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सीढ़ियां चढ़ना या रनिंग करना, मोटापा कम करने के लिए क्या है बेहतर? जानें - Stairs Or Running

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 17, 2024, 12:32 PM IST

Stairs Or Running: वेट लॉस करने के लिए लगभग सभी एक्सरसाइज फायदेमंद होती हैं. वहीं, रनिंग और सीढ़ियां चढ़ने से भी वजन कम करने में मदद मिलते है. हालांकि, हमें इन दोनों वर्कआउट को अपने रूटीन में शामिल करना चाहिए.

stairs or running
सीढ़ियां चढ़ना या रनिंग करना, मोटापा कम करने के लिए क्या है बेहतर? (Getty Images)

नई दिल्ली: आज के समय मोटापा सबसे बड़ी हेल्थ समस्या है. न सिर्फ भारत बल्कि दुनियाभर के लोग इससे परेशान हैं. ऐसे में ज्यादातर लोग वजन कम करने की जद्दोजहद में जुटे रहते हैं. मोटापा कम करने के लिए कुछ लोग वर्कआउट करते हैं तो कुछ लोग जिम में जाकर पसीना बहाते हैं. हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो किसी वजह से जिम नहीं जा सकते है या फिर वर्कआउट के लिए इक्विपमेंट नहीं खरीद सकते. ऐसे लोग रनिंग या सीढ़ी चढ़कर वजन कम करते हैं.

वैसे तो हर एक्सरसाइज से कैलोरी बर्न होती है. ऐसे में रनिंग या सीढ़ी चढ़ना भी मोटापा कम करने के लिए एक बेहतर विकल्प होता है, लेकिन लोगों के मन में यह दुविधा रहती है कि वेट लॉस करने के लिए रनिंग ज्यादा बेहतर होती है सीढ़ियां चढ़ना. अगर आप भी इसी बात को लेकर कंफ्यूज हैं तो आज हम आपकी यह दुविधा खत्म करने जा रहे हैं.

गौरतलब है कि अगर आप ज्यादा इंटेसिटी के साथ रनिंग करते हैं तो इससे आपकी ज्यादा कैलोरी बर्न होगी. उदाहरण के लिए, अगर आप एक घंटे रनिंग करते हैं तो आपकी स्पीड के मुताबिक करीब 600 से 1000 कैलोरी बर्न हो सकती हैं, जबकि सीढ़ियां चढ़ने से आपको रनिंग की तुलना में कम कैलोरी बर्न होती हैं, लेकिन फिर भी यह काफी ज्यादा असरदार होता है. अगर आप एक घंटे सीढ़ियां चढ़ते हैं तो इससे लगभग 500 से 600 कैलोरी बर्न हो सकती हैं.

मसल्स पर पड़ता है प्रभाव
रनिंग करते वक्त पिंडली, क्वाड्रिसेप्स, हैमस्ट्रिंग और ग्लूट्स सहित बॉडी के निचले हिस्से की मसल्स टारगेट होती है, जबकि सीढ़ियां चढ़ते वक्त आपके ग्लूट्स, क्वाड्स और पिंडलियों की एक्सरसाइज होती है. सीढियां चढ़ने से लोअर बॉडी मसल्स को स्ट्रेंथन करने में मदद मिलती है.

ज्वाइंट पर क्या होता है असर?
रनिंग एक हाई इंपैक्ट एक्सरसाइज है, इसलिए इससे जोड़ों की समस्याएं या चोट लगने का खतरा होता है. रनिंग करने पिंडली में मोच, घुटने में दर्द या कूल्हे की समस्याएं हो सकती है. वहीं, सीढ़ियां चढ़ने एक लो इंपैक्ट वर्कआउट होता है. इससे घुटनों और जोड़ों पर कम स्ट्रेस पड़ता है. इसके बावजूद यह एक अच्छा कार्डियोवैस्कुलर वर्कआउट होता है.

दोनों एक्सरसाइज को रूटीन में करें शामिल
अगर आप वजन कम करने के साथ-साथ ओवर ऑल हेल्थ को बेहतर बनाए रखना चाहते हैं तो आपको दोनों ही एक्सरसाइज को अपने डेली रूटीन में शामिल करना चाहिए.

