नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला और संसद के मानसून सत्र के दौरान अपना लगातार सातवां केंद्रीय बजट पेश कर रही हैं. 2024-25 के केंद्रीय बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल टैक्स को 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया गया है, जबकि सभी वित्तीय परिसंपत्तियों पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन अब 20 फीसदी है.
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर लगने वाला टैक्स
अगर कोई निवेशक 24 महीने से अधिक समय तक रियल एस्टेट रखता है तो उसे दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ लागू होता है. म्यूचुअल फंड (MF) और इक्विटी के लिए होल्डिंग अवधि 12 महीने से अधिक है, जबकि गोल्ड और डेट फंड के लिए यह 36 महीने से अधिक है. इस अवधि से कम समय में किए गए किसी भी निवेश पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन(STCG) टैक्स लगता है. रियल एस्टेट और गोल्ड/डेट फंड पर एसटीसीजी निवेशक की स्लैब दर के अनुसार है, जबकि सूचीबद्ध इक्विटी और एमएफ पर यह 15 फीसदी था, जिसे बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया.
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि पूंजीगत लाभ को सरल बनाने के तहत एक वर्ष से अधिक समय तक रखे गए सूचीबद्ध वित्तीय साधनों को दीर्घकालिक माना जाएगा. वित्त मंत्री ने कहा कि प्रतिभूतियों के एफएंडओ पर प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) में 0.02 फीसदी और 0.1 फीसदी की वृद्धि की गई है. शेयर बायबैक पर आय प्राप्ति पर प्राप्तकर्ताओं के हाथों में कर लगाया जाएगा. वित्त मंत्री ने मध्यम और उच्च मध्यम वर्ग के लिए कुछ वित्तीय परिसंपत्तियों पर पूंजीगत लाभ छूट सीमा को भी बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये प्रति वर्ष कर दिया है.