मैसूर: अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सरोद वादक पंडित राजीव तारानाथ (92) का मंगलवार शाम 6.30 बजे मैसूर मणिपाल अस्पताल में निधन हो गया. उनके परिवार ने बताया कि पार्थिव शरीर को बुधवार सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक कुवेम्पुनगर के ज्ञान गंगा स्कूल के पास उनके घर के सामने अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. राजीव तारानाथ का जन्म 17 अक्टूबर 1932 को हुआ था और वह दुनिया के महानतम सरोद वादकों में से एक थे जिन्होंने संगीत की दुनिया में अपनी पहचान बनाई. उनके दुनियाभर में करोड़ों फैंस हैं.
फिल्मों में किया म्यूजिक डायरेक्शन
पंडित राजीव तारानाथ ने फिल्म इंडस्ट्री में भी म्यूजिक बनाने काम किया है. कन्नड़ में, उन्होंने संस्कार, पल्लवी, खंडविदको मामशविदको, अनुरूपा, पेपर बोट्स, श्रृंगार मासा, अगुंथका और मलयालम फिल्म कदावु, पोकुवेयिल, कंचनसीथा जैसी फिल्मों के लिए म्यूजिक डायरेक्शन किया है. वह फेमस सिडनी ओपेरा हाउस में सरोद बजाने वाले पहले भारतीय हैं. यमन के अदन शहर के एक टेलीविजन स्टेशन ने फिन्नन मिन-अल-हिंद (द इंडियन आर्टिस्ट) नाम की डॉक्यूमेंट्री के लिए राजीव तारानाथ को सम्मानित किया.
इन अवॉर्ड्स से हुए सम्मानित
वह कर्नाटक कलाश्री पुरस्कार (1993), कर्नाटक राज्योत्सव पुरस्कार (1996), टी. चौदैया राष्ट्रीय पुरस्कार (1998) और संगीत कलारत्न ज्योति सुब्रमण्य पुरस्कार से सम्मानित हुए.
सीएम ने जताया शोक
पंडित राजीव तारानाथ के निधन पर कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने शोक व्यक्त किया है. उन्होंने एक्स पर ट्वीट किया, 'कर्नाटक के गौरवशाली पुत्र, विश्व प्रसिद्ध सरोद वादक पंडित राजीव तारानाथ के निधन से मुझे दुख हुआ है. दुनिया भर में कर्नाटक की प्रसिद्धि का झंडा फहराने वाले राजीव तारानाथ का जाना न केवल कर्नाटक के लिए बल्कि पूरे संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है. राजीव तारानाथ न केवल एक प्रसिद्ध संगीत कलाकार थे बल्कि एक अच्छे इंसान भी थे. उनकी आत्मा को शांति मिले.