नोट: खबर में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले एक्स्पर्ट से सलाह जरूर लें.

यह भी पढ़ें- सुबह या शाम कब करें वर्कआउट? सही टाइम पर एक्सरसाइज करने से दोगुनी रफ्तार से कम होगा वेट

नई दिल्ली: आज के समय मोटापा सबसे बड़ी हेल्थ समस्या है. न सिर्फ भारत बल्कि दुनियाभर के लोग इससे परेशान हैं. ऐसे में ज्यादातर लोग वजन कम करने की जद्दोजहद में जुटे रहते हैं. मोटापा कम करने के लिए कुछ लोग वर्कआउट करते हैं तो कुछ लोग जिम में जाकर पसीना बहाते हैं. हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो किसी वजह से जिम नहीं जा सकते है या फिर वर्कआउट के लिए इक्विपमेंट नहीं खरीद सकते. ऐसे लोग रनिंग या सीढ़ी चढ़कर वजन कम करते हैं.

वैसे तो हर एक्सरसाइज से कैलोरी बर्न होती है. ऐसे में रनिंग या सीढ़ी चढ़ना भी मोटापा कम करने के लिए एक बेहतर विकल्प होता है, लेकिन लोगों के मन में यह दुविधा रहती है कि वेट लॉस करने के लिए रनिंग ज्यादा बेहतर होती है सीढ़ियां चढ़ना. अगर आप भी इसी बात को लेकर कंफ्यूज हैं तो आज हम आपकी यह दुविधा खत्म करने जा रहे हैं.

गौरतलब है कि अगर आप ज्यादा इंटेसिटी के साथ रनिंग करते हैं तो इससे आपकी ज्यादा कैलोरी बर्न होगी. उदाहरण के लिए, अगर आप एक घंटे रनिंग करते हैं तो आपकी स्पीड के मुताबिक करीब 600 से 1000 कैलोरी बर्न हो सकती हैं, जबकि सीढ़ियां चढ़ने से आपको रनिंग की तुलना में कम कैलोरी बर्न होती हैं, लेकिन फिर भी यह काफी ज्यादा असरदार होता है. अगर आप एक घंटे सीढ़ियां चढ़ते हैं तो इससे लगभग 500 से 600 कैलोरी बर्न हो सकती हैं.

मसल्स पर पड़ता है प्रभाव
रनिंग करते वक्त पिंडली, क्वाड्रिसेप्स, हैमस्ट्रिंग और ग्लूट्स सहित बॉडी के निचले हिस्से की मसल्स टारगेट होती है, जबकि सीढ़ियां चढ़ते वक्त आपके ग्लूट्स, क्वाड्स और पिंडलियों की एक्सरसाइज होती है. सीढियां चढ़ने से लोअर बॉडी मसल्स को स्ट्रेंथन करने में मदद मिलती है.

ज्वाइंट पर क्या होता है असर?
रनिंग एक हाई इंपैक्ट एक्सरसाइज है, इसलिए इससे जोड़ों की समस्याएं या चोट लगने का खतरा होता है. रनिंग करने पिंडली में मोच, घुटने में दर्द या कूल्हे की समस्याएं हो सकती है. वहीं, सीढ़ियां चढ़ने एक लो इंपैक्ट वर्कआउट होता है. इससे घुटनों और जोड़ों पर कम स्ट्रेस पड़ता है. इसके बावजूद यह एक अच्छा कार्डियोवैस्कुलर वर्कआउट होता है.

दोनों एक्सरसाइज को रूटीन में करें शामिल
अगर आप वजन कम करने के साथ-साथ ओवर ऑल हेल्थ को बेहतर बनाए रखना चाहते हैं तो आपको दोनों ही एक्सरसाइज को अपने डेली रूटीन में शामिल करना चाहिए.

नोट: खबर में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले एक्स्पर्ट से सलाह जरूर लें.

यह भी पढ़ें- सुबह या शाम कब करें वर्कआउट? सही टाइम पर एक्सरसाइज करने से दोगुनी रफ्तार से कम होगा वेट

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