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राज कपूर की 100वीं जयंती: 'शोमैन' संग डिंपल कपाड़िया की मीठी यादें, कहा- उनके लिए सिर्फ शब्द और वो हैं... - RAJ KAPOOR 100TH BIRTH ANNIVERSARY

राज कपूर की 100वीं जयंती पर पत्रकार सीमा सिन्हा (रिपोर्ट्स फॉर ईटीवी भारत) ने एक्ट्रेस डिंपल कपाड़िया से खास बातचीत की, जिसमें कई खुलासे हुए.

Raj Kapoor 100th birth anniversary
राज कपूर की 100वीं जयंती (ANI)
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By ETV Bharat Entertainment Team

Published : 3 hours ago

Updated : 3 hours ago

हैदराबाद: डिंपल कपाड़िया ने 1973 में बॉबी फिल्म से बॉलीवुड में धमाकेदार एंट्री की थी. उनके शानदार और मासूम लुक ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और उनकी स्टाइलिंग, खासकर उनके पोल्का-डॉटेड ब्लाउज ने फैंस के बीच फैशन के प्रति दीवानगी जगा दी. डिंपल कपाड़िया ने बताया कि कैसे फिल्म के निर्देशक, दिग्गज राज कपूर ने उनके लुक को बहुत बारीकी से तैयार किया और उनके सभी आउटफिट विदेश से आयात किए गए.

राज कपूर की 100वीं जयंती के अवसर पर ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में डिंपल कपाड़िया ने कहा, 'मैं उस समय किसी ऐसे डायरेक्टर को नहीं जानती थी, जो अपनी फिल्म की लीडिंग लेडी के लुक को लेकर इतना ध्यान रखता हो. उसके बाल कैसे होंगे, उसके कपड़े कैसे होंगे, राज कपूर को सिर्फ एक शब्द में समझा जा सकता है और वो है अलग अंदाज. मेरे लुक से जुड़ी हर चीज उन्होंने खुद डिजाइन की थी. यह अविश्वसनीय था. एक आदमी होने के नाते उन्होंने ये किया. उनकी दूरदर्शिता बहुत अच्छी थी और ये सब सिनेमा के प्रति उनके जुनून को दर्शाता है. बॉबी एक आइकॉनिक फिल्म है. यह एक युवा प्रेम कहानी है और अपने समय से बहुत आगे की है. मैं इंडस्ट्री में अपने लॉन्च के लिए इससे ज्यादा कुछ नहीं मांग सकती थी'.

डिंपल कपाड़िया ने आगे कहा, 'सिर्फ बॉबी ही नहीं, उनकी सभी फिल्में जबरदस्त रही हैं. सच में, राज साहब में रिश्तों को समझने की अद्भुत क्षमता थी. आपसी रिश्तों को और वह इसे खूबसूरती से पेश करते थे. उनका ड्रामा सेंस दूसरे लेवल का था और बारीकियों को समझने की उनकी नजर बिल्कुल अलग थी'.

डिंपल पाड़िया जब इस लीजेंड के साथ काम कर रही थीं, तब वह किशोरी थीं, लेकिन उन्हें कभी यह महसूस नहीं होने दिया गया कि वह उस छोटी सी उम्र में सिनेमा में आई है और इसे बनाने में क्या-क्या होता है, को नहीं समझ सकतीं.

Raj Kapoor
राज कपूर की फिल्में (ANI)

डिंपल ने आगे कहा, 'मैं नई थी, सिर्फ 13 साल की और फिर भी वह मुझे बैठाकर हारमोनियम पर गाने प्ले करते थे, ताकि मैं उस गाने की बारीकियों, उसके महत्व और उस भावना को समझ सकूं जो किसी खास परिस्थिति में होती है. उन्हें यह सब करने की जरूरत नहीं थी, लेकिन वह अपने एक्टर्स पर बहुत समय लगाने में विश्वास करते थे. अपने एक्टर्स के लिए उनका प्यार और जुनून जबरदस्त था, वह आपको इतने ऊंचे स्थान पर रखते थे कि आपको वहीं रहना पड़ता था, आप नीचे नहीं आ सकते थे. वह बहुत प्रोत्साहित करते थे'.

