हैदराबाद : गर्मी के मौसम में तेज धूप में ज्यादा देर तक बाहर रहना कई बार आंखों के स्वास्थ्य पर प्रभाव डालने लगता है. जानकार मानते हैं कि गर्मियों के मौसम में आंखों को तेज धूप के सीधे संपर्क में आने से बचाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए. दरअसल इस मौसम में तेज गर्मी के चलते वातावरण में शुष्कता बढ़ जाती है, जिसके फलस्वरूप हवा में प्रदूषण व धूल मिट्टी का प्रभाव भी बढ़ जाता है. वहीं ऐसे में यदि किसी भी कारण से ज्यादा समय तक धूप के सीधे संपर्क में रहना पड़े तो इन के साथ सूरज की हानिकारक यूवी किरणें भी आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं.
कारण और प्रभाव : दिव्य ज्योति नेत्रालय नई दिल्ली के चिकित्सक डॉ आर.आर मंमगाई बताते हैं कि खेल, नौकरी, मजदूरी या किसी भी कारण से तेज धूप के सीधे संपर्क में ज्यादा समय तक रहने वाले लोगों में आमतौर पर सूरज की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणें आंखों से संबंधित कई समस्याओं का कारण बन सकती हैं. इसके अलावा इस मौसम में प्रदूषण, हवा में मौजूद धूल के कणों तथा नेत्र हाइजीन की कमी के कारण भी एलर्जी, संक्रमण, रोए की समस्या, ड्राई आई, आंखों के लाल या गुलाबी होने या उनमें खुजली सहित कई प्रकार की समस्याओं के मामले बढ़ जाते हैं. वहीं कई बार इनके कारण आंख में बैक्टीरियल इंफेक्शन जैसे स्टाई या कन्जंक्टिवाइटिस तथा आंखों के कुछ अन्य प्रकार के रोग या संक्रमण भी ट्रिगर हो सकते हैं. वह बताते हैं की ऐसे लोग जो पहले से ही नेत्र से जुड़े किसी रोग जैसे मोतियाबिंद, फ़ोटो फोबिया या किसी अन्य प्रकार की समस्या का सामना कर रहें हैं या जिनकी हाल फिलहाल में आंखों की किसी प्रकार की सर्जरी हुई हो उन्हे इस मौसम में हाइजीन तथा सावधानियों का ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत होती है.
सावधानी अपनाना है जरूरी : डॉ आर. आर मंमगाई बताते हैं कि बहुत जरूरी है कि गर्मी में मौसम में विशेषकर ऐसे समय में जब गर्मी अपने चरम पर हो , अपनी आंखों की हर संभव तरह से सुरक्षा तथा हाइजीन बनाए रखने प्रयास किए जाए. इसके लिए कुछ बातों को ध्यान में रखना लाभकारी हो सकता है. जिनमें में कुछ इस प्रकार हैं.
- धूप में निकलते समय हमेशा अच्छी गुणवत्ता वाले तथा यूवी संरक्षण वाले धूप के चश्मे पहने. इनसे तेज धूप में मौजूद हानिकारक यूवी किरणों से आंखों को सुरक्षा मिलती है. तथा वातावरण में मौजूद प्रदूषण या धूल मिट्टी के कण सरलता से आंखों में नहीं जा पाते हैं.
- धूप में तैराकी करने वालों को तैराकी के दौरान भी अच्छी क्वालिटी वाले स्विमिंग गॉगल्स का उपयोग करना चाहिए.
- आंखों के हाइजीन को बनाए रखने के लिए उन्हे ठंडे व साफ से दिन में 2-3 बार धोना चाहिए.
- बहुत जरूरी है कि गंदे हाथों से आंखों को बार-बार छुआ या खुजलाया ना जाए. ऐसा करने से आंखों में संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है.
- धूप में बाहर निकलते समय सिर पर वाइज़र वाली टोपी, या ऐसी टोपी/हैट को पहनना चाहिए जो आंखों व चेहरे को धूप से बचा सके.
- शरीर में पानी की कमी भी आंखों में ड्राइनेस जैसी समस्या तथा कुछ अन्य समस्याओं का कारण बन सकती है. इसलिए बहुत जरूरी है कि प्रतिदिन जरूरी मात्रा में पानी अवश्य पिएं.
- हल्का व सुपाच्य भोजन करें क्योंकि इस प्रकार के आहार से ना सिर्फ शरीर को पोषण मिलता है, रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है और साथ ही गर्मी के मौसम में शरीर का तापमान भी नियंत्रित रहता है.
ना करें इलाज में देरी : डॉ आर. आर मंमगाई बताते हैं कि सभी सावधानियों को अपनाने के बाद भी यदि आंखों में किसी भी प्रकार की समस्या विशेषकर, खुजली, लालिमा या किसी प्रकार के संक्रमण के लक्षण नजर आते हैं तो तत्काल नेत्र चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए.