हैदराबाद: ये तो आपने सुना ही होगा कि हंसना कई बीमारियों की दवा है. लेकिन क्या कभी आपने सुना है कि हंसने की वजह से किसी को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा हो. जीहां, ऐसा ही एक मामला तेलंगाना के हैदराबाद शहर में सामने आया, जहां एक व्यक्ति को हंसने की वजह से अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराना पड़ा. जिसके बाद डॉक्टर ने उनका इलाज किया और अब उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है.
अपोलो हॉस्पिटल्स हैदराबाद में न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर कुमार ने सोशल मीडिया पर अपने 53 वर्षीय मरीज श्याम के बारे में बताते हुए, बताया कि वह अपने परिवार के साथ बैठकर अपना पसंदीदा कॉमेडी शो देख रहे थे. इस दौरान वह चाय पी रहे थे और शो को देखते हुए लगातार हंस रहे थे. अचानक ही उनके हाथ से चाय का कप छूट गया और वह बेहोश हो गए, जिसके बाद उन्हें फौरन ही अस्पताल में भर्ती कराया गया.
डॉक्टर ने 'लाफ्टर इंड्यूज्ड सिंकोप' से बताया पीड़ित
जब उनके परिजनों ने उन्हें डॉक्टर को दिखाया, तो उनकी जांच के बाद डॉक्टर ने उन्हें लाफ्टर इंड्यूज्ड सिंकोप यानी 'हंसी से प्रेरित बेहोशी' से पीड़ित बताया. डॉ. सुधीर कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा कि 'मि. श्याम का चाय का कप नियंत्रण से बाहर हो गया और वह उनके हाथ से गिर गया. कुछ ही देर बाद उनका शरीर एक तरफ झुक गया और वे कुर्सी से ज़मीन पर गिर पड़े.' हालांकि कुछ समय बाद उन्हें होश आ गया और वह सामान्य हो गए.
क्या है 'लाफ्टर इंड्यूज्ड सिंकोप'
डॉ. सुधीर कुमार की माने तो लाफ्टर इंड्यूज्ड सिंकोप एक दुर्लभ घटना है और माना जाता है कि यह वासोवागल तंत्र के कारण होता है. अत्यधिक हंसी के कारण इंट्राथोरेसिक दबाव में वृद्धि हृदय में शिरापरक वापसी को कम करती है और बैरोरिसेप्टर्स को उत्तेजित करती है.
यह बदले में वेगस तंत्रिका की उत्तेजना के साथ अनुचित पैरासिम्पेथेटिक टोन का कारण बनता है, वासोडिलेशन के साथ हृदय गति को कम करता है, और कम ब्लड प्रेशर और चेतना की हानि के कारण सेरेब्रोवास्कुलर प्रचुरता में अचानक क्षणिक गिरावट का कारण बनता है.
लाफ्टर इंड्यूज्ड सिंकोप कितना खतरनाक
डॉक्टरों की माने तो अचानक होने वाली घटना इस घटना के लिए कोई दवाएं नहीं दी जाती है. डॉ. सुधीर कहते हैं कि इससे बचने के लिए मरीज को बेहोशी के सामान्य कारणों से बचना चाहिए, जैसे कि अत्यधिक हंसना, लंबे समय तक खड़े रहना और अत्यधिक शारीरिक परिश्रम करना. इसके अलावा शरीर को हाइड्रेट रखना भी बहुत जरूरी है. चक्कर आने पर तुरंत ही लेट जाएं, ताकि मस्तिष्क को रक्त मिल सके.