निर्देशक के साथ काम करना आसान मानने वाली डिंपल कपाड़िया कहती हैं, 'क्योंकि वह सब कुछ एक्टिंग के लिए करते थे और अगर आप उनके दिखाए गए 60 प्रतिशत को आत्मसात कर सकें और फिर से बना सकें, तो यह काफी होता था. ना सिर्फ सीन के लिए बल्कि वह सेट पर भी एक बेहतरीन तरीके से बोलते थे, जिस तरह से किरदारों को बोलना चाहिए था. बॉबी के बाद मैंने कई फिल्मों में कई अच्छे डायरेक्टर के साथ काम किया लेकिन मुझे उनके जैसा डायरेक्टर कभी नहीं मिला'.

राहुल रवैल, जिन्होंने राज कपूर को मेरा नाम जोकर में असिस्ट करना शुरू किया था, ने कंफर्म किया कि राज कपूर एक पैसिनेट म्यूजिशियन थे. रवैल ने कहा, 'राज साहब को भगवान से एक अजीब सा तोहफा मिला था. वह जब भी किसी वाद्य यंत्र देखते थे, उसे बजाना शुरू कर देते थे. जब 'हम कल आज और कल' के बैकग्राउंड म्यूजिक पर काम कर रहे थे, तब इलेक्ट्रिकल कीबोर्ड नया-नया आया था. वे रिकॉर्डिंग के लिए आए. उन्हें इस नए वाद्य यंत्र के बारे में जानने की उत्सुकता थी और एक मिनट के अंदर ही उन्होंने इसे बजाना शुरू कर दिया'.

राज कपूर के बेटे ऋषि कपूर ने भी बॉबी में मुख्य किरदार के रूप में अपनी शुरुआत की. इस पर डिंपल ने कहा कि उनके साथ भी समान व्यवहार किया गया. वह कहती हैं, 'बिल्कुल वैसा ही व्यवहार किया गया, सच में, उन्होंने अपने बेटे की तुलना में मुझ पर अधिक समय बिताया होगा. ऋषि पहले से ही एक बेहतरीन एक्टर थे, हालांकि इसकी जरुरत नहीं थी और उन्होंने मुझ पर बहुत काम किया. उस समय, जिस उम्र में मैं थी, कोई यह नहीं समझ सकता था कि यह काम है, यह मेरे लिए पिकनिक की तरह था'.

राज कपूर के सेट के कई किस्से हैं. उनके कलाकार और क्रू मेंबर्स उनसे डरते थे, हालांकि, डिंपल कपाड़िया इस मामले में लकी थीं क्योंकि उन्हें उनके गुस्से का सामना नहीं करना पड़ा. एक्ट्रेस कहती हैं, 'वह बिल्कुल भी सख्त नहीं थे. हमारे बीच बहुत बढ़िया रिश्ता था. बेशक, मैं डरी हुई थी क्योंकि यह मेरे लिए एक नया अनुभव था, लेकिन डर से ज्यादा, मैं उनसे बहुत प्रभावित थी. वह जीवन से भी बड़े थे'.

Raj Kapoor
राज कपूर की फिल्में (ANI)

लव स्टोरी, बेताब, अर्जुन, डकैत और अंजाम जैसी फिल्मों के लिए मशहूर रवैल ने दिग्गज फिल्म मेकर की एक बहुत ही अजीब आदत का खुलासा किया. उन्होंने बताया, 'अगर वह किसी शॉट से खुश नहीं होते तो वह अपने एक्टर्स पर चिल्लाते या गुस्सा नहीं होते, वह अपने एक्टर के साथ बहुत अच्छा व्यवहार करते थे, लेकिन अगर उन्हें अपने एक्टर्स से कुछ कहना होता तो वह अपने असिस्टेंट डायरेक्टर पर चिल्लाते थे, यह दूसरे व्यक्ति को पता होना चाहिए था. लेकिन अपने बेटे ऋषि के साथ वह सीधे उसके चेहरे पर बता देते थे, जबकि, वह किसी और एक्टर्स के साथ बहुत अच्छा व्यवहार करते थे'.

