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मूसेवाला की मां की प्रेग्नेंसी रिपोर्ट तलब करने पर मान सरकार ने स्वास्थ्य सचिव से मांगा जवाब, दिया कारण बताओ नोटिस - pujab gov moose wala mother ivf

पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की मां की 58 साल की उम्र में आईवीएफ के जरिए बच्चे के जन्म को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पंजाब सरकार को पत्र लिखकर इस संबंध में रिपोर्ट मांगी. इसमें सिद्धू मूसेवाला के पिता से पूछताछ की गई.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 21, 2024, 7:42 PM IST

चंडीगढ़: दिवंगत पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की मां चरण कौर ने हाल ही में 17 मार्च को आईवीएफ टेक्निक के जरिए बेटे को जन्म दिया है. इसे लेकर जहां देश-दुनिया में जश्न का माहौल है, वहीं विवाद भी हो रहे हैं. 58 साल की उम्र में आईवीएफ के जरिए बच्चे के जन्म को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पंजाब सरकार को पत्र लिखकर इस संबंध में रिपोर्ट मांगी. इसमें सिद्धू मूसेवाला के पिता से पूछताछ की गई.

कारण बताओ नोटिस किया जारी

अब इस पूरे मामले ने यू-टर्न ले लिया है और पंजाब सरकार ने पंजाब के स्वास्थ्य सचिव अजोय शर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. कहा गया है कि मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के संज्ञान में आये बिना आईवीएफ की जांच का आदेश कैसे जारी कर दिया गया? इस संबंध में उन्होंने अजॉय शर्मा से दो हफ्ते में जवाब मांगा है.

यह एक बड़ी चूक है

नोटिस में कहा गया है कि मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाए बिना जानकारी क्यों मांगी गई. केंद्र सरकार के पत्र की जानकारी मुख्यमंत्री या संबंधित मंत्री को क्यों नहीं दी गई. इस सबने कानून का उल्लंघन किया है.' इसके साथ ही किसी की प्राइवेसी को भी निशाना बनाया गया है. अगर आपसे कोई बड़ी गलती हुई है तो आपको दो हफ्ते के अंदर जवाब देना होगा. अब यह नोटिस पंजाब के स्वास्थ्य सचिव को भेजकर जवाब मांगा जाएगा. जिसमें कहा गया है कि 14 मार्च को भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने आपसे रिपोर्ट मांगी है. नोटिस के अनुसार चरण कौर (सिद्धू मूसेवाला की मां) के IVF ट्रीटमेंट के संबंध में, व्यवसाय नियम, 1992 के प्रावधानों के महत्व से जुड़े मुद्दे के संबंध में, आपको यह ध्यान में लाना होगा कि यह एक बड़ी चूक है.

परिवार के पक्ष में आए सुप्रीम कोर्ट के वकील

गौरतलब है कि इस पूरे मामले के सामने आने के बाद कल सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील एचएस फुल्का ने बड़ा खुलासा किया. फुल्का ने दावा किया है कि केंद्र सरकार ने साल 2021 में जो असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी एक्ट बनाया है, वह माता-पिता पर लागू नहीं होता है. वरिष्ठ वकील फुल्का ने कहा कि यह कानून सिर्फ क्लिनिकल चीफ पर लागू होता है, कि कोई भी क्लिनिकल व्यक्ति 21 वर्ष से कम और 50 वर्ष से अधिक उम्र की महिला को आईवीएफ ट्रिटमेंट न दे.

मूसेवाला के माता-पिता को बेवजह परेशान न करे सरकार

इस पर सफाई देते हुए फुल्का ने कहा कि यह अधिनियम परिवार पर लागू नहीं होता है, ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार को मूसेवाला के माता-पिता को बेवजह परेशान नहीं करना चाहिए. मूसेवाला के परिवार के सवालों का जवाब देने का अधिकार न तो केंद्र सरकार को है और न ही पंजाब सरकार को. फुल्का ने कहा कि भारत से ऐसे कई कपल हैं जो आईवीएफ टेक्निक का इस्तेमाल करने के लिए विदेश जाते हैं. और अपना इलाज कराकर वापस भारत आ जाते हैं. यह कानून केवल मेडिकल यूज के लिए है.

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कारण बताओ नोटिस किया जारी

अब इस पूरे मामले ने यू-टर्न ले लिया है और पंजाब सरकार ने पंजाब के स्वास्थ्य सचिव अजोय शर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. कहा गया है कि मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के संज्ञान में आये बिना आईवीएफ की जांच का आदेश कैसे जारी कर दिया गया? इस संबंध में उन्होंने अजॉय शर्मा से दो हफ्ते में जवाब मांगा है.

यह एक बड़ी चूक है

नोटिस में कहा गया है कि मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाए बिना जानकारी क्यों मांगी गई. केंद्र सरकार के पत्र की जानकारी मुख्यमंत्री या संबंधित मंत्री को क्यों नहीं दी गई. इस सबने कानून का उल्लंघन किया है.' इसके साथ ही किसी की प्राइवेसी को भी निशाना बनाया गया है. अगर आपसे कोई बड़ी गलती हुई है तो आपको दो हफ्ते के अंदर जवाब देना होगा. अब यह नोटिस पंजाब के स्वास्थ्य सचिव को भेजकर जवाब मांगा जाएगा. जिसमें कहा गया है कि 14 मार्च को भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने आपसे रिपोर्ट मांगी है. नोटिस के अनुसार चरण कौर (सिद्धू मूसेवाला की मां) के IVF ट्रीटमेंट के संबंध में, व्यवसाय नियम, 1992 के प्रावधानों के महत्व से जुड़े मुद्दे के संबंध में, आपको यह ध्यान में लाना होगा कि यह एक बड़ी चूक है.

परिवार के पक्ष में आए सुप्रीम कोर्ट के वकील

गौरतलब है कि इस पूरे मामले के सामने आने के बाद कल सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील एचएस फुल्का ने बड़ा खुलासा किया. फुल्का ने दावा किया है कि केंद्र सरकार ने साल 2021 में जो असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी एक्ट बनाया है, वह माता-पिता पर लागू नहीं होता है. वरिष्ठ वकील फुल्का ने कहा कि यह कानून सिर्फ क्लिनिकल चीफ पर लागू होता है, कि कोई भी क्लिनिकल व्यक्ति 21 वर्ष से कम और 50 वर्ष से अधिक उम्र की महिला को आईवीएफ ट्रिटमेंट न दे.

मूसेवाला के माता-पिता को बेवजह परेशान न करे सरकार

इस पर सफाई देते हुए फुल्का ने कहा कि यह अधिनियम परिवार पर लागू नहीं होता है, ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार को मूसेवाला के माता-पिता को बेवजह परेशान नहीं करना चाहिए. मूसेवाला के परिवार के सवालों का जवाब देने का अधिकार न तो केंद्र सरकार को है और न ही पंजाब सरकार को. फुल्का ने कहा कि भारत से ऐसे कई कपल हैं जो आईवीएफ टेक्निक का इस्तेमाल करने के लिए विदेश जाते हैं. और अपना इलाज कराकर वापस भारत आ जाते हैं. यह कानून केवल मेडिकल यूज के लिए है.

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