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कौन-सी वह बीमारी है जिसकी वजह से नहीं सुन सकती हैं अलका याग्निक, क्या हमलोग ऐसी गंभीर बीमारी से बच सकते हैं, जानें - Alka Yagnik Hearing Loss

देश की सबसे मधुर आवाजों में शामिल अलका याग्निक एक गंभीर बीमारी से गुजर रही हैं. सोशल मीडिया पर दी गई जानकारी के मुताबिक अलका ने सुनने की क्षमता खो दी है. उनका इलाज चल रहा है. क्या है यह बीमारी, क्या अलका फिर से सुन पाएंगी, क्या कोई ऐसा सुझाव है जिसका पालन कर हमलोग ऐसी गंभीर बीमारी से बच सकते हैं, जानने के लिए पढे़ं पूरी खबर.

Alka Yagnik
अलका याग्निक (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 18, 2024, 6:55 PM IST

हैदराबाद : अस्सी और नब्बे के दशक में अपनी मधुर आवाजों से फिल्म जगत को एक से बढ़कर एक गाने देने वालीं अलका याग्निक गंभीर बीमारी से गुजर रहीं हैं. किसी को यकीन नहीं हो रहा है कि अलका याग्निक अब नहीं सुन सकती हैं. यह जानकारी उन्होंने खुद दी है. उन्होंने अपने फैंस से प्रार्थना की है कि वे उनके लिए दुआ करें. उन्हें कौन-सी बीमारी हुई है, क्या है इसकी वजह और क्या कभी अलका फिर से सुन सकती हैं ? इन सारे सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़ें यह लेख.

अलका याग्निक को कौन सी बीमारी हुई है

आपको बता दें कि अलका याग्निक को हियरिंग लॉस हुआ है. यानी उन्होंने सुनने की क्षमता खो दी है. हियरिंग लॉस की मुख्य वजह वायरल इंफेक्शन है. इंफेक्शन के कारण कॉक्लियर (सुनने वाली तंत्रिका) प्रभावित होती है. उसमें सूजन आ जाती है. अगर आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत है, तब आप इसका प्रतिरोध कर पाते हैं, अन्यथा दिक्कत आती है.

इसके लक्षण क्या हैं

सबसे सामान्य लक्षण- किसी एक कान से श्रवण का लॉस होना है. बीमारी अगर गंभीर है तो दोनों कानों में हियरिंग लॉस हो सकती है. इसके अलावा कान में सनसनाहट या कुछ इससे मिलती-जुलती आवाजें आती रहेंगी. कान में सूजन आ सकती है. आपको चक्कर भी आ सकता है.

डायगनोसिस

लंबे समय तक डॉक्टर टेस्टिंग करते हैं. लक्षणों के आधार पर इसका कारण ढूंढा जाता है. जरूरत पड़ने पर डॉक्टर सर्जरी की भी सलाह देते हैं.

न्यूरोलॉजिकल मूल्यांकन की आवश्यकता

डॉक्टर इस तरह के मामलों में पोंटीन स्ट्रोक की जांच करते हैं. पोंटीन स्ट्रोक के कारण हियरिंग लॉस हो सकता है. यह स्ट्रोक पोंस से जुड़ी है. पोंस मस्तिष्क स्टेम का एक हिस्सा है. उसमें रक्त का प्रवाह बंद हो जाता है. डॉक्टर इसकी पुष्टि के लिए एमआरआई करते हैं.

क्या है इलाज

उपचार में स्टेरॉयड शामिल हैं. तीन दिनों के लिए प्रतिदिन एक बार IV (ड्रिप के माध्यम से) दिया जाता है, उसके बाद टेबलेट दी जाती हैं. टिम्पेनिक मेंमब्रेन (कान के पर्दे) में स्टेरॉयड इंजेक्शन दिया जा सकता है.

नुकसान

इस उपचार के बाद कुछ मरीज ठीक हो जाते हैं. जिन मरीजों को स्टेरॉयड के साथ शुरुआती उपचार मिलता है, वे भी अच्छी तरह से ठीक हो जाते हैं. हालांकि, कुछ मरीजों में हियरिंग लॉस बना रहता है, भले ही वह आंशिक हो.

जिन्होंने सुनने की क्षमता पूरी तरह से खो दी है, वे क्या करें

ऐसे मरीजों के लिए हियरिंग एड दी जाती है.