बॉबी के सेट पर हुई एक घटना के बारे में बताते हुए रवैल कहते हैं, 'बॉबी में उस आइकोनिक कैरेक्टर को निभाने से पहले एक्टर प्रेम नाथ 'जॉनी मेरा नाम' की सफलता का जश्न मना रहे थे. प्रेम नाथ काफी ढीठ और असभ्य थे. जब राज साहब कोई सीन डायरेक्ट कर रहे होते थे तो मैं उनके बहुत करीब बैठता था ताकि जो भी निर्देश दिए जाते थे, मैं उसे समझ सकूं'.

इस कहानी को आगे बढ़ाते हुए कहा, 'प्रेम नाथ हर शॉट के बाद एक्साइटेड हो जाते थे और चिल्लाते थे, 'क्या शॉट है! शानदार!' सेट पर मौजूद हर कोई ताली बजाना शुरू कर देता था और राज साहब भी. लेकिन एक दिन जब राज साहब प्रेम नाथ के शॉट से खुश नहीं थे, तो उन्होंने अचानक मेरी ओर मुड़कर पूछा, 'तुमने क्या कहा, राहुल?' लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा था. मैं हैरान था. उन्होंने मेरे कान में कुछ फुसफुसाया और फिर प्रेम नाथ की ओर मुड़े और कहा, 'एक और टेक क्योंकि राहुल को यह पसंद नहीं आया'. मैं दोनों के बीच फंस गया था. प्रेम नाथ ने राज साहब से पूछा - ‘तुम अपनी नगर पालिका की बात क्यों सुन रहे हो?’ वे असिस्टेंट डायरेक्टर्स को नगर पालिका के लोग कहते थे. राज साहब ने प्रेम नाथ को एक और टेक देने को कहा और कहा, 'चूंकि मेरा असिस्टेंट इस शॉट से बहुत खुश नहीं है, इसलिए हम इसे एक बार और कर सकते हैं.'

Raj Kapoor
राज कपूर की फिल्म जोकर (ANI)

इसके अलावा, रवैल ने बॉबी, सत्यम शिवम सुंदरम और धरम करम में राज कपूर की सहायता की. रवैल कहते हैं, 'बेताब के रिलीज होने के बाद भी मैं प्रेम रोग के सेट पर जाता था. मैं उस फिल्म के बाकी असिस्टेंटके साथ रहता था. सेट पर जो कुछ भी हो रहा था, मैं उसे आत्मसात करता था और आज भी जब मैं उनकी फिल्में देखता हूं, तो बहुत कुछ सीखता हूं'.

हालांकि, 'नो एंट्री' और 'भूल भुलैया' (दूसरे और तीसरे फ्रेंचाइजी ) के फेमस डायरेक्टर अनीस बज्मी, जिन्होंने किशोरावस्था में राज कपूर को 'प्रेम रोग' में असिस्टेंट बनाया गया था, रवैल से असहमत हैं और कहते हैं कि कपूर को कभी परवाह नहीं थी कि उनके एक्टर्स, असिस्टेंट या क्रू मेंबर पर चिल्लाएं तो उन्हें कैसा लगेगा.

