हैदराबाद: पैदल चलना या कहें टहलना एक ऐसी एक्ससाइज है, जो सेहत के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है. खासकर मॉर्निंग वॉक पर लोग ज्यादा जोर देते हैं. सुबह खुली हवा में टहलने से न सिर्फ आपको ताजी और स्वस्थ हवा मिलती है, बल्कि आपका मस्तिष्क भ फ्रेश हो जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि स्वस्थ शरीर के लिए आपको सुबह कितने किलोमीटर टहलना चाहिए. यहां हम आपको यही बताने जा रहे हैं.
कैसे करें निर्धारण: सुबह की सैर के लिए आदर्श दूरी का निर्धारण विभिन्न कारकों जैसे कि उम्र, फिटनेस स्तर, स्वास्थ्य लक्ष्य और व्यक्तिगत प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है. सप्ताह के अधिकांश दिनों में कम से कम 30 मिनट तेज चलने का लक्ष्य रखना चाहिए, जो करीब 1-2 किलोमीटर के बराबर होता है. शारीरिक गतिविधि का यह मध्यम स्तर है, जो हृदय स्वास्थ्य, वजन प्रबंधन और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है.
धीरे-धीरे बढ़ाएं ज्यादा टहलने की क्षमता: अब चूंकि हमने आपको बताया कि यह मध्यम स्तर है, तो अगर आप शुरुआत में इससे कम दूरी तय करते हैं, इसे पूरा करने के लिए खुद पर दबाव न डालें. अपनी गति, कदम, चलने का समय और दूरी को धीरे-धीरे बढ़ाएं. इससे आपके शरीर को कसरत के लिए सही से एडजस्ट होने में मदद मिलेगी. आदर्श दूरी व्यक्तिगत फिटनेस स्तर और स्वास्थ्य लक्ष्यों के आधार पर अलग-अलग होती है.
शरीर की भी सुनें: शुरुआत के लिए एक आरामदायक दूरी से आप शुरू कर सकते हैं और फिटनेस में सुधार होने पर धीरे-धीरे उस दूरी को बढ़ा सकते हैं. इसके लिए आपको अपने शरीर को समझना होगा और अपनी ज़रूरतों और प्राथमिकताओं के हिसाब से सैर की तीव्रता और अवधि को एडजस्ट करना होगा.
सुबह टहलने का सही समय: विशेषज्ञों की मानें तो सुबह सैर करने का आदर्श समय आमतौर पर सूर्योदय के तुरंत बाद का होता है. इस समय में आपको ठंडा तापमान, ताज़ी हवा और शांतिपूर्ण वातावरण मिलता है, जिसका आनंद आप ले सकते हैं. इसके अलावा यह आने वाले दिन के लिए सकारात्मक माहौल भी बनाता है, जिससे मूड और ऊर्जा का स्तर बढ़ता है.
ऐसे करें टहलने की शुरुआत: टहलने के लिए बाहर निकलने से पहले, मांसपेशियों को गर्म करने के लिए धीरे-धीरे स्ट्रेच करना चाहिए. जागने से पहले और बाद में पानी पीकर खुद को हाइड्रेट करना चाहिए. रात को आरामदायक कपड़े और जूते पहनने चाहिेए. नियमित रूप से टहलने से रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है. यह परिसंचरण को भी बढ़ाता है, जिससे हृदय संबंधी बीमारियों और स्ट्रोक का खतरा कम होता है.