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सामान्य नहीं है पेशाब में रुकावट या कम आना, डायबिटीज-प्रोस्टेट कैंसर जैसे रोगों का हो सकता है लक्षण, जानिए यूरोलॉजिस्ट की राय - Less Urination

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

Less Urination : पेशाब में रुकावट या पेशाब कम आना कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है. चिकित्सकों का कहना है कि इस समस्या के लक्षण नजर आने पर उन्हें अनदेखा नहीं करना चाहिए बल्कि तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

LESS URINATION PROBLEM AND MANY SERIOUS DISEASES RISK DUE TO URINE OBSTRUCTION
सामान्य नहीं है पेशाब में रुकावट या कम आना! (IANS)

Less Urination : मूत्र या पेशाब शरीर से विषाक्त पदार्थों और अपशिष्टों को बाहर निकालता है. जो की शरीर तंत्र की एक बेहद जरूरी प्रक्रिया है. लेकिन कई बार किसी रोग या समस्या के प्रभाव के चलते लोग पेशाब में रुकावट महसूस करने लगते हैं. ऐसी स्थिति को चिकित्सक सामान्य नहीं मानते हैं. जानकारों की मानें तो कम मात्रा में पेशाब आना या पेशाब आने में रुकावट महसूस करना किसी संक्रमण या रोग का संकेत हो सकता है. इसलिए ऐसा होने पर समस्या को अनदेखा करने या हल्के में लेने की बजाय तत्काल चिकित्सक से सलाह लेना और जरूरी जांच व इलाज करवाना बेहद जरूरी होता है.

पेशाब में रुकावट के कारण : नवी मुंबई के यूरोलॉजिस्ट डॉ साकेत नवानी बताते हैं कि वैसे तो ज्यादा उम्र में विशेषकर पुरुषों में पेशाब संबंधी समस्याएं काफी ज्यादा देखने में आती है. लेकिन यह समस्या अलग-अलग कारणों से बच्चों, युवाओं व अधेड़ लोगों में भी नजर आ सकती हैं.

वह बताते हैं कि बहुत से लोगों को लगता है कि UTI या प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याओं में ही मूत्र की निकासी में समस्या हो सकती है, लेकिन इसके अलावा भी कई कारण जो इस अवस्था के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं. पेशाब में रुकावट या समस्या के लिए आमतौर पर जो कारण सबसे ज्यादा देखने में आते हैं, उनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

मूत्र पथ संक्रमण- UTI : मूत्र पथ संक्रमण सबसे आम कारण है जिसके चलते पेशाब में रुकावट महसूस हो सकती है. जब मूत्र पथ में बैक्टीरिया प्रवेश कर जाते हैं, तो वे संक्रमण फैलाते हैं, जिससे पेशाब में जलन और रुकावट महसूस होती है. Urinary tract infection - UTI का उपचार सही समय पर न होने पर यह गंभीर रूप भी धारण कर सकता है.

प्रोस्टेट ग्रंथि की समस्या : पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने या सूजन के कारण पेशाब करने में कठिनाई हो सकती है. प्रोस्टेट ग्रंथि मूत्र मार्ग के पास स्थित होती है और इसकी सूजन से मूत्र मार्ग पर दबाव बढ़ सकता है, जिससे पेशाब में रुकावट होती है. इसे बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया- BPH कहा जाता है.

किडनी स्टोन : गुर्दे में पथरी होने की स्थिति में भी पेशाब में रुकावट आ सकती है. दरअसल किडनी स्टोन मूत्र मार्ग को अवरुद्ध कर सकती है, जिससे मूत्र का प्रवाह धीमा या रुक सकता है. इसके साथ दर्द और पेशाब में खून आने की समस्या भी हो सकती है.

मूत्राशय की समस्या: मूत्राशय में सूजन या संक्रमण के कारण पेशाब में रुकावट महसूस हो सकती है. इसके अलावा कई बार मूत्राशय की मांसपेशियों की कमजोरी के कारण भी मूत्र ठीक से बाहर नहीं आ पाता है.

तंत्रिका तंत्र की गड़बड़ी: मूत्राशय और मूत्र मार्ग को नियंत्रित करने वाले तंत्रिका तंत्र में कोई समस्या हो तो पेशाब में रुकावट या रुक-रुक कर पेशाब आने की समस्या हो सकती है. इसे न्यूरोजेनिक ब्लैडर कहा जाता है, जिसमें मूत्राशय की मांसपेशियों का नियंत्रण कमजोर हो जाता है.