बज्मी कहते हैं, 'राज साहब जानते थे कि अगर वे अपने एक्टर्स को डांटेंगे भी तो उन्हें बुरा नहीं लगेगा. वे ऐसा कर सकते थे. जब वे कोई फिल्म बना रहे होते थे तो वे इस बात का बहुत ज्यादा हिसाब नहीं रखते थे कि उन्हें किसी को क्या और कितना बताना है. वे अपने काम के प्रति बहुत ईमानदार थे और उनके एक्टर्स यह सोचकर तनाव में रहते थे कि उन्हें राज कपूर को नाराज नहीं करना चाहिए. चाहे ऋषि हों या उनके सबसे छोटे बेटे चिम्पू (राजीव) या पद्मिनी, हम सभी उनका बहुत सम्मान करते थे लेकिन हमारे मन में यह खौफ रहता था कि वे हम पर गुस्सा न हो जाएं. उनके साथ काम करते समय यह मिक्स इमोशन होते थे.'

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राज कपूर की 100वीं जयंती के अवसर पर ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में डिंपल कपाड़िया ने कहा, 'मैं उस समय किसी ऐसे डायरेक्टर को नहीं जानती थी, जो अपनी फिल्म की लीडिंग लेडी के लुक को लेकर इतना ध्यान रखता हो. उसके बाल कैसे होंगे, उसके कपड़े कैसे होंगे, राज कपूर को सिर्फ एक शब्द में समझा जा सकता है और वो है अलग अंदाज. मेरे लुक से जुड़ी हर चीज उन्होंने खुद डिजाइन की थी. यह अविश्वसनीय था. एक आदमी होने के नाते उन्होंने ये किया. उनकी दूरदर्शिता बहुत अच्छी थी और ये सब सिनेमा के प्रति उनके जुनून को दर्शाता है. बॉबी एक आइकॉनिक फिल्म है. यह एक युवा प्रेम कहानी है और अपने समय से बहुत आगे की है. मैं इंडस्ट्री में अपने लॉन्च के लिए इससे ज्यादा कुछ नहीं मांग सकती थी'.

डिंपल कपाड़िया ने आगे कहा, 'सिर्फ बॉबी ही नहीं, उनकी सभी फिल्में जबरदस्त रही हैं. सच में, राज साहब में रिश्तों को समझने की अद्भुत क्षमता थी. आपसी रिश्तों को और वह इसे खूबसूरती से पेश करते थे. उनका ड्रामा सेंस दूसरे लेवल का था और बारीकियों को समझने की उनकी नजर बिल्कुल अलग थी'.

डिंपल पाड़िया जब इस लीजेंड के साथ काम कर रही थीं, तब वह किशोरी थीं, लेकिन उन्हें कभी यह महसूस नहीं होने दिया गया कि वह उस छोटी सी उम्र में सिनेमा में आई है और इसे बनाने में क्या-क्या होता है, को नहीं समझ सकतीं.

Raj Kapoor
राज कपूर की फिल्में (ANI)

डिंपल ने आगे कहा, 'मैं नई थी, सिर्फ 13 साल की और फिर भी वह मुझे बैठाकर हारमोनियम पर गाने प्ले करते थे, ताकि मैं उस गाने की बारीकियों, उसके महत्व और उस भावना को समझ सकूं जो किसी खास परिस्थिति में होती है. उन्हें यह सब करने की जरूरत नहीं थी, लेकिन वह अपने एक्टर्स पर बहुत समय लगाने में विश्वास करते थे. अपने एक्टर्स के लिए उनका प्यार और जुनून जबरदस्त था, वह आपको इतने ऊंचे स्थान पर रखते थे कि आपको वहीं रहना पड़ता था, आप नीचे नहीं आ सकते थे. वह बहुत प्रोत्साहित करते थे'.

निर्देशक के साथ काम करना आसान मानने वाली डिंपल कपाड़िया कहती हैं, 'क्योंकि वह सब कुछ एक्टिंग के लिए करते थे और अगर आप उनके दिखाए गए 60 प्रतिशत को आत्मसात कर सकें और फिर से बना सकें, तो यह काफी होता था. ना सिर्फ सीन के लिए बल्कि वह सेट पर भी एक बेहतरीन तरीके से बोलते थे, जिस तरह से किरदारों को बोलना चाहिए था. बॉबी के बाद मैंने कई फिल्मों में कई अच्छे डायरेक्टर के साथ काम किया लेकिन मुझे उनके जैसा डायरेक्टर कभी नहीं मिला'.

