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INDIAN IDOL के विजेता वैभव गुप्ता बोले- एक दिन फिल्मफेयर की ट्रॉफी हाथ में होगी - इंडियन आइडल वैभव गुप्ता कानपुर

INDIAN IDOL विजेता वैभव गुप्ता का सपना है कि एक दिन फिल्मफेयर की ट्रॉफी उनके हाथ हो. सीजन 14 की ट्रॉफी अपने नाम करने वाले वैभव ने ईटीवी भारत से और क्या कहा, जानें.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 4, 2024, 3:50 PM IST

कानपुर : मेरा मानना है हर इंसान को चुनौतियों को भगवान के प्रसाद की तरह लेना चाहिए, ताकि ईश्वर आपकी कठिनाई, मेहनत परिश्रम को देखें. इससे एक दिन सफलता जरूर मिलती है. अभी तो मैंने इंडियन आइडल (INDIAN IDOL) की ट्रॉफी उठाई है, पर अब मेरा लक्ष्य है कि मैं फिल्मफेयर की ट्रॉफी अपने हाथ में लूं. इंडियन आइडल सीजन 14 की ट्रॉफी जीतने के बाद पूरे जोश-खरोश के साथ यह बातें इंडियन आइडल सीजन 14 के विजेता व नानकारी कानपुर निवासी वैभव गुप्ता ने कहीं. वैभव ने मुंबई से ही ईटीवी संवाददाता से फोन पर बात की.

वैभव ने कहा कि एक समय उन्होंने अपने गाने की शुरुआत बाथरूम सिंगर की तरह की थी. उनके टैलेंट को उनके पिता ने पहचाना, जिन्हें वह भगवान का दर्जा देते हैं. देखते ही देखते वैभव इंडियन आइडल सीजन 14 की सीढ़ी चढ़ने में कामयाब हो गए. वैभव के ट्रॉफी जीतने के बाद उनके परिवार में बहुत अधिक खुशी का माहौल है. सबसे ज्यादा उत्साहित वैभव के पिता विष्णु गुप्ता हैं. मंगलवार को जब वैभव कानपुर आएंगे तो उनका कानपुर में रोड शो भी आयोजित होगा.

हर गायक मेरा पसंदीदा गायक, हर स्टाइल में मुझे गाना पसंद: वैभव से जब पूछा गया कि उनका पसंदीदा गायक कौन है? तो वैभव ने जवाब दिया कि उन्हें तो हर गायक पसंद है. चाहे वह राशिद खान हों, अरिजीत सिंह हों या सोनू निगम. बोले-उन्होंने इंडियन आइडल के प्लेटफार्म पर पहुंचकर हर तरीके के गाने को गया. चाहे वह सूफी स्टाइल का गाना रहा हो, क्लासिकल या कोई बॉलीवुड का गाना. वैभव ने कहा-किसी भी युवा को अगर एक बेहतर गायक बनना है तो उसे परिश्रम करना होगा. इसके अलावा उसे यह सोचना होगा कि बहुत जल्द हताश या निराश नहीं होना है. एक न एक दिन उसे सफलता जरूर मिलेगी. वैभव ने अपनी जीत को देशवासियों को समर्पित किया है. कहा कि जनता का जो प्यार मिला, उसी की बदौलत हुआ ट्रॉफी जीतने में सफल हो सके.

गायकी के अलावा फुटबाल के नेशनल खिलाड़ी हैं वैभव : वैभव से जब पूछा गया कि उनकी आदतों में गाने के अलावा क्या-क्या शामिल है तो वैभव ने बताया कि उन्हें फुटबॉल खेलना सबसे अच्छा लगता है. वह फुटबॉल के राष्ट्रीय खिलाड़ी रह चुके हैं. कहा कि ईश्वर को शायद यही मंजूर था कि वह गायक बनें. इसलिए उन्होंने गायकी के क्षेत्र में ही अपने हुनर को जारी रखा. आगे वैभव का अब क्या लक्ष्य है? इस सवाल के जवाब में वैभव ने जवाब दिया कि बचपन से ही उनका सपना था कि वह अपना मुंबई में स्टूडियो खोल सकें और इंडियन आइडल ट्रॉफी जीतने के साथ उनका सपना पूरा हो गया. क्योंकि अब जो उनको ट्रॉफी के साथ राशि मिली है, उससे वह मुंबई में अपना स्टूडियो खोलेंगे. वैभव ने बताया कि फिलहाल उन्होंने अपनी ट्वेल्थ तक की पढ़ाई की है. वह कानपुर के मंटोरा पब्लिक स्कूल से वह पढ़े हैं.

