कानपुर : सुरों के दम पर सिंगिंग रियलिटी शो इंडियन आइडल सीजन-14 का खिताब अपने नाम करने वाले वैभव गुप्ता गुरुवार को कल्याणपुर के नानकारी स्थित अपने घर पहुंचे. इस दौरान शहर के लोगों ने उनका स्वागत किया. परिवार के लोग काफी खुश नजर आ रहे हैं. इस दौरान वैभव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. वैभव ने अपने इस सफर के बारे में खुलकर बातचीत की. उन्होंने अपनी कामयाबी का श्रेय अपने पिता को दिया.
सवाल : जिस समय रिजल्ट आने वाला था, उस समय आपके दिमाग में क्या चल रहा था ?
जवाब : वैभव गुप्ता ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि जिस समय परिणाम आने वाला था, उस वह काफी ज्यादा चिंतित थे. हालांकि, उन्हें भरोसा था कि अगर उन्होंने अच्छा परफॉर्म किया है तो ट्रॉफी उन्हें ही मिलेगी. जैसे ही एक विजेता के रूप में उनका नाम घोषित किया गया तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था.
सवाल : आपने कई प्रयास किए लेकिन आपको सफलता नहीं मिली, किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा ?
जवाब : वैभव ने बताया कि उनका सिंगिंग का जो सफर है. वह काफी चुनौतियों भरा रहा है. उनके पिता ने उन्हें काफी सपोर्ट किया है. यह मेरी पहली शुरुआत है. अभी तो मुझे आगे जाकर आईफा की ट्रॉफी लानी है. मैं सभी लोगों का ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूं. जिन्होंने ने मुझे इतना प्यार दिया.
सवाल : सिंगिंग की प्रेरणा आपको किस से मिली, क्या परिवार में कोई सिंगिंग करता है?
जवाब : वैभव ने बताया कि शुरुआत से ही उनके घर पर परचून का काम होता चला आ रहा है. वह खुद भी खाली समय में पिता की परचून की दुकान पर बैठते थे. बचपन से ही उन्हें सिंगिंग का काफी ज्यादा शौक था. इसके लिए वह लगातार प्रयास करते रहते थे. उन्होंने 4 बार सिंगिंग रियलिटी शो इंडियन आइडल में ऑडिशन भी दिया है. सफलता नहीं मिली. इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और वह लगातार प्रयास करते रहे. शायद यही वजह है कि पांचवीं बार में उन्होंने यह मुकाम हासिल कर लिया.
सवाल : इंडियन आइडल-14 के शो में आपका सबसे पसंदीदा जज कौन था ?
जवाब : वैभव ने बताया कि इंडियन आइडल सीजन 14 के शो में उन्हें श्रेया घोषाल, कुमार सानू, विशाल ददलानी तीनों ही जज से काफी स्नेह और काफी कुछ सीखने को मिला. विशाल सर हर परफॉर्मेंस के बाद मुझसे मिलने आते थे. श्रेया मैम मुझे अपना भाई बोलती थी. मैं भी उन्हें दीदी का कर बुलाता था. कुमार सानू दादा तो हम सबको इतना प्यार करते थे कि मेरे पास उनके लिए शब्द नहीं है. मेरा इंडियन आइडल के साथ जो सफर था. उसमें सभी से एक परिवार की तरह प्यार मिला.
सवाल : शहर के युवाओं को आप सिंगिंग को लेकर क्या कुछ टिप्स देना चाहेंगे?
जवाब : वैभव ने बताया कि मैं सभी से यही कहना चाहता हूं कि आप लगातार मेहनत करते रहिए. कामयाबी एक दिन में नहीं मिलती हां लेकिन एक दिन जरूर मिलती है. इसलिए परिश्रम करते रहिए सफलता जरूर मिलेगी.
वैभव के पिता विष्णु गुप्ता ने बताया कि वैभव के विनर घोषित होने पर वह काफी ज्यादा भावुक हो गए थे. आंखों से खुशी के आंसू निकल रहे थे. उन्हें लगा कि उनकी मेहनत सफल हो गई है. लोग मुझे अब वैभव के पिता के नाम से जानते हैं. मैं सभी लोगों का हृदय से धन्यवाद देता हूं. लोगों ने वैभव को इतना प्यार और सपोर्ट दिया.
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