ETV Bharat / health

ब्लड के थक्कों में माइक्रोप्लास्टिक की मौजूदगी, दिल के दौरे व स्ट्रोक का बड़ा कारण - Microplastics In Blood Clots - MICROPLASTICS IN BLOOD CLOTS

Microplastics In Blood : प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है. आज के समय में यह ब्लड के थक्कों तक पहुंच चुका है. नये शोध में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि ब्लड के थक्कों में माइक्रोप्लास्टिक की मौजूदगी से आम लोग दिल के दौरे व स्ट्रोक के शिकार हो रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर..

Microplastics In Blood
माइक्रोप्लास्टिक
author img

By IANS

Published : Apr 14, 2024, 7:39 PM IST

नई दिल्ली : चीन में वैज्ञानिकों की एक टीम ने रक्त के थक्कों से 80 प्रतिशत माइक्रोप्लास्टिक का पता लगाया है जो स्ट्रोक, दिल का दौरा और डीप वेन थ्रोम्बोसिस (डीवीटी) में योगदान दे सकता है. माइक्रोप्लास्टिक्स - 5 मिमी से कम लंबा किसी भी प्रकार का प्लास्टिक - लंबे समय से दुनिया भर में एक महत्वपूर्ण पर्यावरण और स्वास्थ्य चिंता के रूप में जाना जाता है.

eBioMedicine जर्नल में प्रकाशित नए अध्ययन से पता चला है कि रक्त के थक्के के नमूने मस्तिष्क में मस्तिष्क धमनियों, हृदय में कोरोनरी धमनियों और 30 रोगियों के निचले छोरों में गहरी नसों में पाए गए. 'दिल का दौरा, स्ट्रोक, या गहरी शिरा घनास्त्रता के बाद रक्त वाहिकाओं से निकाले गए 80 प्रतिशत थक्कों में माइक्रोप्लास्टिक पाया गया. यह वाकई बुरी खबर है. आधुनिक जीवन में प्लास्टिक हर जगह है.'

अमेरिका स्थित जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय में ऑन्कोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर तातियाना प्रोवेल ने X पर एक पोस्ट में लिखा. अध्ययन में मानव स्वास्थ्य पर माइक्रोप्लास्टिक्स के प्रभाव की सटीक जांच करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है. इससे पता चला कि माइक्रोप्लास्टिक की मौजूदगी से दिल का दौरा, स्ट्रोक या गहरी शिरा घनास्त्रता की गंभीरता बढ़ सकती है.

शान्ताउ विश्वविद्यालय चीन से संबद्ध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शोधकर्ताओं ने कहा, 'हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि विभिन्न सांद्रता, बहुलक प्रकार और भौतिक गुणों के माइक्रोप्लास्टिक्स मानव थ्रोम्बी (रक्त के थक्के) में मौजूद हैं और माइक्रोप्लास्टिक्स का उच्च स्तर रोग की गंभीरता से जुड़ा हो सकता है.'

उन्होंने कहा, 'एक्सपोजर के स्रोतों की पहचान करने और अध्ययन में देखे गए रुझानों को मान्य करने के लिए बड़े नमूना आकार के साथ भविष्य के शोध की तत्काल आवश्यकता है.'

ये भी पढ़ें

Microplastics Can Reach Brain Cells : दिमाग की कोशिकाओं तक पहुंच सकता है माइक्रोप्लास्टिक, जानिए क्या मामला

यमुना के पानी में कितना माइक्रोप्लास्टिक, पर्यावरण विभाग लगाएगा पता

नई दिल्ली : चीन में वैज्ञानिकों की एक टीम ने रक्त के थक्कों से 80 प्रतिशत माइक्रोप्लास्टिक का पता लगाया है जो स्ट्रोक, दिल का दौरा और डीप वेन थ्रोम्बोसिस (डीवीटी) में योगदान दे सकता है. माइक्रोप्लास्टिक्स - 5 मिमी से कम लंबा किसी भी प्रकार का प्लास्टिक - लंबे समय से दुनिया भर में एक महत्वपूर्ण पर्यावरण और स्वास्थ्य चिंता के रूप में जाना जाता है.

eBioMedicine जर्नल में प्रकाशित नए अध्ययन से पता चला है कि रक्त के थक्के के नमूने मस्तिष्क में मस्तिष्क धमनियों, हृदय में कोरोनरी धमनियों और 30 रोगियों के निचले छोरों में गहरी नसों में पाए गए. 'दिल का दौरा, स्ट्रोक, या गहरी शिरा घनास्त्रता के बाद रक्त वाहिकाओं से निकाले गए 80 प्रतिशत थक्कों में माइक्रोप्लास्टिक पाया गया. यह वाकई बुरी खबर है. आधुनिक जीवन में प्लास्टिक हर जगह है.'

अमेरिका स्थित जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय में ऑन्कोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर तातियाना प्रोवेल ने X पर एक पोस्ट में लिखा. अध्ययन में मानव स्वास्थ्य पर माइक्रोप्लास्टिक्स के प्रभाव की सटीक जांच करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है. इससे पता चला कि माइक्रोप्लास्टिक की मौजूदगी से दिल का दौरा, स्ट्रोक या गहरी शिरा घनास्त्रता की गंभीरता बढ़ सकती है.

शान्ताउ विश्वविद्यालय चीन से संबद्ध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शोधकर्ताओं ने कहा, 'हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि विभिन्न सांद्रता, बहुलक प्रकार और भौतिक गुणों के माइक्रोप्लास्टिक्स मानव थ्रोम्बी (रक्त के थक्के) में मौजूद हैं और माइक्रोप्लास्टिक्स का उच्च स्तर रोग की गंभीरता से जुड़ा हो सकता है.'

उन्होंने कहा, 'एक्सपोजर के स्रोतों की पहचान करने और अध्ययन में देखे गए रुझानों को मान्य करने के लिए बड़े नमूना आकार के साथ भविष्य के शोध की तत्काल आवश्यकता है.'

ये भी पढ़ें

Microplastics Can Reach Brain Cells : दिमाग की कोशिकाओं तक पहुंच सकता है माइक्रोप्लास्टिक, जानिए क्या मामला

यमुना के पानी में कितना माइक्रोप्लास्टिक, पर्यावरण विभाग लगाएगा पता

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.