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यूरिक एसिड की समस्या से हैं परेशान, काम आएगा 'पान', जानें कैसे? - Uric Acid

How To Reduce Uric Acid: बदलती लाइफस्टाइल, स्ट्रेस, रिफाइंड और प्रोसेस्ड फूड्स खाना और डाइट में फाइबर की कमी के कारण यूरिक एसिड का लेवल बढ़ सकता है. इसके चलते पीड़ित व्यक्ति को चलने-फिरने में काफी दिक्कत होती है. हालांकि, अब आप इस समस्या को आसानी से निजात पा सकते हैं.

uric acid
यूरिक एसिड की समस्या (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 3, 2024, 7:57 PM IST

नई दिल्ली: आज कल यूरिक एसिड बढ़ना आम हेल्थ प्रॉब्लम हो गई है. शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाने से पैरों में दर्द और सूजन होने लगती है. इसके चलते पीड़ित व्यक्ति को चलने-फिरने में काफी दिक्कत होती है. अगर यूरिक एसिड लेवल को नियंत्रित ना किया जाए तो इससे स्थिति और गंभीर बन सकती है.

एक्सपर्ट्स के मुताबिक यूरिक एसिड का लेवल कई कारणों से बढ़ सकता है. इनमें लोगों की बदलती लाइफस्टाइल, स्ट्रेस, रिफाइंड और प्रोसेस्ड फूड्स खाना, डाइट में फाइबर की कमी और एक्सरसाइज ना करना शामिल है.

यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण
जब शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने लगता है तो पीड़ित शख्स को जॉइंट्स में दर्द, उंगलियों के जॉइंट्स में दर्द और सूजन, एड़ियों में दर्द और पैरों में अकड़न होने लगती है. अगर आपको भी इस तरह की कोई समस्या हो रही है तो इसे नजरअंदाज न करें.

यूरिक एसिड होने पर करें पान के पत्तों का इस्तेमाल
अगर आपको एरिक एसिड की समस्या है तो आपको पान के पत्ते खाने चाहिए. ये यूरिक एसिड लेवल को कम करने में मदद करते हैं. इसके अलावा पान को उसके पाचक गुणों के लिए भी जाना जाता है.

खांसी-जुकाम में राहत देता है पान
एक्सपर्ट की मानें तो पान कफ को कम करने में काफी कारगार होता है और आयुर्वेद में कफ होने पर इसके सेवन की सलाह दी जाती है. पान के पत्ते खांसी-जुकाम और सिरदर्द जैसी समस्याओं में भी राहत देते हैं. इतना ही नहीं पान के पत्ते खाने से जॉइंट पेन और भूख से जुड़ी समस्याएंभी कम होती हैं. इसके चबाने से दर्द, सूजन और इंफ्लेमेशन जैसी समस्याओं में आराम मिलता है.

पान में पाई जाती हैं एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज
बता दें कि पान के पत्तों में बड़ी मात्रा में एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं, जो जोड़ों में होने वाले दर्द से आराम दिलाने और सूजन को कम करने में मदद करती हैं. पान के ताजे पत्तों में टैनिन, प्रोपेन और एल्केलॉयड जैसे न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं, जो शरीर में यूरिक एसिड लेवल को कम करने का काम करते हैं.

(डिस्कलेमर: इस वेबसाइट पर दी गई सभी स्वास्थ्य जानकारी, चिकित्सा युक्तियां और सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)

यह भी पढ़ें- पैर में दिखने वाले इन संकेतों की भूलकर भी न करें अनदेखी, हो सकती है गंभीर समस्या

नई दिल्ली: आज कल यूरिक एसिड बढ़ना आम हेल्थ प्रॉब्लम हो गई है. शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाने से पैरों में दर्द और सूजन होने लगती है. इसके चलते पीड़ित व्यक्ति को चलने-फिरने में काफी दिक्कत होती है. अगर यूरिक एसिड लेवल को नियंत्रित ना किया जाए तो इससे स्थिति और गंभीर बन सकती है.

एक्सपर्ट्स के मुताबिक यूरिक एसिड का लेवल कई कारणों से बढ़ सकता है. इनमें लोगों की बदलती लाइफस्टाइल, स्ट्रेस, रिफाइंड और प्रोसेस्ड फूड्स खाना, डाइट में फाइबर की कमी और एक्सरसाइज ना करना शामिल है.

यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण
जब शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने लगता है तो पीड़ित शख्स को जॉइंट्स में दर्द, उंगलियों के जॉइंट्स में दर्द और सूजन, एड़ियों में दर्द और पैरों में अकड़न होने लगती है. अगर आपको भी इस तरह की कोई समस्या हो रही है तो इसे नजरअंदाज न करें.

यूरिक एसिड होने पर करें पान के पत्तों का इस्तेमाल
अगर आपको एरिक एसिड की समस्या है तो आपको पान के पत्ते खाने चाहिए. ये यूरिक एसिड लेवल को कम करने में मदद करते हैं. इसके अलावा पान को उसके पाचक गुणों के लिए भी जाना जाता है.

खांसी-जुकाम में राहत देता है पान
एक्सपर्ट की मानें तो पान कफ को कम करने में काफी कारगार होता है और आयुर्वेद में कफ होने पर इसके सेवन की सलाह दी जाती है. पान के पत्ते खांसी-जुकाम और सिरदर्द जैसी समस्याओं में भी राहत देते हैं. इतना ही नहीं पान के पत्ते खाने से जॉइंट पेन और भूख से जुड़ी समस्याएंभी कम होती हैं. इसके चबाने से दर्द, सूजन और इंफ्लेमेशन जैसी समस्याओं में आराम मिलता है.

पान में पाई जाती हैं एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज
बता दें कि पान के पत्तों में बड़ी मात्रा में एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं, जो जोड़ों में होने वाले दर्द से आराम दिलाने और सूजन को कम करने में मदद करती हैं. पान के ताजे पत्तों में टैनिन, प्रोपेन और एल्केलॉयड जैसे न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं, जो शरीर में यूरिक एसिड लेवल को कम करने का काम करते हैं.

(डिस्कलेमर: इस वेबसाइट पर दी गई सभी स्वास्थ्य जानकारी, चिकित्सा युक्तियां और सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)

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