसके परिणामस्वरूप यह खांसी, अस्थमा, सांस फूलना और हिचकी को कम करता है.
  • मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में करता है मदद
    बुखार भूमि आंवला अपने तिक्त (कड़वे) और पित्त संतुलन गुणों के कारण बुखार (टाइफाइड संक्रमण से जुड़ा) को भी कम करता है जो मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में मदद करता है और शरीर से जहरीले पदार्थों को निकालता है,

नोट: इस खबर में दी गई जानकारी NIH की वेबसाइट से ली गई है...

डिस्क्लेमर: इस वेबसाइट पर आपको दी गई स्वास्थ्य जानकारी, चिकित्सा युक्तियां और सुझाव केवल आपकी समझ के लिए हैं. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. लेकिन बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.

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Last Updated : Aug 29, 2024, 7:49 PM IST
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