हैदराबाद: बोइंग के विमानों और कंपनी के अंदर चल रहे मामलों पर आज कई सवाल उठ रहे हैं. लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं था. एक समय था जब बोइंग को 'महान इंजीनियरिंग फर्म' की पहचान हासिल थी. बोइंग एक समय सबसे सम्मानित अमेरिकी कंपनियों में से एक थी. इससे नासा को चंद्रमा पर मनुष्य भेजने में मदद मिली. इसने अब तक का सबसे प्रसिद्ध यात्री हवाई जहाज 747 बनाया. सुरक्षा और उत्कृष्टता के लिए कंपनी की प्रतिष्ठा ऐसी थी कि लोग कहते थे, 'अगर यह बोइंग नहीं है, तो मैं नहीं जाऊंगा' - और वास्तव में इसका मतलब यही था.
तो क्या गलत हुआ? साल 2018 और 2019 में दो विनाशकारी दुर्घटनाओं और फिर इस साल जनवरी में बोइंग 737 मैक्स 9 विमान के बीच उड़ान दरवाजों में आयी खराबी के कारण इसकी गुणवत्ता पर गंभीर और लाजमी सवाल उठने लगे. 2018 और 2019 की विमान दुर्घटनाओं में कुल मिलाकर 346 लोग मारे गए थे. लंबे समय तक चलने वाले 737 का अपडेट संस्करण 737 मैक्स 9 अपने लांचिंग के बाद के छह वर्षों में गुणवत्ता की समस्याओं से ग्रस्त रहा है.
दोषपूर्ण उड़ान-नियंत्रण प्रणाली के कारण हुई उन दुर्घटनाओं के कारण मैक्स को लगभग दो वर्षों तक खड़ा रहना पड़ा. सेवा में वापस आने के बाद भी इसपर सवाल उठते रहे. पिछले अप्रैल में, विमान के मैक्स 8 संस्करण की डिलीवरी में देरी हुई थी क्योंकि बोइंग के प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं में से एक ने विमान के पिछले हिस्से को विमान के अगले हिस्से को पिछले हिस्से से जोड़ने वाले ब्रैकेट लगाने में समस्या आ रही थी.
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ महीने बाद, बोइंग ने कहा कि उसने बल्कहेड पर अनुचित तरीके से ड्रिल किए गए छेद को लेकर एक नई परेशानी पहचान की है. फिर, दिसंबर में, फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने कहा कि एक विदेशी एयरलाइन ने पाया है कि विमान के पतवार-नियंत्रण प्रणाली के बोल्ट में एक नट गायब था. मैक्स 9 एस: अलास्का एयरलाइंस और यूनाइटेड एयरलाइंस दोनों ने कहा कि बाद में उन्हें अपने कुछ विमानों में ढीले बोल्ट मिले.
इन दो घातक दुर्घटनाओं के बाद लगभग सभी लोग एक ही उत्तर पर पहुंचे कि बोइंग की संस्कृति बदल गई है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, पहले बोइंग के पास एक इंजीनियरिंग-केंद्रित संस्कृति थी, जिसमें कंपनी की शक्ति इंजीनियरिंग और डिजाइन में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करना था. लेकिन 1997 में, बोइंग ने एक अन्य विमान निर्माता, मैकडॉनेल डगलस को खरीदा. लेकिन यह अधिग्रहण उल्टा साबित हुआ. धीरे-धीरे डगलस का दबदबा बोइंग में बढ़ता गया. मैकडॉनेल डगलस के अधिकारियों ने बोइंग पर प्रभुत्व जमाया. उसका पुनर्निर्माण किया. उन्होंने इसे लगातार गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने वाली कंपनी से लाभ पर केंद्रित कंपनी में बदल दिया.
इस नई दिशा को हैरी स्टोनसिफर के एक बयान से समझा जा सकता है. हैरी स्टोनसिफर जो मैकडॉनेल डगलस के सीईओ थे और 2003 से 2005 तक बोइंग के सीईओ रहे. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कभी कहा था कि जब लोग कहते हैं कि मैंने बोइंग की संस्कृति को बदल दिया है, तो यहां यही इरादा था, ताकि बोइंग एक एक महान इंजीनियरिंग फर्म के बजाय एक व्यवसाय, एक लाभ कमाने वाले व्यवसाय के तौर पर उभर सके.
द अटलांटिक से बात करते हुए प्रबंधन सिद्धांतकार एडगर शेइन इसे और भी ज्यादा स्पष्ट करते हुए कहते हैं कि कॉर्पोरेट संस्कृति का सार सीखी हुई, साझा, मौन धारणाएं हैं जिनके आधार पर लोग दैनिक व्यवहार को आधार बनाते हैं. पुराने बोइंग में, उन धारणाओं को निर्धारित करने वाले लोग इंजीनियर थे. विलय के बाद बोइंग में अकाउंटेंट इस भूमिका में आ गये.
द अटलांटिक के मुताबिक, कोई और व्यवसाय होता तो शायद इन बदलावों का बोइंग पर उतना असर नहीं पड़ता. लेकिन विमान बनाने के कारोबार की तुलना किसी भी अन्य व्यवसाय से नहीं की जा सकती. क्योंकि बड़े विमान बनाना एक कठिन काम है. 737 मैक्स जैसे विमान में पांच लाख से अधिक हिस्से होते हैं. बोइंग अब अपने अधिकांश उत्पादन को आउटसोर्स करता है, उसका मुख्य काम असेंबलिंग रह गया है. उन 500 हिस्सों को कम से कम 600 आपूर्तिकर्ताओं की ओर से बनाया जाता है. जिनमें से कई, उपठेकेदार भी शामिल होते हैं.
यहीं प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता और उसकी निगरानी महत्वपूर्ण हो जाती है. इसके लिए जरूरी है सुरक्षा पर स्वतंत्र रूप से खर्च करने की इच्छा, और एक ऐसी संस्कृति का निर्माण जहां गलतियों की रिपोर्टिंग को प्रोत्साहित किया जाये.
ऐसा लगता है कि बोइंग ने पिछले 20 वर्षों में इसे खो दिया है. इसका सबसे स्पष्ट उदाहरण है 737 मैक्स की दो घातक दुर्घटनाएं एक नई उड़ान-नियंत्रण प्रणाली का परिणाम थीं जो एक एकल सेंसर के डेटा पर निर्भर थी जिसका कोई बैकअप नहीं था. दोनों ही मामलों में, सेंसर विफल हो गया, जिससे उड़ान-नियंत्रण प्रणाली को गलत जानकारी मिली और दुर्घटना घट गई. एक ऐसी प्रणाली को डिजाइन करना जिसमें विफलता का एक बिंदु था, विमानन इंजीनियरिंग के सिद्धांत का उल्लंघन करता है. लेकिन नए बोइंग में, लोगों ने जोखिम लेना उचित समझा. क्योंकि अब उन्होंने इंजीनियरों की सलाह को महत्व देना बंद कर दिया था.
हालांकि, उन दो दुर्घटनाओं के बाद, बोइंग ने खुद को फिर से विकसित करने की कसम खाई. लेकिन हाल की घटनाओं से लगता है कि बोइंग को अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है. जिस तरह किसी ब्रांड पर जनता का भरोसा बनाने की तुलना में खोना आसान होता है, वैसे ही एक कॉर्पोरेट संस्कृति को बहाल करना जिसमें इंजीनियरिंग उत्कृष्टता को सबसे अधिक महत्व दिया जाये आसान नहीं है. हवाई जहाज बनाना एक ऐसा व्यवसाय है जहां एक भी विफलता से विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं.