हैदराबाद: हम कोई भी चीज खाते हैं, उसका असर सीधा हमारी सेहत पर पड़ता है. कोई भी भोजन बनाने में कुकिंग ऑयल एक अहम सामग्री होती है. इसलिए इसका भी सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ता है. ऐसे में एक सही कुकिंग ऑयल का चुनाव करना बहुत ही जरूरी होता है. आमतौर पर हमारी रसोई में दो प्रकार के कुकिंग ऑयल देखने को मिलते हैं, इनमें पहला सरसों का तेल और दूसरा रिफाइंड ऑयल है.
रिफाइंड ऑयल की बात करें तो यहां पर लोगों की पसंद अलग-अलग है, क्योंकि बाजार में अलग-अलग तरह के रिफाइंड ऑयल बेचे जा रहे हैं. कंपनियां इन्हें सेहत के लिए बेहतर बताकर बेच रही हैं, लेकिन सवाल यही उठता है कि क्या ये सभी सच में आपकी सेहत के लिए अच्छे हैं. तो यहां हम आपको इसी के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं कि आपके भोजन में कौन सा कुकिंग ऑयल सबसे अच्छा है, सरसों का तेल या रिफाइंड ऑयल?
सरसों का तेल एक, फायदे अनेक
जैसा कि आप सभी जानते ही हैं कि सरसों का तेल, सरसों के बीजों से बनता है. यह तेज स्वाद में थोड़ा तीखा और दिखने में गहरे पीले रंग का होता है. भारत की लगभग हर रसोई में आपको यह तेल मिल जाएगा और लोग खाने में इस तेल का व्यापक इस्तेमाल करते हैं.
इसके फायदों की बात करें तो सरसों के तेल में हेल्थी फैट होता है, जो शरीर में रक्त वाहिकाओं में जमा नहीं होता है. इसके अलावा इसमें Omega 3 और 6 फैटी एसिड भी भरपूर मात्रा में होता है, जिससे आपको कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद मिलती है. इसमें ग्लूकोसाइनोलेट होता है, जो एक रोगाणुरोधी घटक है और शरीर को संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करता है.
रिफाइंड ऑयल के फायदे
वहीं रिफाइंड ऑयल की बात करें तो यह प्राकृतिक तेल होता है, जिसे अशुद्धियों, गंध और दूषित पदार्थों को हटाने के लिए कई प्रोसेस से गुजारा जाता है. इस तेल को साफ-सुथरा दिखाने और ग्राहकों को पसंद आए, इसके लिए इसे रासायनिक प्रक्रिया से गुजारा जाता है.
इससे होने वाले फायदों की बात करें तो इससे होने वाले स्वास्थ्य लाभ गिनती के ही हैं. इस तेल को हृदय रोगियों के लिए कठोरता से ट्रीट किया जाता है, जिससे यह उनके लिए एक बेहतर विकल्प होता है. वहीं दूसरी ओर, फ़िल्टर्ड तेल को रासायनिक ट्रीटमेंट नहीं दिया जाता है और सिर्फ अशुद्धियों को समाप्त करके बनाया जाता है, जोकि रिफाइंड ऑयल से बेहतर है.
सरसों का तेल vs रिफाइंड ऑयल: कौन-सा है बेहतर
वैसे तो सरसों के तेल को स्वास्थ्य के लिए सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है, हालांकि विशेषज्ञों ने इसके कुछ नुकसान भी बताए हैं. चिकित्सकों की मानें तो सरसों के तेल में इरुसिक एसिड की भारी मात्रा होती है, तो इसका अधिक सेवन करने से दस्त या एनीमिया की समस्या हो सकती है. इसके अलावा अधिक सेवन से त्वचा पर दाने और राइनाइटिस की समस्या भी हो सकती है. इसलिए सलाह दी जाती है कि इसका एक निश्चित मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिए.
वहीं दूसरी ओर रिफाइंड ऑयल की बात करें तो यह सरसों के तेल से कहीं ज्यादा बुरा असर आपकी सेहत पर डालता है. सबसे बड़ी बात यह है कि इसे रासायनों से ट्रीट किया जाता है, जो सेहत के लिए बहुत हानिकारक है. इसकी रिफाइन प्रक्रिया में निकेल इस्तेमाल होता है, जो त्वचा, श्वसन तंत्र और लिवर पर बहुत बुरा असर डालता है. जल्दी खराब न होने के लिए इसमें प्रिज़रवेटिव्स और सोडियम हाइड्रॉक्साइड भी मिलाया जाता है, जो पाचन तंत्र को खराब कर देते हैं. तो इस लेख से आपको यह तो समझ आ गया होगा कि कौन-सा तेल आपके किचन में जगह बनाने के लिए उपयुक्त है.
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