हैदराबाद: मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा के संबंध में केरल सरकार द्वारा जारी की गई हेमा कमेटी की रिपोर्ट ने बड़ी हलचल मचा दी है. मलयालम एक्ट्रेसेस ने प्रसिद्ध मलयालम एक्टर्स जयसूर्या, सिद्दीकी, बाबूराज और अन्य के खिलाफ भी यौन उत्पीड़न की शिकायतें दर्ज की हैं. जिसके बाद एक्टर्स और मलयालम एक्टर्स एसोसिएशन की मैनेजमेंट टीम समेत 17 लोगों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
सिफारिश के आधार पर साउथ इंडियन एक्टर्स एसोसिएशन ने महिला सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यौन शिकायतों की जांच के लिए 22.4.2019 को SIAA-GSICC कमेटी बनाई. जिसे हेमा कमेटी के प्रभाव के बाद कमेटी की मीटिंग बुलाई गई और साउथ इंडियन एक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नासर, उपाध्यक्ष पुची एस मुरुगन, कोषाध्यक्ष कार्थी और समिति अध्यक्ष रोहिणी के नेतृत्व में बैठक कराई गई. जिसमें अन्य सदस्य सुहासिनी, खुशबू, ललिता कुमारी, कोवई सरला और सामाजिक कार्यकर्ता राजी गोपी आदि शामिल हुए. समिति में एक वकील नियुक्त करने का भी फैसला लिया गया. बैठक में प्रस्तुत किए गए प्रस्ताव इस प्रकार हैं-
1. यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं की शिकायतों के आधार पर, प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन को अपराधियों की जांच करने और शिकायतें सही पाए जाने पर पांच साल के लिए फिल्म इंडस्ट्री में काम करने से प्रतिबंधित करने की सिफारिश की गई है.
2. कमेटी पीड़ितों को पुलिस में शिकायत दर्ज कराने से लेकर सभी कानूनी सहायता उपलब्ध कराएगी.
3. यौन अपराध के आरोपी व्यक्तियों को पहले सावधान किया जाएगा, कार्रवाई बाद में की जायेगी.
4. पीड़ितों को अपनी शिकायत दर्ज कराने की सुविधा के लिए एक अलग टेलीफोन नंबर पहले से ही चालू है. अब ई-मेल से भी शिकायत की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है.
5. पीड़ितों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी शिकायतें इस कमेटी के माध्यम से दर्ज करें और सीधे मीडिया से बात न करें.
6. यदि यूट्यूब पर इंडस्ट्री और उनके परिवारों के बारे में अपमानजनक पोस्ट से प्रभावित लोग पुलिस विभाग के साइबर क्राइम डिपार्टमेंट में शिकायत दर्ज कराते हैं तो कमेटी उनकी पूरी मदद करेगी.
7. आगे यह निर्णय लिया गया कि साउथ इंडियन एक्टर्स एसोसिएशन सीधे कमेटी की गतिविधियों की निगरानी करेगा.