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एक कप चाय आपको बना सकती है कैंसर का शिकार, प्लास्टिक की बोतल में पानी पीना भी है खतरनाक, जानें कैसें करें बचाव? - Causes Of Cancer

Causes Of Cancer: भारत समेत दुनियाभर में हर साल कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. कैंसर के अधिकतर मामले एडवांस स्टेज में ही सामने आ रहे हैं. इस वजह लोगों में जागरूकता की कमी है.

cause cancer
एक कप चाय आपको बना सकता है कैंसर का शिकार, (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 28, 2024, 2:12 PM IST

नई दिल्ली: दुनियाभर में कैंसर के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है. इस बीमारी की चपेट में लगभग हर उम्र के लोग आ चुके हैं. कैंसर से हर साल लाखों मौतें हो रही है. वैसे तो कैंसर कई कारणों से होता है, लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि अब यह चाय से भी हो सकता है. जी, हां एक चाय का कप भी आपको कैंसर का मरीज बना सकता है.

जानकारी के मुताबिक अगर आप रोजाना प्लास्टिक के कप में चाय पीते हैं तो आप कैंसर की चपेट में आ सकते हैं. दरअसलस, प्लास्टिक के कप में हाइड्रोकार्बन होता है और जब आप चाय को इन कप डालकर पीते हैं यह हाइड्रोकार्बन चाय में मिल जाता है, जिससे आपको कैंसर हो सकता है.

प्लास्टिक से निकलता है हाइड्रोकार्बन
एक्स्पर्ट की मानें तो गर्म होने पर प्लास्टिक के कप से हाइड्रोकार्बन निकलता है. जिससे कैंसर का रिस्क बढ़ जाता है. इसी तरह प्लास्टिक बोतल से पानी पीने से भी कैंसर हो सकता. दरअसल, पानी की बोतल में लंबे समय तक पानी रहने पर वह प्लास्टिक में मौजूद हाइड्रोकार्बन के संपर्क में आ जाता है और जब हम पानी पीते हैं तो इसके जरिए हाइड्रोकार्बन हमारे शरीर में चला जाता है. इतना ही नहीं प्लास्टिक बोतल में डायोक्सिन केमिकल भी होता है जिससे ब्रेस्ट कैंसर का खतरा रहता है.

देर रात में खाना खाने से बचें
सिर्फ चाय ही नहीं देर रात खाना खाने से भी कैंसर हो सकता है. बर्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ की रिसर्च के मुताबिक खाने और सोने के बीच करीब दो घंटे का गैप होना चाहिए. देर रात में खाना खाने से शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक बिगड़ जाती है. इसके चलते सेल्स के असामान्य तरीके से बढ़ने का रिस्क रहता है और कैंसर का खतरा बढ़ा जाता है.

कैंसर को कैसे करें काबू?
एक्स्पर्ट का कहना है कि कैंसर से निपटने के लिए लोगों को जागरुक करना जरूरी है. ज्यादातर लोगों को यह जानकारी ही नहीं है कि कैंसर की स्क्रीनिंग कब करानी चाहिए. कई मामलों ऐसे सामने आते हैं किन शरीर में सालों तक बीमारी पनपती रहती है और लोग इसपर ध्यान नहीं देते. यही वजह है कि कैंसर के अधिकतर मामले एडवांस स्टेज में रिपोर्ट होते हैं.

कैंसर के इलाज के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में भी मेडिकल फैसेलिटीज को बेहतर बनाना होगा. साथ ही डॉक्टरों को मरीजों को बायोप्सी जांच के बारे में बताना चाहिए. जागरूकता बढ़ाने और समय पर इलाज करने कैंसर के मामलों को कंट्रोल किया जा सकता है.

(डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है. यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं है. ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें.)

यह भी पढ़ें- मानसून के मौसम में लेते हैं चाय की चुस्कियां, भूलकर न करें ये गलतियां, सेहत का हो जायेगा कबाड़ा

नई दिल्ली: दुनियाभर में कैंसर के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है. इस बीमारी की चपेट में लगभग हर उम्र के लोग आ चुके हैं. कैंसर से हर साल लाखों मौतें हो रही है. वैसे तो कैंसर कई कारणों से होता है, लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि अब यह चाय से भी हो सकता है. जी, हां एक चाय का कप भी आपको कैंसर का मरीज बना सकता है.

जानकारी के मुताबिक अगर आप रोजाना प्लास्टिक के कप में चाय पीते हैं तो आप कैंसर की चपेट में आ सकते हैं. दरअसलस, प्लास्टिक के कप में हाइड्रोकार्बन होता है और जब आप चाय को इन कप डालकर पीते हैं यह हाइड्रोकार्बन चाय में मिल जाता है, जिससे आपको कैंसर हो सकता है.

प्लास्टिक से निकलता है हाइड्रोकार्बन
एक्स्पर्ट की मानें तो गर्म होने पर प्लास्टिक के कप से हाइड्रोकार्बन निकलता है. जिससे कैंसर का रिस्क बढ़ जाता है. इसी तरह प्लास्टिक बोतल से पानी पीने से भी कैंसर हो सकता. दरअसल, पानी की बोतल में लंबे समय तक पानी रहने पर वह प्लास्टिक में मौजूद हाइड्रोकार्बन के संपर्क में आ जाता है और जब हम पानी पीते हैं तो इसके जरिए हाइड्रोकार्बन हमारे शरीर में चला जाता है. इतना ही नहीं प्लास्टिक बोतल में डायोक्सिन केमिकल भी होता है जिससे ब्रेस्ट कैंसर का खतरा रहता है.

देर रात में खाना खाने से बचें
सिर्फ चाय ही नहीं देर रात खाना खाने से भी कैंसर हो सकता है. बर्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ की रिसर्च के मुताबिक खाने और सोने के बीच करीब दो घंटे का गैप होना चाहिए. देर रात में खाना खाने से शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक बिगड़ जाती है. इसके चलते सेल्स के असामान्य तरीके से बढ़ने का रिस्क रहता है और कैंसर का खतरा बढ़ा जाता है.

कैंसर को कैसे करें काबू?
एक्स्पर्ट का कहना है कि कैंसर से निपटने के लिए लोगों को जागरुक करना जरूरी है. ज्यादातर लोगों को यह जानकारी ही नहीं है कि कैंसर की स्क्रीनिंग कब करानी चाहिए. कई मामलों ऐसे सामने आते हैं किन शरीर में सालों तक बीमारी पनपती रहती है और लोग इसपर ध्यान नहीं देते. यही वजह है कि कैंसर के अधिकतर मामले एडवांस स्टेज में रिपोर्ट होते हैं.

कैंसर के इलाज के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में भी मेडिकल फैसेलिटीज को बेहतर बनाना होगा. साथ ही डॉक्टरों को मरीजों को बायोप्सी जांच के बारे में बताना चाहिए. जागरूकता बढ़ाने और समय पर इलाज करने कैंसर के मामलों को कंट्रोल किया जा सकता है.

(डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है. यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं है. ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें.)

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