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न PPF....न ही LIC फिर भी टैक्स से बचा सकते है इतने रुपये, ये तरीके आएंगे काम - Non Taxable Income

Non Taxable Income- टैक्स बचाना एक कठिन काम हो सकता है. हालांकि, कुछ प्रकार की नॉन-टैक्सेबल इनकम हैं जो आपकी टैक्स लायबिलिटी पर कुछ पैसे बचाने में आपकी मदद कर सकती हैं. आज जानते है इनकम के उन प्रकार के बारे में जो टैक्स-फ्री होती हैं. इसका मतलब है कि इन स्रोतों से होने वाली आय को आयकर से छूट दी गई है.

Non Taxable Income
(प्रतीकात्मक फोटो) (Getty Image)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 6, 2024, 6:01 AM IST

Updated : Jul 7, 2024, 9:47 AM IST

नई दिल्ली: टैक्स बचाने के लोग कई तरीका अपनाते है. सरकार की कई सेविंग स्कीम भी है जिनपर टैक्स नहीं लगता है. टैक्स सेविंग से पैसे बचाने में मदद मिलती है. ज्यादातर टैक्स बचाने के लिए केवल सरकारी स्कीम के बारे में जानते है. लेकिन किसी भी इनकम टैक्स लॉ में ये नहीं है कि आपको टैक्स सेव करने के लिए निवेश ही करना होगा. आज हम इस खबर के माध्यम से जानते है कि किन जगहों पर एक भी रुपये का टैक्स नहीं लगता है, जिससे समझ कर आप भी टैक्स में छूट का लाभ उठा सकते हैं.

अगर किसी वित्तीय वर्ष में उनकी आय छूट सीमा से अधिक है, तो आय अर्जित करने वाले व्यक्तियों को आयकर का भुगतान करना अनिवार्य है. थोड़ी सी योजना और टैक्स-बचत निवेश के साथ टैक्सपेयर अपनी कुल टैक्स लायबिलिटी पर पैसे बचा सकते हैं. आय के कई प्रकार भी हैं, जो टैक्स-फ्री होते हैं. इसका मतलब है कि इन स्रोतों से होने वाली आय को आयकर से छूट दी गई है.

बिना टैक्स वाले इनकम

  1. कृषि से आय- आयकर अधिनियम की धारा 10(1) के तहत कृषि स्रोतों से प्राप्त राजस्व पूरी तरह से टैक्स-फ्री है. इसमें गेहूं, चावल, दालें और फलों जैसी फसलों का उत्पादन, प्रसंस्करण और वितरण शामिल है. इसके अलावा, कृषि उद्देश्यों के लिए यूज की जाने वाली संपत्ति से होने वाली किराये की आय भी टैक्स-फ्री है. कृषि भूमि की खरीद और बिक्री से होने वाली आय टैक्स-फ्री है.
  2. रिश्तेदारों और विरासत से मिले गिफ्ट- रिश्तेदारों से मिले पैसे, जैसे संपत्ति, आभूषण या धन, आयकर अधिनियम की धारा 56(ii) के तहत कर के अधीन नहीं है. हालांकि, अगर उपहार गैर-रिश्तेदारों से मिले होते हैं, तो वे केवल 50,000 रुपये की सीमा तक कर छूट के पात्र हैं. दूसरी ओर, हिंदू अविभाजित परिवार (HuF) से या विरासत के माध्यम से प्राप्त संपत्ति को भी आयकर अधिनियम की धारा 10(2) के अनुसार टैक्स-पेमेंट से छूट दी गई है.
  3. ग्रेच्युटी- सरकारी कर्मचारी की मृत्यु या सेवानिवृत्ति पर मिलने वाली ग्रेच्युटी पूरी तरह से कर-मुक्त होती है. निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को भी 10 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है. आयकर अधिनियम के तहत ग्रेच्युटी पर टैक्स कटौती कई अन्य कारकों पर निर्भर करती है.
  4. स्कॉलरशिप और पेंशन- विभिन्न संस्थान छात्रों को छात्रवृत्ति देते हैं ताकि वे अपनी शिक्षा पूरी कर सकें और यह राशि पूरी तरह से टैक्स-फ्री होती है. इसके अलावा, महावीर चक्र, परमवीर चक्र और वीर चक्र जैसे वीरता पुरस्कारों के प्राप्तकर्ताओं और कुछ अन्य पेंशनभोगियों को मिलने वाली पेंशन आयकर के अधीन नहीं होती है.
  5. कुछ बचत योजनाओं पर- आयकर अधिनियम की धारा 10(15) के अनुसार, कुछ बचत योजनाओं पर अर्जित ब्याज आय पूरी तरह से टैक्स-फ्री होती है. इन योजनाओं में सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), गोल्ड डिपॉजिट बॉन्ड और स्थानीय प्राधिकरणों और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों द्वारा जारी बॉन्ड शामिल हैं.

