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Zee के प्रमोटर्स मौजूदा हिस्सेदारी बढ़ाने की बना रहे योजना, निवेशकों से कहा 'धैर्य' रखें

Zee promoters plan to increase stake- सोनी ने जी के साथ मर्जर कैंसिल कर दिया, जिससे जी के शेयरों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. अब जी के प्रमोटर सुभाष चंद्रा ने मीडिया से बात करते समय कहा कि कंपनी प्रमोटर की हिस्सेदारी को बढ़ाने की योजना बना रही है. पढ़ें पूरी खबर...

Zee (File Photo)
जी (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 29, 2024, 10:20 AM IST

Updated : Jan 29, 2024, 10:30 AM IST

मुंबई: जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड के प्रमोटर सुभाष चंद्रा ने कंपनी में प्रमोटर हिस्सेदारी मौजूदा 4 फीसदी से बढ़ाकर 26 फीसदी करने की योजना बनाई है. मीडिया से बात करते समय सुभाष चंद्रा ने ये बात कही. उन्होंने आगे कहा कि हिस्सेदारी बढ़ाने में समय लगेगा. चंद्रा ने कहा कि हमें बहुत सारे पैसे की आवश्यकता होगी. लेकिन हम स्पष्ट हैं कि हम बाहर से धन नहीं जुटाने जा रहे हैं. हम कर्ज नहीं चाहते हैं. यह रातोरात नहीं होने वाला है, लेकिन यह है इरादा.

सोनी के साथ मर्जर कैंसिल से स्टॉक को हुआ नुकसान
इस महीने की शुरुआत में सोनी के साथ प्रस्तावित 10 बिलियन डॉलर के विलय के समाप्त होने के बाद जी एंटरटेनमेंट फोकस में है, जिससे स्टॉक में भारी बिकवाली हुई है. एक ही दिन में शेयर 30 फीसदी से अधिक गिर गए, यह रिकॉर्ड पर सबसे बड़ी गिरावट है. सोनी ने जी के साथ डील खत्म करने के बाद जी पर ही 90 मीलियन डॉलर की टर्मिनेशन फीस की मांग की है. इसके बाद जी ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) से संपर्क किया है, और विलय को लागू करने के लिए आगे के निर्देश मांगे हैं.

सुभाष चंद्रा ने वित्त मंत्री को लिखा पत्र
इससे पहले मीडिया रिपोर्ट से ही पता चला है कि 16 जनवरी को सुभाष चंद्रा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर डील में हस्तक्षेप की मांग की थी. इस पत्र को सोनी द्वारा डील पर रोक लगाने से छह दिन पहले लिखा गया गया था. बता दें कि इस लेटर में प्रकाश डाला गया कि कैसे उन्होंने हिस्सेदारी बेचकर बकाया कर्ज का लगभग 92 फीसदी चुकाया, जिससे प्रमोटर की हिस्सेदारी पहले के 40 फीसदी से घटकर 4 फीसदी हो गई है.

सुभाष चंद्रा ने शेयरधारकों धैर्य रखने का किया आग्रह
अगल इस मर्जर के विवाद की बात करें तो सोनी नहीं चाहती थी कि विलय की गई इकाई का नेतृत्व पुनित गोयनका करें. चंद्रा ने कहा कि पुनित गोयनका अलग हटने को तैयार थे, लेकिन फिर भी विलय रद्द कर दिया गया. मीडिया से बात करते समय चंद्रा ने बताया कि शेयरधारकों के लिए सवाल यह है कि अगर आपको लगता है कि पुनित कारोबार नहीं चला सकते हैं, तो कौन कर सकता है? इसलिए अगर शेयरधारक सोचते हैं कि अगर पुनित हट जाएंगे तो सोनी विलय के लिए सहमत हो जाएगी, तो यह गलत है. इसके साथ ही चंद्रा ने कहा कि जी के शेयरधारकों से धैर्य रखने का भी आग्रह किया है.

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मुंबई: जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड के प्रमोटर सुभाष चंद्रा ने कंपनी में प्रमोटर हिस्सेदारी मौजूदा 4 फीसदी से बढ़ाकर 26 फीसदी करने की योजना बनाई है. मीडिया से बात करते समय सुभाष चंद्रा ने ये बात कही. उन्होंने आगे कहा कि हिस्सेदारी बढ़ाने में समय लगेगा. चंद्रा ने कहा कि हमें बहुत सारे पैसे की आवश्यकता होगी. लेकिन हम स्पष्ट हैं कि हम बाहर से धन नहीं जुटाने जा रहे हैं. हम कर्ज नहीं चाहते हैं. यह रातोरात नहीं होने वाला है, लेकिन यह है इरादा.

सोनी के साथ मर्जर कैंसिल से स्टॉक को हुआ नुकसान
इस महीने की शुरुआत में सोनी के साथ प्रस्तावित 10 बिलियन डॉलर के विलय के समाप्त होने के बाद जी एंटरटेनमेंट फोकस में है, जिससे स्टॉक में भारी बिकवाली हुई है. एक ही दिन में शेयर 30 फीसदी से अधिक गिर गए, यह रिकॉर्ड पर सबसे बड़ी गिरावट है. सोनी ने जी के साथ डील खत्म करने के बाद जी पर ही 90 मीलियन डॉलर की टर्मिनेशन फीस की मांग की है. इसके बाद जी ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) से संपर्क किया है, और विलय को लागू करने के लिए आगे के निर्देश मांगे हैं.

सुभाष चंद्रा ने वित्त मंत्री को लिखा पत्र
इससे पहले मीडिया रिपोर्ट से ही पता चला है कि 16 जनवरी को सुभाष चंद्रा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर डील में हस्तक्षेप की मांग की थी. इस पत्र को सोनी द्वारा डील पर रोक लगाने से छह दिन पहले लिखा गया गया था. बता दें कि इस लेटर में प्रकाश डाला गया कि कैसे उन्होंने हिस्सेदारी बेचकर बकाया कर्ज का लगभग 92 फीसदी चुकाया, जिससे प्रमोटर की हिस्सेदारी पहले के 40 फीसदी से घटकर 4 फीसदी हो गई है.

सुभाष चंद्रा ने शेयरधारकों धैर्य रखने का किया आग्रह
अगल इस मर्जर के विवाद की बात करें तो सोनी नहीं चाहती थी कि विलय की गई इकाई का नेतृत्व पुनित गोयनका करें. चंद्रा ने कहा कि पुनित गोयनका अलग हटने को तैयार थे, लेकिन फिर भी विलय रद्द कर दिया गया. मीडिया से बात करते समय चंद्रा ने बताया कि शेयरधारकों के लिए सवाल यह है कि अगर आपको लगता है कि पुनित कारोबार नहीं चला सकते हैं, तो कौन कर सकता है? इसलिए अगर शेयरधारक सोचते हैं कि अगर पुनित हट जाएंगे तो सोनी विलय के लिए सहमत हो जाएगी, तो यह गलत है. इसके साथ ही चंद्रा ने कहा कि जी के शेयरधारकों से धैर्य रखने का भी आग्रह किया है.

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Last Updated : Jan 29, 2024, 10:30 AM IST
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