नई दिल्ली: 4 फरवरी को सीबीआई ने एक सेल्फ डिक्लेयर्ड जांचकर्ता के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है जिसमें आरोप लगाया गया है कि उसने एक्ट्रेस श्रीदेवी की मौत के संबंध में यूट्यूब पर एक वीडियो में अपने दावों का समर्थन करने के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित गणमान्य व्यक्तियों के ‘फर्जी’ पत्र पेश किए. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी.
जाली रिकॉर्ड दिखाकर किया दावा!
पिछले साल सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन ने मुंबई की वकील चांदनी शाह की शिकायत के बाद भुवनेश्वर की दीप्ति आर पिन्नीति और उनके वकील भरत सुरेश कामथ के खिलाफ मामला दर्ज किया था. यह मामला प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा एजेंसी को भेजा गया था. चांदनी शाह ने आरोप लगाया कि पिन्नीति ने कई दस्तावेज पेश किए, जिनमें प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के पत्र, उच्चतम न्यायालय से संबंधित दस्तावेज और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) सरकार के रिकॉर्ड शामिल हैं, जो जाली प्रतीत होते हैं. श्रीदेवी और सुशांत सिंह राजपूत जैसे बॉलीवुड कलाकारों की मौत पर सोशल मीडिया चर्चाओं में पिन्नीति काफी एक्टिव रही हैं.
फरवरी 2018 में यूएई के दुबई में श्रीदेवी की मृत्यु हो गई. जिसको लेकर पिन्नीति ने एक इंटरव्यू में अपनी ‘जांच’ के आधार पर ‘दोनों सरकारों के बीच लीपापोती’ सहित सनसनीखेज दावे किए. पिन्नीति ने कहा, ‘यह विश्वास करना कठिन है कि सीबीआई ने मेरा बयान दर्ज किए बिना मेरे खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है...जब आरोप तय किए जाएंगे तो सबूत अदालत को दिए जाएंगे.’
पिछले साल की थी एफआईआर दर्ज
पिछले साल पिन्नीति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद, सीबीआई ने दो दिसंबर को भुवनेश्वर में उनके आवास पर तलाशी ली थी, जिसमें फोन और लैपटॉप सहित डिजिटल उपकरण जब्त किए गए थे. स्पेशल कोर्ट को सौंपी गई सीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, जांच से पता चला कि यूट्यूब पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री से संबंधित उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेज ‘जाली’ थे. एजेंसी ने पिन्नीति और कामथ के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की 120-बी (आपराधिक साजिश), 465, 469 और 471 सहित संबंधित धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल किया है.