HOW MANY CARBOHYDRATES NEED: मौजूदा जीवन शैली में डायबिटीज ऐसी बीमारी है, जो लोगों में कई परेशानियां खड़ी करती है. साथ ही कई बीमारियों का कारण बनती है. इस बीमारी के शिकार लोग या बीमारी से बचने की कोशिश करने वाले लोग हमेशा इस बात के लिए परेशान रहते हैं, कि अपने भोजन में कार्बोहाइड्रेट किस तरह लें और कितनी मात्रा में सेवन करें. जिससे ब्लड शुगर की मात्रा ना बढ़े, क्योंकि कार्बोहाइड्रेट्स हमारे नियमित भोजन का जरूरी अंग है और उनके बिना संतुलित भोजन नहीं माना जा सकता है.
2 प्रकार के होते हैं कार्बोहाइड्रेट
ब्लड शुगर की समस्या से घिरा या डरा हुआ हर इंसान कई तरह की भ्रांतियां अपने मन में पाले रहता है, कि आखिर उसे क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए. इसको लेकर उसके मन में कई तरह के सवाल होते हैं. जिसको लेकर जानकारों का कहना है कि कार्बोहाइड्रेट दो तरह के होते हैं. सिंपल कार्बोहाइड्रेट तेजी से ब्लड शुगर बढ़ाते हैं और परिसर कार्बोहाइड्रेट सिर्फ ब्लड शुगर बढ़ने का खतरा कम रहता है. इसलिए हमें संतुलित भोजन करना चाहिए. जिससे हमें पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, विटामिन्स, प्रोटीन मिले और शरीर को नुकसान भी ना हो.
ब्लड शुगर बढ़ने की चिंता
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है. इसका डर उन लोगों को भी होता है, जो इस बीमारी के शिकार नहीं होते और उन लोगों को तो होता ही है, जो इस परेशानी से जूझते रहते हैं. दोनों की चिंता होती है कि ब्लड शुगर को कैसे कंट्रोल किया जाए. ऐसे मरीजों के लिए ब्लड शुगर कंट्रोल रखना जरूरी है. ब्लड शुगर कंट्रोल करने का बेहतर तरीका बैलेंस डाइट होती है. हमें इस बात का ध्यान रखना होता है, कि हम अपने नियमित भोजन में ऐसी किन चीजों का इस्तेमाल करें. जिससे ब्लड शुगर ना बढ़े. जानकार सलाह देते हैं कि, अपने भोजन में कम कार्बोहाइड्रेट और फाइबर की ज्यादा मात्रा का सेवन करना चाहिए. ज्यादा कार्बोहाइड्रेट का सेवन ब्लड शुगर के लेवल को बढ़ा देता है. इसलिए सुबह के नाश्ते से लेकर रात के डिनर तक ये ध्यान रखना चाहिए कि हम कोई ऐसी चीज तो नहीं खा रहे हैं, जो हमारे शरीर में ब्लड शुगर बढ़ा दें.
सिंपल से काम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट ज्यादा बेहतर
बुंदेलखंड मेडिकल काॅलेज के माइक्रोबायलाॅजी विभाग के एसो. प्रोफेसर डाॅ. सुमित रावत बताते हैं, "हमारे डाइट में अलग-अलग तरह के कार्बोहाइड्रेट होते हैं. एक सामान्य तरह के कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जिनमें ग्लूकोज, सुक्रोज और फ्रक्टोज होते हैं, जो हम चाय में शक्कर डालते हैं या जो आलू में स्टार्च होता है. इसके अलावा आजकल जो चिप्स, फ्रेंचफ्राइज या आलू से तैयार होने वाले आलू बडा या बड़ा पाव जैसी दूसरी चीजें होती हैं. ये कार्बोहाइड्रेट मेंदे, समोसे,जलेबी, पुड़ी और पास्ता, पीजा में भी होते हैं. जिनका चलन आजकल ज्यादा बढ गया है, जो सिंपल कार्बोहाइड्रेट होते हैं, ये ब्लड में शुगर और इंसुलिन को बहुत तेजी से बढ़ाते हैं. इससे अलग काम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट गाजर, बीटरूट और शकरकंद में होते हैं, लेकिन ये ज्यादा नुकसान नहीं करते हैं. क्योकिं ये काम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो धीरे-धीरे पचते हैं. इनसे किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है. इनसे इंसुलिन भी कम बढ़ता है और वजन भी तेजी से नहीं बढता है. एनर्जी लेवल मेटेंन रहने के कारण कमजोरी भी नहीं आती है."
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कैसी हो आपके भोजन की थाली
डॉ. सुमित रावत बताते है कि "इसके लिए हमें संतुलिन भोजन लेना चाहिए. संतुलित भोजन से हमारा मतलब है कि अगर आप अपने खाने की प्लेट को चार हिस्सों में बांटते हैं, तो उसमें एक चौथाई हिस्से से ज्यादा कार्बोहाइड्रेट नहीं होना चाहिए. एक चौथाई प्रोटीन होना चाहिए और एक चौथाई हिस्से में सलाद वगैरह होना चाहिए. जिससे विटामिन वगैरह मिल जाएं और एक चौथाई फैट होना चाहिए. जिसमें आप घी और अंडा जैसी चीजें ले सकते हैं."