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ब्रेस्टमिल्क के रंग को लेकर अहम बातें हर नई मां को जानना जरूरी - breast milk color

Breast Milk Color : ब्रेस्ट फीडिंग और ब्रेस्टमिल्क के रंग से कई मिथक जुड़े हैं. चिकित्सकों के मुताबिक ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली माताओं को ब्रेस्टमिल्क को लेकर परेशान नही होना चाहिए बल्कि इसके बारे में जानकारी ही माताओं का तनाव कम कर सकती है.

BREAST MILK COLOR
ब्रेस्ट फीडिंग और ब्रेस्टमिल्क के रंग से कई मिथक जुड़े हैं (IANS)
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By IANS

Published : Aug 6, 2024, 9:33 AM IST

Updated : Aug 6, 2024, 10:51 AM IST

नई दिल्ली : ब्रेस्टमिल्क के रंग से जुड़ी कई भ्रांतियां हैं, कई मिथक है. अफवाहों के चक्कर में कई बार माताएं तनावग्रस्त हो जाती हैं. चिकित्सकों के मुताबिक ब्रेस्टमिल्क को लेकर परेशान नही होना चाहिए बल्कि इसके बारे में सटीक जानकारी ही माताओं का तनाव कम कर सकती है. तो आज बात ब्रेस्टमिल्क कलर की. आमतौर पर ब्रेस्‍ट मिल्‍क का रंग पीला, सफेद, क्रीम, टैन जैसा होता है. डिलीवरी के बाद ब्रेस्‍ट मिल्‍क का रंग बदलता है. ऐसे में कई बार माताएं इसके रंग को लेकर परेशान हो जाती है. दूध के रंग के बारे में सभी माताओं को जानकारी होना बेहद जरूरी है.

बच्‍चे के जन्‍म के बाद जो सबसे पहला दूध आता है वो कोलोस्‍ट्रम होता है. शुरुआत में यह बहुत कम आता है. लेकिन यह पौष्टिक दूध बच्‍चे के लिए बेहद ही लाभदायक होता है. कोलोस्‍ट्रम में बीटा-कैरोटीन की उच्‍च मात्रा होती है. इसी कारण यह गाढ़ा हल्‍के पीले रंग का होता है. यह जन्‍म के लगभग 4 से 5 दिनों तक आता है.

BREAST MILK COLOR stages
ब्रेस्ट फीडिंग और ब्रेस्टमिल्क के रंग से कई मिथक जुड़े हैं (IANS)

ट्रांजिशन मिल्‍क
इसके बाद के दिनों में माताओं को जो दूध आता है उसे ट्रांजिशन मिल्‍क कहा जाता है. यह पहले के मुकाबले काफी पतला होता है. जन्‍म के लगभग दो हफ्ते के बाद मैच्‍योर मिल्‍क आने लगता है. बता दें कि इस दूध का रंग इस बात पर निर्भर करता है कि उसमें कितनी मात्रा में फैट की मौजूदगी है. इसके बाद जब दूध में फैट की मात्रा कम हो जाती है जो पतला दूध आने लगता है , जिसे मेडिकल भाषा में फोरमिल्‍क कहा जाता है.

पहला दूध डार्क येलो कलर का
आईएएनएस ने दूध के रंग के बारे में ज्‍यादा जानने के लिए मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में प्रसूति एवं स्त्री रोग में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अर्पणा हरितवाल से बात की. उन्होंने बताया कि जन्‍म के बाद जो सबसे पहला दूध आता है वह डार्क येलो कलर का होता है. उसे हम कोलोस्‍ट्रम कहते हैं. इसी दूध के अंदर प्रचूर मात्रा में एंटीबॉडी होती है. यह बच्‍चे की इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करता है.

डॉ. अर्पणा ने बताया कि इसके बाद जो दूध आता है, वह थोड़ा हल्‍के रंग का होता है. उस दूध में पानी की मात्रा ज्‍यादा होती है. यह मिल्‍की वाइट कलर का होता है जो बच्‍चे को हाइड्रेट रखने में मदद करता है. डॉक्‍टर ने बताया कि यह दोनों ही तरह के दूध बच्‍चे की सेहत के लिए बेहद ही फायदेमंद होते हैं.

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बच्‍चे के जन्‍म के बाद जो सबसे पहला दूध आता है वो कोलोस्‍ट्रम होता है. शुरुआत में यह बहुत कम आता है. लेकिन यह पौष्टिक दूध बच्‍चे के लिए बेहद ही लाभदायक होता है. कोलोस्‍ट्रम में बीटा-कैरोटीन की उच्‍च मात्रा होती है. इसी कारण यह गाढ़ा हल्‍के पीले रंग का होता है. यह जन्‍म के लगभग 4 से 5 दिनों तक आता है.

BREAST MILK COLOR stages
ब्रेस्ट फीडिंग और ब्रेस्टमिल्क के रंग से कई मिथक जुड़े हैं (IANS)

ट्रांजिशन मिल्‍क
इसके बाद के दिनों में माताओं को जो दूध आता है उसे ट्रांजिशन मिल्‍क कहा जाता है. यह पहले के मुकाबले काफी पतला होता है. जन्‍म के लगभग दो हफ्ते के बाद मैच्‍योर मिल्‍क आने लगता है. बता दें कि इस दूध का रंग इस बात पर निर्भर करता है कि उसमें कितनी मात्रा में फैट की मौजूदगी है. इसके बाद जब दूध में फैट की मात्रा कम हो जाती है जो पतला दूध आने लगता है , जिसे मेडिकल भाषा में फोरमिल्‍क कहा जाता है.

पहला दूध डार्क येलो कलर का
आईएएनएस ने दूध के रंग के बारे में ज्‍यादा जानने के लिए मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में प्रसूति एवं स्त्री रोग में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अर्पणा हरितवाल से बात की. उन्होंने बताया कि जन्‍म के बाद जो सबसे पहला दूध आता है वह डार्क येलो कलर का होता है. उसे हम कोलोस्‍ट्रम कहते हैं. इसी दूध के अंदर प्रचूर मात्रा में एंटीबॉडी होती है. यह बच्‍चे की इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करता है.

डॉ. अर्पणा ने बताया कि इसके बाद जो दूध आता है, वह थोड़ा हल्‍के रंग का होता है. उस दूध में पानी की मात्रा ज्‍यादा होती है. यह मिल्‍की वाइट कलर का होता है जो बच्‍चे को हाइड्रेट रखने में मदद करता है. डॉक्‍टर ने बताया कि यह दोनों ही तरह के दूध बच्‍चे की सेहत के लिए बेहद ही फायदेमंद होते हैं.

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Last Updated : Aug 6, 2024, 10:51 AM IST
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