नई दिल्ली: जी ने आरोप लगाया है कि स्टार इंडिया ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के मैचों के टीवी प्रसारण अधिकारों को साझा करने के मामले में उनके बीच हुए समझौते का अनुपालन नहीं किया है. इसके चलते जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज ने वॉल्ट डिजनी के स्वामित्व वाली कंपनी से 68.54 करोड़ रुपये वापस लौटाने की मांग की है. अगस्त, 2022 में जी ने 2024 से 2027 तक आईसीसी पुरुष और अंडर-19 अंतरराष्ट्रीय मैचों के टीवी प्रसारण अधिकारों के उप-लाइसेंस के लिए स्टार इंडिया के साथ एक समझौता किया था.
जी ने स्टार इंडिया पर लगाया आरोप
जी ने अपने दिसंबर तिमाही के परिणामों के वित्तीय विवरण में कहा कि स्टार इंडिया आवश्यक अनुमोदन हासिल करने, आवश्यक दस्तावेज और समझौते के निष्पादन में विफल रही है. उसका मानना है कि उसने अपने आचरण से इस समझौते का उल्लंघन किया है. समझौता कुछ शर्तों के अधीन था, जैसे वित्तीय प्रतिबद्धता देना, बैंक गारंटी का प्रावधान और आईसीसी से उप-लाइसेंसिंग के लिए आईसीसी अनुमोदन आदि.
जी और स्टार इंडिया का समझौता
जी एंटरटेनमेंट ने कहा कि अबतक कंपनी ने समझौते के तहत बैंक गारंटी कमीशन और बैंक गारंटी और जमा के अपने हिस्से पर ब्याज के रूप में 72.14 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. स्टार ने 31 दिसंबर, 2023 को समाप्त तिमाही और उसके बाद अपने वकील के माध्यम से जी एंटरटेनमेंट को पत्र भेजकर गठजोड़ समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया है. इसमें अधिकारों के लिए अधिकार शुल्क की पहली किस्त के बकाया के रूप में 20.35 करोड़ डॉलर (1,693.42 करोड़ रुपये) का भुगतान नहीं करने की बात कही गई है.
इसके साथ ही स्टार इंडिया ने बैंक गारंटी कमीशन और जमा ब्याज के भुगतान के लिए 17 करोड़ रुपये की भी मांग की है. जी एंटरटेनमेंट ने कहा है कि कानूनी सलाह के आधार पर हमारे प्रबंधन का मानना है कि स्टार ने गठजोड़ समझौते के अनुरूप काम नहीं किया. वह आवश्यक मंजूरी और आवश्यक दस्तावेजीकरण के साथ करार को पूरा करने में विफल रही