क्या बरत सकते हैं सावधानियां

वायरल संक्रमण के संपर्क से बचें. सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनें. सामाजिक दूरी बनाए रखें. डॉक्टर की परामर्श पर वार्षिक फ्लू का टीका लें. तेज शोर के संपर्क में आने से बचें. लंबे समय तक हेड फोन/ईयर फोन का उपयोग करने से बचें, खासकर ऊंची आवाज में.

(यह जानकारी डॉक्टर सुधीर शर्मा, एमडी, के एक्स पोस्ट पर आधारित है)

ये भी पढ़ें : 'मुझे कुछ सुनाई नहीं दे रहा', सिंगर अलका याग्निक हुईं इस रेयर बीमारी का शिकार

हैदराबाद : अस्सी और नब्बे के दशक में अपनी मधुर आवाजों से फिल्म जगत को एक से बढ़कर एक गाने देने वालीं अलका याग्निक गंभीर बीमारी से गुजर रहीं हैं. किसी को यकीन नहीं हो रहा है कि अलका याग्निक अब नहीं सुन सकती हैं. यह जानकारी उन्होंने खुद दी है. उन्होंने अपने फैंस से प्रार्थना की है कि वे उनके लिए दुआ करें. उन्हें कौन-सी बीमारी हुई है, क्या है इसकी वजह और क्या कभी अलका फिर से सुन सकती हैं ? इन सारे सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़ें यह लेख.

अलका याग्निक को कौन सी बीमारी हुई है

आपको बता दें कि अलका याग्निक को हियरिंग लॉस हुआ है. यानी उन्होंने सुनने की क्षमता खो दी है. हियरिंग लॉस की मुख्य वजह वायरल इंफेक्शन है. इंफेक्शन के कारण कॉक्लियर (सुनने वाली तंत्रिका) प्रभावित होती है. उसमें सूजन आ जाती है. अगर आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत है, तब आप इसका प्रतिरोध कर पाते हैं, अन्यथा दिक्कत आती है.

इसके लक्षण क्या हैं

सबसे सामान्य लक्षण- किसी एक कान से श्रवण का लॉस होना है. बीमारी अगर गंभीर है तो दोनों कानों में हियरिंग लॉस हो सकती है. इसके अलावा कान में सनसनाहट या कुछ इससे मिलती-जुलती आवाजें आती रहेंगी. कान में सूजन आ सकती है. आपको चक्कर भी आ सकता है.

डायगनोसिस

लंबे समय तक डॉक्टर टेस्टिंग करते हैं. लक्षणों के आधार पर इसका कारण ढूंढा जाता है. जरूरत पड़ने पर डॉक्टर सर्जरी की भी सलाह देते हैं.

न्यूरोलॉजिकल मूल्यांकन की आवश्यकता

डॉक्टर इस तरह के मामलों में पोंटीन स्ट्रोक की जांच करते हैं. पोंटीन स्ट्रोक के कारण हियरिंग लॉस हो सकता है. यह स्ट्रोक पोंस से जुड़ी है. पोंस मस्तिष्क स्टेम का एक हिस्सा है. उसमें रक्त का प्रवाह बंद हो जाता है. डॉक्टर इसकी पुष्टि के लिए एमआरआई करते हैं.

क्या है इलाज

उपचार में स्टेरॉयड शामिल हैं. तीन दिनों के लिए प्रतिदिन एक बार IV (ड्रिप के माध्यम से) दिया जाता है, उसके बाद टेबलेट दी जाती हैं. टिम्पेनिक मेंमब्रेन (कान के पर्दे) में स्टेरॉयड इंजेक्शन दिया जा सकता है.

नुकसान

इस उपचार के बाद कुछ मरीज ठीक हो जाते हैं. जिन मरीजों को स्टेरॉयड के साथ शुरुआती उपचार मिलता है, वे भी अच्छी तरह से ठीक हो जाते हैं. हालांकि, कुछ मरीजों में हियरिंग लॉस बना रहता है, भले ही वह आंशिक हो.

जिन्होंने सुनने की क्षमता पूरी तरह से खो दी है, वे क्या करें

ऐसे मरीजों के लिए हियरिंग एड दी जाती है.

क्या बरत सकते हैं सावधानियां

वायरल संक्रमण के संपर्क से बचें. सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनें. सामाजिक दूरी बनाए रखें. डॉक्टर की परामर्श पर वार्षिक फ्लू का टीका लें. तेज शोर के संपर्क में आने से बचें. लंबे समय तक हेड फोन/ईयर फोन का उपयोग करने से बचें, खासकर ऊंची आवाज में.

(यह जानकारी डॉक्टर सुधीर शर्मा, एमडी, के एक्स पोस्ट पर आधारित है)

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