शरीर में पानी की कमी: जब शरीर में पानी की कमी होती है, तो मूत्र अधिक गाढ़ा हो जाता है और पेशाब करते समय जलन या रुकावट हो सकती है. पानी की कमी से गुर्दे पर भी असर पड़ता है, जिससे मूत्र बनाने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है.

किन रोगों का लक्षण माना जाता है : वह बताते हैं कि पेशाब में रुकावट या गड़बड़ी को कुछ रोगों के संकेतों में भी गिना जाता है जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं .

डायबिटीज: डायबिटीज से पीड़ित लोगों में मूत्र मार्ग में संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है, जिससे पेशाब में रुकावट आ सकती है. उच्च रक्त शर्करा का स्तर किडनी पर प्रभाव डाल सकता है, जिससे पेशाब की सामान्य प्रक्रिया प्रभावित होती है.

प्रोस्टेट कैंसर: पुरुषों में पेशाब में रुकावट प्रोस्टेट कैंसर का लक्षण हो सकता है. प्रोस्टेट ग्रंथि में असामान्य वृद्धि मूत्र मार्ग को संकुचित कर सकती है, जिससे पेशाब में कठिनाई होती है.

किडनी रोग: किडनी के सही से काम न करने पर भी पेशाब में रुकावट हो सकती है. जब गुर्दे मूत्र को ठीक से फिल्टर नहीं कर पाते हैं, तो इसका सीधा असर मूत्र प्रवाह पर पड़ता है.

जरूरी है समय पर जांच व इलाज
डॉ साकेत नवानी बताते हैं कि महिला हो या पुरुष, ज्यादातर लोग पेशाब में रुकावट या समस्या होने को शुरुआत में ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते हैं और चिकित्सक से परामर्श में देरी कर देते हैं. वहीं कई लोग इसे पानी की कमी का प्रभाव मान कर या केमिस्ट से पूछ कर बिना जांच ही दवा लेने लगते हैं जो गलत है. पेशाब में रुकावट की समस्या में कई अन्य अंदरूनी अंग भी प्रभावित हो सकते हैं. वहीं यदि ऐसा किसी रोग या समस्या के प्रभाव के कारण हो रहा हो तो जांच व इलाज में देरी समस्या के गंभीर होने का कारण भी बन सकती हैं. वहीं यह समस्या यदि बढ़ जाए तो मूत्र मार्ग में ज्यादा दर्द व असहजता का कारण भी बन सकती है. इसलिए मूत्र कम आने, रूक रूक कर आने या मूत्र त्याग करने में दर्द, जलन या परेशानी महसूस होने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेना तथा जरूरी इलाज करवाना बहुत जरूरी होता है.

डिस्कलेमर :- यहां दी गई जानकारी और सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप डॉक्टर की सलाह ले लें.

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Less Urination : मूत्र या पेशाब शरीर से विषाक्त पदार्थों और अपशिष्टों को बाहर निकालता है. जो की शरीर तंत्र की एक बेहद जरूरी प्रक्रिया है. लेकिन कई बार किसी रोग या समस्या के प्रभाव के चलते लोग पेशाब में रुकावट महसूस करने लगते हैं. ऐसी स्थिति को चिकित्सक सामान्य नहीं मानते हैं. जानकारों की मानें तो कम मात्रा में पेशाब आना या पेशाब आने में रुकावट महसूस करना किसी संक्रमण या रोग का संकेत हो सकता है. इसलिए ऐसा होने पर समस्या को अनदेखा करने या हल्के में लेने की बजाय तत्काल चिकित्सक से सलाह लेना और जरूरी जांच व इलाज करवाना बेहद जरूरी होता है.

पेशाब में रुकावट के कारण : नवी मुंबई के यूरोलॉजिस्ट डॉ साकेत नवानी बताते हैं कि वैसे तो ज्यादा उम्र में विशेषकर पुरुषों में पेशाब संबंधी समस्याएं काफी ज्यादा देखने में आती है. लेकिन यह समस्या अलग-अलग कारणों से बच्चों, युवाओं व अधेड़ लोगों में भी नजर आ सकती हैं.

वह बताते हैं कि बहुत से लोगों को लगता है कि UTI या प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याओं में ही मूत्र की निकासी में समस्या हो सकती है, लेकिन इसके अलावा भी कई कारण जो इस अवस्था के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं. पेशाब में रुकावट या समस्या के लिए आमतौर पर जो कारण सबसे ज्यादा देखने में आते हैं, उनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

मूत्र पथ संक्रमण- UTI : मूत्र पथ संक्रमण सबसे आम कारण है जिसके चलते पेशाब में रुकावट महसूस हो सकती है. जब मूत्र पथ में बैक्टीरिया प्रवेश कर जाते हैं, तो वे संक्रमण फैलाते हैं, जिससे पेशाब में जलन और रुकावट महसूस होती है. Urinary tract infection - UTI का उपचार सही समय पर न होने पर यह गंभीर रूप भी धारण कर सकता है.

