हैदराबाद: लैंसेट ग्लोबल हेल्थ रिपोर्ट के अनुसार, भारत की आधी व्यस्क आबादी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के शारीरिक गतिविधि संबंधी मानदंडों को पूरा नहीं करती. रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के एडल्ट्स में अपर्याप्त फिजिकल एक्टिविटी का पैमाना 2000 में 22.3 फीसदी से बढ़कर 2022 में 49.4 फीसदी हो गई है, साथ ही इसमें बताया गया है कि देश में महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा शारीरिक रूप से इनैक्टिव हैं.
मतलब, अध्ययन में खुलासा हुआ है कि भारत में करीब आधे एडल्ट शारीरिक रूप से एक्टिव नहीं हैं. इस मामले में भी महिलाएं काफी पिछड़ी हैं. 57 प्रतिशत महिलाएं फिजिकल एक्टिविटी से दूर हैं, वहीं 42 प्रतिशत पुरुष भी फिजिकल एक्टिविटी से दूर हैं. अध्ययन में बताया गया है कि दक्षिण एशिया के हर देश में यही ट्रेंड है. बता दें, 2022 के लिए यह अध्ययन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) सहित कई अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं द्वारा किया गया था.
इसे हाल ही में 'द लैंसेट ग्लोबल हेल्थ' जर्नल में प्रकाशित किया गया. इसके अनुसार, दक्षिण एशियाई देश एशिया प्रशांत क्षेत्र के हाई सैलरी वाले देशों में फिजिकल एक्टिविटी नहीं करने के मामले में दूसरे स्थान पर हैं. अध्ययन में पता चला कि 195 देशों में भारत अपर्याप्त फिजिकल एक्टिविटी के मामले में 12वें स्थान पर है. इसके अलावा, लैंसेट की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर लगभग एक तिहाई वयस्क लगभग 1.8 बिलियन लोग 2022 में अनुशंसित फिजिकल एक्टिविटी को पूरा करने में विफल रहे. जिसके कारण मधुमेह का खतरा मंडरा रहा है.
शोधकर्ताओं ने कहा कि अगर इस पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो भारत में लगभग 59.9 फीसदी वयस्क 2030 तक अस्वस्थ हो जाएंगे और पर्याप्त फिजिकल एक्टिविटी में भाग न लेने के कारण बीमारी के बड़े जोखिम में होंगे. वैश्विक स्तर पर 31 प्रतिशत वयस्क प्रति सप्ताह कम से कम 150 मिनट मध्यम से विगरस एक्सरसाइज या 75 मिनट विगरस एक्सरसाइज नहीं करते हैं. 2010 में यह 26.4 प्रतिशत था जो पर्याप्त एक्सरसाइज नहीं करते थे और अब यह 31 प्रतिशत पर पहुंच गया है जो चिंताजनक है.
WHO क्या कहता है
वैश्विक निकाय ने एडल्ट पॉपुलेशन के लिए हर हफ्ते कम से कम 150 से 300 मिनट की मध्यम एरोबिक एक्टिविटी की सिफारिश की है. अपर्याप्त शारीरिक गतिविधि एडल्ट्स को हार्ट फेलियर और स्ट्रोक जैसी हृदय संबंधी बीमारियों के साथ-साथ मधुमेह, मनोभ्रंश और ब्रेस्ट और कोलोन कैंसर के जोखिम में डालती है. भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों में महिलाओं में अपर्याप्त शारीरिक गतिविधि चिंता का विषय बनी हुई है. क्योंकि वे पुरुषों की तुलना में 14-20 फीसदी से अधिक पीछे हैं. अध्ययन के अनुसार, बांग्लादेश, भूटान और नेपाल जैसे पड़ोसी देशों में महिलाएं अधिक एक्टिव हैं.
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