नई दिल्ली: भारत में हिंदू समुदाय में सोना खरीदने की एक पुरानी परंपरा है. खासकर दिवाली के त्यौहार के मौसम में, धनतेरस इस उद्देश्य के लिए विशेष रूप से शुभ दिन होता है. धनतेरस जिसे धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है. दिवाली की शुरुआत का प्रतीक है. इस साल यह ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा. हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह आमतौर पर कार्तिक महीने में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि (13वें दिन) को पड़ता है. लोग पारंपरिक रूप से सोना और अन्य कीमती धातुएं इस दृढ़ विश्वास के साथ खरीदते हैं कि इससे सौभाग्य और समृद्धि आती है. आज दुनिया भर के भारतीय (ज्यादातर हिंदू लेकिन सिर्फ हिंदू ही नहीं) सोना और चांदी खरीदते हैं क्योंकि इससे बहुत महत्व जुड़ा हुआ है.
धनतेरस पर सोना क्यों खरीदते है?
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, 'क्षीर सागर मंथन' (दूध सागर का मंथन) के समय देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर (धन के देवता), भगवान धन्वंतरि (स्वास्थ्य के देवता) समुद्र से निकले थे. ऐसा माना जाता है कि धनतेरस के दौरान देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए नए सामान, खासकर सोना और चांदी खरीदने से घर में सौभाग्य और समृद्धि आती है. यह भी माना जाता है कि जो लोग इस त्योहार पर भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं. उन्हें सभी प्रकार की बीमारियों और कष्टों से मुक्ति मिलती है. धन के देवता होने के कारण भगवान कुबेर भक्तों पर अपना आशीर्वाद और धन बरसाते हैं.