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नई दिल्ली: टैक्स बचाने के लोग कई तरीका अपनाते है. सरकार की कई सेविंग स्कीम भी है जिनपर टैक्स नहीं लगता है. टैक्स सेविंग से पैसे बचाने में मदद मिलती है. ज्यादातर टैक्स बचाने के लिए केवल सरकारी स्कीम के बारे में जानते है. लेकिन किसी भी इनकम टैक्स लॉ में ये नहीं है कि आपको टैक्स सेव करने के लिए निवेश ही करना होगा. आज हम इस खबर के माध्यम से जानते है कि किन जगहों पर एक भी रुपये का टैक्स नहीं लगता है, जिससे समझ कर आप भी टैक्स में छूट का लाभ उठा सकते हैं.

अगर किसी वित्तीय वर्ष में उनकी आय छूट सीमा से अधिक है, तो आय अर्जित करने वाले व्यक्तियों को आयकर का भुगतान करना अनिवार्य है. थोड़ी सी योजना और टैक्स-बचत निवेश के साथ टैक्सपेयर अपनी कुल टैक्स लायबिलिटी पर पैसे बचा सकते हैं. आय के कई प्रकार भी हैं, जो टैक्स-फ्री होते हैं. इसका मतलब है कि इन स्रोतों से होने वाली आय को आयकर से छूट दी गई है.

बिना टैक्स वाले इनकम

  1. कृषि से आय- आयकर अधिनियम की धारा 10(1) के तहत कृषि स्रोतों से प्राप्त राजस्व पूरी तरह से टैक्स-फ्री है. इसमें गेहूं, चावल, दालें और फलों जैसी फसलों का उत्पादन, प्रसंस्करण और वितरण शामिल है. इसके अलावा, कृषि उद्देश्यों के लिए यूज की जाने वाली संपत्ति से होने वाली किराये की आय भी टैक्स-फ्री है. कृषि भूमि की खरीद और बिक्री से होने वाली आय टैक्स-फ्री है.
  2. रिश्तेदारों और विरासत से मिले गिफ्ट- रिश्तेदारों से मिले पैसे, जैसे संपत्ति, आभूषण या धन, आयकर अधिनियम की धारा 56(ii) के तहत कर के अधीन नहीं है. हालांकि, अगर उपहार गैर-रिश्तेदारों से मिले होते हैं, तो वे केवल 50,000 रुपये की सीमा तक कर छूट के पात्र हैं. दूसरी ओर, हिंदू अविभाजित परिवार (HuF) से या विरासत के माध्यम से प्राप्त संपत्ति को भी आयकर अधिनियम की धारा 10(2) के अनुसार टैक्स-पेमेंट से छूट दी गई है.
  3. ग्रेच्युटी- सरकारी कर्मचारी की मृत्यु या सेवानिवृत्ति पर मिलने वाली ग्रेच्युटी पूरी तरह से कर-मुक्त होती है. निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को भी 10 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है. आयकर अधिनियम के तहत ग्रेच्युटी पर टैक्स कटौती कई अन्य कारकों पर निर्भर करती है.
  4. स्कॉलरशिप और पेंशन- विभिन्न संस्थान छात्रों को छात्रवृत्ति देते हैं ताकि वे अपनी शिक्षा पूरी कर सकें और यह राशि पूरी तरह से टैक्स-फ्री होती है. इसके अलावा, महावीर चक्र, परमवीर चक्र और वीर चक्र जैसे वीरता पुरस्कारों के प्राप्तकर्ताओं और कुछ अन्य पेंशनभोगियों को मिलने वाली पेंशन आयकर के अधीन नहीं होती है.
  5. कुछ बचत योजनाओं पर- आयकर अधिनियम की धारा 10(15) के अनुसार, कुछ बचत योजनाओं पर अर्जित ब्याज आय पूरी तरह से टैक्स-फ्री होती है. इन योजनाओं में सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), गोल्ड डिपॉजिट बॉन्ड और स्थानीय प्राधिकरणों और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों द्वारा जारी बॉन्ड शामिल हैं.

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Last Updated : Jul 7, 2024, 9:47 AM IST
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