हैदराबाद : एसिडिटी एक बेहद आम समस्या है जिसमें अलग-अलग कारणों से विशेषकर खानपान व जीवनशैली से जुड़ी गड़बड़ी के चलते पाचनतंत्र में आहार को पचाने वाले एसिड या पाचक अम्ल जरूरत से ज्यादा मात्रा में बनने लगते हैं. ज्यादातर लोग खुद ही एलोपैथिक-आयुर्वेदिक एंटासिड खाकर या फिर एसिडिटी में राहत दिलाने वाले प्राकृतिक आहार या हर्ब का सेवन करके इससे निजात पा लेते हैं. लेकिन चिकित्सकों का मानना है कि अगर लंबे समय Acidity बनी रहे और जरूरत से ज्यादा परेशान करने लगे तो उसे आम समस्या मान कर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. उनके अनुसार गंभीर Acidity की समस्या ना सिर्फ पीड़ित की परेशानियों को काफी ज्यादा बढ़ा सकती हैं बल्कि पाचन तंत्र संबंधी कई अन्य समस्याओं तथा रोगों के होने व बढ़ने का कारण भी बन सकती है.
कारण व प्रभाव :बसंत विहार नई दिल्ली के जनरल फिजिशियन डॉ आकाश मेहरा बताते हैं कि Acidity एक बेहद आम समस्या है. जो पाचन तंत्र में भोजन को पचाने में मदद करने वाले एसिड या अम्ल के जरूरत से ज्यादा मात्रा में बनने के कारण होती है. दरअसल हम जो भी आहार खाते हैं पाचन तंत्र में उसे तोड़ने, गलाने व पचाने के लिए पाचक अम्ल/एसिड का उत्पादन होता है. लेकिन कभी-कभी खाने-पीने की गलत आदतों, जैसे किसी भी समय खाना, ज्यादा तेल मसाले वाला या गरिष्ठ भोजन करना, ज्यादा मात्रा में धूम्रपान या शराब का सेवन, सोने जागने में अनियमितता, ज्यादा तनाव, शारीरिक सक्रियता में कमी तथा कई बार कुछ रोगों व दवाओं के प्रभाव के कारण पाचन तंत्र में एसिड का उत्पादन जरूरत से ज्यादा मात्रा में बढ़ने लगता है. जिसके चलते पीड़ित में अपच, कब्ज, पेट के ऊपरी हिस्से व छाती में जलन, छाती- पेट व सिर में दर्द या हार्टबर्न जैसी समस्याएं होने लगती है.
वह बताते हैं कि अगर पाचन तंत्र में पाचक एसिड का उत्पादन किसी भी कारण से लगातार जरूरत से ज्यादा मात्रा में होने लगे और अतिरिक्त एसिड शरीर से बाहर ना निकल पाए तो पेट की अंदरूनी परत को नुकसान पहुंचाने लगता है. यह अवस्था अगर लंबे समय तक बनी रहे तो इसके चलते कम या ज्यादा गंभीर रूप में पेट में छाले या अल्सर, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम, एनीमिया, खाद्य पदार्थों से पोषण तत्वों के अवशोषण में समस्या या उससे जुड़े रोग, गैस्ट्रिक इसोफेगल डिजीज या जीआरडी, भोजन नली में सूजन या फिर कभी-कभी एसोफैगल कैंसर ( Esophageal cancer ) तक होने की आशंका बढ़ जाती है.
Acidity की समस्या कई बार शरीर में पीएच बैलेंस में असंतुलन का कारण भी बन सकती है जो कमजोर पाचन क्रिया व इम्यून सिस्टम में कमजोरी के साथ कई अन्य समस्याओं का कारण भी बन सकती है. डॉ आकाश मेहरा बताते हैं कि कई बार कुछ रोगों या विशेष अवस्थाओं के चलते तथा कुछ थेरेपी व दवाओं के पार्श्व प्रभाव के कारण भी लोगों में Acidity की समस्या हो सकती है. इसलिए कुछ विशेष दवाओं के साथ चिकित्सक एंटासिड भी प्रिस्क्राइब करते हैं.
एसिडिटी से बचाव व सावधानियां : Acidity prevention precautions
- डॉ आकाश बताते हैं कि खाने पीने तथा जीवन शैली से जुड़ी कुछ अच्छी आदतों को अपनाने से सामान्य एसिडिटी तथा लगातार Acidity की समस्या में आराम मिल सकता है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
- खाने पीने व सोने का समय व मात्रा नियत करें. जैसे सुबह का नाश्ता, दिन का भोजन व रात का भोजन निर्धारित समय पर ही करें. हर मील के बीच अंतराल रखे, भोजन करने के बाद लगभग 2 घंटे तक सोने से बचे, रात को समय से सोये तथा कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लें.
- ज्यादा मात्रा में शराब व धूम्रपान से परहेज करें.
- ऐसे आहार से परहेज करें या उनका कम से कम सेवन करें जो एसिड रिफल्क्स बढ़ाते हैं जैसे ज्यादा खट्टे,मसालेदार व गरिष्ठ भोजन, मांसाहार, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, कैफीन युक्त पेय पदार्थ, ज्यादा वसायुक्त तथा ज्यादा तेल में बना आहार आदि.
- कोशिश करें कि आहार के नियमित रूटीन यानी रोजाना के नाश्ते, दोपहर व रात के खाने में ताजे, सुपाच्य, फाइबर व अन्य पौष्टिक तत्वों से युक्त आहार का सेवन किया जाए.
- जिन लोगों को लगातार Acidity Problem रहती है वे दिन में एक साथ ज्यादा खाने की बजाय हल्के-फुल्के 4-5 छोटे मील (भोजन) ले. ध्यान रहे की हर मील के बीच 2 से 3 घंटे का अंतराल रहे. इसके अलावा ऐसे लोगों को चिकित्सक के निर्देशों तथा उनके द्वारा बताई गई आहार से जुड़ी व अन्य सावधानियों का पालन अनुशासन के साथ करना चाहिए.
- वजन नियंत्रित रखें.
- तनाव से बचें.
- खाली पेट ना रहे.
- नियमित रूप से जरूरी मात्रा में पानी पीते रहें. कैंसर
- चिकित्सक की सलाह के बिना कोई भी दवा अपने आप से या किसी की सलाह पर ना ले. क्योंकि कुछ दवाएं Acidity बढ़ने का कारण बन सकती हैं.
वह बताते हैं कि यदि किसी व्यक्ति में लगातार Acidity symptoms जैसे पेट या सीने में तेज व तीखा दर्द, खट्टी डकार या पाचन संबंधी समस्याएं तीव्र रूप में नजर आने लगे तो उसे खुद से इलाज करने की बजाय तत्काल चिकित्सक से जांच करवानी चाहिए. समय पर जांच व सही इलाज से इसके कई गंभीर प्रभावों से बचा जा सकता है. Acidity prevention precautions . Acidity symptoms . esophageal cancer