मुंबई: अल्लू अर्जुन भले ही एक्टर, प्रोड्यूसर और कॉमेडियन अल्लू रामलिंगैया के पोते और चिरंजीवी के भतीजे हों, लेकिन अपने करियर के शुरुआती दिनों में उनके लिए फिल्मों में आने की राह आसान नहीं थी. 2003 में के राघवेंद्र राव की गंगोत्री से डेब्यू करने वाले अल्लू ने खुलासा किया कि कैसे शुरुआत में उन्हें अपने लुक के कारण अच्छी स्क्रिप्ट नहीं मिलीं. उन्हें लगता था कि उनका अच्छा नहीं होने की वजह से उन्हें मूवीज नहीं मिलती थीं.
- " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="">
डेब्यू के बाद नहीं मिली अच्छी स्क्रीप्ट
हाल ही में सुकुमार की आर्या रिलीज होने के 20 साल पूरे होने का जश्न मनाते हुए हैदराबाद में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें अल्लू अर्जुन ने खुलकर अपने करियर के शुरूआती दिनों के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि उनकी डेब्यू फिल्म के बाद उन्हें कोई खास स्क्रीप्ट नहीं मिली थी. उन्होंने कहा, 'गंगोत्री ब्लॉकबस्टर थी लेकिन मैं दर्शकों पर कोई खास छाप नहीं छोड़ सका. मुझे लगता है कि मेरे लुक्स की वजह से मुझे अच्छी स्क्रीप्ट नहीं मिली, मैं कुछ भी नहीं था. स्टार ने यह भी बताया कि अपने डेब्यू के बाद भी, वह हैदराबाद में आरटीसी चौराहे पर घूम रहे थे, नई रिलीज देख रहे थे और स्क्रिप्ट सुन रहे थे जिनमें से उन्हें कुछ पसंद नहीं आ रहा है.
सुकुमार ने की लाइफ चेंज
लेकिन यह सब तब बदल गया जब वह एक महीने बाद अपने दोस्त और स्टार तरुण के साथ नितिन-स्टारर दिल की स्क्रीनिंग में शामिल हुए. यहीं पर सुकुमार ने आर्या के लिए मुझसे कॉन्टेक्ट किया, निर्देशक के तौर पर यह उनका डेब्यू था. लेकिन उन्होंने जो लिखा था वह मुझे पसंद आया. चिरंजीवी ने भी स्क्रिप्ट सुनी, उन्हें भी पसंद आई. जब फिल्म ने सिनेमाघरों में 125 दिन पूरे किए तो मुझे उनसे एक शील्ड भी मिली. जब मैंने रवि तेजा की इडियट देखी, तो मैं उस जैसी एक अच्छी फिल्म में काम करना चाहता था.