नई दिल्ली: विप्रो अपने पूर्व सीएफओ, जतिन दलाल और पूर्व हेल्थकेयर प्रमुख, मोहम्मद हक के साथ एक समझौता समझौते को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विप्रो, कॉग्निजेंट, दलाल और हक के बीच इस सप्ताह के भीतर समझौते के तामिल होने की उम्मीद है. विप्रो अनुबंध के उल्लंघन के लिए जतिन दलाल से 25 करोड़ रुपये की मांग कर रही है क्योंकि वह 30 नवंबर को विप्रो छोड़ने के तुरंत बाद कॉग्निजेंट में सीएफओ के रूप में शामिल हुए थे.
विप्रो के नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीनिवास पल्लिया ने पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कानूनी मुकदमों का निपटारा करने का फैसला किया है.
बता दें कि कंपनी ने पिछले साल बेंगलुरु की एक अदालत में दलाल के खिलाफ मुकदमा दायर किया था. इस दावें को साल 2015 में सीएफओ बनने के बाद से जतिन दलाल को दिए गए आरएसयू और पीएसयू के प्राइस पर आधारित है. विप्रो ने प्रत्यक्ष प्रतिस्पर्धी कॉग्निजेंट में शामिल होकर गैर-प्रतिस्पर्धा खंड का उल्लंघन करने के लिए हक के खिलाफ शिकायत भी दर्ज की है.
जतिन दलाल, जिन्होंने 2015 से विप्रो के सीएफओ के रूप में कार्य किया, ने 30 नवंबर को पद छोड़ दिया. कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी ने सितंबर में दलाल को अपना सीएफओ नियुक्त किया था, जो कि जान सिगमंड की जगह लेंगे, जो 2024 की शुरुआत में सेवानिवृत्त होने की योजना बना रहे हैं. अपनी नई भूमिका में, दलाल 20 सालों से अधिक समय से विप्रो के साथ हैं, उनका जाना कंपनी से टॉप स्तर के कई इस्तीफों में से एक था.