राहुल रवैल, जिन्होंने राज कपूर को मेरा नाम जोकर में असिस्ट करना शुरू किया था, ने कंफर्म किया कि राज कपूर एक पैसिनेट म्यूजिशियन थे. रवैल ने कहा, 'राज साहब को भगवान से एक अजीब सा तोहफा मिला था. वह जब भी किसी वाद्य यंत्र देखते थे, उसे बजाना शुरू कर देते थे. जब 'हम कल आज और कल' के बैकग्राउंड म्यूजिक पर काम कर रहे थे, तब इलेक्ट्रिकल कीबोर्ड नया-नया आया था. वे रिकॉर्डिंग के लिए आए. उन्हें इस नए वाद्य यंत्र के बारे में जानने की उत्सुकता थी और एक मिनट के अंदर ही उन्होंने इसे बजाना शुरू कर दिया'.

राज कपूर के बेटे ऋषि कपूर ने भी बॉबी में मुख्य किरदार के रूप में अपनी शुरुआत की. इस पर डिंपल ने कहा कि उनके साथ भी समान व्यवहार किया गया. वह कहती हैं, 'बिल्कुल वैसा ही व्यवहार किया गया, सच में, उन्होंने अपने बेटे की तुलना में मुझ पर अधिक समय बिताया होगा. ऋषि पहले से ही एक बेहतरीन एक्टर थे, हालांकि इसकी जरुरत नहीं थी और उन्होंने मुझ पर बहुत काम किया. उस समय, जिस उम्र में मैं थी, कोई यह नहीं समझ सकता था कि यह काम है, यह मेरे लिए पिकनिक की तरह था'.

राज कपूर के सेट के कई किस्से हैं. उनके कलाकार और क्रू मेंबर्स उनसे डरते थे, हालांकि, डिंपल कपाड़िया इस मामले में लकी थीं क्योंकि उन्हें उनके गुस्से का सामना नहीं करना पड़ा. एक्ट्रेस कहती हैं, 'वह बिल्कुल भी सख्त नहीं थे. हमारे बीच बहुत बढ़िया रिश्ता था. बेशक, मैं डरी हुई थी क्योंकि यह मेरे लिए एक नया अनुभव था, लेकिन डर से ज्यादा, मैं उनसे बहुत प्रभावित थी. वह जीवन से भी बड़े थे'.

Raj Kapoor
राज कपूर की फिल्में (ANI)

लव स्टोरी, बेताब, अर्जुन, डकैत और अंजाम जैसी फिल्मों के लिए मशहूर रवैल ने दिग्गज फिल्म मेकर की एक बहुत ही अजीब आदत का खुलासा किया. उन्होंने बताया, 'अगर वह किसी शॉट से खुश नहीं होते तो वह अपने एक्टर्स पर चिल्लाते या गुस्सा नहीं होते, वह अपने एक्टर के साथ बहुत अच्छा व्यवहार करते थे, लेकिन अगर उन्हें अपने एक्टर्स से कुछ कहना होता तो वह अपने असिस्टेंट डायरेक्टर पर चिल्लाते थे, यह दूसरे व्यक्ति को पता होना चाहिए था. लेकिन अपने बेटे ऋषि के साथ वह सीधे उसके चेहरे पर बता देते थे, जबकि, वह किसी और एक्टर्स के साथ बहुत अच्छा व्यवहार करते थे'.

