मेनोपॉज महिलाओं के जीवन का एक महत्वपूर्ण और नेचुरल फेज है. दरअसल यह वह अवस्था है जब महिलाओं का पीरियड्स बंद हो जाता है. यह एक लॉन्ग टर्म तक चलने वाला प्रोसेस है जो महिलाओं में लगभग 45 साल के बाद शुरू होता है. इस दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो अलग-अगल शारीरिक और मानसिक समस्याओं का कारण बन सकते हैं. बता दें, महिलाओं में मेनोपॉज एक नई शुरुआत है, ना कि रुकने का समय. हालांकि मेनोपॉज कई बार महिलाओं में अन्य समस्याओं के साथ दिल की सेहत में समस्या का भी कारण भी बन सकता है, लेकिन सही आदतें और सावधानियां अपनाकर इस चुनौती का सामना किया जा सकता है, जानें कैसे...
मेनोपॉज के दौरान दिल की सेहत का ख्याल कैसे रखें?
मेनोपॉज महिलाओं के जीवन का एक स्वाभाविक चरण है, जिसमें मासिक धर्म समाप्त हो जाता है. इस दौरान शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकते हैं. खासकर दिल की सेहत पर इसका गहरा प्रभाव पड़ सकता है. जानकारों की मानें तो महिलाओं में मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर गिरने लगता है जिससे कई बार महिलाओं में हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है. लेकिन घबराने की बात नहीं है, कुछ आसान उपाय और सावधानियां अपनाकर महिलाएं ना सिर्फ अपने दिल बल्कि पूरे स्वास्थ्य को दुरुस्त रख सकती हैं.
डॉक्टर क्या कहते हैं?
बेंगलुरु की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. जयंती के वाडेकर बताती हैं कि मेनोपॉज के दौरान कई महिलाओं में एस्ट्रोजन की कमी से शरीर में एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) का लेवल बढ़ जाता है और एचडीएल (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) का लेवल घटने लगता है. इसके अलावा इस अवस्था में शरीर में होने वाले बदलावों के चलते ब्लड प्रेशर और वजन बढ़ने का खतरा भी बढ़ जाता है, जो दिल की बीमारियों की आशंका को बढ़ा देता है. वहीं यह स्थिति दिल की धमनियों में प्लाक जमा होने का कारण भी बन सकती है, जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहते हैं. लेकिन नियमित जांच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से इन समस्याओं को काफी हद तक रोका जा सकता है.
निदान और सावधानियां
डॉ. जयंती बताती हैं कि मेनोपॉज एक लंबी अवधि तक चलने वाली प्रक्रिया है तथा इसके दौरान महिलाओं के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर काफी प्रभाव नजर आ सकते है. लेकिन यदि महिलायें कुछ स्वास्थ्य संबंधी सावधानियों को अपनाएं तथा कुछ अच्छी आदतों को अपनी जीवनशैली में शामिल करें तो वे ना सिर्फ ह्रदय से जुड़ी समस्याओं बल्कि इस अवधि में परेशान करने वाली शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कई अन्य समस्याओं के लक्षणों में भी राहत पा सकती हैं. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं...
स्वस्थ आहार अपनाएं
अपने खाने में फाइबर, फल, सब्जियां, और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर चीजें शामिल करें. तली-भुनी और अधिक नमक वाली चीजों से बचें. अखरोट, अलसी के बीज और मछली जैसे आहार दिल के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं.
- नियमित व्यायाम करें
रोजाना कम से कम 30 मिनट का हल्का व्यायाम, जैसे पैदल चलना, योग, या साइकिल चलाना, दिल की सेहत को बेहतर बनाता है. यह न केवल वजन को नियंत्रित करता है बल्कि ब्लड प्रेशर को भी सामान्य रखता है. - वजन नियंत्रण
मोटापा दिल की तथा अन्य कई बीमारियों का खतरा बढ़ाता है, इसलिए वजन को नियंत्रित रखें. - पानी पीना न भूलें
हाइड्रेटेड रहें, यह ना केवल त्वचा बल्कि दिल के लिए भी फायदेमंद है. - तनाव से बचें:
मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलाव के कारण मूड स्विंग और तनाव आम समस्याएं होती हैं. ध्यान, योग, और गहरी सांस लेने वाले अभ्यास तनाव को कम करने में मदद करते हैं. - धूम्रपान और शराब से दूर रहें
धूम्रपान और शराब का सेवन दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है. इनसे पूरी तरह बचना ही बेहतर है. - नींद का ख्याल रखें
पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण नींद दिल की सेहत के लिए जरूरी है. रोजाना 7-8 घंटे की नींद लें. - नियमित स्वास्थ्य जांच
मेनोपॉज के दौरान रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, और ब्लड शुगर की जांच नियमित रूप से करवाएं.
चिकित्सक से परामर्श लाभकारी
डॉ. जयंती बताती हैं कि कई बार कुछ महिलाएं जो पहले से कुछ विशेष स्वास्थ्य अवस्थाओं या रोगों का सामना कर रही हैं उन्हे मेनोपॉज के दौरान शरीर में होने वाले परिवर्तन ज्यादा परेशान कर सकते हैं. गौरतलब है की मेनोपॉज की शुरुआत होने के बाद से महिलाओं के स्वास्थ्य में कई तरह के कम या ज्यादा प्रभाव वाले परिवर्तन नजर आने लगते हैं.
महिलायें इन परिवर्तनों को महसूस तो करती हैं लेकिन ज्यादातर महिलाएं इनकी ओर ज्यादा ध्यान नहीं देती हैं. लेकिन यदि महिलाएं पहले से किसी स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रही हैं या उनके चलते कुछ विशेष दवाओं का सेवन कर रहीं हैं तो उन्हे मेनोपोज की शुरुआत होने के बाद नियमित रूप से अपनी जांच करवाते रहना चाहिए तथा इस संबंध से चिकित्सक से भी परामर्श जरूर लेना चाहिए.
इसके अलावा कुछ विशेष परिस्थियों में चिकित्सक की सलाह पर हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) पर भी विचार किया जा सकता है. यह दिल की सेहत को बनाए रखने के साथ कई अन्य समस्याओं से बचाव में भी मदद कर सकती हैं.
(डिस्क्लेमर: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)