प्रोस्टेट ग्रंथि की समस्या : पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने या सूजन के कारण पेशाब करने में कठिनाई हो सकती है. प्रोस्टेट ग्रंथि मूत्र मार्ग के पास स्थित होती है और इसकी सूजन से मूत्र मार्ग पर दबाव बढ़ सकता है, जिससे पेशाब में रुकावट होती है. इसे बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया- BPH कहा जाता है.

किडनी स्टोन : गुर्दे में पथरी होने की स्थिति में भी पेशाब में रुकावट आ सकती है. दरअसल किडनी स्टोन मूत्र मार्ग को अवरुद्ध कर सकती है, जिससे मूत्र का प्रवाह धीमा या रुक सकता है. इसके साथ दर्द और पेशाब में खून आने की समस्या भी हो सकती है.

मूत्राशय की समस्या: मूत्राशय में सूजन या संक्रमण के कारण पेशाब में रुकावट महसूस हो सकती है. इसके अलावा कई बार मूत्राशय की मांसपेशियों की कमजोरी के कारण भी मूत्र ठीक से बाहर नहीं आ पाता है.

तंत्रिका तंत्र की गड़बड़ी: मूत्राशय और मूत्र मार्ग को नियंत्रित करने वाले तंत्रिका तंत्र में कोई समस्या हो तो पेशाब में रुकावट या रुक-रुक कर पेशाब आने की समस्या हो सकती है. इसे न्यूरोजेनिक ब्लैडर कहा जाता है, जिसमें मूत्राशय की मांसपेशियों का नियंत्रण कमजोर हो जाता है.

शरीर में पानी की कमी: जब शरीर में पानी की कमी होती है, तो मूत्र अधिक गाढ़ा हो जाता है और पेशाब करते समय जलन या रुकावट हो सकती है. पानी की कमी से गुर्दे पर भी असर पड़ता है, जिससे मूत्र बनाने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है.

किन रोगों का लक्षण माना जाता है : वह बताते हैं कि पेशाब में रुकावट या गड़बड़ी को कुछ रोगों के संकेतों में भी गिना जाता है जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं .

डायबिटीज: डायबिटीज से पीड़ित लोगों में मूत्र मार्ग में संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है, जिससे पेशाब में रुकावट आ सकती है. उच्च रक्त शर्करा का स्तर किडनी पर प्रभाव डाल सकता है, जिससे पेशाब की सामान्य प्रक्रिया प्रभावित होती है.

प्रोस्टेट कैंसर: पुरुषों में पेशाब में रुकावट प्रोस्टेट कैंसर का लक्षण हो सकता है. प्रोस्टेट ग्रंथि में असामान्य वृद्धि मूत्र मार्ग को संकुचित कर सकती है, जिससे पेशाब में कठिनाई होती है.

किडनी रोग: किडनी के सही से काम न करने पर भी पेशाब में रुकावट हो सकती है. जब गुर्दे मूत्र को ठीक से फिल्टर नहीं कर पाते हैं, तो इसका सीधा असर मूत्र प्रवाह पर पड़ता है.

जरूरी है समय पर जांच व इलाज
डॉ साकेत नवानी बताते हैं कि महिला हो या पुरुष, ज्यादातर लोग पेशाब में रुकावट या समस्या होने को शुरुआत में ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते हैं और चिकित्सक से परामर्श में देरी कर देते हैं. वहीं कई लोग इसे पानी की कमी का प्रभाव मान कर या केमिस्ट से पूछ कर बिना जांच ही दवा लेने लगते हैं जो गलत है. पेशाब में रुकावट की समस्या में कई अन्य अंदरूनी अंग भी प्रभावित हो सकते हैं. वहीं यदि ऐसा किसी रोग या समस्या के प्रभाव के कारण हो रहा हो तो जांच व इलाज में देरी समस्या के गंभीर होने का कारण भी बन सकती हैं. वहीं यह समस्या यदि बढ़ जाए तो मूत्र मार्ग में ज्यादा दर्द व असहजता का कारण भी बन सकती है. इसलिए मूत्र कम आने, रूक रूक कर आने या मूत्र त्याग करने में दर्द, जलन या परेशानी महसूस होने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेना तथा जरूरी इलाज करवाना बहुत जरूरी होता है.

डिस्कलेमर :- यहां दी गई जानकारी और सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप डॉक्टर की सलाह ले लें.

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