बॉबी के सेट पर हुई एक घटना के बारे में बताते हुए रवैल कहते हैं, 'बॉबी में उस आइकोनिक कैरेक्टर को निभाने से पहले एक्टर प्रेम नाथ 'जॉनी मेरा नाम' की सफलता का जश्न मना रहे थे. प्रेम नाथ काफी ढीठ और असभ्य थे. जब राज साहब कोई सीन डायरेक्ट कर रहे होते थे तो मैं उनके बहुत करीब बैठता था ताकि जो भी निर्देश दिए जाते थे, मैं उसे समझ सकूं'.

इस कहानी को आगे बढ़ाते हुए कहा, 'प्रेम नाथ हर शॉट के बाद एक्साइटेड हो जाते थे और चिल्लाते थे, 'क्या शॉट है! शानदार!' सेट पर मौजूद हर कोई ताली बजाना शुरू कर देता था और राज साहब भी. लेकिन एक दिन जब राज साहब प्रेम नाथ के शॉट से खुश नहीं थे, तो उन्होंने अचानक मेरी ओर मुड़कर पूछा, 'तुमने क्या कहा, राहुल?' लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा था. मैं हैरान था. उन्होंने मेरे कान में कुछ फुसफुसाया और फिर प्रेम नाथ की ओर मुड़े और कहा, 'एक और टेक क्योंकि राहुल को यह पसंद नहीं आया'. मैं दोनों के बीच फंस गया था. प्रेम नाथ ने राज साहब से पूछा - ‘तुम अपनी नगर पालिका की बात क्यों सुन रहे हो?’ वे असिस्टेंट डायरेक्टर्स को नगर पालिका के लोग कहते थे. राज साहब ने प्रेम नाथ को एक और टेक देने को कहा और कहा, 'चूंकि मेरा असिस्टेंट इस शॉट से बहुत खुश नहीं है, इसलिए हम इसे एक बार और कर सकते हैं.'

Raj Kapoor
राज कपूर की फिल्म जोकर (ANI)

इसके अलावा, रवैल ने बॉबी, सत्यम शिवम सुंदरम और धरम करम में राज कपूर की सहायता की. रवैल कहते हैं, 'बेताब के रिलीज होने के बाद भी मैं प्रेम रोग के सेट पर जाता था. मैं उस फिल्म के बाकी असिस्टेंटके साथ रहता था. सेट पर जो कुछ भी हो रहा था, मैं उसे आत्मसात करता था और आज भी जब मैं उनकी फिल्में देखता हूं, तो बहुत कुछ सीखता हूं'.

हालांकि, 'नो एंट्री' और 'भूल भुलैया' (दूसरे और तीसरे फ्रेंचाइजी ) के फेमस डायरेक्टर अनीस बज्मी, जिन्होंने किशोरावस्था में राज कपूर को 'प्रेम रोग' में असिस्टेंट बनाया गया था, रवैल से असहमत हैं और कहते हैं कि कपूर को कभी परवाह नहीं थी कि उनके एक्टर्स, असिस्टेंट या क्रू मेंबर पर चिल्लाएं तो उन्हें कैसा लगेगा.

बज्मी कहते हैं, 'राज साहब जानते थे कि अगर वे अपने एक्टर्स को डांटेंगे भी तो उन्हें बुरा नहीं लगेगा. वे ऐसा कर सकते थे. जब वे कोई फिल्म बना रहे होते थे तो वे इस बात का बहुत ज्यादा हिसाब नहीं रखते थे कि उन्हें किसी को क्या और कितना बताना है. वे अपने काम के प्रति बहुत ईमानदार थे और उनके एक्टर्स यह सोचकर तनाव में रहते थे कि उन्हें राज कपूर को नाराज नहीं करना चाहिए. चाहे ऋषि हों या उनके सबसे छोटे बेटे चिम्पू (राजीव) या पद्मिनी, हम सभी उनका बहुत सम्मान करते थे लेकिन हमारे मन में यह खौफ रहता था कि वे हम पर गुस्सा न हो जाएं. उनके साथ काम करते समय यह मिक्स इमोशन होते थे.'

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