हैदराबाद : पैरों में क्रैम्प आना या जिसे कई लोग नस पर नस चढ़ना भी कहते है एक सामान्य समस्या है, जिससे लगभग हर व्यक्ति कभी न कभी गुजरता है. यह समस्या अक्सर अचानक होती है और इसमें पीड़ित को पैरों की मांसपेशियों में तनाव बढ़ जाता है और वे अकड़ जाती हैं जो पांव में तेज दर्द व असुविधा का कारण बनता है. चिकित्सकों की माने तो सामान्य तौर पर पांव की मांसपेशियों में क्रैम्प आने के लिए कई आम कारण जिम्मेदार हो सकते हैं जो आमतौर पर ज्यादा गंभीर नहीं होते हैं. लेकिन अगर यह समस्या जल्दी-जल्दी होने लगे तो कई बार यह किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है.
पैरों में क्रैम्प के कारण : दिल्ली की फिजीशियन डॉ कुमुद सेनगुप्ता बताती हैं कि पैरों में क्रैम्प आने के कई कारण हो सकते हैं. इनमें से कुछ सामान्य कारण इस प्रकार हैं:
- पानी की कमी (डिहाइड्रेशन): जब शरीर में पानी की कमी हो जाती है, तो मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है. शरीर को सही मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है ताकि वह सही ढंग से कार्य कर सके.
- इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन: शरीर में पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी भी क्रैम्प का कारण बन सकती है. ये मिनरल्स मांसपेशियों के सही कार्य के लिए जरूरी होते हैं.
- मांसपेशियों की थकान: अत्यधिक व्यायाम या शारीरिक श्रम करने से मांसपेशियां थक जाती हैं , जिससे क्रैम्प हो सकता है. खासकर, जो लोग अचानक भारी व्यायाम शुरू करते हैं, वे इस समस्या से गुजर सकते हैं.
- खराब रक्त प्रवाह: पैरों में खराब रक्त प्रवाह होने से भी मांसपेशियों में क्रैम्प आ सकता है. यह समस्या अक्सर उन लोगों में होती है जो लंबे समय तक बैठे रहते हैं या जिनके पैरों में ब्लड सर्कुलेशन सही नहीं होता.
- वह बताती हैं कि वहीं यदि किसी व्यक्ति को लगातार या जल्दी-जल्दी पैरों में तेज क्रैम्प आने की समस्या हो रही है, तो कभी-कभी यह किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकता है. जिनमें से कुछ संभावित समस्याएं इस प्रकार हैं:
- तंत्रिका तंत्र विकार: नसों से संबंधित समस्याएं जैसे कि पेरिफेरल न्यूरोपैथी क्रैम्प का कारण बन सकती हैं. इस स्थिति में नसों को क्षति पहुंचती है, जिससे दर्द और ऐंठन हो सकती है.
- थायराइड समस्या: हाइपोथायरायडिज्म जैसी थायराइड की समस्याएं भी मांसपेशियों में ऐंठन का कारण बन सकती हैं.
- किडनी की समस्या: किडनी से जुड़ी बीमारियों के कारण भी शरीर में इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन हो सकता है, जिससे मांसपेशियों में क्रैम्प आ सकता है.
- डायबिटीज: डायबिटीज के मरीजों में भी क्रैम्प की समस्या हो सकती है, क्योंकि इसमें रक्त शर्करा का स्तर अनियमित रहता है. जो पैरों की मांसपेशियों में क्रैम्प आने का कारण बन सकता है,
डॉ कुमुद सेनगुप्ता बताती हैं कि इनके अलावा भी कुछ स्वास्थ्य समस्याएं व अवस्थाएं हो सकती हैं जो मांसपेशियों में हल्के या तेज प्रभाव वाले क्रैम्प आने का कारण बन सकती हैं.
कैसे करें देखभाल : वह बताती हैं कि यदि किसी व्यक्ति को बार- बार यानि कम अंतराल पर और यहां तक की सोते हुए भी पांव में तेज क्रैम्प महसूस हो रहे हों उन्हे इस समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए तथा तत्काल चिकित्सक से जांच करवानी चाहिए. तथा समस्या के कारणों को जानने के बाद बिना देरी जरूरी इलाज करवाना चाहिए. इसके अलावा कुछ हेल्दी आदतें भी हैं जिन्हें अपनाकर पैरों में क्रैम्प आने की समस्या से काफी हद तक बचा जा सकता है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
- शरीर में जरूरी हाइड्रेशन बनाए रखें. पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बहुत जरूरी है, इससे मांसपेशियों को हाइड्रेटेड रखा जा सकता है.
- नियमित व्यायाम और स्ट्रेचिंग को दिनचर्या का हिस्सा बनाए. इससे मांसपेशियों को मजबूत और लचीला बनाया जा सकता है.
- संतुलित आहार लें और उसमें इलेक्ट्रोलाइट्स युक्त आहार की मात्रा बढ़ाएं.
- यदि किसी व्यक्ति को पैरों में क्रैम्प महसूस हो रहे हैं तो ऐसे में प्रभावित हिस्से की मालिश और गर्म पानी से सिकाई करने से मांसपेशियों को आराम मिलता है. जिससे क्रैम्प में भी राहत मिल सकती है.