यह भी पढ़ें : कानपुर के वैभव गुप्ता बने इंडियन आइडल 14 के विजेता, ट्रॉफी के साथ मिली चमचमाती कार

यह भी पढ़ें : रियलिटी शो इंडियन आइडल 14 में पहुंचे गबर सिंह, उत्तरकाशी टनल हादसे की सुनाई आपबीती, जजों के छलके आंसू

कानपुर : मेरा मानना है हर इंसान को चुनौतियों को भगवान के प्रसाद की तरह लेना चाहिए, ताकि ईश्वर आपकी कठिनाई, मेहनत परिश्रम को देखें. इससे एक दिन सफलता जरूर मिलती है. अभी तो मैंने इंडियन आइडल (INDIAN IDOL) की ट्रॉफी उठाई है, पर अब मेरा लक्ष्य है कि मैं फिल्मफेयर की ट्रॉफी अपने हाथ में लूं. इंडियन आइडल सीजन 14 की ट्रॉफी जीतने के बाद पूरे जोश-खरोश के साथ यह बातें इंडियन आइडल सीजन 14 के विजेता व नानकारी कानपुर निवासी वैभव गुप्ता ने कहीं. वैभव ने मुंबई से ही ईटीवी संवाददाता से फोन पर बात की.

वैभव ने कहा कि एक समय उन्होंने अपने गाने की शुरुआत बाथरूम सिंगर की तरह की थी. उनके टैलेंट को उनके पिता ने पहचाना, जिन्हें वह भगवान का दर्जा देते हैं. देखते ही देखते वैभव इंडियन आइडल सीजन 14 की सीढ़ी चढ़ने में कामयाब हो गए. वैभव के ट्रॉफी जीतने के बाद उनके परिवार में बहुत अधिक खुशी का माहौल है. सबसे ज्यादा उत्साहित वैभव के पिता विष्णु गुप्ता हैं. मंगलवार को जब वैभव कानपुर आएंगे तो उनका कानपुर में रोड शो भी आयोजित होगा.

हर गायक मेरा पसंदीदा गायक, हर स्टाइल में मुझे गाना पसंद: वैभव से जब पूछा गया कि उनका पसंदीदा गायक कौन है? तो वैभव ने जवाब दिया कि उन्हें तो हर गायक पसंद है. चाहे वह राशिद खान हों, अरिजीत सिंह हों या सोनू निगम. बोले-उन्होंने इंडियन आइडल के प्लेटफार्म पर पहुंचकर हर तरीके के गाने को गया. चाहे वह सूफी स्टाइल का गाना रहा हो, क्लासिकल या कोई बॉलीवुड का गाना. वैभव ने कहा-किसी भी युवा को अगर एक बेहतर गायक बनना है तो उसे परिश्रम करना होगा. इसके अलावा उसे यह सोचना होगा कि बहुत जल्द हताश या निराश नहीं होना है. एक न एक दिन उसे सफलता जरूर मिलेगी. वैभव ने अपनी जीत को देशवासियों को समर्पित किया है. कहा कि जनता का जो प्यार मिला, उसी की बदौलत हुआ ट्रॉफी जीतने में सफल हो सके.

गायकी के अलावा फुटबाल के नेशनल खिलाड़ी हैं वैभव : वैभव से जब पूछा गया कि उनकी आदतों में गाने के अलावा क्या-क्या शामिल है तो वैभव ने बताया कि उन्हें फुटबॉल खेलना सबसे अच्छा लगता है. वह फुटबॉल के राष्ट्रीय खिलाड़ी रह चुके हैं. कहा कि ईश्वर को शायद यही मंजूर था कि वह गायक बनें. इसलिए उन्होंने गायकी के क्षेत्र में ही अपने हुनर को जारी रखा. आगे वैभव का अब क्या लक्ष्य है? इस सवाल के जवाब में वैभव ने जवाब दिया कि बचपन से ही उनका सपना था कि वह अपना मुंबई में स्टूडियो खोल सकें और इंडियन आइडल ट्रॉफी जीतने के साथ उनका सपना पूरा हो गया. क्योंकि अब जो उनको ट्रॉफी के साथ राशि मिली है, उससे वह मुंबई में अपना स्टूडियो खोलेंगे. वैभव ने बताया कि फिलहाल उन्होंने अपनी ट्वेल्थ तक की पढ़ाई की है. वह कानपुर के मंटोरा पब्लिक स्कूल से वह पढ़े हैं.

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