नई दिल्ली: हिंदू सेना के प्रमुख सुरजीत सिंह यादव ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की है, जिसमें नेटफ्लिक्स की सीरीज 'आईसी 814 द कंधार हाईजैक' पर बैन लगाने की मांग की गई है. पीआईएल में आरोप लगाया गया है कि यह सीरीज हाईजैक में शामिल आतंकवादियों की वास्तविक पहचान परे दिखाया गया है. उनके चरित्र को तोड़-मरोड़ कर दिखाा गया है.
याचिकाकर्ता ने अधिवक्ता शशि रंजन के माध्यम से अनुभव सिन्हा की निर्देशित टेलीविजन मिनीसीरीज "आईसी 814: द कंधार हाईजैक" के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें 1999 में इंडियन फ्लाइट 814 के हाईजैक को के चित्रण में गलत का हवाला दिया गया है.
याचिका में दावा किया गया है कि मिनी सीरीज में वास्तविक हाईजैकर्स इब्राहिम अख्तर, शाहिद अख्तर सईद, सनी अहमद काजी, जहूर मिस्त्री और शाकिर को गलती से हिंदू नाम जैसे 'भोला' और 'शंकर' (भगवान शिव से जुड़े नाम) दे दिए गए हैं.
याचिकाकर्ता के अनुसार, इसमें हाईजैकर्स की पहचान को तोड़-मरोड़ के दिखाया गया है. ऐतिहासिक घटनाओं को गलत तरीके से प्रस्तुत करता है, हानिकारक रूढ़ियों को बढ़ावा देता है और हिंदू समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाता है. याचिकाकर्ता ने आगे की सार्वजनिक गलतफहमी और संभावित नुकसान को रोकने के लिए अदालत के हस्तक्षेप की मांग की है.
याचिका में आगे उल्लेख किया गया है कि भारत का संविधान, जो बहु-धार्मिक समाज में धर्मनिरपेक्षता और धार्मिक सद्भाव को बनाए रखता है, सभी धर्मों के लिए परस्पर सम्मान को मौलिक अधिकार के रूप में अनिवार्य करता है.
इसने जोर देकर कहा कि फिल्म निर्माता, निर्देशक और एक्टर्स का यह संवैधानिक कर्तव्य है कि वे धार्मिक भावनाओं और भावनाओं को ठेस पहुंचाने से बचें. संसद ने सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 को फीचर फिल्मों को रेगुलेट करने और यह सुनिश्चित करने के लिए अधिनियमित किया था कि वे इन सिद्धांतों का पालन करें. याचिका में मिनीसीरीज 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' के संदर्भ में इन चिंताओं को दूर करने के लिए अदालत के हस्तक्षेप की मांग की गई है.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर लगाए गए आरोपों के जवाब में नेटफ्लिक्स की कंटेंट प्रमुख मोनिका शेरगिल को तलब किया है, जिसमें कहा गया है कि 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' के मेकर्स ने जानबूझकर हाईजेकर्स के नाम बदलकर 'भोला' और 'शंकर' रख दिए थे.